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Chapter 22

chapter 22

Love With My Beast Husband

 अब आगे.....    " रात्रि.....रात्रि आंखे खोलो बच्चा...रात्रि...रात्रि एक बार मेरे ओर देखो ना ? रात्रि ...? " सर्वाक्ष रात्रि को अपने सीने से लगा कर उसके गाल थपथपाते हुए बहुत ही बेचैनी से उसे जगाने की कोशिश करा लेकिन रात्रि अब तक बेहोश हो गई थी |     सर्वाक्ष फिर जल्दी से ध्रुव को आवाज लगाया,""_ ध्रुव.......| "   ध्रुव अपने रूम से बाहर ही आ रहा था, लेकिन जैसे ही उसे सर्वाक्ष का बेचैन भरा आवाज सुनाई दिया, वह जल्दी से नीचे आने को हुआ लेकिन रात्रि का हालत देख कर उसकी सांस ही अटक गए, वह हैरानी से भागते हुए उसके पास आया,""_ भाभी.....अक्ष ..,भाभी को क्या हुआ ? "  ध्रुव हड़बड़ाते हुए रात्रि को चेक करने को हुआ | रात्रि की सर से बहुत खून बह गया था | यह देख वह बोला,""_ अक्ष जल्दी से चलो इन्हे हॉस्पिटल ले जाना होगा..| "   सर्वाक्ष की मानो सांस ही अटक गए थे | वह अपने जगह में ऐसा जम गया था जैसे उसमे जान ही ना हो,वह जल्दी से होश में आ कर रात्रि को गोद में उठा कर बाहर भाग गया |    करीब आधा घंटे बाद सर्वाक्ष का कार आ कर हॉस्पिटल के सामने रुका | सर्वाक्ष जल्दी से रात्रि को ले कर हॉस्पिटल के अंदर भागा उसके पीछे ही ध्रुव भी था | रविश को पहले से ही मीना ने कॉल कर इन्फॉर्म कर दिया था की हॉस्पिटल में स्टॉफ का इंतजाम करे वैसे ध्रुव के रहते हुए उन्हे इसकी जरूरत नही थी लेकिन वह फिर भी कोई रिस्क नहीं लेना चाहते थे |      सर्वाक्ष रात्रि को ले कर सीधे आईसीयू रूम में गया और रात्रि को एक दम किसी गुड़िया के तरह स्ट्रेचर बेड में लेटाया | रात्रि का चेहरा और पूरा शरीर खून से लथपथ था और वह इस वक्त बिना जान की लग रही थी |     उसे ऐसे देख सर्वाक्ष का दिल मानो धड़कना ही भूल गया हो | वह नम आंखों से रात्रि को देख रहा था | तभी ध्रुव उसके कंधे पर हाथ रख कर थपथपाते हुए बोला ,""_ चिंता मत करो अक्ष.... मैं भाभी को बचा लूंगा | "      सर्वाक्ष अंदर ही अंदर पूरी तरह टूट गया था | ध्रुव ने उसे आईसीयू रूम से बाहर भेजा और जल्दी से रात्रि का इलाज़ स्टार्ट किया | रवीश बाहर ही खड़ा था | वह जल्दी से सर्वाक्ष के पास जाते हुए कहा,""_ अक्ष....भाभी के साथ ऐसा कैसे हो गया ? वह अचानक कैसे गिर गई ? "    सर्वाक्ष एक दम खामोश सा हो गया था | वह रवीश की किसी बात का जवाब देने के हालत में ही लग रहा था | रात्रि का हालत देख सर्वाक्ष को ऐसा लगने लगा था की आज उसकी दुनिया ही तबाह हो गई है | अगर उसे कुछ हुआ तो उसका क्या होगा ? वह जी पाएगा उसके बगैर ?    सर्वाक्ष को पहली बार रवीश इतना कमज़ोर होते हुए देख रहा था | जो हमेशा एक पत्थर दिल इंसान कहलाता था वह आज किसी बच्चे की तरह किसी के लिए तड़पते हुए रो रहा था | सर्वाक्ष की नजर सिर्फ आईसीयू रूम के तरफ था लेकिन अब तक उसके आंखो से ना जाने कितने ही आंसू बह गए थे |    रवीश को उसका हालत देखा नही जा रहा था | वह उसके गले लगते हुए बोला ,""_भाई चिंता मत करो वो ठीक हो जाएगी |    रवीश को अक्ष का हालत देख जितना तकलीफ़ हो रहा था उतना ही वह रात्रि के लिए बहुत चिंतित था और वह अंदर ही अंदर बुरी तरह रो भी रहा था , क्यों की इन दिनों रात्रि के साथ उसका अच्छी बॉन्डिंग हो गई थी |       6 घंटे की इलाज के बाद..., आईसीयू रूम का लाइट ऑफ हुआ और थके हुए चेहरे के साथ ध्रुव बाहर आया | सर्वाक्ष एक सेकंड के लिए भी वहा से हिला नही था | वह घबराकर जल्दी से ध्रुव से रात्रि के बारे में पूछा ,""_ वह .......वह कैसी है ध्रुव ? "    ध्रुव उसके कंधा थपथपाते हुए कहा ,""_ चिंता मत करो अक्ष, भाभी अब खतरे से बाहर है,लेकिन वह अभी कोमा में है | " " क्या...? " सर्वाक्ष हैरानी से ध्रुव से पूछा ,तो ध्रुव बोला,""_ सर पर बहुत ही गहरा चोट लगी है अक्ष.. टेंपरेरी कोमा है,कुछ देर बाद भाभी जाग जायेगी या फिर सुबह तक होश आ जाएगा | " सर्वाक्ष एक नजर बाहर से ही रात्रि को देखा फिर से ध्रुव से पूछा ,""_ और कोई बात नही है न ध्रुव ? "   ध्रुव ने कहा ,""_ सीढ़ियों से गिरने की वजह से उनका दाहिना हाथ फ्रैक्चर हो गया है और एक पैर भी जख्मी हो गया हैं अक्ष ,उन्हे रिकवर करने थोड़ा वक्त तो लग सकता है | " सर्वाक्ष ने फिर पूछा ,""_ थोड़ा वक्त मतलब कब तक ध्रुव ....? कब तक वह पूरी तरह ठीक होगी,मुझे उसे ठीक देखना है मतलब देखना है ध्रुव | "  सर्वाक्ष का आवाज़ हद से ज्यादा डगमगा रही थी,वह रात्रि को इस तरह जख्मी हालत में देख ही नहीं पा रहा था | वही ध्रुव बोला ,""_कम से कम दो या तीन मंथ,it depends on her body's healing ability अक्ष.... don't worry वह इससे जल्दी भी ठीक हो सकती है,take good care her .....| "     रवीश भी दूर से ही रात्रि को देखते हुए अपने मन में बोला,""_भगवान का शुक्र है ,भाभी ठीक है | " रवीश फिर सर्वाक्ष का गले लगाते हुए बोला,""_ अक्ष...,अब शांत हो जाओ भाभी बिलकुल ठीक है | "   सर्वाक्ष अपना सर हिलाते हुए कहा ,""_हम्म्म.....और मैं उसे फिर कभी हर्ट नहीं होने दूँगा रवीश..,वह मेरी जान है मेरी जीने की वजह है ..... ,मैं उसका अब अच्छे से ख्याल रखूंगा | "    यह सब बोलते हुए सर्वाक्ष हल्के से कांप रहा था | बस रात्रि को खोने का डर उसे पल भर में ही इतना कमज़ोर कर दिया था की वह ठीक से सांस भी नही ले रहा था या यू कहे की उसके बगैर उसे सांस लेना भी गवार नही था |     रवीश सर्वाक्ष से अलग हो कर उसके कंधा थपथपाते हुए कहा,""_ लेकिन भाभी गिरी कैसे अक्ष ? "  सर्वाक्ष ने कहा ,""_मुझें नहीं पता रवीश...., मैं एयरपोर्ट के लिए निकल रहा था ,मैने घर से बाहर कदम भी नही रखा था,तभी मुझे रात्रि की चिक सुनाई दी तो मैंने मुड़ कर देखा तो वह सीढ़ियों से नीचे गिर चुकी थी और देखते ही देखते बेहोश भी हो गई थी | "    रवीश कुछ सोचते हुए कहा ,""_ mmm हमे मीना से पूछना चाहिए... उसे इसके बारे में पता होगा ..,अभी तुम ...? "  रवीश अभी अपनी बात पूरा भी करता उससे पहले ही वहा एक बूढ़े आदमी की घबराहट से भरी हुई आवाज सुनाई दी,""_ मेरी पोता बहु कहा है अक्ष ? वह कैसी है ठीक तो है ना ? "   सर्वाक्ष और रवीश मुड़ कर देखे सामने भावेश खड़ा था जो ज्यादा ही पैनिक नजर आ रहे थे | रवीश उनके पास जाते हुए जल्दी से बोला ,""_ दादाजी, भाभी अब ठीक है बस उनका दाहिना हाथ और पैर घायल हो गया है लेकिन वह खतरे से बाहर है | "   सर्वाक्ष भावेश से पूछा ,""_ आपको उसके बारे में कैसे पता चला? और आप यहां क्यों आए ?"    भावेश उसे बेहद गुस्से से घूरा | रात्रि के साथ इतना कुछ हुआ है ? और यह लड़का दर्द में अपने बीवी के लिए तड़प भी रहा है ? लेकिन उन्हे कुछ भी बताना जरूरी नही समझा ? लेकिन यह वक्त उस पर गुस्सा निकालने का नही था | वह बोले ,""_ मैं कंपनी गया था तो वह तुम्हारे असिस्टेंट से पता चला की तुम फ्रांस जाना कैंसल कर रात्रि को ले कर हॉस्पिटल आए हो तो मैं यहा़ आ गया,और भगवान का शुक्र है पोताबहु अब ठीक है | "  अब तक रात होने को आया था | भावेश रात्रि का होश आने तक वही रुकना चाहते थे, लेकिन सर्वाक्ष उन्हे बेरहमी से मना कर दिया क्यों की अगर रूक्मणी को पता चलता तो वह भी भावेश की तरह पैनिक करने लगती | रवीश भावेश को ले कर वहा से निकल गया | वही सर्वाक्ष आईसीयू रूम में गया,रात्रि को अभी तक होश नही आया था, वह उसका होश आने का इंतेजार करते हुए उसके बगल में ही बैठा रहा |      सुबह का वक्त.......         आईसीयू रूम में......,        रात्रि को धीरे धीरे होश आने लगा | सर्वाक्ष बिना अपने पलके झपकाए रात से उसके बगल ही बैठा था | रात्रि को होश में आता देख वह हल्के से उसके हथेली को पकड़ा |    रात्रि ने अपने आंखे खोला तो उसकी नजर सर्वाक्ष की थकी हुई आंखो से जा मिली | सर्वाक्ष को अपने पास सही सलामत देख उस लड़की की दर्द भरे चेहरे पर भी हल्की सी मगर सुकून भरा मुस्कान बिखर गया |   वह कसके सर्वाक्ष का हाथ पकड़ कर उसके उंगलियों में अपने उंगलियां फसाते हुए अपने मन में बोली,""_ भगवान का शुक्र है सर्वाक्ष फ्रांस गए नही ...|    रात्रि धीरे से हिलने को हुई की तभी उसके मुंह से दर्द भरा चिक निकला ,""_ अअह्ह्ह्ह्ह.....| "      दर्द से उस लड़की की आंखे भींच गए थे | वही सर्वाक्ष बिना भाव के एक टक उसे ही देख रहा था | तभी रात्रि धीरे से अपने आंखे खोल कर उससे बोली,""_ it's so painful aksh 😖😖 ....| "     रात्रि की आंखे आंसुओ से भर गए थे | वही सर्वाक्ष अभी भी खामोश बैठा था | वह रात्रि की चेहरे के बेहद करीब झुक कर बेहद ठंडेपन से बोला,""_ So you know it's painful...? लेकिन फिर भी तुमने सीढ़ियों से नीचे गिरने की हिम्मत की right bivi ? "     सर्वाक्ष को इतना ठंडेपन से बात करता देख डर से रात्रि का रोम रोम कांप उठा | उसका तंज भरी सवाल सुन कर वह हक्की बिक्की रह गई |      वह हकलाते हुए धीरे से बोली,""_ सर्वाक्ष....आ आप...? "    " Just shut up Ratri....." गुस्से से चिल्लाते हुए सर्वाक्ष उससे अलग हो गया |    रात्रि एक दम से सेहम गई | उसका गुस्सा देख उसकी आंखो से अब आंसू भी बहने लगे थे | वही सर्वाक्ष गुस्से से चिल्लाते हुए ही कहा ,""_ तू....तुम्हे पता भी है तुम्हे इस हालत में देख कर मुझे कितना तकलीफ़ हो रहा है ? मैं कल रात से तुम्हे होश में देखने के लिए कितना तड़प उठा हू तुम्हे अंदाज भी है ? "  रात्रि रोते हुए बस सर्वाक्ष को देख रही थी | तभी सर्वाक्ष गुस्से से आगे बोला ,""_ अगर इस हादसे मैं तुम्हे कुछ होता तो मेरा क्या होता बीवी..? कभी सोचा भी है मेरे बारे में ? मैं जिऊ या मरू तुम्हे मेरी परवाह ही कहा है बीवी ? तुम बस मुझे तंग करना और तड़पाना जानती हो | "     रात्रि रोते हुए अपना सर ना में हिलाते हुए बोली,""_ सर्वाक्ष....ऐसी बात नही है ...., मै आपको बस जाने से रोकना चाहती थी और तभी गलती से मेरा पैर स्लिप हो गया तो मैं गिर गई | "    सर्वाक्ष बेहद ठंडेपन से थोड़ी देर रात्रि की आंखो में देखा,फिर बेहद सर्द आवाज में मगर धीरे से पूछा ,""_ ohh really bivi..? तुम्हारा पैर गलती से स्लिप हो गया था ? "   सर्वाक्ष को इस तरह सर्द आवाज में सवाल करता देख रात्रि अपने मन में बोली,""_ कही अक्ष को पता तो नही चला की मैं जानबुझ कर सीढियों से गिरी थी ? "   रात्रि डरते हुए सर्वाक्ष की ओर देखने लगी | तभी सर्वाक्ष अपने जेब से फोन निकाल कर उसे एक वीडियो दिखाया | वीडियो देखते ही रात्रि ने डर से अपना सर झुका लिया | सर्वाक्ष ने उसे घर की सीसीटीवी फुटेज दिखाया था जिसमे साफ साफ नज़र आ रहा था की रात्रि खुद गिरी थी ना उसकी पैर स्लिप हुआ था और नाही किसी की वहा गलती थी |    सर्वाक्ष गुस्से से अपना फोन नीचे फेंक कर उस पर चिल्लाते हुए फिर कहा ,""_ तुम्हे क्या लगा बीवी ? मुझे बेवकूफ बनाना इतना आसान है ?तुमने सोचा भी कैसे की मैं तुम्हारी झूठी बातो पर विश्वास करूंगा ? हम्मम ?  "   रात्रि रोते हुए बस उसकी डांट सुन रही थी | तभी सर्वाक्ष उसके टुडी पकड़ कर उसके चेहरे को ऊपर उठाया ,फिर गुस्से से एक एक बात भी चबाते हुए बोला ,""_ तुम अचानक से कैसे नीचे गिरी यह जानने के लिए मैंने रवीश को, मीना से पूछने को कहा था लेकिन मीना को तुम्हारी खुरापात दिखा नही था तो उसने कहा की उसे नही पता तुम कैसे गिरी,तब रवीश ने सीसीटीवी फुटेज चेक किया और मुझे यह फुटेज भेजा | "  रात्रि की आंखो से आंसू बहने लगे थे | उसने कोई गलत इंटेंशन लिए अपने साथ यह सब नही किया था | वह रूंधली सी मगर दबी हुई आवाज में बोली,""_ sorry .., मैं बस आपको जाने से रोकना चाहती थी अक्ष, इसके अलावा मैने किसी भी चीज़ के बारे में नही सोचा,यह भी नही की मुझे ऐसे जख्मी हालत में देख आप कितना तड़पेंगे..., मैं दुबारा ऐसा कुछ नही करूंगी अक्ष....i i promise....| "       सर्वाक्ष उससे दूर जा कर खड़ा हो गया | वह इस वक्त अपने गुस्से को किस हद तक अंदर ही अंदर दबा रहा था यह वही जानता था | उसे ना सिर्फ रात्रि पर गुस्सा आ रहा था बल्कि उसे अपने ऊपर ही गुस्सा आ रहा था ,काश वह उसकी बात मानता तो यह लड़की इस तरह की कदम ही नहीं उठाती |     रात्रि धीरे से करहाते हुए उठ कर बैठ गई | फिर वह सर्वाक्ष का हाथ पकड़ते हुए बोली,""_ अक्ष..,please मुझ पर गुस्सा मत करिए मुझे पहले से ही बहुत दर्द हो रही है | "   सर्वाक्ष कसके अपने आंखे बंद कर एक गहरी सांस लिया,फिर उससे अपना हाथ छुड़वा कर उसके बगल में ही बैठ गया | रात्रि रोते हुए उसे देखी,फिर उसके सीने में अपना सर टिका कर बैठ गई |     थोड़ी देर बाद रात्रि अपना सर ऊपर कर सर्वाक्ष को देखी, सर्वाक्ष एक दम से खामोश हो गया था | वही रात्रि धीरे से बोली,""_ मुझे भूख लग रही है | "  सर्वाक्ष बिना कुछ कहे उससे अलग हो कर उसे आराम से लेटाया ,फिर वार्ड से बाहर जाने को हुआ की तभी आईसीयू वार्ड का डोर खुला,सर्वाक्ष रुक कर सामने देखा |     रवीश सर्वाक्ष और रात्रि के लिए घर से ही नाश्ता ले कर आया था | रवीश ने एक नजर नाराजगी से रात्रि को देखा,फिर सर्वाक्ष के हाथ में टिफिन बॉक्स दे कर बाहर चला गया |    रात्रि ने अपना सर झुका कर अपने हाथो को आपस में ही उलझा कर रब कर रही थी, सर्वाक्ष का गुस्से से चिल्लाना ,रवीश का नाराज़गी से बिना बात किए ऐसे चले जाना उसे बहुत हर्ट कर रहा था |    वही सर्वाक्ष उसके लिए एक छोटू सा बाउल में दलिया सर्व कर रात्रि के करीब जा कर बैठा ,रात्रि ने धीरे से अपना सर उठा कर सर्वाक्ष को देखी, सर्वाक्ष एक स्पून में दलिया ले कर उसे हल्के हल्के से फूंकते हुए उसे हल्का ठंडा किया,फिर स्पून को रात्रि के मुंह के पास ले गया | रात्रि उसे ही देख रही थी ,वह फिर अपना मुंह खोली ,तो सर्वाक्ष ने उसे खिलाने लगा |     रात्रि बस टिमटिमाते हुए सर्वाक्ष को देखने लगी, सर्वाक्ष उसे चुपचाप खिला रहा था | रात्रि पूछी,""_ आपने कुछ खाया ? "  सर्वाक्ष उसे बिना कोई जवाब दिए वैसे ही खिलाते रहा | रात्रि को अब उसकी खामोशी कटकने लगा था,वह बहुत देर से नोटिस कर रही थी ,उसने सर्वाक्ष को गुस्सा करने मना क्या किया वह उससे बात करना ही बंद कर एक दम खामोश हो गया | रात्रि को बहुत रोना आ रहा था लेकिन वह खुद को रोने से रोक रही थी ,क्यों की उसे रोता देख सर्वाक्ष उस पर जरूर गुस्सा करेगा |    सर्वाक्ष उसे पूरा दलिया खिला कर उसे दवाई दिया,रात्रि उसे बेहद मासूमियत से देख रही थी | वह फिर अपना मुंह खोली,तो सर्वाक्ष दवाई भी खुद ही खिला कर पानी पिलाया |  सर्वाक्ष ग्लास को साइड में रख कर उसे सुलाने को हुआ की तभी रात्रि अपना सर ना में हिलाते हुए मना की जैसे कह रही हो की उसे अभी नही सोना | सर्वाक्ष रुक कर उसके पीठ पर थकिया एडजस्ट किया, फिर उसके बगल में ही बैठ गया |     रात्रि अपना सर ऊपर कर उसे एक नजर देखी,फिर उसके गले लगते हुए पूछी,""_अक्ष.... आप नाराज है मुझसे ? "       रात्रि की इस सवाल पर भी सर्वाक्ष ने कोई जवाब नही दिया वह अपना सर उठा कर उसे देखने को हुई की तभी सर्वाक्ष ने उसके सर को फिर से अपने सीने में टिका कर उसे अपने बाहों में भर लिया |     थोड़ी देर में वार्ड का डोर फिर से खुला ,इस बार ध्रुव आया था ताकि रात्रि का चेक अप कर सके |     कैसे मना लेगी रात्रि सर्वाक्ष को ? क्रियाँश कान तक रात्रि के सामने आएगा ? जानने के लिए पढ़ते रहिए      Â

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