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Chapter 1

chapter 1

Love With My Beast Husband

रात का वक्त......,     सुनसान रास्ते में एक लड़की बेसुद हो कर पड़ी थी | उसके आस पास कोई नही था लेकिन वहा बादल इस वक्त गरज़ते हुए रोने लगा था | बारिश के मोटे मोटे बूंदे इस वक्त उस लड़की की खून से सने हुए शरीर पर गिर रहे थे |     उस लड़की चेहरे पर जीतना दर्द का भाव नजर आ रहा था उतना ही पछतावे की भाव भी झलक रहा था | वह इस वक्त पेट के बल गिरी थी और उसके आस पास उसके ही खून की  धब्बे नजर आ रहे थे | उस लड़की की सांसे अब भारी हो चुके थे | वह मरी हुई आवाज में बोली,""_ स...सब कुछ खत्म हो गया....., वह.. व .. इंसान... जिससे ...मैं... मैने सबसे ज्यादा.. प्यार किया, .. मैं .. मैने..जिससे... सबसे ज्यादा भरोसा किया...., उसी ने ...मुझे मार डाला...|    दर्द से आहे भरते हुए उस लड़की ने अपने आंखे कसके भींच ली | उस लड़की का नाम रात्री था | आंखे बंद करते ही उसके आंखो के सामने ही एक लड़के तस्वीर घुमने लगा | रात्रि की सूखे हुए होंठो पर अचानक से कड़वी मुस्कान आ खिली | वह अपनी दबी हुई आवाज में बोली,""_ और जिस  इंसान से मैं हमेशा नफरत करते आई,... वह मुझसे किसी अंधे की तरफ प्यार करता रहा.. ,और मैंने जो किया....?  मैंने... ,उसे तोड़ दिया... सर्वांक्ष,...मुझे माफ कर दो.. आज .. आज मुझे एहसास हुआ कि तुम मुझसे कितना प्यार करते हो...? तुम...,तुम कभी भी मुझे किसी भी चीज के लिए मजबूर नहीं करते थे लेकिन मैं.......? मैं तुम्हें कभी सुख नही दे पाई,लेकिन अब सुखी जीवन की शुभकामनाएं देती हूं... सर्वाक्ष..,i am sorry | "      धीरे धीरे रात्री की आंखो के सामने अंधेरा छाने लगा | वह बोली,""_  अगर मुझे प्यार करने का मौका दुबारा मिला....,तो मैं वापस आऊंगी.. .और ...तुम्हें दिल से प्यार करूंगी, कभी तुम्हे नीचा नहीं दिखाऊंगी..., सर्वाक्ष.... अलविदा| "    रात्रि ने धीरे से अपने धम तोड़ने को हुई की तभी उसके कान में बेहद भारी मगर दर्द भरी कर्कश आवाज सुनाई दिया ,""_ रात्रि.....?     रात्रि मुश्किल से अपने आंखे चौड़ी कर सामने देखने लगी,उसके ओर एक लड़का भागते हुए आ रहा था | उसका चेहरा डर और घबराहट से पीला पड़ चुका था | वह कांप रहा था ,पसीने से तरबतर हो चुका था | और उसकी कदमे लड़खड़ाते हुए रात्रि के करीब आ रहे थे |    रात्रि रोते हुए अपना हाथ उसके तरफ बढ़ाई और देखते देखते ही वह लड़का उसे अपने बाहों में भरते हुए कहा ,""_ रात्री ....., रात्री मैंने तुमसे कहा था न... ,वह अच्छा नहीं है.... तुमने मेरी बात क्यों नहीं सुनी रात्रि.... क्यों ...? "   वह लड़की खून से सने हुए अपने हाथ से उसके गाल को छूते हुए बोली,""_ सर्वाक्ष....,i am sorry.....I ....| "   सर्वाक्ष उसके चेहरे पर बिना रुके किस करते हुए बोला,""_ मैं...,मैं तुम्हे कुछ नहीं होने दूंगा रात्री ,चलो अस्पताल चलते हैं | "   सर्वाक्ष उसे अपने गोद में उठाने को हुआ की तभी रात्रि उसे रोकते हुए बोली,""_ नही सर्वाक्ष...., मैं ...मैं..मैं....मरने की  लायक ही हूं...|   सर्वाक्ष उसे सीने से लगा कर चिल्लाते हुए बोला ,""_ नहीं..,. तुम मेरी रात्रि हो... ,तुम मरने के लिए प्यार पाने के लिए पैदा हुई हो ,|    रात्रि की दोनो हाथ सर्वाक्ष के शर्ट को भींच ली | वह करहाते हुए बोली,""_ हाहा......मैं.. मैं...वा.. आपसे कुछ चाहती हूं |     सर्वाक्ष उसके चेहरे को अपने हाथो में भर कर बिना रुके चूमते हुए बेचैनी से बोला ,""_ मैं तुम्हें सब कुछ दूँगा..., बस तुम ठीक हो जाओ | "   बोलते हुए सर्वाक्ष उसे ले कर अपने कार के पास जाने लगा | तभी रात्रि उसके कालर को कसके पकड़ कर धीमी आवाज में बोली,""_ kiss me .....!!! तुम.. तुम.. ने.. कभी भी मुझे किसी भी चीज़ के लिए मजबूर नहीं किया.. ,यहाँ तक कि हम.. हम शादीशुदा थे.. फिर भी...? प्लीज सर्वाक्ष..., प्लीज सर्वाक्ष मुझे चुमो | "  सर्वाक्ष उसे ले कर कार के बैक सीट पर बैठा | और उनका कार हॉस्पिटल के लिए निकल पड़ा | वही रात्रि आस भरी नजरों से बस सर्वाक्ष को देख रही थी ,वह बोली,""_ please 🥺....| "    सर्वाक्ष उसे आराम से अपने बाहों में भर कर उसके होंठो पर अपना होंठ रख दिया | उस लड़की की दर्द भरा चेहरे पर अचानक से सुकून सा छा गया | वह अपने आंखे बंद कर उसके होंठो के स्पर्श को मेहसूस करने लगी लेकिन किस्मत ने आज उसका मौत लिख दिया था | धीरे धीरे सर्वाक्ष के शर्ट में उसका पकड़ ढीला हो गया |      सर्वाक्ष उसे ही देख रहा था | वह जैसे ही उसके होंठो को रिहा किया उस लड़की ने अपना दम तोड दिया | वह जुलते हुए उसके बाहों में ही गिर गई |      " हुंह ...? रात्रि....? रात्रि  please आंखे खोलो बच्चा ...? रात्रि..? तुम मुझे इस तरह छोड़ कर नही जा  सकती... , रात्रि तुम..,ऐसे नही जा सकती वापस आना प्लीज ......|  बुरी तरह चिल्लाते हुए सर्वाक्ष उसे कसकर गले लगाते हुए रोने लगा |        " अअह्ह्ह्ह्ह.hhhhh....| "      एक आलीशान रूम में बैठी हुई रात्रि,अचानक से चिल्लाते हुए अपने आंखे खोल कर हाफते हुए आस पास देखने लगी | वह इस वक्त दुलहन के जोड़े में थी | और उसके सामने एक ब्यूटीशियन खड़ी थी | वह काफी देर से रात्री का मेकअप कर रही थी लेकिन उसका इस तरह चिल्लाने से वह डर कर पीछे हट गई थी |    वह फिर रात्रि से पूछी,""_ ma'am ..,what happened? "      रात्रि अपना चेहरा उठा कर उसे देख, ठंडेपन से बोली,""_ हुह....?कोन..तुम कौन हो ? "    रात्रि का इस तरह ठंडेपन से बात करने से उस ब्यूटीशियन ने डर से अपने कदम को पीछे ले ली | वह आगे बोली,""_ ma'am... मै ब्यूटीशियन हूं | "         रात्रि चारों ओर देखने लगी ,वह इस वक्त दुल्हन की कमरे में थी | रात्रि फिर खुद को देखी,वह बिलकुल सही सलामत थी,ना उसके शरीर से खून बह रहा था और नाही उसे कोई चोट लगी थी | यह देख वह बड़बड़ाते हुए बोली,""_ ब्राइडल रूम ? और मैं जिंदा हु ...? क्या हो रहा है ? और आज का डेट क्या है ...? "      वह ब्यूटीशियन हैरानी से रात्रि को ही देख रही थी जो उल्टी सीधे बाते कर रही थी | वह फिर उसे जवाब में बोली,""_ 28 जुलाई...? "   Year...🥶 ...." रात्रि उसे अपने दांत पीसते हुए पूछी ,तो वह जल्दी से बोली,""_ xxxx...| "     रात्रि अपने जगह में जम गई थी | वह अपने मन में बोली,""_ i ....i got back that time...,जब सर्वक्ष से मेरी शादी हुई थी ..... मतलब मेरा पुनर्जन्म हुआ है ? ओह गॉड......| "   बोलते हुए रात्रि खुद को मिरर में देखी ,और उसकी चेहरे पर दर्द भरा मुस्कान आ खिला | और उसी के साथ उसके आंखो से आंसू भी बह कर उसके गाल तक आ गए थे |    वही वह ब्यूटीशियन अजीब नजर से रात्रि को देख रही थी | उसे समझ नही आ रहा था की इस लड़की के साथ क्या गड़बड़ हुआ है ? अभी अभी तो बिलकुल ठीक थी फिर ऐसा क्या हुआ ? जो यह अजीबो गरीब हरकतें कर रही है |      वह घबराते हुए रात्रि से पूछी,""_ ma'am...|"   रात्रि अपने ही सोच में गुम थी | उस ब्यूटीशियन की आवाज सुन वह अपने आंसू पोछते हुए बोली,""_ तुम जाओ ..| "  " लेकिन ma'am....| "  वह थोड़ा मना करते हुए बोली,लेकिन रात्रि उसे घूरते हुए बोली,""_ तुम्हे मेरी बात सुनाई नही दे रहा ? "   ब्यूटीशियन को सख्त ऑर्डर मिला था की उसे रात्रि को अच्छे से रेडी कर ही बाहर लाना है ,लेकिन रात्रि की बरताव से उसे डर लग रहा था | वह डरते हुए ही बाहर चली गई |    वही उसके जाते ही रात्रि की चेहरे पर शैतानी मुस्कान आ गया | वह नफ़रत से बड़े ही ज़हरीली लहजे में बोली,""_ time to Take Revenge ....., लेकिन पहले मेरा सर्वाक्ष 🥺.....,मैं किसी को भी इस बार अपने आदमी के करीब आने नही दूंगी ,और किसी को भी खुद से उसे दूर करने नही दूंगी...और आज तो मेरी शादी है | "    रात्रि की चेहरे पर मुस्कान आ गया | वह शरमाते हुए खुद को mirror में देखती की तभी रूम का door धड़ाम से खुल गया | रात्रि हैरानी से मुड़ कर सामने की ओर देखने लगी |   सामने एक लड़का गुस्से से उसे घूरते हुए खड़ा था | उसका जबड़ा कस गया था और हाथो की मुट्ठी भींच गई थी | उसकी गहरी काली गुस्सैल आंखे सिर्फ रात्रि की चेहरे पर टिकी थी | और उसके पीछे ही वह ब्यूटीशियन डरते हुए खड़ी थी |     रात्री चुपचाप अपने जगह में खड़ी थी | लेकिन उसके मुंह में बुदबुदाते हुए उस लड़के का नाम निकला था |  "  सर्वाक्ष......| "      सामने खड़े वह लड़का सर्वाक्ष खुराना था | उसका औरा बेहद गुस्से से भरा था | और वह भारी भारी से कदम रखते हुए रात्रि के करीब आया | रात्रि बस सर्वाक्ष को देख रही थी | उसके आंखो के सामने वह सारे पल भीत रहे थे जो उसने अपने पहली जिंदगी में जिया था | उसने कभी सर्वाक्ष को खुश नही रखा था या यू कहे की उसने हमेशा उसके साथ गलत किया था ,उससे शादी करने के बावजूद भी वह उसे धोका दे गई थी | लेकिन बदले में भी उसे धोका ही मिला था |    सर्वाक्ष रात्रि के करीब आ कर बेहद गुस्से से उसे घूरने लगा | रात्रि अभी भी वैसे ही खड़ी थी या यू कहे की वह अपने यादों में गुम थी | सर्वाक्ष की हाथो की मुट्ठी बन गई | उसके सामने रहते हुए भी रात्रि उसके ऊपर ध्यान ही नहीं दे रही है ? वह अपना गर्दन मसलते हुए पीछे खड़ी ब्यूटीशियन को हाथो से ही वहा से जाने का इशारा किया | ब्यूटिशियन वहा से चली गई |      सर्वाक्ष की गुस्सैल नजर रात्रि की चेहरे पर टिकी थी | वह लड़की उसे टिमटिमाते हुए देख रही थी ,लेकिन उसे कोई होश नही थी |       सर्वाक्ष गुस्से से उसके चेहरे को कसके पकड़ कर दबाने लगा |   "  अअह्ह्ह्ह सर्वाक्ष.....| " रात्रि करहाते हुए उसका नाम ली | वही सर्वाक्ष के चेहरे पर शैतानी मुस्कान आ गई | वह गुस्से से उसे ऐसे ही बेड के पास ले जाते हुए बेहद ठंडे लहजे में बोला,""_ Good...., सर्वाक्ष...., सर्वाक्ष खुराना,तुम्हारी सोच और तुम्हारे रूह रूह में बस यही एक नाम बसना चाहिए रात्रि,अगर मेरे अलावा तुम्हारे जहन में कोई उतरने की कोशिश भी करा न ?  तू जान ले लूंगा उसका | "    बोलते हुए सर्वाक्ष रात्री को बेड पर गुस्से से धकेला |    " अअह्ह्ह्ह.....| " रात्रि ने करहाते हुए अपना कमर पकड़ लिया |   वही सर्वाक्ष,अपने शर्ट के दो तीन बटन खोलते हुए उसके ऊपर आ गया | यह देख रात्रि की आंखे चौड़ी हो गई थी | वह हैरानी से उसे कुछ कहती की तभी सर्वाक्ष उसके होंठो पर उंगली कर गुस्से से प्रेस करते हुए बेहद ठंडेपन से बोला,""_ शशशश्....एक शब्द नही बोलोगी तुम ? "     रात्रि हैरानी से सर्वाक्ष को देख रही थी | लेकिन उसके बदन से आ रही खुशबू उसे उस महक को याद दिला रही थी जब वह अपने पिछले जन्म में जब भी सर्वाक्ष उसके करीब आता था तब मेहसूस किया था |     सर्वाक्ष उसके कमर में अपने ठंडे हाथ रख कर सहलाते हुए उसके गाल को अपने नाक से रब करने लगा | रात्रि की आंखे कसके बंद हो गए | वही सर्वाक्ष अपने आंखे सुकून से बंद हो गए थे | वह रात्रि की फ्रेगरेंस को फील करने लगा |     रात्रि की दोनो हाथ बेडशीट में भींच गए थे | वही सर्वाक्ष गुस्से से अपने एक एक बात भी चबाते हुए बोला,""_ यहां से भाग जाने की बहुत कुछ सोच रखा होगा न तुमने ? तो अपने छोटू सा दिमाग को समझाओ की तुम मेरी मर्जी के बिना इस रूम से बाहर भी नही जा सकती,तुम मेरी हो मेरी कब्जे में हो ,अब तो सांसे भी यही तोड़ दोगी लेकिन यहां से बाहर कदम नहीं रख पाओगी....,सुना तुमने मैंने क्या कहा ? "   सर्वाक्ष गुस्से से फुफकारते हुए कह रहा था | रात्रि उसे कुछ बोलने को हुई की तभी सर्वाक्ष गुस्से से उसके होंठो को दबाते हुए सख्ती से कहा ,""_ कहा न कुछ नही बोलोगी तुम ? "    रात्रि अपने मन में बोली,""_सर्वाक्ष...,अब मुझे आपसे दूर कही नही जाना....,बस यह कहने तो दो ....? "  सर्वाक्ष बड़े ही नाराज़गी से उसे देख रहा था | वह फिर उसके होंठो को हल्के से टैप करते हुए अपने अंगूठे से सहलाने लगा |  वही उसकी हरकत से रात्रि की आंखे भींच गए थे | और उसकी धड़कने भी तेज हो गए थे |    वही सर्वाक्ष अपने होंठो को उसके होंठो के बेहद करीब ले जा कर बुदबुदा कर बोला,""_ कितनी मुश्किल से मैने तुम्हे अपने में कैद किया है...,अब तुम्हारी जिंदगी मेरे साथ ही गुजरेगी ,चाहे तुम लाक मना करलो तुम्हारा कुछ नही चलेगा रात्रि | "   बोलते हुए सर्वाक्ष के होंठ रात्रि की होंठो को छु रहे थे | वही रात्री सिहरते हुए सर्वाक्ष को देख रही थी | जो गुस्से से ऐसे ही बडबडा जा रहा था | रात्रि ने बेडशीट को छोड़ कर उसके चेहरे को छूना चाहा लेकिन सर्वाक्ष गुस्से से उसके दोनो हाथ बेड में ही पटकते हुए गुस्से से बोला,""_ don't move ....| "   रात्रि हैरानी से अपने हाथ को देखी,सर्वाक्ष उसके दोनो हाथो में अपना हाथ फसा कर बेड में दबाते हुए उसे घूर रहा था | रात्रि फिर सर्वाक्ष के आंखो में देखने लगी | वह अपने मन में बोली,""_ यह इंसान मुझे बोलने का मौका तक नही दे रहा ? मै कैसे बोलूं की अब मैं इसके साथ ही रहना चाहती हू ? हुह ?"     रात्रि अपना मुंह बिगाड़ रही थी और सर्वाक्ष गुस्से से उसे घूरे जा रहा था | उसे अच्छे से समझ आ रहा था की यह लड़की मन ही मन उसका ही बुराई कर रही है ? वह गुस्से से उसके होंठो को हल्के से काटा ,फिर उसके होंठो को अपने मुंह में भर कर किस करने लगा |    उसका इस तरह काटने से रात्रि की आंखे भींच गए थे | और वह छटपटाते हुए उससे अलग होने की कोशिश करने लगी क्यों की सर्वाक्ष उसके होंठो को बेरहमी से काटते हुए किस कर रहा था |         क्या होगा आगे इस रिबॉर्न कहानी में ? सर्वाक्ष ने रात्री को कैद कैसे किया है ? और रात्रि के साथ हुआ क्या था ? और वह किससे बदला लेगी ? जानने के लिए पढ़ते रहिए Â

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