Back
/ 81
Chapter 54

chapter 54

Love With My Beast Husband

अब आगे...   पार्टी वेन्यू......,    सर्वक्ष को ऐसे अपने ड्रेस को घूरता देख रात्रि की सांसे अटक गए थे l वह अपना थूक निंगलते हुए अपने कदम उससे पीछे लेने को हुई की तभी उसे अपने पीछे धड़ाम से कुछ गिरने की आवाज सुनाई दी | तो रात्रि जल्दी से मुड़ कर सामने देखने लगी l    वह चारों लड़के जो रात्रि को गंदी नजरों से देखते हुए, उसे तंग करने को वहा आए थे ? वह लोग अब फर्श पर किसी लाश की तरफ पड़े थे,देखते ही देखते वह चारों लाश ही बन गए थे |      अचानक से रात्रि के आंखे हैरानी से  चौड़ी हो गई l क्यों कि धीरे-धीरे उन चारों के शरीर से खून बहते हुए पूरे फर्श पर फैल रहा था | रात्रि मुड़ कर सर्वक्ष को देखी ,सर्वाक्ष के गुस्सैल नजर अभी भी रात्रि पर ही टिकी थी |    वह कसके रात्रि का कलाई पकड़ कर उसे अपने करीब खींचा, फिर अपने दांत पीसते हुए उससे कहा ,""_मेरी बात ना मानने कि आज कल तुम्हें ज्यादा ही शौक चढ़ा है न रात्रि ? चलो मैं तुम्हे बताता हूं की इसका अंजाम क्या होता है ? "  सर्वक्ष जितना गुस्से से अपने एक-एक बात को भी चबाते हुए कह रहा था ,उतना ही गुस्से से उसका पकड़ रात्रि की कलाई में कसते ही जा रहा था l       वहीं रात्रि का चेहरा अब दर्द से भींच गया था l वह दर्द से करहाते हुए अपने हाथ को उससे छुड़वाने को हुई की तभी सर्वक्ष उसे लगभग खींचते हुए अपना साथ बाहर ले चला l    उनकी थोड़ी ही दूरी पर खड़े ऋजुल ठाकुर और एकांश एक टक रात्रि और सर्वक्ष को ही देख रहे थे | रात्रि के साथ  सर्वाक्ष का इस तरह का बर्ताव ,और रात्रि का दर्द से करहाते हुए छटपटाना, उन्हे बिल्कुल अच्छा नही लगा था | गुस्से से उन दोनों के हाथों की मूट्टी तक भींच गए थे |  वही बार के पास गुस्से से खड़े क्रियाँश एक के बाद एक ड्रिंक के ग्लास को खतम कर रहा था l उसकी नजर भी कब से रात्रि और सर्वाक्ष पर ही टिकी थी l लेकिन वह बार बार अपने नज़रे दौड़ाते हुए रावी और युवान को भी ढूंढ रहा था जो पार्टी वेन्यू में कही नही नजर आ रहे थे l    वह आज मौके का फायदा उठा कर रात्रि और सर्वक्ष को मैनिफुलेट करना चाहता था लेकिन इस वक्त ना उसे रावी नजर आ रही थी और नाही युवान l गुस्से से उसके दांत भींचते जा रहे थे | तभी वहा उदय आ कर उसके कान में कुछ कहा तो क्रियाँश का पकड़ ड्रिंक ग्लास में कस गया l    वह ग्लास को वही पटक कर उठ के उदय के साथ पार्टी वेन्यू से बाहर चला गया l    वही सर्वक्ष रात्रि को लगभग खींचते हुए अपने कार के पास ले आया था l रात्रि अब दर्द से रोने लगी थी, लेकिन सर्वाक्ष को इससे कोई फरक नही पड़ रहा था l और उसने उसके हाथ में अपना पकड़ अभी तक ढीला भी नहीं किया था l     सर्वक्ष का औरा इस वक्त बेहद गुस्से से भरा था l क्यों की पूरी पार्टी में उसने हर किसी की नजर सिर्फ और सिर्फ रात्रि के बदन पर टिकते हुए देखा था, जिससे उसका गुस्से से खून जल रहा था | वह बता नहीं सकता था कि इस वक्त उसे रात्रि पर कितना गुस्सा हुआ है ? उसकी बीवी उसकी बात जो नही सुनी थी |    सर्वाक्ष कार का डोर ओपन कर रात्रि को गुस्से से अंदर बैठाया,फिर कार के डोर को धड़ाम से बंद कर दिया l वही रात्रि की आंखे डर से कसके बंद हो गए थे l उसके आंखों से मोटे-मोटे आंसू बहते हुए अब उसकी गाल पर आ ठहरे थे |   वही सर्वाक्ष आ कर ड्राइविंग सीट पर बैठ गया l रात्रि अब सिसकते हुए रो रही थी ,यह देख सर्वाक्ष स्टेरिंग को कस के पकढ़ते हुए उस चिल्लाया,""_ रोना बंद करो बीवी | "   सर्वाक्ष का इस तरह चिल्लाने से रात्रि एक दम से सहम गई,वह अपने दोनो हाथ मुंह पर रख कर खुद को रोने से रोकने भी लगी थी, लेकिन उसका रोना बंद ही नहीं हो रहा था l उसके आंखों से लगातार आंसू बहते ही जा रहे थे l      वही सर्वाक्ष उसे गुस्से से घूरे जा रहा था | उसे अभी भी रोता देख उसका गुस्सा पल पल बढ़ते ही जा रहा था l वह रात्रि के बाजू कसके पकड़ कर अपने करीब खींचा ,फिर अपने दांत पीसते हुए बेहद ठंडेपन से उससे कहा,""_ तुम्हें सुनाई नहीं दिया मैंने अभी क्या कहा ..? I said don't cry Ratri....| "   रात्रि अपने आंखों से ऐसे ही मोटे-मोटे आंसू बहाते हुए सर्वक्ष को देख रही थी | वह रोते हुए बोलि,""_ अब आपको मुझसे प्यार नहीं रहा ना अक्ष..? इसीलिए आप इस तरह मेरे साथ बर्ताव कर रहे है ? आप जरूर मुझसे  छुटकारा पाना चाहते हैं ? "  रात्रि की यह सारी बाते सुन सर्वक्ष के दांत भींच गए l वह बिना कुछ कहे रात्रि के बाजू को गुस्से से झटकाया ,फिर कार को स्टार्ट कर दिया |   रात्रि रोते हुए उसे ही देख रही थी l वह अपनी बकवास ऐसे ही जारी रखते हुए बोली,""_ मुझे सब पता चल रहा है अक्ष.., आपका प्यार दिन ब दिन  बढ़ने के बजाए कम होते जा रहा है l आप थोड़ी देर पहले यह कह कर गए थे कि आप 2 मिनट में आ जाएंगे लेकिन 2 घंटे बीत गए आपके आते आते ,आप बदल गए है अक्ष,आपके लाइफ में अब मेरे लिए इंपोर्टेंस खतम होते जा रहा है ? वह अब में मां बनने जा रही हूं ना इसलिए,आपने मुझे यूज कर ,प्यार के झूठे झूठे वादे कर मुझे धोका दे दिया | "    रात्रि जैसे-जैसे बकवास बोलते जा रही थी ,वैसे-वैसे सर्वाक्ष का गुस्सा बढ़ते जा रहा था l यह लड़की इतना बकवास कैसे कर ले रही है ? वह उसके लिए posessed हो रहा था लेकिन रात्रि यह कह रही है की वह उसे यूज कर उसे धोका दे रहा है ? उससे झूठे वादे कीया है ? उसे रात्रि पर बहुत गुस्सा आ रहा था l माना की वह दो मिनट बोल कर दो घंटे बाद लौटा था लेकिन इसका मतलब यह बिलकुल नही था की रात्रि का इंपोर्टेंस उसकी लाइफ में खतम हो गया है ?   रात्रि अभी भी ऐसे ही बकवास बाते बोलते ही जा रही थी | सर्वक्ष चुपचाप उसकी बकवास सुनते हुए अपने गुस्से को अंदर ही अंदर दबा रहा था |      थोड़ी देर बाद वह कार के बैक सीट पर पड़े हुए पानी का बोतल उठा कर रात्रि की तरफ बढ़ाया l रात्रि ने उसे गुस्से से घूरा फिर सर्वाक्ष के हाथ से पानी का बोतल छीन कर पानी पीने लगी l उसे कब से प्यास लगी हुई थी लेकिन उसके बीस्ट हसबैंड को इसका ख्याल कहा था ?       रात्रि सर्वाक्ष को घूरते हुए पानी पीने लगी थी | उसने अभी एक दो घूंट पानी पिया ही था कि तभी सर्वक्ष ने उससे पानी का बोतल छीन कर वापस कार के बैक सीट पर फेंक दिया |    यह देख रात्रि की आंखे छोटी हो गई l वह गुस्से से उस पर चिल्लाते हुए बोली ,""_अब आप मुझे पानी भी पीने नही देंगे ? "     रात्रि को जवाब में सर्वाक्ष ने कुछ नहीं कहा,वह तो उसके तरफ देखा तक नही l      वही गुस्से से रात्रि का चेहरा लाल हो गया था l लेकिन सर्वाक्ष का इग्नरेंस उससे बर्दाश्त भी नहीं हो रहा था l वह अंदर ही अंदर अजीब सी बेचैनी मेहसूस कर रही थी | जिससे उसका वह गुस्से से लाल हुए चेहरा भी धीरे-धीरे पीला पड़ते जा रहा था |          थोड़ी देर बाद सर्वाक्ष का कार आ कर एक दाबे के सामने रुका | वही रात्रि अब चुपचाप बाहर की ओर देखते हुए बैठी थी |    सर्वाक्ष रात्रि को एक नजर देखा, फिर कार से बाहर जा कर सीधे दाबे के अंदर चला गया |    वहीं रात्रि के आंखे अचानक से नम हो गए थे l वह अपने पेट को सहलाते हुए बोली,""_ इन्हें पता है मुझे बहुत जोरों की भूख लगी है,मुझे भी अपने साथ ले जाते ? लेकिन नहीं ..,अक्ष ने मुझे अपने साथ चलने तक नहीं कहा l "     रात्रि सर्वक्ष को खोसते हुए वैसे ही बैठी रही l थोड़ी देर बाद सर्वाक्ष खाना  ले कर कार के पास आया l      रात्रि चुपचाप अपना सर झुकाए बैठी थी l वही सर्वाक्ष खाने को कार के बोनट पर रख कर ,पैसेंजर सीट का डोर ओपन किया l तभी रात्रि ने उसे नाराजगी से एक नजर देखा फिर उससे नज़रें हटा कर दूसरी तरफ देखने लगी l     सर्वाक्ष को अब उसकी नखरे जेलने की आदत सी हो गई थी l वह उसे बिना कुछ कहे अपने गोद में उठा कर कार से बाहर लाया l फिर उसे आराम से कार के बोनट पर बैठा दिया l रात्रि का मुंह किसी गुब्बारे की तरह फूल गया था l वह एक नजर खाने के प्लेट को देखी फिर सर्वाक्ष को मुंह फुलाए  देखने लगी l   वही उसका इस तरह का क्यूट सा एक्सप्रेशन देख कर सर्वाक्ष के होंठ मुड़ गए थे | वह आगे बढ़ कर प्लेट में रखे हुए रोटी तोड़ते हुए उससे कहा ,""_ मुझसे नाराज हो फिर भी मुझे सेड्यूस करने का एक भी मौका तुमसे गवाया नही जाता न बीवी ? "   रात्रि की आइब्रोज आपस में ही सिकुड़ गए l वह गुस्से से सर्वाक्ष को घूर रही थी और सर्वाक्ष को लग रहा है की वह उसे सेड्यूस कर रही है ? क्या वह अंधा है ?   रात्रि गुस्से से सर्वाक्ष से कुछ कहने को मुंह खोल ही थी की तभी सर्वाक्ष ने उसके मुंह में खाने का निवाला रखते हुए कहा ,""_ भूख लगी थी ना तुम्हे ? अब पेट भर के खाओ l "   रात्रि खाना चबाते हुए सर्वाक्ष से बोली,""_आपकी डांट सुन सुन मेरा पेट भर गया है सर्वाक्ष,अब खाने के लिए जगह ही नहीं बची ,आपको हर पल मुझे डांटना होता है प्यार तो आप मुझसे करते ही नही l "   रात्रि ऐसे ही बड़बड़ाते हुए सर्वाक्ष को सुनाते ही रही l सर्वाक्ष चुपचाप उसकी ताने सुनते हुए उसे पूरा खाना खिला दिया l वह फिर उसे पानी पिला कर बोनट से नीचे उतारा फिर उसके मुंह साफ करते हुए पूछा ,""_हो गया तुम्हारा ? या और भी कुछ सुनाना बाकी रह गया ? "   रात्रि का मुंह बन गया l वह थोड़ी देर सर्वाक्ष को घूर कर देखी,फिर उससे लिपट गई l सर्वाक्ष उसके बालो में हाथ फेरते हुए आस पास देखा ,फिर उसे खुद से अलग करते हुए कहा ,""_ अब घर चले ? "  रात्रि उससे पूछी ,""_ आपने तो यहां कुछ खाया ही नही ? "    सर्वाक्ष कार का डोर ओपन कर उसे बैठाते हुए कहा ,""_ यहां मेरे टाइप का खाना नही है , मैं घर चल कर खा लूंगा | "  वह एक छोटा सा डाबा था l वहा सिर्फ बहुत ही मसालेदार और स्पाइसी टाइप का खाना बनाया गया था l ऐसे खाना सर्वाक्ष को खाने का आदत नही था l वह सिर्फ रात्रि के लिए ही लाया था ,क्यों की उसकी बीवी को इसी तरह के खाना पसंद थी l   क्रियाँश का विला ....          "  Ahhhhhh ....,यह दोनो इतना बेवकूफ कैसे हो सकते है उदय ? कामुका मैने इन दोनो पर भरोसा कर वक्त बर्बाद कर दिया ,उस लड़की तक पहुंचने अब तक सिर्फ उसका गैंगस्टर पति ही मेरे रास्ते का काटा बना था लेकिन अब ..? अब यह ऋजुल ठाकुर ....,अपनी खोई हुई अमानत को ढूंढते मुझसे भिड़ने आ गया ? अअह्ह्ह्ह्ह | "    गुस्से से बौकलाए हुए क्रियाँश चिल्लाते हुए आस पास रखे हुए सारे चीजों को उठा उठा कर फेंक रहा था l  वही क्रियाँश का असिस्टेंट उदय लाचारी में क्रियांश को देखता खड़ा था l उसने साफ-साफ क्रियाँश को समझा दिया था की सर्वाक्ष खुराना के खिलाफ जाना इतना आसान भी नहीं है l वैसे भी क्रियांश रश्या में नही इंडिया में था जहा उसकी नही सिर्फ सर्वाक्ष खुराना का हुकूमत चलता था ,यह उसकी दुनिया था l लेकिन क्रियाँश की गंदी नजर, सिर्फ उस गैंगस्टर की बीवी पर टिकी थी, उसके दिल में उठी हुई हवस का तूफान सिर्फ रात्रि को तबाह करना चाहता था ,जिसमे जान उस गैंगस्टर सर्वाक्ष का बसता था l   " उदय.....| "  क्रियांश गुस्से से उदय का नाम चिल्लाया l उदय जल्दी से क्रियांश के पास आ खड़ा l        तभी क्रियांश ने उसे वार्न लुक देते हुए कहा ,""_ कल सुबह तक मुझे उन दोनो का लाश चाहिए ,अगर सुबह तक उनकी शरीर में कोई जान बची तो तुम्हे बेजान होने में देर नहीं लगेगा | "    क्रियाँश गुस्से से इतना बोल कर अपने रूम की तरफ चला गया l वही उदय की हालत खड़े-खड़े ही खराब हो गया था l वह किसी को कॉल करते हुए विला से बाहर चला गया l    दूसरी तरफ.....    सर्वाक्ष का कार आ कर खुराना मेंशन के सामने रुक गया था l वही ड्राइविंग सीट पर बैठे हुए सर्वाक्ष रात्रि के तरफ देख रहा था,रात्रि का चेहरा शर्म से पूरी तरह लाल टमाटर की तरह हो गया था l उसका दिल भी ज्यादा ही तेज़ी से धड़क रहा था l जिससे उसका सीना थोड़ा ऊपर नीचे हो रहा था l     सर्वाक्ष धीरे से अपना हाथ आगे बढ़ा कर उसके जांघ पर रखता की तभी रात्रि जल्दी से डोर खोल कर मेंशन में भाग गई | वही सर्वाक्ष के होंठो पर तिरछी स्माइल आ गई थी | वह फिर साइड मिरर में अपने होंठो को अपने अंगुठे से रब करने लगा जहा इस वक्त रात्रि का लिपस्टिक लगा हुआ था l   सर्वाक्ष फिर अपना फोन लिए बाहर जाने को हुआ की तभी उसका फोन रिंग होने लगा l सर्वाक्ष ने फोन चेक किया कॉल इस वक्त रवीश का था | सर्वाक्ष जल्दी से कॉल पिक कर कहा ,""_ mmm...., काम हो गया ? "  उधर से रवीश ने कुछ कहा ,जिसे सुन सर्वाक्ष ने टेढ़ी स्माइल करते हुए कॉल काटा फिर अंदर चला गया l    वही रूम में आई रात्रि मिरर में अपने सूजे हुए होंठो को देखते हुए खड़ी थी l उसके गाल और कान इस वक्त ज्यादा ही जलने लगे थे, क्यों की उसे बार बार थोड़ी देर पहले कार में सर्वाक्ष और उसके बीच हुई एक लंबे पैशनेट किस याद आ रही थी l   अचानक से रूम में कुछ अजीब सा आवाज़ गूंजी ,उसी के साथ रात्रि को अपना ड्रेस नीचे गिरता महसूस हुआ l वह जल्दी से हड़बड़ते हुए अपने ड्रेस को संभालते हुए मुड़ कर देखी |      उसके बेहद करीब आ खड़े सर्वाक्ष एक ही झटके में उसके ड्रेस के जिप को नीचे खींच लिया था लेकिन बदकिस्मती से रात्रि का ड्रेस ही फट गया था |    "   अ......अक्ष.... | "  रात्रि अपनी लड़खड़ाती आवाज में सर्वाक्ष का नाम ली l सर्वाक्ष रात्रि के बेहद करीब आ गया था l इतना करीब की सर्वाक्ष के गरम सांसे वह अपने होंठो पर मेहसूस करने लगी थी l और सर्वाक्ष का नाक उसके नाक को छू भी रहा था | रात्रि की धडकने तेज हो चुके थे l वह अपने कदम पीछे लेने को हुई लेकिन वह पहले से ही टेबल को टिक कर खड़ी थी |       वही सर्वाक्ष धीरे से अपने उंगलियां रात्रि के चेहरे पर बेहद अजीब तरह से सरकाते हुए नीचे ले गया l रात्रि सिहरतेहुए सर्वाक्ष को देख रही थी l और उसके गुलाबी होंठ इस वक्त हल्के से खुल भी गए थे | वही सर्वक्ष उसके खुले होंठो पर अपने होंठ रखते हुए उसके ड्रेस को कंधे से नीचे सरका दिया l        क्या होगा आगे इस कहानी में ? कोन है ऋजुल ठाकुर ? ऋजुल ठाकुर और रात्रि के बीच कोई रिश्ता तो नही ? क्या होगा इस reborn कहानी में ? जानने के लिए पढ़ते रहिए   Â

Share This Chapter