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Chapter 47

chapter 47

Love With My Beast Husband

अब आगे ......,   खुराना एंटरप्राइजेज......,     रात्रि इस वक्त भावेश और रुकमणी के गले लग कर बिना रुके बस रोए ही जा रही थी l उसका रोना हर पल तेज़ होते जा रहा था l       वही भावेश और रुक्मणि दोनों ही बुरी तरह सामने खड़े सर्वक्ष को घूर कर देख रहे थे l वह दोनो रात्रि की प्रेग्नेंसी की खबर सुन कर भागते भागते सीधे ऑफिस ही आ गए थे l     लेकिन ऑफिस में आते ही रात्रि के मुंह से अक्ष के कारनामे सुन उनका खून खौलने लगा था l उनका पोता अपनी प्रेगनेंट बीवी का यह किस तरह का ख्याल रख रहा है ? उन्हे सर्वाक्ष पर बहुत गुस्सा आ रहा था l      वहीं रात्रि को रोता देख सर्वाक्ष की हाथों की मुट्ठी भींच गई थी l यह लड़की कभी उसे रुलाती तो कभी खुद रोने लगती ? सर्वक्ष को उसका रोना  देखा नहीं जा रहा था l वह उसके करीब जाने को हुआ की तभी रविश और ध्रुव, दोनों ही एक साथ सर्वाक्ष के  सामने आ कर उसे गुस्से से घूरने लगे l    वही सर्वाक्ष का एक आईब्रो रेंज हुआ वह उन्हे कुछ कहता तभी रवीश ने कहा,""_ तुम्हे जरूरत क्या थी अक्ष, उस चुईमुई लड़की को हा कहने की ? "   रवीश का सवाल सुन सर्वाक्ष रात्रि को देखा ,रात्रि रूखमणी के सीने में सर रख कर रोए जा रही थी लेकिन वह सर्वाक्ष को देखते हुए ही रो रही थी l   सर्वाक्ष बोला ,""_ बीवी...तुम...? "        सर्वाक्ष ने इतना ही कहा था की तभी ध्रुव ने उसकी बात को काटते हुए गुस्से से कहा ,""_अक्ष ,हमे नही लगा था की तुम इस तरह के गलत कदम उठाओगे ? आज तक हम दोनो ने हर वक्त तुम्हारे हर काम में साथ दिया है लेकिन इस मामले में ? इस मामले में हम सिर्फ भाभी के साइड में है l "        सर्वाक्ष को खड़े खड़े यह लोग सिर्फ अपने अपने बाते सुना रहे थे l लेकिन उसे कुछ बोलने का मौका नही दे रहे थे l      वही सर्वाक्ष का जबड़ा कस गया था l वह गुस्से से उन सब पर चिल्लाने को हुआ की तभी वह पांचों ,भावेश, रूखमणि,रात्रि ,रवीश और ध्रुव कैबिन से बाहर ऐसे चले गए जैसे सर्वाक्ष अब उनके लिए एक्सिस्ट ही नही करता हो,उसकी बाते मायने ही ना रखता हो ?      सर्वक्ष गुस्से से अपने बालों को पीछे धकेलते हुए चिल्लाया,""_ इनमें से किसी को भी मेरा सुनना ही नहीं है..., ठीक है मैं भी सफाई में किसी को कुछ नही कहूंगा l "  बोलते हुए सर्वाक्ष ने गुस्से से वही रखे चेयर को लात मारा फिर जा कर सोफे पर बैठ गया l    उसकी बीवी ने आज उसे कम तंग नहीं किया था l वह बाप बनने का खुशी उसके साथ मनाना चाह रहा था लेकिन रात्रि उस पर झूठी इल्जाम लगा कर उसके मूड का मां बहन एक कर दिया था l      वह मामला निपटते ही सर्वाक्ष थोड़ी देर शांत होता तभी वहा सेजल आ टपकी ,फिर उसकी महाराबानी से इतना सारा ड्रामा हो गया l सर्वाक्ष का आज सच में पूरा दिन ही खराब निकला था l    सर्वाक्ष अपना सर सोफे पर टिका कर अपने आंखे बंद करा l फिर खुद को शांत करने लगा लेकिन यह कहा मुमकिन था ? सुकून तो उसे सिर्फ अपनी नकचढ बीवी की बाहों में ही मिलने वाला था l सर्वाक्ष को पता था वह अभी भी रो रही होगी ,तो ऐसे में उसे शांति कहा से मिलने वाली थी ? वह उठ कर घर के लिए निकल पड़ा l  क्रियांश का मेंशन.....,       मेंशन बनाए हुए एक आलीशान बार में बैठे हुए क्रियांश ड्रिंक का सीप लेते हुए किसी गहरी सोच में डूबा हुआ था l  क्रियांश इस वक्त रात्रि के बारे में ही सोच रहा था l उसका रश्या से इंडिया आए हुए अब तक एक मंथ बीत चुका था लेकिन रात्रि तक पहुंचने का उसका हर एक मुमकिन कोशिश नाकामयाब रहा था l   क्योंकि सर्वक्ष ने हर तरफ रात्रि को प्रोटेक्ट कर रखा था l रात्रि के पास वही पहुंचता था जिसका तय सिर्फ रात्रि की गैंगस्टर पति करता था l    क्रियांश जादव, रशियन का माफिया किंग,और बिजनेस वर्ल्ड में अपना ही पहचान बनाए हुए यह आदमी ज्यादा ही पॉवरफुल था ,लेकिन इतना पावरफुल होते हुए भी उस इंसान को रात्रि के करीब पहुंचना मुश्किल सा लग रहा था l यहां तक की उसने रावी और युवान का सहारा भी ले लिया था लेकिन उन दोनों से उसे कोई अच्छी खबर नहीं मिल रही थी l    क्रियाँश अपने ही सोच में गुम था ,या यूं कहे की रात्रि को पाने की ख्यालों में गुम, उस आदमी के पास उसका असिस्टेंट उदय आ कर,उसके  तरफ एक इनविटेशन कार्ड बढ़ाते हुए बोला,""_  बॉस ..., ऋजुल ठाकुर के नाम से अभी अभी एक पार्टी का इनविटेशन कार्ड मिला है l "   क्रियांश ने एक नजर कार्ड को देखा फिर ड्रिंक क्लास को वही टेबल पर पटक के,उठ के वही रखे हुए सोफे पर अपना सर टिका कर बैठ गया l     क्रियाँश को देख कर ऐसा लग रहा था ,कि उसे अभी ऋजुल ठाकुर और  उसके भेजे हुए पार्टी के इन्विटेशन कार्ड के बारे में जानने का कोई दिलचस्पी ना हो l वह बोरियत से उदय की बात सुन जा कर सोफे पर बैठ गया था l उसके दिल और दिमाग सिर्फ रात्रि के बारे में सोच रहा था l और रात्रि को ही चाह रहा था l      वही खड़े उदय एक टक क्रियांश को देख रहा था l भले ही रिजूल का कोई भी खबर सुनने में इस वक्त क्रियान्श इंटरेस्टेड नहीं लग रहा था लेकिन ऋजुल ठाकुर,से जुड़ी हर एक इनफॉरमेशन क्रियांश तक पहुंचाना उदय का फर्ज था l वह पार्टी के कार्ड को देखते हुए क्रियांश से बोला,""_ ऋजुल ठाकुर इंडिया आते ही....? "   उदय ने इतना ही कहा था कि तभी क्रियाँश हैरानी से उदय को देखते हुए पूछा ,""_इंडिया आते ही..?? मतलब क्या है तुम्हारा ? वह इंसान तो रश्या में है ना ...? "    उदय ने अपना सर ना में हिला कर उसे जवाब में कहा,""_ ऋजुल ठाकुर के इंडिया आए हुए बस 3 घंटे ही हुए हैं बॉस...., और आते ही उसने एक ग्रैंड पार्टी ऑर्गेनाइज किया है.....,,यह रहा  पार्टी के कार्ड....| "   बोलते हुए उदय ने पार्टी के कार्ड को क्रियांश के तरफ बढ़ाया l क्रियाँश  हैरानी से अभी भी उदय को ही देख रहा था l       उदय के मुंह से ऋजुल ठाकुर का इंडिया आने की खबर सुन वह ना खुश भी लग रहा था और हैरान भी था l     वह फिर पार्टी के कार्ड को देखने लगा, पार्टी का कार्ड देख ऐसा लग रहा था की यह पार्टी सिर्फ मामूली सा बिजनेस पार्टी है l लेकिन यहां अंडरवर्ल्ड के सारे लोग शामिल होने वाले थे  l    क्रियांश ने फिर उदय से पूछा,""_ कौन-कौन इस पार्टी को अटेंड करने वाला है ? "    उदय ने कहा ,""_ बॉस...., अंडरवर्ल्ड में शामिल हर एक इंसान के पास इस पार्टी का कार्ड पहुंचा है l "   क्रियांश तभी कुछ सोचते हुए बोला,""_ मतलब सर्वक्ष खुराना के पास भी यह कार्ड पहुंचा होगा....?? पता करो...,सर्वाक्ष खुराना इस पार्टी को अटेंड करने वाला भी है या नहीं ? "     जी बॉस....!!! " बोलते हुए उदय वहा से चला गया l वहीं क्रियांश अब ऋजुल ठाकुर के बारे में सोचने लगा l    ऋजुल ठाकुर कोई मामूली सा गुंडा नही था l वह हमेशा उसका टक्कर देने वाला था l क्रियांश का इंडिया आने का एक वजह ऋजुल ठाकुर से भी जुड़ा था l    खुराना मेंशन .....,     रवीश और ध्रुव अपने चेहरे पर उदास एक्सप्रेशन लिए बस एक टक रात्रि को देख रहे थे l    वहीं रात्रि अपने मुंह में भरा हुआ खाना बेमन से चबाते हुए नम आंखों से बस रुकमणी को देख रही थी l लेकिन उसकी नजर बार-बार मैंन डोर की तरफ भी जा रही थी l क्यों की सर्वक्ष अभी तक घर नहीं आया था और सर्वाक्ष को घर ना आया देख रात्रि को ऐसा लग रहा था की उसका पति जरुर उस सेजल से मिलने गया है l     वही रुक्मणि रात्रि के आंसू पोंछते हुए उसे बस जबरदस्ती खाना खिला रही थी l रात्रि प्रेग्नेंट थी तो ऐसे में उसका भूखा पेट रहना ना उसके लिए ठीक था और ना ही उसके पेट में पल रहे बच्चे के लिए l   रात्रि बोली,""_ देखा दादू...,दादी....वह अभी तक घर नहीं आए l "   भावेश रात्रि के बगल में ही बैठे थे l वह रात्रि के बात सुन उसके सर पर हाथ फेरते हुए कहा,""_ वह आ जाएगा बच्चा.....,तुम अभी रोना बंद करो l "    रात्रि की आंखों से आंसू बहते ही जा रहे थे l उसकी आंखों से गिर रही इतने सारे मोटे-मोटे आंसू देख वही खड़े रवीश और ध्रुव को ऐसा लग रहा था कि कहीं रात्रि की आंखों में मुन्सीपार्टी वालों ने नल तो नहीं फिट कर दिया ?     रात्रि 1 दिन में जितने आंसू बहा रही थी उतना वह दोनों मिल कर पूरी जिंदगी में नहीं बहा सकते थे l     वही भावेश की बात सुन रात्रि रुंधली सी आवाज में बोली,""_ दादू....,मुझे लगता है अक्ष इस वक्त जरूर उस सेजल पेजल से मिलने गए है l "    तभी रूखमणी गुस्से से बोली,""_ बीवी बच्चे को छोड़ कर वह ऐसे कैसे जा सकता है ? भावेश.., आप पता करो की वह नालायक इस वक्त कहा है ? और वह अभी तक घर क्यों नही आया है ? "    भावेश अपना सर हिला कर,अपने जेब से फोन निकाल कर,अक्ष के बॉडीगार्ड के हेड का नंबर डायल करने को हुआ, की तभी उसके बगल में रवीश आ कर बैठते हुए बेहद धीमी आवाज में कहा ,""_ आ गया है l "    भावेश रुक कर रवीश को देख, अपने कड़क आवाज में बोला,""_ क्या बोल रहे हो तुम ? तुम्हे दिख नही रहा है रात्रि बच्चा उस नालायक के लिए कितना रो रही है ? मुझे कॉल करने दो l "    भावेश गुस्से से रवीश से ऐसे बात कर गए जैसे उन्हे रवीश की बात सुनाई ही नही दिया हो l उन्हे सच में रवीश की बात सुनाई नही दिया था और ऊपर से जानने की कोशिश भी नही की थी उसने कहा क्या ?    रवीश का मुंह बन गया था ,वह अपने माता पीटते हुए बड़ाबड़ाते हुए बोला ,""_ यह आदमी तो बहरा है, मुझे यह याद कैसे नही रहा ? "        रवीश ने इतना ही कहा था की  तभी भावेश गुस्से में उसका कॉलर पकड़,अपने कड़क आवाज में मगर लोकल लैंग्वेज में कहा,""_ तुमने अभी अभी क्या कहा बे ? बहरा...? कोन बहरा ? "   रवीश की दांत भींच गए l वह गुस्से से उनका कालर छुड़वा कर पूछा ,""_ यह तो बड़ा जल्दी सुन गया आपको ? "      भावेश और रवीश एक दूसरे को बुरी तरह घूरने लगे l वही रात्रि और रुक्मणि एक टक उन दोनो को ही देखने लगे थे l     तभी वहा ध्रुव हल्के हल्के खांसते हुए सबका ध्यान अपने तरफ खींचते हुए इशारों में उन्हे डोर के तरफ देखने का इशारा किया l    सर्वाक्ष वही खड़ा था और उसकी नजर सिर्फ रात्रि पर था l रात्रि रो तो रही थी लेकिन रुक्मणि को उसे खाना खिलाता देख सर्वाक्ष को अंदर ही अंदर चैन मिल रहा था की यह लड़की कम से कम ठीक से खाना तो खा रही है l    सर्वाक्ष किसी को बिना कुछ कहे सीधे अपने रूम के तरफ चला गया l रात्रि की आंखो से आंसू लुड़क कर बहते ही जा रहे थे l तभी रुक्मणि धीमी आवाज में बोली,""_ देखा ,आ गया ना ? अब रोना बंद करो बच्चा l "    बोलते हुए रुक्मणि ने उसे पानी पिलाया l    थोड़ी देर बाद रात्रि रूम में गई l सर्वाक्ष इस वक्त अपने लैपटॉप में काम करते हुए सोफे पर बैठा था l रात्रि को रूम में आता देख उसने उसे एक नजर देखा फिर अपने काम में busy हो गया l    वही रात्रि की नजर सर्वाक्ष पर ही टिकी थी l वह थोड़ी देर बिना कुछ कहे उसे देखते हुए अपने जगह में ही खड़ी रही l    वही सर्वाक्ष चुपचाप अपने काम करते बैठा था ,उसे रात्रि की नज़रे अपने चेहरे पर मेहसूस तो हो रहे थे लेकिन वह ना अपना सर ऊपर कर उसके तरफ देखा और नाही उसे कुछ कहा l  वही रात्रि सीधे क्लोसेट रूम में चली गई l उसके जाते ही सर्वाक्ष अपने आंखे कसके बंद कर एक गहरी सांस लेते हुए अपना सर सोफे पर टिका लिया l     तभी उसे कुछ फटकने की आवाज सुनाई दिया तो वह झट से अपने आंखे खोल कर सामने देखा l    समाने रात्रि इस वक्त एक बड़ा सा खाली लगेज बैग ला कर बेड पर फटक के क्लोसेट रूम में जा रही थी l यह सर्वाक्ष की आंखे छोटी हो गई ,वह उठते हुए अपने मन में बोला ,""_ यह लड़की कर क्या रही है ? "     सर्वाक्ष एक नजर लगेज बैग देखा फिर क्लोसेट रूम में जाने को हुआ की तभी रात्रि अपने ढेर सारे कपड़े ले कर आ रही थी l   यह देख सर्वाक्ष के आंखे छोटी हो गई,वह उससे सख्ती से पूछा ,""_ यह तुम कर क्या रही हो बीवी ? "    रात्रि अपने सारे कपड़े लगेज बैग में भरते हुए गुस्से से बोली,""_ आपको दिख नही रहा है सर्वाक्ष ? "      सर्वाक्ष को उस पर बहुत गुस्सा आ रहा था l लेकिन वह अपने गुस्से को दबाते हुए रात्रि से धीरे से कहा ,""_ तुम कही नही जा रही बीवी ..? "      रात्रि ने उसे कुछ नही कहा ,वह उसे पूरी तरह इग्नोर कर क्लोसेट रूम में अपने और कपड़े लाने चली गई l           सर्वाक्ष की दांत भींच गए थे l वह गुस्से से बैग को नीचे फेंक कर क्लोसेट रूम में गया l     रात्रि एक एक कर वार्डरोब में रखे हुए सारे कपड़े निकाल रही थी l तभी सर्वक्ष गुस्से से उसके बाजू पकड़ कर अपने करीब खींचा,फिर गुस्से से वार्डरोब के डोर क्लोज किया l    रात्रि गुस्से से सर्वाक्ष के हाथ से अपना बाजू छुड़वाने की कोशिश कर रही थी l तभी सर्वाक्ष उसे दीवार को सटा कर उसके इर्द गिर्द हाथ रख कर उसे गुस्से से घूरने लगा l      रात्रि भी उसे बेहद गुस्से से देख रही थी l सर्वाक्ष बोला ,""_ क्या कर रही थी तुम ? "    रात्रि अपने बात चबाते हुए बोली,""_ मैं दादू दादी के साथ उनके घर जा रही हू अगर उन्होंने मुझे अपने साथ रखने से मना किया तो मैं सीधे हॉस्टल चली जाऊंगी लेकिन अब आपके साथ नही रहूंगी , अअह्ह्ह्ह l "    रात्रि ने अपनी बात पूरा ही किया था की सर्वाक्ष ने गुस्से से अपने हाथ को गुस्से से दीवार को दे मारा l     रात्रि ने डर से अपने आंखे भींच ली थी l वही सर्वाक्ष गुस्से से रात्रि को ही देख रहा था l वह चिल्लाते हुए कहा,""_ ठीक है ,जहा जाना है जाओ....| "   रात्रि अपने आंखे खोल कर सर्वाक्ष को देखने लगी l जो गुस्से से तेज़ तेज़ सांस लेते हुए उसे घूर रहा था l रात्रि ने हकलाते हुए पूछा ,""_ क्या कहा आपने ..? "   रात्रि की आंखो से आंसू बहने लगे थे l तभी सर्वाक्ष ने गुस्से से कहा ,""_ तुम्हे कम सुनाई देता है ?   रात्रि की गुस्से से दांत भींच गए l वह गुस्से से उसका कालर पकड़ कर चिल्लाते हुए बोली,""_ आपकी हिम्मत भी कैसे हुई मुझे यहां से जाने को कहने की सर्वाक्ष ? "      सर्वाक्ष उसे हैरानी से देखने लगा l वही रात्रि उसे बेहद गुस्से से घूर रही थी l वह चिल्लाते हुए बोली,""_ यह घर मेरा है ,यह कमरा मेरा है , यहां तक की आप भी मेरे ही है तो आपकी हिम्मत कैसे हुई मुझे ऐसे जाने को कहने की ? "       सर्वाक्ष अपने आंखे बंद कर उसके गले से लगाने को हुआ की तभी रात्रि गुस्से से उसे खुद से दूर धखेल दिया l       To be continued.........                   Â

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