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Chapter 2

chapter 2

Love With My Beast Husband

अब आगे .......     सर्वाक्ष इस वक्त रात्रि के ऊपर ही लेटा हुआ था | उसके दोनो हाथ रात्रि की हाथो में फस गए थे | तो वही उसके होंठ रात्रि की होंठो से जा मिले थे | रात्रि की आंखे भी बंद हो गए थे | वह मन ही मन सुकून महसूस करते हुए सर्वाक्ष के होंठो को मेहसूस कर रही थी |     सर्वाक्ष भले ही इस वक्त बहुत ही वाइल्ड हो कर उसके होंठो को काटते हुए चूम रहा था | लेकिन वह एहसास? वह एहसास बिलकुल वैसा ही था जब रात्रि ने अपने पहले जन्म में मेहसूस किया था | जब वह मरने वाली थी तब सर्वाक्ष ने उसके कहने पर उसे किस किया था |    रात्रि अपने आंखे खोल कर सर्वक्षा को देखी, सर्वाक्ष अपने आंखे बंद कर उसे चूमते हुए उसके दोनो हाथो को बेड में ही दबा रहा था | या यू कहे की अपना गुस्सा निकाल रहा था |      कुछ ही देर में रात्रि की सांसे फूलने लगे | वह छटपटाने को हुई | तभी सर्वाक्ष उसके होंठो को रिहा कर रात्रि के गर्दन में अपना चेहरा छुपा कर किस करने लगा | रात्रि की सांसे तेज हो चुके थे | वह तेज तेज सांसे लेते हुए खुद को नॉर्मल करने लगी लेकिन सर्वाक्ष उसके गर्दन में अपने हरकत जारी रखा था | वह अपने गरम सांसों को उसके गर्दन में छोड़ते हुए उसे चूमता तो कभी काटता.....|     रात्रि भारी भारी से आहे भर रही थी | वही सर्वाक्ष धीरे से अपना चेहरा ऊपर कर रात्रि को देखा ,रात्रि का पूरा चेहरा किसी लाल टमाटर की हो गया था | और ऊपर से उसके चेहरे पर मिक्सड एक्सप्रेशन नजर आ रहे थे | उसके होंठो पर अजीब तरह का मुस्कान आ खिल जाता तो कभी गायब ही हो जाता ....|      अपने स्पर्श से रात्रि को इतना सिहरता देख सर्वाक्ष के होंठ मुड़ गए | वह धीरे से उसके खुले कमर को सहलाते हुए उसके आंखो में देखने लगा | रात्रि सिहरते हुए उसे ही देख रही थी | वह बोली,""_ सर्वाक्ष.....,वह......| "      सर्वाक्ष उसके होंठो पर उंगली रख कर उसे कुछ भी ना कहने का इशारा किया | रात्रि की आंखे छोटी हो गई | वह उसके हाथ को हटा कर बोली,""_ आ आप मुझे बोलने क्यों नहीं दे रहे है मैं तो......? "      सर्वाक्ष गुस्से से उसे अपने करीब खींच कर अपने दांत पीसते हुए बोला,""_ मुझे पता है तुम मुझसे नफरत करती हो और मुझसे दूर जाना चाहती हो ,लेकिन इस वक्त मुझे तुम्हारे मुंह से किसी भी ज़हरीली शब्द नही सुनना ...,समझी ? "     रात्रि हैरानी से सर्वाक्ष को देखने लगी | वह उसे समझाते हुए कुछ बोलने को हुई की तभी सर्वाक्ष उसके होंठो को अपने मुंह में भर कर फिर से किस करने लगा | रात्रि अपने आंखे टिमटिमाते हुए उसे ही देखती रही | वह उससे नफरत कर के एक बार गलती कर चुकी थी और बदलें में उसे अपनी जान गंवानी पड़ी थी लेकिन इस बार...? इस बार वह ऐसा कोई गलती नही करेगी |    रात्रि चुपचाप उसके बाहों में बैठी रही | वही सर्वाक्ष जी भर कर उसे चूमता रहा | थोड़ी देर बाद सर्वाक्ष उसके होंठो को छोड़ कर उससे सख्ती से बोला ,""_ आज शाम को ही हमारी शादी होगी रात्रि ,बिना नकरे किए ही तैयार हो जाओ नही तो........| "   सर्वाक्ष को इस तरह बार बार धमकी देता देख रात्रि ने अपना मुंह फेर लिया | वही सर्वाक्ष उसके चेहरे को पकड़ कर अपने तरफ घुमाया फिर उसके माथे पर किस कर बाहर चला गया | उसके जाते ही रात्रि की चेहरे पर क्यूट सी स्माइल आ गई | वह अपने होंठ और माथे को छु कर देखने लगी | रात्रि को ऐसा लग रहा था की सर्वाक्ष के होंठ अभी भी उसके चेहरे पर घूम रहे है |     वह शरमाते हुए अपने चेहरे को पिलो में छुपा कर बेड पर गिर गई |     हाल में .......   रात्रि के रूम से बाहर निकल कर सर्वाक्ष अपने रूम के तरफ जा ही रहा था की तभी उसे मेहसूस हुआ की किसी की गुस्सैल नजर अपने चेहरे पर ही टिका है | वह अपना सर घुमा कर उस तरफ देखा |    हाल में इस वक्त दो बुजुर्ग लोग खड़े थे | और वह दोनो गुस्से से सर्वाक्ष को घूर रहे थे | सर्वाक्ष एक गहरी सांस लेते हुए उनके पास गया |    तभी सर्वाक्ष के दादाजी भावेश खुराना गुस्से से उस पर भरसते हुए बोले,""_ तुम उस लड़की से जबरदस्ती शादी कर रहे हो ? "      सर्वाक्ष ने कोई जवाब नही दिया | तभी भावेश की बीवी रुक्मणि बोली,""_ अक्ष....,माना की तुम एक क्रुएल गैंगस्टर हो, अंडरवर्ल्ड का किंग हो लेकिन इस तरह एक लड़की के साथ जबरदस्ती करना......? "   रुक्मणि ने अपनी बात को बीच में ही छोड़ दिया | वही सर्वाक्ष उन दोनो को बिना कुछ कहे ,जा कर सोफे पर बैठ गया | उसका चेहरा एक दम से सर्द हो गया था | वही भावेश गुस्से से बोला ,""_ देखा रुक्कू ? इस लड़के को किसी का भी सुनना ही नही, बस अपनी मनमानी करते हुए लोगो की जीना हराम करना है | "   रुक्मणि भावेश को लाचारी में देखने लगी | तभी भावेश गुस्से से सर्वाक्ष के करीब जा कर बोला,""_ तुम सुन भी रहे हो ? जाओ......,अभी जा कर उस लड़की को छोड़......? "  भावेश इतना ही कहा था की सर्वाक्ष का औरा बेहद सर्द और डार्क हो गया | वह घूर कर उन्हे बेहद गुस्से से देखने लगा तो भावेश हड़बड़ा गए | वह रूखमणी का हाथ पकड़ कर पीछे जाते हुए बोला,""_ चलो रुक्कु , ई....इस ल....लड़के से कुछ भी कहना ही बेकार है | "     भावेश रुक्मणि को ले कर door के तरफ गया | वही सर्वाक्ष अपना सर सोफे को टिका कर बिना भाव के उन्हे जाता हुआ देखने लगा | वह लोग धीमी धीमी चल रहे थे ..... इस उम्मीद से की सर्वाक्ष उन्हे रोक लगा | लेकिन उन्हे सर्वाक्ष ने रोका ही नही |     रुक्मणि बार बार मुड़ कर देख रही थी | वही भावेश का मुंह बिगड़ रहा था | जब उसे कन्फर्म हुआ की उसका पोता उन्हे रोकने का कष्ट नहीं उठाएगा तो वह रुक गए |     यह देख सर्वाक्ष के होंठ मूड गए थे | वह एक सर्वेंट से बोला ,""_ दादी और दादू के लिए रूम अरेंज करो | "  भावेश के चेहरे पर घमंड भरी मुस्कान आ गया | वह मुड़ कर रौबदार अंदाज में बोला,""_वैसे हम रुकना तो नही चाहते लेकिन एक बार पोता बहु को देखना हमारा फर्ज बनता है तो हम रुक ही रहे है | "   बोलते हुए भावेश रुखमिनी को ले कर रूम में चला गया | वही सर्वाक्ष उन्हे एक नजर देख अपना सर ना में हिलाया फिर वहा से उठ कर जाने को हुआ की तभी उसकी नजर एक लड़के पर गई जो उसे ही गुस्से से देख रहा था |    सर्वाक्ष की आंखे छोटी हो गई | वह गुस्से से बोला ,""_ अब तुम्हारा क्या है ? "     वह लड़का रवीश था, जो सर्वाक्ष का बचपन का दोस्त था | वह बोला ,""_ मुझे वह लड़की बिलकुल पसंद नही है सर्वाक्ष..| "  सर्वाक्ष का जबड़ा कस गया | वह अपने दांत पीसते हुए बोला,""_ वह मेरी है रवी ....उसे मैं पसंद करता हु.... that's it | "   रवीश रोनी सी शकल बना कर बोला,""_ हा हा अब तो तुम्हे पसंद आ गई है तो हमारा क्यों सुनेगा ? जाओ जाओ अब मुझसे ज्यादा वह लड़की मायने रखती है तो जाओ जाओ..| "   सर्वाक्ष ने उसे अजीब नज़रों से देखा,फिर उसे इग्नोर कर अपने रूम के तरफ चला गया | उसकी शादी में ना सिर्फ उसकी दुल्हन,उसके खिलाफ थी बल्कि उसके दादू दादी और दोस्त ....| लेकिन सर्वाक्ष किसी का भी नही सुनने वाला था |        शाम का वक्त.......   ब्राइडल रूम के बाहर वह ब्यूटीशियन डरते हुए कबसे खड़ी थी | शादी के तैयारीया हो रही थी और उसे रात्रि को रेडी करना था लेकिन रात्रि का गुस्से से उस पर चिल्लाना,अजीब तरह से बरताव करना ,यह सब याद कर वह ब्यूटीशियन रूम के अंदर जाने डर रही थी |        तभी उस पर रवीश की नजर गया | वह उसके पास जाते हुए बोला,""_ तुम बाहर क्या कर रही हो ? "   बा....बॉस.. ma'am......| " वह ब्यूटिशियन हकलाते हुए बोली | रवीश को कुछ समझ नही आया | तभी रवीश के पीछे ही आए हुए सर्वाक्ष का दोस्त ध्रुव ने उससे पूछा ,""_ क्या कहना चाह रही हो ? ठीक से बोलो ..? "   ध्रुव की बात पर वह लड़की थोड़ी देर पहले रात्रि कैसे बिहेव कर रही थी ,वह बताई | रवीश का चेहरा गुस्से से भर गया | वही ध्रुव बोला ,""_ जरूर यहां से भागने के लिए प्लान बना रही होगी ? क्या वह समझ नहीं सकती, सर्वाक्ष उससे कितना प्यार करता है ?  रवीश गुस्से से डोर को घूरते हुए बोला ,""_ तुम रुको..., मैं अपनी होने वाली भाभी को अच्छे से बता कर आता हू ....| "         ध्रुव को कुछ और काम था तो वह वहा से चला गया | वही वह ब्यूटीशियन रवीश के साथ ही दुलहन के कमरे में गई | लेकिन सामने रात्रि का लुक देख कर वह दोनो ही अपने जगह में जम गए |   रात्रि इस वक्त पूरी तरह दुलहन के जोड़े में रेडी हो चुकी थी |बस वह इस वक्त अपने गुंगट को ठीक कर रही थी | और उसके चेहरे पर तो इस वक्त बड़ा सा मुस्कान खिला हुआ था | वह ज्यादा ही खुश लग रही थी |      रवीश बोला ,""_ Miss रात्रि.....?      रात्रि उसके तरफ मुड़ कर देखी ,वह हैरानी से उसे ही देख रहा था | तभी रात्रि उसके पास आते हुए बोली,""_ अरे रवीश भाई....,मुझे बताओ... क्या मैं सुंदर दिख रही हूं ?     रात्रि की बात सुन रवीश के साथ साथ वह ब्यूटीशियन दंग रह गई | क्यों की दो दिन पहले ही सर्वाक्ष उसे जबरदस्ती उठा कर अपने घर ले आया था | और वह दो दिन से यहा से भागने की प्लान ना जाने कितनी बार बना चुकी थी लेकिन अफसोस वह घर से बाहर ही नहीं निकल पाई थी |   रवीश गुस्से से उससे पूछा ,""_ तुम अचानक से ऐसा अजीब बिहेव क्यों कर रही हो ? कही यहां से भागने का यह तुम्हारा नया प्लान तो नही ? "    रात्रि एक गहरी सांस लेते हुए खुद को मिरर में निहारते हुए बोली,""_कुछ नहीं है रवीश भाई... ,आज मेरी शादी है..और. मुझे बिल्कुल परफेक्ट दिखना है | "   रवीश को कुछ समझ नही आ रहा था की रात्रि का यह कैसा बरताव है ? तभी रात्रि उसके तरफ मुड़ कर थोड़ा शरमाते हुए फिर बोली,""_ और आख़िरकार मैं सर्वाक्ष खुराना की पत्नी बन रही हूं... ,तो मुझे आज उनसे भी ज्यादा सुंदर दिखना ही है |      रवीश उसका व्यवहार देखकर भ्रमित हो गया था | वह अपने मन में बड़बड़ाते हुए बोला ,""_ यह लड़की हमेशा उसे कोसते हुए बुरा-भला कहती थी..., अब इसे अचानक क्या हुआ..? क्या यह इसकी नया प्लान है ? या कुछ और... मुझे बहुत केयरफुल रहने की जरूरत है | "  रवीश रात्रि को शक भरी नज़रों से देखने लगा | तभी रात्रि बोली,""_ क्या आपके पास पेन और कागज है ? "    रवीश हा में सर हिलाया | रात्रि की चेहरे पर क्यूट सी स्माइल आ गई | वह बोली,""_ मुझे दो न....? "   रवीश उसे घूरते हुए वही ड्रा में से एक कागज और पेन ले कर उसे दे दिया | रात्रि शरमाते हुए उस पर कुछ लिखी ,फिर उसे फोल्ड कर रवीश के हाथ में देते हुए बोली,""_ आप इस लेटर को मेरे अक्ष को दे आइएगा ....| "   रवीश हैरानी से रात्रि को देखते हुए बड़बड़ाते हुए कहा ,""_ अक्ष.......?"     " हा,मेरे अक्ष.....,| रात्रि शरामाते हुए बोली,लेकिन अचानक से उसका चेहरा गुस्से से भर गया | और वह अपने आंखे छोटी उसे वार्न देते हुए गुस्से से बोली,""_   और हा....,गलती से भी इसे खोल कर देखने की कोशिश की तो मैं आप पर मुकद्दमा करूंगी और मैं... मैं... मै आपको कभी गर्लफ्रेंड बनाने नही दूंगी,कुंवार ही मरेंगे आप | "   रवीश की बाहें तन गए | वह गुस्से से उसके तरफ प्वाइंट कर कुछ कहता तभी रात्रि मासूम सा चेहरा बना कर बोली,""_ जाइए न.....| "    रवीश उसके हाथ से लेटर छीन कर गुस्से से वहा से चला गया | उसके पीछे ही वह ब्यूटीशियन भी निकल गई |     हाल में ......,      हाल में एक सुंदर सा और बहुत ही लग्जरियस तरीके से मंडप को सजाया गया था | हर तरफ शहनाई का आवाज के साथ साथ पंडित का मंत्र भी गूंज रहा था | सर्वाक्ष इस वक्त दूल्हे की जोड़े में बैठा था | और पंडित के बताए विधि विधान को पूरा कर रहा था | लेकिन उसका पूरा ध्यान बार बार रात्रि के रूम के तरफ था | उसे उस लड़की पर जरा भी भरोसा नहीं था | उसे ऐसा लग रहा था की रात्रि उसके आदमियों को चकमा दे कर यहा से कभी भी भाग जाएगी, क्यों की दो दिन से वह यही तो कर रही थी |       तभी रवीश,आ कर उसके तरफ एक लेटर पास करते हुए थोड़ा रूठी सी आवाज में बोला ,""_ यह लो....? "    सर्वाक्ष लेटर को एक नज़र देख कर रवीश से पूछा,""_ यह क्या है ? "    रवीश अपने बात को चबाते हुए बोला,""_ प्रेम पत्र....,तुम्हारी लड़की ने भेजा है | "    वही सर्वाक्ष को इस तरह रवीश से बात करता देख रुक्मणि बोली,""_ अक्ष....,बाते बाद में करो पहले पंडित जी जो कह रहे है उसे पूरा करो | "    सर्वाक्ष चुप हो कर रवीश के हाथ से लेटर लेने को हुआ की तभी भावेश रवीश के हाथ से लेटर ले कर बोले,""_ तुम शादी में फोकस......| "    भावेश अपनी बात पूरा भी करता उससे पहले ही रवीश  उसके हाथ से लेटर चीनते हुए बोला ,""_ इस लेटर को सिर्फ सर्वाक्ष ओपन करेगा नही तो वह लड़की ....? "    सर्वाक्ष की आंखे छोटी हो गई | वह उससे पूछा,""_ वह लड़की क्या ..? "   रवीश रोनी सी शकल बना कर बोला ,""_ नही तो वह मुझे कभी girlfriend नही बनाने देगी और उसने यह भी कहा है की वह मुझ पर केस करेगी | "    सर्वाक्ष उसे अजीब नज़र से देखते हुए उसके हाथ से लेटर लिया | उसका दोस्त उसके जैसा ही खतरानक गैंगस्टर था तो एक लड़की की धमकी से कैसे डर गया ? सर्वाक्ष लेटर ओपन कर पढ़ा लेकिन पढ़ते ही अचानक से उसका जबड़ा भी कस गया |   तभी रवीश पूछा ,""_ क्या हुआ अक्ष ? क्या लिखा है उसमे ? "     " कुछ नही ,जाओ जा कर उसे ले आओ ...| "  सर्वाक्ष अपना सर ना में हिलाते हुए एक नजर रात्रि के कमरे के तरफ देखते हुए बोला |          रवीश हा में सर हिला कर जाने को हुआ की तभी रात्रि दुल्हन के जोड़े में रूम से बाहर निकलते हुए दिखी,रवीश मुड़ कर सर्वाक्ष को देखा | सर्वाक्ष की नजर भी रात्रि पर ही गई थी | वह एक टक हैरानी से उसे देखते हुए अपने मन में शक भरी लहजे में बोला,""_ यह लड़की आपने आप बाहर आ गई ? और उसका चेहरा कितना खिला हुआ लग रहा है ? क्या चल रहा है इसके दिमाग में ? "    सर्वाक्ष शक भरी नज़र से रात्रि को देखने लगा | जो धीरे धीरे से चल कर मंडप के तरफ ही आ रही थी | भावेश और रुक्मणि हैरानी से रात्रि को देख रहे थे | वैसे तो वह आज पहली बार रात्रि को देख रहे थे लेकिन रवीश और ध्रुव ने उन्हे बताया था की सर्वाक्ष रात्रि से जबरदस्ती शादी कर रहा है ? लेकिन लड़की की चेहरे पर तो सिर्फ खुशी का भाव ही नजर आ रहा था | किसी भी तरह से भी रात्रि को देख ऐसा नही लग रही थी उससे यह शादी जबरदस्ती किया जा रहा है ?     रुक्मणि और भावेश बुरी तरह रवीश और ध्रुव को घूरने लगे | उनकी हिम्मत कैसे हुई अक्ष के बारे में इतना झूठ बोलने की ?    वही सर्वाक्ष की नजर रात्रि पर ही टिकी थी | रात्रि उसके पास आ कर उसके तरफ अपना हाथ बढ़ा के, प्यार से उसका नाम लि,""_ सर्वाक्ष......|    सर्वाक्ष का दिल जोरों से धड़क उठा | वह हैरानी से उसे देखते हुए उसके हाथ को पकड़ा तो रात्रि शरमाते हुए आ कर उसके बगल में ही बैठ गई |   क्या होगा आगे इस कहानी में जानने के लिए पढ़ते रहिए             Â

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