Back
/ 81
Chapter 32

chapter 32

Love With My Beast Husband

   अब आगे .....,      ध्रुव का हॉस्पिटल....,     सर्वाक्ष रात्रि पर गुस्से से अभी भी चिल्लाए जा रहा था | रात्रि कितना लापरवाई से रोड क्रॉस कर रही थी उसने अपने आंखो से देखा था | उस वक्त रात्रि का ध्यान रोड पर था ही कहा ? वह तो कोल्ड कॉफी एंजॉय करते हुए रोड पर वॉक कर रही थी |    रावी का कार कितना हाई स्पीड से आ कर उसे टकराने वाली थी यह रात्रि को पता ही नही चला था ,लेकिन सर्वाक्ष ..?  वह नज़ार देख कर सर्वाक्ष की उस वक्त सांसे अटक गए थे | अगर वह एक सेकंड भी आने में देर करता तो आज रात्रि के साथ बहुत कुछ हो सकता था और अगर उसे कुछ होता तो वह भी कहा बचने वाला था ? वह मिटा देता खुद को लेकिन रात्रि के बगैर जीने की हिम्मत नही जुटा सकता था | लेकिन यह बात रात्रि कब समझेगी?     रात्रि अपना सर झुकाए चुपचाप बैठी हुई थी | सर्वाक्ष की डांट सुन रात्रि की आंखों से ना जाने अब तक कितने ही आंसू बह गए थे |      वही वीआईपी वार्ड के बाहर ही ध्रुव और रवीश सर्वाक्ष का शांत होने का इंतजार कर रहे थे ,लेकिन सर्वाक्ष का गुस्सा और चिल्लाना रात्रि पर बढ़ता ही जा रहा था |     ध्रुव ने अपने बालो में उंगलियां फिराते हुए कहा ,""_ अक्ष...इस तरह भाभी पर चिल्ला कैसे रहा है ? भाभी की सर पर गहरी चोट आई है अगर उन्होंने स्ट्रेस ले लिया तो उनकी तबियत पर असर पड़ने लगेगा | "    तभी रवीश ने कहा ,""_ भाभी का आज बुरी तरह एक्सीडेंट होने वाला था ध्रुव ..,बस वह बाल बाल बची है आज ,और उस वक्त सर्वाक्ष बहुत ही डर गया था, इतना की उसका पूरा शरीर कांप उठा था और वह लड़खड़ाते हुए जा कर रात्रि भाभी को कैसे बचा लिया उसे ही पता है | "   रवीश और ध्रुव बाहर से ही सर्वाक्ष और रात्रि को देख रहे थे | रात्रि रो रही थी लेकिन अब सर्वाक्ष गुस्से से जा कर सोफे पर बैठ गया था |     थोड़ी देर बाद ध्रुव वार्ड के अंदर जा कर एक नजर सर्वाक्ष को देखा ,फिर जा कर रात्रि से कहा ,""_ आप थोड़ा लेट जाइए ....| "    रात्रि ने बिना कुछ कहे लेट गई,लेकिन उसके आंखो के कोने से आंसू बहने लगे थे | सर्वाक्ष बैठे बैठे ही रात्रि का रूवास सा चेहरा देख रहा था | उसकी आंखों से जैसे जैसे आंसू बहने लगे थे वैसे वैसे सर्वाक्ष का दिल रो पड़ा था |     वह उठ कर रात्रि के पास जाते हुए ध्रुव से पूछा,""_ सब ठीक है ना ध्रुव..? "   ध्रुव अपना सर हिलाते हुए उसके करीब गया,फिर उसका कंधा थपथपाते हुए कहा ,""_ वह रो रही है अक्ष...,वह जितना स्ट्रेस लेगी उतना घाव गहरा होता जाएगा  please calm her | "    ध्रुव बाहर चला गया | वही सर्वाक्ष एक गहरी सांस लेते हुए रात्रि के करीब जा कर बैठ गया | उसके करीब आते ही रात्रि का रोना तेज हो गया | वह रोते हुए बोली,""_ अ....अक्ष.....मेरे साथ...... मैं अक्ष.... मैं जानबूझ कर .....? "    रात्रि हिचकी लेते हुए बोलने की कोशिश कर रही थी लेकिन उसे इतना रोना आ रहा था की उससे ठीक से एक सेंटेंस भी बोला नही जा रहा था |    " शशश्श....,तुम पहले शांत हो जाओ " सर्वाक्ष उसे अपने गले से लगा कर उसका पीठ रब करते हुए कहा | रात्रि उसके शर्ट को कसके पकड़ कर बस रोए जा रही थी |    थोड़ी देर बाद भी रात्रि का रोना तेज होता देख सर्वाक्ष ने हल्के गुस्से से कहा,""_ चुप हो जाओ बीवी...,वरना मैं तुम्हे घर नहीं ले जाऊंगा | "    रात्रि अपना सर ऊपर कर उसे सिसकते हुए देखने लगी | सर्वाक्ष उसके चेहरे को अपने हाथो में भरते उससे पहले ही रात्रि उसके दोनो हाथो को झटका कर बोली,""_ जाइए आप यहां से ....इतना डांटते है की मरने का मन कर जाता है और मनाते भी ऐसे की जैसे एहसान कर रहे है ? जाइए मैं खुद नही आऊंगी आपके घर...| "    रात्रि बोलते हुए उसके तरफ पीठ कर लेट गई | सर्वाक्ष बिना भाव के रात्रि को देख रहा था उसे रात्रि की बात बिल्कुल अच्छा नही लगा था | वह गहरी सांस लेते हुए पहले खुद को शांत करा ,वह अंदर ही अंदर किस हद तक बेचैन था, उसे ही पता था |     तभी वार्ड का डोर खुला ,रात्रि और सर्वाक्ष ने सामने देखा ,रवीश ही इस वक्त अंदर आया था वह बोला ,""_ डिस्चार्ज की सारे फॉर्मेलिटी पूरा कर दिया है मैने..,चलो घर चलते है | "   रवीश इतना बोल कर बाहर जाने को हुआ ,की तभी रात्रि उसे रोकते हुए बोली,""_ रवीश भाई...,मेरा कोई घर नहीं है ,वह हॉस्टल ही मेरा घर है आप मुझे वही ड्रॉप कर दीजिए | "    रात्रि बेड से नीचे उतरने लगी,वही रवीश उसकी बात सुन एक नजर अक्ष को देखा फिर अपना सर लाचारी में हिलाते हुए बाहर चला गया |    वही सर्वाक्ष उठ कर रात्रि को अपने गोद में उठाया, वह उसे ले कर वार्ड से बाहर जाने को हुआ तो रात्रि छटपटाते हुए बोली,""_ अक्ष ....आ....| "     सर्वाक्ष उसे बेहद वार्न भरा लुक देते हुए गुस्से से कहा ,""_ shut up bivi.....| "     रात्रि सेहम कर चुप हो गई लेकिन उसका चेहरा किसी गुब्बारे की तरह फूल गया था |     वही दूसरी तरफ.....,  क्रियाँश का मेंशन...,     क्रियाँश गुस्से से रावी को घूर रहा था जिसे इस वक्त उसके सामने ही चेयर पर बांध कर बैठाया गया था |     रावी हैरानी से सबको देखते हुए अपने आपको छोड़ने कह रही थी ,उसे समझ ही नही आया था की यह लोग कोन है ? उसे किडनैप कर यहां क्यों लाए है ?   क्रियाँश के आदमीय उसके साथ बहुत ही बेरहमी से बर्ताव कर रहे थे | वह रोते हुए बोली,""_ कोन है आप लोग ? मुझे किडनैप कर यहां क्यों लाए ? "      रावी को देख कर क्रियाँश का जबड़ा कस गया था | क्रियांश को अपने spy से पता चला था की रावी ने आज रात्रि पर हमला करने की कोशिश की है , अगर रात्रि को आज कुछ हो जाता तो उसका रश्य से यहां आना बिलकुल खाली जाने वाला था |     वह रात्रि को पागलों की तरह चाह रहा था और यह लड़की रावी उसकी जान लेने में तुली है ?   क्रियाँश गुस्से से उठ कर रावी के करीब जा कर बेहद सर्द आवाज में उससे पूछा ,""_ तुम रात्रि की दोस्त हो कर उसे ही मारना चाह रही हो ? "   क्रियाँश के मुंह से रात्रि की जिक्र सुन रावी की eyebrows जुड़ गए थे | वह हैरानी से क्रियांंश को देखने लगी ,उसे बिलकुल समझ नही आता था की क्रियांश कोन है ? रात्रि के बारे में क्यों पूछ रहा है ? रात्रि तो अनाथ है ? फिर यह कोन है जो रात्रि के बारे में जानना चाह रहा है ?      रावी बोली,""_ आप कोन है ? और वह लड़की मेरी कोई दोस्त नहीं है वह मेरी दुश्मन है और मैं उसे बरबाद कर उस सर्वाक्ष खुराना के करीब जाना चाहती हू ,मिसेज सर्वाक्ष खुराना बनना चाहती हू | "   पास में ही खड़े उदय हैरानी से कभी क्रियाँश को देख रहा था कभी रावी को ...,वही क्रियाँश के चेहरे पर कोई एक्सप्रेशन नही था लेकिन अचानक से उसके चेहरे पर शैतानी हंसी आ गई |          दूसरी तरफ....       खुराना मेंशन.....,   सर्वाक्ष रात्रि को ले कर अपने रूम में आया | ज्यादा रोने की वजह से और दवाई की असर से रात्रि थक कर उसके गोद में ,रास्ते में ही सो गई थी |  सर्वाक्ष रात्रि को आराम से बेड पर सुलाया,फिर उसका पिला पड़ा हुआ चेहरा निहारते हुए उसके बगल में ही बैठा रहा |      करीब डेढ़ घंटे बाद रात्रि की नींद खुली,वह धीरे से कसमसाते हुए अपने आंखे खोली तो उसकी नज़रे सर्वाक्ष की बेजान सी नजरो से जा मिली | सर्वाक्ष उसके मुलायम सी गालों को सहलाते हुए उसे ही देख रहा था |      रात्रि उससे अभी भी नाराज थी | वह उसके हाथ को झटका कर उससे मुंह फेर कर लेट गई | वही सर्वाक्ष चुपचाप उसे अभी भी बिना भाव के देख रहा था | वह धीरे से रात्रि की बेहद करीब झुक कर उसके गर्दन में अपना चेहरा छुपाते हुए उसका नाम बेहद husky voice में लिया ,""_ रात्रि....!!"    रात्रि गुस्से से उसके चेहरे को भी खुद से दूर करते हुए बोली,""_ आ आप मुझसे बात मत करिए अक्ष.....आपने मुझे आज कितना डांटा ? यह भी नही देखा की मैं बीमार हूं | "      रात्रि इस बात पर सर्वाक्ष ने कुछ नही कहा ,वह उसके बगल में ही लेट कर एक टक सीलिंग को घुटने लगा | सर्वाक्ष को इस तरह खामोश होते हुए रात्रि ने थोड़ी देर देखा ,फिर उठ कर सीधे उसके गर्दन में अपना चेहरा छुपाते हुए रुंधली सी आवाज में बोली,""_ I am sorry'....I am really really Aksh....., मुझे पता है भले ही चोट मुझे लगी है लेकिन दर्द आपको हो रहा है ,आपको क्या लगा आपके गुस्से के पीछे छुपी हुई मुझे खोने का डर और बेचैनी मुझे पता नही चलेगा? आप भूल रहे है अक्ष, आपसे मैं भी प्यार करती हु आपको तकलीफ में देख मुझे भी तकलीफ होती है | "      सर्वाक्ष रात्रि को अपने बाहों में भरते हुए धीरे से पलटा जिससे रात्रि उसके और बेड के बीच में आ गई | उसकी आंखे नम हो गए थे | सर्वाक्ष उसके गाल को सहलाते हुए बेहद धीमी आवाज में कहा ,""_ don't cry bivi....| "   रात्रि उसके चेहरे को अपने हाथो में भर कर अपने होंठो के करीब लाई फिर पूरे चेहरे पर अपने होंठो को बहुत ही बेचैनी से घूमाने लगी | लेकिन सर्वाक्ष के आंखे सुकून से बंद हो गए थे |       रात्रि की होंठ इस वक्त सर्वाक्ष के होंठो के आस पास घूमने लगे थे | वही सर्वाक्ष धीरे से अपने आंखे खोल कर रात्रि को देखा फिर उसके होंठो को अपने मुंह में भर लिया | रात्रि धीरे से अपने दोनो हाथो को सर्वाक्ष के सीने में सरकाते हुए उसके गर्दन तक ले गई |    सर्वाक्ष उसे बेहद सॉफ्ट और प्यार से चूमे जा रहा था | थोड़ी ही देर में रात्रि की सांसे फूलने लगे तो सर्वाक्ष उसके होंठो को रिहा कर उसके गालों को भारी भारी से चूमने लगा ,रात्रि अब हल्के से आहे भरते हुए सर्वाक्ष के बालो मे हाथ फिराते हुए उसके किस को फील कर रही थी |        वही सर्वाक्ष धीरे से अपने हाथ को उसके ड्रेस के अंदर घुमाते हुए उसके टुडी पर किस करते हुए रात्रि की गर्दन को बेहद मदहोशी से चूमने लगा |      Mmmm umm...| रात्रि अपने निचले होंठ को हल्के से अपने दांतो की बीच दबाते हुए मोन करने लगी थी |     सर्वाक्ष के लंबे लंबे उंगलियां रात्रि की कमर और बेली को बेहद सेंशुअली सहला रहे थे | रात्रि अपने दोनो पैरो को आपसे में ही रब कर रही थी | सर्वाक्ष का हर एक चुवन उसे मचलने पर मजबूर कर रहा था और उसके पेट में तितलियां उड़ने लगे थे |       सर्वाक्ष रात्रि के कंधे से उसका ड्रेस नीचे सरका कर उसे चूमने लगा | रात्रि कभी सर्वाक्ष के गालों को सहलाते हुए आहे भरती तो कभी सर्वाक्ष के बालो में उंगलियां फिराते उसके पीठ तक आ टेहरती |     सर्वाक्ष जो थोड़ी देर पहले उसे हॉस्पिटल में देख कितना छटपटा रहा था वह अब पूरी तरह शांत हो कर सुकून मेहसूस कर रहा था | उसकी बीवी अब उसके मजबूत बाहों में थी और बिलकुल सेफ |      सर्वाक्ष रात्रि की सीने में अपने होंठ घुमा रहा था जिससे रात्रि की मुंह हल्के से ओ शेप में खुल गए थे | वह तेज तेज आहे भर रही थी जिसका उसका सीना ऊपर नीचे होते हुए सर्वाक्ष के होंठो से टकरा रहा था |     वही सर्वाक्ष का हाथ उसके कमर में था तो दूसरा उसके एक सीने में ....,वह बहक कर उससे प्यार नही कर रहा था बल्कि उसे अपने आगोश में भरते हुए खुद के दिल में उठी तूफान को शांत कर रहा था |    थोड़ी देर बाद सर्वाक्ष रुक कर रात्रि को देखा ,रात्रि की गाल और कान दोनो ही लाल हो गए थे वह गहरी सांस लेते हुए उसे ही देख रही थी | सर्वाक्ष उसे थीकी नजरो से घूरते हुए बोला ,""_ बीवी.....,तुमने बताया नही की तुम हॉस्पिटल क्यों गई थी | "    रात्रि थोड़ी देर चुप रही,फिर उससे टेढ़ी जवाब देते हुए बोली,""_ मैं आपको बताऊंगी नही | "   सर्वाक्ष की आंखे छोटी हो गई | वह फिर रात्रि के गाल पर हाथ रख कर धीरे से बोला ,""_ बीवी ....., मैं सुबह से इसी बात पर परिशान हु,जब रवीश ने कहा की तुम हॉस्पिटल गई है तो मेरी तो जान ही निकल गई थी,बताओ तुम क्यों गई थी ? तुम्हारी तबियत ठीक है ना ? मुझसे कुछ छुपा तो नही रही हो ना ? "   सर्वाक्ष का आवाज और उसके चेहरे के हाव भाव उसके बेचैनी को बयां कर रही थी | रात्रि बोली,""_ परिशानी वाली कोई बात नही है अक्ष..., मैं तो इसीलिए गई थी की मुझे वह किट चाहिए था | "     सर्वाक्ष की आइब्रोज सिकुड़ गए | वह सवालिया निगाओ से उसे देख पूछा ,""_ किट..? किस चीज का किट बीवी...? "   रात्रि उससे नजरे हटा कर इधर उधर देखते हुए बोली,""_ वह मैं आपको बताना नही चाहती | "  सर्वाक्ष उसके चेहरे को पकड़ कर अपने तरफ घुमाया,फिर उसे देख पूछा,""_ क्या हुआ है तुम्हे ? क्या छुपा रही हो मुझसे ? "       सर्वाक्ष को इस तरह जानने के लिए जिद्द करता देख रात्रि चिड़ते हुए बोली,"" ओह ओह अक्ष..,आप भी ना कितने जिद्दी है ? "    सर्वाक्ष की बाहें तन गए | एक तो यह लड़की उसे कुछ बता नही रही है और ऊपर से कह रही है की वह जिद्दी है ?      रात्रि अपने पेट पर हाथ रखते हुए बोली,""_अक्ष...,कुछ दिन से मेरे डेट स्किप हो रहा है इसीलिए मैं प्रेगा किट लेने गई थी ताकि मैं चेक कर सकू की मैं प्रेगनेंट तो नही हूं ? "     सर्वाक्ष को अब समझ आ गया की उसकी लिटिल इडियट वाइफ हॉस्पिटल क्यों गई थी ? वह उसके पेट को सहलाते हुए कहा ,""_ मुझसे कह देती मैं ला देता तुम्हे ..? वहा जा कर बेवकूफो की तरह इतना चोट लगा आई | "   रात्रि का मुंह बन गया | वह गुस्से से बोली,""_ आप डांटते बहुत है ....| "  और तुम....? " सर्वाक्ष बोलते बोलते रुक गया,क्यों की उसकी बीवी का मुंह हद से ज्यादा फूला था | वह चुप हो गया कही उसकी बीवी फिर से रोने न लग जाए |     सर्वाक्ष उसके माथे पर किस करते हुए कहा ,""_ तुम बुद्धू हो but....I love you....| "     रात्रि की चेहरे पर प्यारी सी मुस्कान बिखर गया था | वह उसके गले लग गई | सर्वाक्ष झुक कर उसके माथे पर किस करा फिर उससे अलग होते हुए कहा,""_ तुम रेस्ट करो ...., मैं तुम्हारे लिए कुछ लाता हु | "   सर्वाक्ष उससे अलग होने को हुआ लेकिन रात्रि ने उसे रोकते हुए कहा ,""_ नही ...आप कही मत जाइए....|"    बोलते हुए रात्रि ने सर्वाक्ष के दोनो हाथो को अपने कमर में रखा, फिर खुद पूरी तरह सर्वाक्ष से चिपक कर अपना चेहरा उसके गर्दन में घुसाने लगी | उसकी हरकत देख सर्वाक्ष की चेहरे पर स्माइल आ गई |      To be continued......, Guy's maine do chapter diya hai ,please comment kariyega aur me apke comments apne wp channel par share bhi karti hu ,please wp channel join ho jaayiye ga waha update milega.....   Â

Share This Chapter