Back
/ 81
Chapter 49

chapter 49

Love With My Beast Husband

 अब आगे .....,    खुराना मेंशन......      सर्वाक्ष अभी भी रात्रि को अपने बाहों में लिए खड़ा था | वही रात्रि उसके सीने में अपना चेहरा छुपाए बस उसके गले से लग कर खड़ी थी | लेकिन उसके आंखों से अभी भी बह रही आंसूए सर्वाक्ष के शर्ट को भीगाते ही जा रहे थे |    रात्रि को ऐसे रोता देख सर्वाक्ष का औरा अभी भी सर्द होते जा रहा था l वह रात्रि को खुद से अलग कर उसके आंसू भरी चेहरा देखते हुए बेहद ठंडेपन से बोला ,""_ अब इस तरह आंसू बहाना बंद कर रही हो या मुझे....? "  सर्वाक्ष बोलते बोलते रुक गया,क्यों की उसका डांट सुन रात्रि का चेहरा अचानक से किसी गुब्बारे की तरह फूल गया था | लेकिन वह हद से ज्यादा क्यूट लग रही थी | या यू कहे की उसका यह क्यूट एक्सप्रेशन देख कर सर्वाक्ष का गुस्सा गायब हो कर ,वह एक दम से बहक ही गया हो ?      रात्रि अब नाराज़गी भरी नजरो से सर्वाक्ष को देख रही थी l उसका देखना बिलकुल ऐसा था की सर्वाक्ष गुस्सा करने के बजाए उसे और प्यार से मनाए ? वही सर्वाक्ष बिना अपने पलके झपकाए बेहद मदहोशी से बस उसे देख रहा था l    ज्यादा रोने की वजह से रात्रि का चेहरा थोड़ा सूझा सूझा हुआ सा, किसी बंदरिया की बच्ची लग रही थी l अचानक से सर्वाक्ष के अप्पर लिप हल्के से मुड़ गया था l वह रात्रि के बेहद करीब आ कर अपने अंगूठे से रात्रि का टुडी को सहलाया,फिर हल्के से उसके चेहरे को ऊपर उठा कर उसके होंठो के बेहद करीब अपने होंठ ले गया l    रात्रि अपने पलके बार बार झपकाते सर्वाक्ष के हैंडसम सा चेहरा देख रही थी l सर्वाक्ष की गरम सांसे रात्रि को इतना बेचैन कर रहे थे की वह सर्वाक्ष के बेहद करीब खिंचे चली जा रही थी l           वही सर्वाक्ष का पूरा ध्यान रात्रि के गुलाबी होंठो पर थी ,जहा थोड़ा थोड़ा स्वेलिंग सा हो गया था l क्यों की थोड़ी देर पहले सर्वाक्ष ने उसके होंठो को बुरी तरह चबाते हुए उस पर अपना गुस्सा निकाला था l     रात्रि धीरे से सर्वाक्ष के शर्ट को अपने दोनो हाथो की मुट्ठी में भर कर सर्वाक्ष को बहकी हुई नजरो से देखने लगी l सर्वाक्ष की गरम सांसों को वह अपने होंठो पर मेहसूस कर रही थी जिससे उसके होंठ हल्के हल्के से o शेप में खुलते ही जा रहे थे l    वही सर्वाक्ष उसके एक गाल को अपने हथेली में भरते हुए उसके स्वैलिंग होंठो पर अपना जीव फेरा,फिर बेहद मदहोशी से उसके होंठो के किनारे पर अपने होंठ रख हल्के से प्रेस किया l        रात्रि एक दम सिहर उठी,वह उसके गर्दन में अपना चेहरा छुपाए उसके बाहों में ही सिमट गई l वही सर्वाक्ष उसके चेहरे को अपने चेहरे के बेहद करीब कर, उसके मुलायम सी गालों को अपने उंगलियों से सहलाते हुए अपने होंठो को रात्रि के होंठो पर हौले से प्रेस किया,फिर धीरे से अपने होंठो को उसके गालों पर घुमाते हुए रात्रि के इयरलोब को चूमने लगा l     रात्रि अब सिमटते सिमटते सर्वाक्ष के पैरो पर अपना पैर रखे खड़ी हो गई थी l उसके दोनो हाथ सर्वाक्ष के गले में लपेट कर हल्के से आहे भरने लगी थी l    वही बाहर रूम में खड़ी मीना अभी भी सर्वाक्ष और रात्रि को आवाज लगाए जा रही थी l वह फिर बाहर चली गई l      वही सर्वाक्ष रात्रि को अपने बाहों में लिए वैसे ही चलते हुए रूम में आया,फिर रात्रि को ले कर बेड पर लेट गया l    सर्वाक्ष का इतना प्यार भरा एहसास को मेहसूस कर वह लड़की अब हल्के से शिवर कर रही थी | लेकिन वह पूरी तरह मदहोश भी हो गई थी |     वही सर्वाक्ष एक दम से उसके ऊपर आ कर उसके माथे पर प्यार से किस करा,फिर अपने होंठो को नीचे सरकाते हुए रात्रि के नाक के नोक को चूमा l       रात्रि के होंठ मुड़ गए थे l वह सर्वाक्ष के सीने को सहलाते हुए सर्वाक्ष के चेहरे को अपने कांपती हाथो में भरा,फिर भारी भारी से उसके गालों पर किस करने लगी l     सर्वाक्ष रात्रि को ही बेहद दीवानगी भरी नजरो से देख रहा था | वह फिर सुकून से अपने आंखे बंद कर रात्रि के गर्दन में अपना चेहरा छुपा कर किस करने लगा |     वही हाल में खड़े रुक्मणि,भावेश,रवीश और ध्रुव रात्रि के रूम के तरफ ही देखते हुए खड़े थे l    रात्रि ने उन सबको यही कह कर रूम में आई थी की वह अब सर्वाक्ष के साथ नही रहेगी और वह अपना समाना ले कर भावेश और रुकमणी के घर जाएगी | लेकिन अब तक आधा घंटे से भी ज्यादा वक्त बीत गया था लेकिन रूम से ना सर्वाक्ष बाहर गया था और नाही रात्रि आपने सामना ले कर l     उन चारो को समझ नही आया था की रात्रि और सर्वाक्ष के बीच क्या चल रहा होगा ? क्या दोनो फिर से लड़ तो नही रहे ?        तभी उनके पास मीना गई, रुकमणी ने उससे बेसब्री से पूछा ,""_ क्या कर रहे है वह दोनो ? रात्रि बच्चा कहा है ? उसने अपना सारा सामना पैक कर लिया ? "   मीना को रूम में ना सर्वाक्ष दिखा था और नाही रात्रि,लेकिन भरा हुआ रात्रि का लगेज बैग बेड पर जरूर दिखा था l     मीना बोली,""_ Missy ने अपना सामान पैक कर दिया है | "   मीना की यह बात सुन उन चारो के चेहरे पर उदासी छा गई थी l उन्हे कही न कही यही उम्मीद था की सर्वाक्ष रात्रि को मना कर जाने से रोक लेगा |      वह चारो अपना मुंह लटका कर आ कर सोफे पर बैठ गए |     रात्रि का रूम....    वही रूम में इस वक्त रात्रि की मीठी मीठी सिसकियों की आवाज़ गूंज रही थी | तो बेड के नीचे रात्रि के कपड़े बड़े ही बेडंग से नीचे गिरे हुए थे |    वही रात्रि सर्वाक्ष और बेड के बीच दब गई थी | उसके दोनो हाथ सर्वाक्ष के हाथो में उलझ गए थे ,तो उसका पूरा शरीर सर्वाक्ष के मजबूत बाहों में फस गया था l सर्वाक्ष इस वक्त किसी भूखे शेर की तरह उस पर टूट पड़ा था l वह इस वक्त रात्रि के साथ बिलकुल सॉफ्ट नही था |     Mmmm umm aksh...umm ....| " रात्रि आहे भरते हुए सर्वाक्ष का ही नाम लिए जा रही थी | सर्वाक्ष भी पूरी तरह मदहोश हो चुका था l        धीरे धीरे रात जैसे गहरा होते जा रहा था ,वैसे इनका यह प्यार का खेल भी अपना परवाना चढ़ते जा रहा था l   सुबह का वक्त......       सुबह के  7 बजे की आस पास रूम में सर्वाक्ष का फोन रिंग होने लगा |          रात्रि और सर्वाक्ष दोनो ही इस वक्त एक दूसरे के बाहों में लिपट कर सो गए थे |    रात भर एक दूसरे को प्यार करते करते वह दोनो कब सो गए उन्हे पता ही नही चला था l     दोनो ही इस वक्त गहरी नींद में थे लेकिन सर्वक्ष का फोन अभी भी बिना रुके बजते ही जा रहा था l     थोड़ी देर बाद रात्रि नींद में ही कसमसाने लगी l वही सर्वक्ष उसे अपने ऊपर ले कर ही सोया हुआ था, लेकिन रात्रि का इस तरह कसमसाने से उसकी नींद खुल गई | वह अपने आंखें खोल कर रात्रि को देखा,नींद में ही रात्रि के माथे पर अब शीकन आ गए थे l और वह अपने छोटू सा थका हुआ मुंह को बार-बार बिगाड़ते हुए कभी सर्वक्ष के सीने में छुपाती तो कभी उसके गर्दन में....|     वही सर्वाक्ष अपना सर घूमा कर अभी भी बज रहे अपने फोन को देखा जो इस वक्त कॉफी टेबल पर पड़ा हुआ था l    सर्वक्ष पहले रात्रि को आराम से अपने बगल में लेटा कर उठने को हुआ कि तभी रात्रि बडबडाते हुए उससे बोली,""_ इतनी सुबह सुबह आपको कोन याद कर रहा है अक्ष.? "    सर्वाक्ष रात्रि को अच्छे से ब्लैंकेट से कवर कर, बेड से नीचे उतरते हुए उसे जवाब में कुछ कहने को हुआ की तभी रात्रि झट से अपने आंखें खोल कर , सर्वक्ष को शक भरी नजरों से घूरते हुए पूछी ,""_ कहीं आपको इस वक्त उस सेजल का तो कॉल नहीं आ रहा है ? "     सर्वाक्ष ने जैसे ही रात्रि के मुंह से सेजल का जिक्र सुना, उसके दांत भींच गए | यह लड़की अब फिर से उस सेजल का नाम ले कर बैठ गई ? वह गुस्से से रात्रि को घूरते हुए ही जा कर अपना फोन ले कर वापस रात्रि के पास आ कर उसे स्क्रीन को दिखाते हुए  सख्ती से कहा ,""_ खुद ही देख लो | "   रात्रि बिना कुछ कहे जल्दी से ब्लैंकेट में दुबक कर सो गई | कॉल इस वक्त सर्वाक्ष के असिस्टेंट का था | वही सर्वाक्ष अभी भी रात्रि को ही घूर कर देख रहा था |    वह फिर रात्रि को इग्नोर कर ,कॉल पिक करते हुए बालकनी में चला गया |       क्या होगा आगे इस कहानी में ? जानने के लिए पढ़ते रहिए ,          Â

Share This Chapter