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Chapter 3

chapter 3

Love With My Beast Husband

 अब आगे .......     सर्वाक्ष का विला ......,       विला में इस वक्त शादी का माहोल था | हाल में ही एक बड़ा सा मंडप को बहुत ही सुंदर तरीके से सजाया गया था | और मंडप में बैठे हुए सर्वाक्ष बस आंखे फाड़े रात्रि को देख रहा था | रात्रि बड़े ही शरमाते हुए खुद को घूंघट से ढक कर उसके बगल में ही उसकी दुल्हन बन कर बैठी थी |    इस वक्त ना सिर्फ सर्वाक्ष उसे हैरानी से देख रहा था बल्कि सर्वाक्ष के दोनो दोस्त रवीश और ध्रुव,भावेश और रुक्मणि चारो ही हैरानी से रात्रि को देख रहे थे |    क्यों की रात्रि को सर्वाक्ष डरा धमका कर अपने विला ले आया था और रात्रि साफ साफ सर्वाक्ष को कह भी चुकी थी की वह उससे नफ़रत करती है और वह बिल्कुल उससे शादी नही करने वाली है |    "  कन्या को वरमाला पहानाइए .....| " पंडित ने सर्वाक्ष के तरफ माला रखे हुए थाली को बढ़ाते हुए कहा | सर्वाक्ष एक टक रात्रि को देखते हुए उसमे ही खो सा गया था | वह फिर वरमाल ले कर उसके गले में पहनाया | तभी रात्रि भी मुस्कुराते हुए उसके गले में वरमाला पहना कर सर्वाक्ष को देखने लगी |     सर्वाक्ष को समझ नही आ रहा था की रात्रि के साथ क्या गड़बड़ हुआ है ? तभी रवीश झुक कर सर्वाक्ष के कान में बोला,""_ भाई ,अभी भी वक्त है , सोचलो....यह लड़की आपके लिए बिलकुल ठीक नही है | "   सर्वाक्ष उसे बुरी तरह घूरने लगा | वही रवीश का मुंह बन गया और वह आगे बिना कुछ कहे पीछे हट गया |     वही सर्वाक्ष पंडित के कहे अनुसार रात्रि के गले में मंगलसूत्र पहनाने लगा | रात्रि की चेहरे पर इस वक्त खुशी का कोई टिकाना नही था | लेकिन यह किस तरह का खुशी है ? झूठी मुस्कान है या असली ? सर्वाक्ष को समझ नही आ रहा था | एक पल के लिए उसे लगता था की यह लड़की उसे अपना मान चुकी है लेकिन अगले ही पल वह यह सोचता की यह कैसे पॉसिबल है ? कल तो इस लड़की को उससे नफरत थी ,फिर ?      वही रात्रि मंगलसूत्र को छूते हुए अपने मन में बोली,""_ सर्वाक्ष...., इस बार मैं आपसे सच्चे दिल से प्यार करूंगी,आपको कभी धोका नही दूंगी ,आपको कभी छोड़ कर नही जाऊंगी,और सबसे बड़ी बात उस कमीने को मार डालूंगी जिसके लिए मैने आपको छोड़ा था,उसने मुझे धोका दे कर बुरी तरह मार डाला , मैं नही छोडूंगी इस बार उसे | "  यह सब रात्रि अपने मन में बोलते हुए अपने मंगलसूत्र को छू रही थी | वही सर्वाक्ष उसके चेहरे पर बनती बिगड़ती एक्सप्रेशन को ही नोटिस कर रहा था | उसे ऐसा लग रहा था की रात्रि के दिमाग में उससे भागने का कुराफात चल रहा है |   वही रवीश भी रात्रि को घूर रहा था क्यों की उसे रात्रि सर्वाक्ष के लिए सही नही लगती थी और उसके बगल में खड़े हुए ध्रुव का भी यही हालत था | वह बड़ाबड़ाते हुए रवीश से बोला ,""_ मुझे अभी भी इस लड़की पर शक हो रहा है | "   रवीश ने कहा ,""_ चुप करो...,अगर यह शैतान तुम्हारी बात सुन लिया न ? तो तुझे और मुझे दोनो को ही नरक में फेंक देगा | "    ध्रुव : 😶😶   सर्वाक्ष की नजर अभी भी रात्रि पर टिकी थी | लेकिन रात्रि की एक्सप्रेशन देख कर वह इनसिक्योर फील कर रहा था | वह रात्रि के मांग में सिंदूर भरते हुए पूछा ,""_ क्या चल रहा है तुम्हारे दिमाग में ? और इतना नॉर्मल क्यों लग रही हो ? "    रात्रि की आंखे छोटी हो गई | वह गुस्से से बोली,""_ क्या मतलब है आपका ? मैं नॉर्मल नही रह सकती ? और आपकी प्रोब्लम क्या है ? जब रो धो कर मैं यहां से भागने की कोशिश करती थी तब आपको बड़ी प्रॉब्लम्स हो रही थी और अब...अब मै खुशी खुशी से आपसे शादी कर रही हु ? तो अब क्या प्राब्लम हो रही आपको ? "   सर्वाक्ष उसे ही खा जाने वाले नजरो से देख रहा था | उसे रात्रि अब पहले की तरह लगने लगी थी | वह गुस्से से अपने बात चबाते हुए बोला,""_ you......| "   रात्रि पिल्ला जैसा चेहरा बना कर ,अपने आंखो में मोटे मोटे आंसू लिए उसे देखने लगी | सर्वाक्ष का औरा एक दम से नरम पड़ गया | वह उससे प्यार से पूछा ,""_ अब रो क्यों रही हो ? "   " आप डांट क्यों रहे है ? " रात्रि ने गुर्राते हुए पूछी, सर्वाक्ष चुप हो गया | तभी रात्रि पूछी,""_ आपको वह लेटर मिला ? "    लेटर वाली बात सुन सर्वाक्ष का औरा फिर से गुस्से से भर गया | वह डांटते हुए उससे पूछा ,""_ क्या बकवास लिखा है तुमने उसमें ?  "   रात्रि का मुंह बन गया | उसने उस लेटर में अपना एक विश लिख कर भेजी थी | लेकिन सर्वाक्ष को वह बकवास लग रहा था | वह रोनी सी शकल बना कर बोली,""_ आपको मेरी विश पूरा करना होगा | "   " नही ,मुझसे ऐसे सिल्ली काम नही हो सकते रात्रि | " सर्वाक्ष गुस्से से उसे मना करते हुए बोला | रात्रि के आंखे फिर से आंसुओ से भर गए | वही रूखमणी उनकी कुसूर फुसर ही सुन रही थी |    वह रात्रि से पूछी,""_ क्या हुआ बच्चा ? "   रात्रि उन्हे पिल्ला जैसा एक्सप्रेशन देते हुए बोली,""_ दादी इनसे कहे की ....,मैने जो कहा है वह करे | "    रुक्मणि ना समझी में सर्वाक्ष को एक नज़र देखी,फिर रात्रि से पूछी,"" _ वह मतलब क्या बच्चा ? "    रात्रि सर्वाक्ष को देखी , सर्वाक्ष अपने आंखे छोटी कर उसे ही घूर रहा था | रात्रि भी उसे घूरते हुए बोली,""_ इन्हे पता है दादी...| "     " अक्ष.....| " रुक्मणि सर्वाक्ष का नाम ली,जैसे कह रही हो की रात्रि को तंग ना करे | लेकिन सर्वाक्ष खुराना को किसी का सुनने का कहा आदत था | उसने एक गहरी सांस लेते हुए रात्रि और दादी दोनो को ही इग्नोर कर दिया |   खुद को इस तरह सर्वाक्ष को इग्नोर करता देख रात्रि की बाहें तन गए थे | वह उसके हथेली को कसके पकड़ कर दबाते हुए गुस्से से बोली,""_ मैंने बिना ना नूकुर किए आपसे शादी कर लिया n तो आपका भी फर्ज बनता है की आपको मेरी वह wish पूरा करना है | "   सर्वाक्ष बहुत ही जिद्दी और घमंडी टाइप का था | उसने रात्रि का हाथ झटका कर कहा ,""_ कहा ना,नही....| "   रात्रि मुंह बिगाड़ कर बड़बड़ाते हुए बोली,""_ शादी के दिन ही इतना परिशान कर रहे है ? आप तो इमैजिन भी नही कर सकते आपके साथ अब मैं क्या क्या करूंगी ? बीवी हू मैं अब आपको मेरे नकरे तो उठाना ही होंगे |"    सर्वाक्ष की बाहें तन गए | यह लड़की एक अंडरवर्ल्ड डॉन को ऐसे धमकी दे रही है ? इसकी इतनी हिम्मत ? वही रवीश,ध्रुव,रूखमणी और भावेश की तो तोते उड़ गए थे | वह आंखे फाड़े बस रात्रि को देख रहे थे |     तभी पंडित ने उन दोनो से कहा ,""_ शादी संपन्न हुई ,और अब से आप दोनो पति पत्नी है | "     सर्वाक्ष उठ कर रात्रि की तरफ देखा ,रात्रि भी उठ कर भावेश और रुक्मणि के पास आशीर्वाद लेने गए | भावेशऔर रुक्मणि दोनो ही ज्यादा खुश लग रहे थे | वह उन दोनो को आशीर्वाद देते हुए बोले ,""_ हमेशा खुश रहो और एक दूसरे के साथ रहो |       रात्रि की नजर उन दोनो के चेहरे पर टिकी थी | भले ही बुर्जुग थे लेकिन बेहद मासूम लग रहे थे | वही रात्रि जा कर रूखमणी के गले लग गई | वह इस वक्त बेचैन थी क्यों की रुक्मिणी और भावेश को देख उसे अपने पिछले जन्म में किए हुए गलती याद आ रहा था | वह अपने मन में बोली,""_ पिछले जन्म में मैने जब सर्वाक्ष को तलाक दिया था, तब दादी को हार्ट अटैक आ गया और कुछ ही दिन में दादू भी चल बसे ...,कितनी लापरवा थी मै तब...? यह दोनो मुझसे अक्ष से भी ज्यादा प्यार करते रहे और मैं? इस बार ऐसा कुछ नही होगा दादू दादी...., मैं आप दोनो से हमेशा प्यार करती रहूंगी | "   रुक्मणि रात्रि की पीठ सहला रही थी | वह बोली,""_ मेरी पोता बहु बहुत ही सुंदर है | "     रात्रि मुस्कुराते हुए दादिमा की गाल खींचते हुए बोली,""_ और आप बहुत क्यूट हो दादी | "  " बगल में दादू भी खड़ा है ,उससे भी जरा कोई लाड़ प्यार करलो | " रात्रि और रुक्मणि को इस तरह एक दुसरे से मिलता देख भावेश मुंह बनाते हुए बोला | रात्रि उनके तरफ देखी, भावेश उसके तरफ नही दूसरी तरफ मुंह फेर लिया था |    रात्रि मुस्कुराते हुए उसके गले लग कर बोली,""_ किसने कहा की आपसे कोई प्यार नही करेगा ? मै करती हु न दादू,i love you ...| "      भावेश झुक कर उसके माथे पर किस किया फिर उसके गले लग गए | रवीश और ध्रुव अभी भी रात्रि को गुस्से से घूर रहे थे | वही सर्वाक्ष भी गुस्से में आ गया था | लेकिन वह गुस्से से रात्रि और भावेश दोनो को ही देख रहा था | वह उसकी बीवी थी तो उसके दादू उसे इस तरह गले क्यों लगा रहे है ? वह उन्हे घूरते हुए अपने मन में बोला ,""_ यह मेरी है या इनकी...? "     सर्वाक्ष जल्दी से रात्रि को अपने तरफ खींचते हुए गुस्से से बोला ,""_ मेरे अलावा किसी के करीब जाने की जरूरत नही ,समझी ? "    भावेश की बाहें तन गए | वही रात्रि घूरते हुए बोली,""_ आप दादू से जल रहे है ? "    सर्वाक्ष का जबड़ा कस गया लेकिन उसने उसे कोई जवाब नही दिया | शादी में कोई मेहमान नही आए थे बस दादू,दादी, सर्वाक्ष के दो दोस्त और उसके बॉडीगार्ड्स |    रात का वक्त......,  वेडिंग रूम.....,    रुक्मणि रात्रि को रूम तक छोड़ने आई थी | रूम में सर्वाक्ष नही था | यह देख रूखमणी बोली,""_ तुम अंदर जाओ मैं अक्ष को भेज देती हु | "    रात्रि ने कुछ नही कहा लेकिन हा उसके गाल और कान लाल हो गए थे | वह जल्दी से अन्दर जा कर पूरे रूम को देखने लगी | आज उनका सुहागरत था तो रूम को बिलकुल रोमांटिक तरीके से कैंडल और रोज के पेटल्स से सजाया गया था |     रात्रि जा कर बेड के बीचों बीच बड़े ही ब्राइडल स्टाइल में जा कर बैठ गई लेकिन बहुत देर भीतने के बाद भी सर्वाक्ष रूम में आया ही नही | रात्रि बैठे बैठे बोर होने लगी और उसे हेवी लहंगे में नींद भी नहीं आ रहा था | तो वह उठ कर रूम से बाहर चली गई |         भावेश अपने रूम में थे | तो वही हाल में ध्रुव और रवीश बैठ कर ड्रिंक्स कर रहे थे |वह शादी का खुशी मनाते हुए ड्रिंक नही कर रहे थे बल्कि दुखी हो कर सर्वाक्ष के लिए बुरा फील करते हुए पी रहे थे | उन लोगो को रात्रि बिलकुल पसंद नही थी और वह लोग चाहते भी नही थे की उसकी शादी सर्वक्ष से हो...? लेकिन सर्वाक्ष के आगे किसी का कहा चलने वाला था ?  वह वही करता जो वह करना चाहता था |       रूम से बाहर निकली रात्रि सर्वाक्ष को ढूंढते हुए बाहर आई थी | और उसकी नज़र रवीश और ध्रुव पर गई,तो वह उनके पास जा कर पूछी,""_ रवीश भाई,अक्ष कहा है ? "       रवीश ने मुड़ कर उसे एक नज़र देखा ,फिर उसे बिना कोई जवाब दिए ही ड्रिंक करने लगा | रात्रि उसे घूरते हुए फिर ध्रुव से पूछी,""_ ध्रुव भाई ,आप बताओ न अक्ष कहा है ? "       ध्रुव भी उसे कोई जवाब नही दिया | यह देख रात्रि को गुस्सा आ गया | वह चिल्लाते हुए बोली,""_ मैं आपसे कुछ पूछ रही हू ,अक्ष कहा है ? "    रवीश ग्लास को काफी टेबल पर फटक कर गुस्से से बोला ,""_ तुमसे शादी कर मेरा दोस्त को पश्चताव हो रहा होगा इसीलिए कही चला गया होगा,तुम ही सोचो सुहागरात के दिन पति अपने रूम में ना आ कर कही और गया है मतलब क्या होता है ? उसे तुम पसंद नही हो that's it | "  रात्रि की आइब्रोज सिकुड़ गए | तभी ध्रुव बोला ,""_ रवीश बिलकुल सही कह रहा है ,तुम अक्ष के लायक ही नहीं हो अगर वह आज नही गया तो एक दिन तुम्हे छोड़ कर पक्का जाएगा ही, क्यों की हम अपने दोस्त को अच्छे से जानते है | "   रात्रि को पता नही क्यों उनकी बाते चुब गए | अपने पिछले जन्म में वह सर्वाक्ष को तलाक दे कर चली गई थी अगर इस जन्म में सर्वाक्ष ऐसा उसके साथ किया तो ? क्या वह यह बर्दाश्त कर पाएगी ? उसके आंखे नम हो गए |   वही रवीश और ध्रुव उसे ही गुस्से से घूर रहे थे | वह फिर से रात्रि को कुछ कहते तभी उन्हे रुक्मणि की गुस्सैल आवाज सुनाई दी ,""_ तुम दोनो बकवास बंद करोगे या जान से जाओगे ? "    रवीश और ध्रुव रूखमणी की तरफ देखने लगे | सर्वाक्ष को ढूंढते हुए रुक्मणि उसके स्टडी रूम गई हुई थी लेकिन सर्वाक्ष वहा भी नही था | वह उसे ढूंढते हुए नीचे आई थी लेकिन रवीश और ध्रुव की बात सुन उसे बहुत गुस्सा आ गया था | दादी की बात सुन वह दोनो बिना कुछ कहे अपने अपने रूम चले गए |    वही रात्रि मुड़ कर रुक्मणि को देख रही थी | वह उसके पास जा कर पूछी,""_ दादी ,अक्ष कहा है ? "   रुक्मणि उसके गाल को थपथपाते हुए बोली,""_ तुम जा कर रेस्ट करो , मै पता करती हु...| "  " नही दादी मैं यही हू आप पता करिए ना ? " रात्रि ने जिद्द करते हुए कहा |     रुक्मणि अपना फोन निकाला कर अक्ष को कॉल की | कॉल रिंग तो हो रहा था लेकिन उधर से सर्वाक्ष ने कॉल पिक नही किया | दादी को सर्वाक्ष पर बहुत गुस्सा आ रहा था | तभी उसके फोन में कुछ नोटिफिकेशन का साउंड बजा ,उसने फोन चेक किया |        क्या होगा आगे इस कहानी में जानने के लिए पढ़ते रहिए,                    Â

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