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Chapter 6

chapter 6

Love With My Beast Husband

अब आगे ......    " मुझसे क्या छुपा रही हो तुम ? चल क्या रहा है तुम्हारे दिमाग में ? " सर्वाक्ष शक भरी नजरो से रात्रि को देखते हुए बेहद ठंडापन से पूछा |     रात्रि अपने खयालों में गुम थी लेकिन सर्वाक्ष का सर्द आवाज सुन वह थोड़ा सहम कर उसकी ओर देखने लग गई | वह हकलाते हुए बोली,""_  नही...,कुछ भी तो नहीं | "   सर्वाक्ष थोड़ी देर खामोश रहा ,फिर उसे अपने आपसे चिपका कर सख्ती से बोला ,"" _ let me warn you Ratri......,अगर तुम यहां से भागने की कोशिश कर रही है... तो तुम नहीं भाग सकती... क्यों की सिक्योरिटी पिछली बार से भी दोगुनी मजबूत की है मैने....| "      सर्वाक्ष बेहद सीरियस टोन में बात कर रहा था लेकिन उस लड़की की चेहरे पर तिरछी स्माइल आ गई थी | वह सर्वाक्ष के गर्दन के चारों ओर अपने हाथ लपेट कर बोली,""_ मैं यहां से कही नहीं भाग रही अक्ष... ,मुझे मौका मिलने पर भी मैं नहीं भागने वाली समझ गए आप ...? "  समझने के लिए वह तरस रहा है,लेकिन वह लड़की उसे शक करने पर ही मजबूर कर रही थी | रात्रि पर रत्ती भर का भी भरोसा सर्वाक्ष को नही था | वह अभी भी रात्रि को शक भरी नजरों से देख रहा था |     वही रात्रि उसके बालो में उंगलियां फिराते हुए अपने मन में बोली,""_ मुझे पता है आप मुझ पर इस तरह अचानक से भरोसा नही कर सकते ,लेकिन trust me अक्ष यह जिंदगी मैने आपके नाम कर दिया है | "   रात्रि झुक कर सर्वाक्ष के दोनो गालों पर भारी भारी से किस करने लगी | यह एहसास होते ही सर्वाक्ष के आंखे अपने आप ही बंद हो गए ,लेकिन उसका पकड़ रात्रि की कमर में कस गया था |  वही रात्रि बेहद शिद्दत से उसके चेहरे पर अपने होंठ घुमा रही थी | वह फिर धीरे से अपने होंठो को सर्वाक्ष के होंठो के करीब ला कर एक नजर सर्वाक्ष को देखी,सर्वाक्ष अपने आंखे बंद कर बस उसे फील कर रहा था | लेकिन उसके चेहरे पर बेहद सुकून का भाव नजर आ रहा था |     रात्रि की होंठो पर प्यारी सी मुस्कान बिखर गया | वह अपने अंगूठे से उसके होंठो को सहलाते हुए सर्वाक्ष के होंठो के किनारे चूम ली | सर्वाक्ष के हाथ अब उसके कमर में सरक रहे थे | वह धीरे से अपने आंखे खोला ,रात्रि अपने होंठो को अब उसके होंठो के करीब ले जा रही थी | लेकिन वह उसके होंठो को चूमने के बजाए हुए उसके गर्दन में अपना चेहरा छुपा कर किस करते हुए बोली,""_ जल्दी आइएगा...., मैं आपका ही इंतजार करते रहूंगी | "    सर्वाक्ष एक गहरी सांस लेते हुए उसे खुद से अलग कर जाने को हुआ की तभी रात्रि ने उसका हाथ पकड़ कर रोकते हुए कहा ,""_आप ऐसे कैसे जा सकते है अक्ष ? पहले मुझे good bye kiss तो दीजिए | "     सर्वाक्ष मुड़ कर उसे ही हैरानी से देखता रहा ,वह फिर अपने मन में बोला ,""_ मेरा शक और गहरा होता जा रहा है ? कुछ तो गड़बड़ हुआ है इस लड़की के साथ ,क्या मुझे ध्रुव को इसका मेंटल हेल्थ जांच करने के लिए कहना चाहिए | "  सर्वाक्ष को इस तरह किस करने के लिए सोचता देख रात्रि मासूमियत से बोली,""_ एक kissy देने के लिए इतना सोचना पड़ रहा है आपको ? "     बोलते हुए रात्रि ने अपने होंठो का पाउट बना लिया | वही सर्वाक्ष जल्दी से उसके माथे पर किस करा | रात्रि की गाल एक दम से गुलाबी गुलाबी हो गए | वह शरमाते हुए मुस्कुराने लगी ,वही सर्वाक्ष अपना सर हिलाते हुए बाहर चला गया |      हाल में ......      रवीश और ध्रुव खड़े थे | उन दोनो की नज़र सीढियों से नीचे आ रहे सर्वाक्ष पर था लेकिन उनके चेहरे पर बारह बज गए थे | सर्वाक्ष उन दोनो को बिना देखे नीचे जाते हुए बोला ,""_ तुम दोनो यहां से गए नही अभी तक ...? "    रवीश बोला,""_तुम उस लड़की के लिए हमे ऐसे कैसे जाने बोल सकते हो सर्वाक्ष....? "    सर्वाक्ष कसके उसका कालर पकड़ कर अपने दांत पीसते हुए बोला ,""_ बिलकुल वैसे ही रवि,जैसे कल तुमने मेरे गैरमौजूदगी में मेरी बीवी से कहा था ? तुम लोगो ने उसका माइंड इतना डायवर्ट कर दिया था की वह तीन तीन बोतल ड्रिंक कर सो गई ,रात को वह कितना रोई,उसे मैंने कितना शांत किया तुम लोगो को अंदाज ही नही है | "    सर्वाक्ष ने सुबह सुबह यही पता लगाने की कोशिश की थी की रात्रि को ड्रिंक्स पीने किसने दिया था | लेकिन तभी उसे कल रात जिस तरह रवीश और ध्रुव रात्रि के साथ बर्ताव किए थे,उसे कितना बुरा बला कहा उसके बारे में पता चला था | वैसे वह सीसीटीवी नही देखता तो भी उसे पता चलता ही क्यों की जाते वक्त दादी मां ने उसे सबकुछ बता दिया था |   रवीश उसके हाथ से अपने कालर छुड़वाते हुए बोला,""_ वह तुम्हारे लिए ठीक नहीं अक्ष...? "    सर्वाक्ष का जबड़ा कस गया | वह उसे खुद से दूर धकेलते हुए बोला ,""_ just shut up......| "     रवीश पीछे जाते जाते संभाला कर खड़ा हुआ | वही सर्वाक्ष गुस्से से चिल्ला कर कहा ,""_ मै उससे प्यार करता हु,और उसके बगैर मुझे जीना ही नही है ,अगर तुम दोनो को यहां रहना है तो उसे भाभी की रूप में एक्सेप्ट करो ,वरना मेरे घर का दरवाजा उस तरफ है | "      सालो से वह तीनो एक ही छत के नीचे रह रहे थे ,उनके बीच दोस्ती नही भाइयों जैसा रिश्ता था | लेकिन आज बस रात्रि के वजह से सर्वाक्ष ने उन्हे बाहर जाने का रास्ता दिखा दिया था |     सर्वाक्ष गुस्से से बाहर जाने को हुआ की तभी उसे रवीश की आवाज सुनाई दी,""_ मै कही नही जा रहा | "  सर्वाक्ष मुड़ कर उसे देखा ,रवीश अपने रूम के तरफ चला गया | वही ध्रुव ने कहा ,""_ मुझे भी.....| "     वह इतना बोल कर हॉस्पिटल के लिए निकल गया | ध्रुव एक प्रोफेशनल डॉक्टर था | सर्वाक्ष एक गहरी सांस लेते हुए बडबडा कर बोला ,""_ ड्रामेबाज....| "   सर्वाक्ष फिर ऑफिस के लिए निकल गया |      खुराना एंटरप्राइजेज........,        सर्वाक्ष अपने रिवॉल्विंग चेयर को घुमाते हुए सामने खड़े अपने असिस्टेंट को देख रहा था | उसका औरा बहुत ही दर्द और डार्क एक्सप्रेशन से भरा हुआ था | वही वह असिस्टेंट सर्वाक्ष को कुछ इंपोर्टेंट डील के बारे में बता रहा था जो अंडरवर्ल्ड से जुड़ी हुई थी |        तभी केबिन का डोर नॉक हुआ | सर्वाक्ष door के तरफ घूरते हुए बेहद ठंडेपन से कहा,""_ come in....| "   केबिन का डोर खुला , और रवीश अंदर आते हुए सर्वाक्ष से कहा,""_ Good morning boss...😶 | "     सर्वाक्ष उसका फुला हुआ चेहरा देखा,फिर ठंडेपन से ही बोला ,""_ mmm ...| "  रवीश आ कर अक्ष के सामने रखे हुए चेयर पर बैठ गया | सर्वाक्ष ने असिस्टेंट को जाने का इशारा किया तो वह वहा से चला गया |         सर्वाक्ष अपना सर सीट को टिका कर रवीश को देखा ,वह उसे कुछ बोलना चाहता था लेकिन सर्वाक्ष का औरा देख उसके मुंह से एक शब्द नही निकल रहा था |   अक्ष ने कहा ,""_ क्या कहना है ? "   रवीश बोल पड़ा,""_ बॉस are you sure about that girl ? "   सर्वाक्ष का जबड़ा कस गया | वह बेहद सर्द नज़र से उसे देखने लगा | तभी रवीश बोला ,""_ मुझे पता है तुम भाभी के खिलाफ कुछ सुनना नही चाहते लेकिन भाभी कल से अजीब बिहेव कर रही है ,और वह ब्यूटीशियन...? उसने बताया की भाभी कल अचानक से चिल्ला पड़ी थी ,और कुछ पल के लिए वह बेजान सी बैठी रही लेकिन अचानक से ऐसे मुस्कुराने लगी जैसे उन्हे बहुत खुशी मिला हो ,कुछ तो गड़बड़ है अक्ष | "   रवीश की यह सुन सर्वाक्ष को रात्रि की बरताव याद आया जो वह कल रात से ले कर सुबह तक नोटिस किया था | वह अपने मन में  बोला,""_ मेरी बीवी में कुछ तो गड़बड़ चल रहा है ,मुझसे नफ़रत करने वाली अचानक से मुझसे शादी के लिए हा कर दी,और आज सुबह तो उसने खुद ही आगे बढ़ कर मुझे चूमा .....कुछ तो बात है जो मुझसे वह छुपा रही है | "   सर्वाक्ष एक गहरी सांस लेते हुए रवीश बोला ,""_ गार्ड्स से कहो की थोड़ा अलर्ट रहे ..| "    ठीक है ...| रवीश ने जवाब में कहा ,वही सर्वाक्ष उठ कर मीटिंग रूम में चला गया | और उसके पीछे ही रवीश भी चला गया |    खुराना मेंशन....    रूम में बैठे बैठे रात्रि बोर हो रही थी | वह उठ कर रूम से बाहर चली गई | मेंशन में उसके अलावा बस सर्वेंट्स और कुछ गार्ड थे | रात्रि पूरे मेंशन का चक्कर लगाते हुए बाहर जाने को हुई की तभी एक गॉर्ड उसके सामने आ कर उसका रास्ता रोकते हुए बोला ,""_ लेडी बॉस....,आप कहां जा रहे हैं ? "    रात्रि ने मासूमियत से कहा ,""_ मुझे लाइब्रेरी जाना है | "     गॉर्ड थोड़ी देर खामोश रहा | मेंशन में लाइब्रेरी भी था क्यों की सर्वाक्ष को पढ़ना बहुत पसंद था या यू कहे की वह खुद को शांत करने के लिए पढ़ने जाता था | लेकिन यह मेंशन का दूसरे हिस्से में था | वह रुक कर सर्वाक्ष को कॉल कर उसका परमिशन लिया,फिर रात्रि से कहा ,""_ चलिए, मैं आपको वहां तक ले चलता हूं | "    रात्रि को इससे कोई ऐतराज नहीं था | वह दोनों लाइब्रेरी की ओर चल पड़े |   लाइब्रेरी........,    लाइब्रेरी बहुत बड़ा और ज्यादा ही आलीशान था | रात्रि चारों और अपने नज़रे घुमाते हुए गुनगुनाई,""_ mmmmm | "     तभी वह गार्ड बोला ,""_ आपको कुछ चाहिए लेडी बॉस ? "    रात्रि बोली,""_ मुझे कुछ कलर पेन,पेंसिल और कागज़ चाहिए | "   गॉर्ड ने कहा ,""_ जी लेडी बॉस...., मैं एक फीमेल सर्वेंट से कह दूंगा...,वह ले कर आपके पास आ जाएगी | "   रात्रि ने बस सर हिला दिया,फिर चारों और घूमने लगी | थोड़ी देर बाद वहा एक फीमेल सर्वेंट पेन पेंसिल और व्हाइट पेपर्स ले कर आई |   Ma'am...." एक फीमेल सर्वेंट रात्रि के पास आते हुए आवाज लगाई |   हुह...? " रात्रि मुड़ कर देखी,तभी वह सर्वेंट बोली,""_ आपके pens और पेपर्स....? "   बोलते हुए वह औरत वही पास में रखे हुए टेबल पर रखने गई | तभी रात्रि उसे रोकते हुए बोली,""_ वहा नही, यहां नीचे रखो ....| "   ठीक है....| " वह लड़की नीचे फर्श पर रख कर रात्रि को देखी,रात्रि भी आ कर फर्श पर ही बैठ गई |     तभी वह सर्वेंट बोली,""_ लेडी बॉस...,आपको कुछ और चाहिए ...? "    रात्रि मासूम सा शकल बना कर उससे पूछी,""_ क्या मुझे खाने के लिए कुछ मसालेदार मिल सकता है?   Sure ma'am....| " वह सर्वेंट वहा से जाने को मुड़ी तभी रात्रि उसे रोकते हुए पूछी,""_ वैसे आपका नाम क्या है ? "       मीना......| " उस लड़की ने कहा ,तभी रात्रि बोली,""_ ठीक है मीना..., मुझे अब से lady बॉस या ma'am  मत कहो....,बस रात्रि नाम से बुलाओ | "    वह लड़की थोड़ा हिचकिचाते हुए बोली,""_ मैं... मैं.. नहीं ऐसे नही बुला सकती ma'am....| "    रात्रि अपना होंठो का पाउट बना कर मासूमियत से उसे देखने लगी | मीना एक पल के लिए उसे कुछ कह ही नही पाई | वह अपने मन में बोली,""_ मैडम बहुत प्यारी हैं..., लेकिन मैं इन्हे नाम से नहीं बुला सकती |    मीना बोली,""_ मैं आपको Missy बुलाऊंगी,यह ज्यादा अच्छा है | "    रात्रि को भी यह अच्छा और फ्रेंडली लगा | वह हल्के से स्माइल करते हुए बोली,""_ ठीक है....| "   मीना बाहर चली गई | वही रात्रि पेन और पेपर ले कर उसमे से कुछ ड्राइविंग करने लगी | उसका चेहरा पल भर में मासूम नजर आ रहा था तो अगले ही पल सख्त और गुस्सैल हो जाता |    दूसरी तरफ ....,   खुराना मेंशन......      हेड चेयर पर बैठे हुए सर्वाक्ष एक टक लैपटॉप के स्क्रीन में रात्रि को देख रहा था | उसके पीछे ही रवीश और ध्रुव भी खड़े थे | उन तीनो को समझ नही आ रहा था की रात्रि इतना सीरियस हो कर ऐसा क्या कर रही है ?   तभी रवीश ने कहा ,""_भाई..,यह भाभी कर क्या रही है ? "      सर्वाक्ष ने कोई जवाब नही दिया क्यों की उसे खुद नही पता चल रहा था | तभी ध्रुव बोला ,""_ क्या हमे भाभी का एक बार मेंटल हेल्थ चेकअप करना चाहिए | "    सर्वाक्ष की जबड़ा कस गया | वह मुड़ कर उन दोनो को घूरते हुए गुस्से से दांत टटोरते हुए कहा ,""_ both want to die ....| "   दोनो हड़बड़ा कर पीछे हट गए | सर्वाक्ष मुड़ कर लैपटॉप के स्क्रीन में रात्रि को देखने लगा | रात्रि अभी भी ड्राइंग में busy थी | तभी ध्रुव थोड़ा हिचकिचाते हुए बोला ,""_seriously bro....., भाभी को देख कर आपको कुछ भी गड़बड़ नहीं लग रहा ? "    सर्वाक्ष अपने आंखे भींच कर गुस्से से बोला ,"" _ नही.....| " सर्वाक्ष फिर अपने मन में बोला ,""_ पता नही क्यों..? मेरा दिल उस पर शक करना नही चाहता,वह जैसे मुझे मासूम दिख रही है ,वैसे ही वह मासूम है ,वह दिखाव नही कर रही है | "    ध्रुव की बात पर सर्वाक्ष को यकीन ना करता देख रवीश बोला ,""_ He is lovesick man dhruv... इन्हे कुछ भी कहना ही बेकार है | "      सर्वाक्ष की हाथो की मुट्ठी भींच गए | वही ध्रुव भी रवीश की बात पर हामि भरते हुए बोला ,""_ hmm you are right Ravi....| "     सर्वाक्ष उन दोनो पर चिल्लाते हुए कहा,""_ Get lost....| "     रवीश और ध्रुव दोनो का मुंह बन गया | और वह दोनो बाहर चले गए |    खुराना मेंशन......,           रात्रि अभी भी लाइब्रेरी में ही थी | वह अब लेट कर ड्राइविंग कर रही थी | पूरा दिन ऐसा ही भीत गया |      शाम के 7 बजे की आस पास सर्वाक्ष मेंशन में आया | फिर अपने टाई लूज करते हुए अपने नज़रे इधर उधर दौड़ाने लगा |   तभी एक गार्ड उसे ग्रीट करते हुए कहा ,""_ Good Evening boss....| "   सर्वाक्ष को रात्रि कही नही दिखी | वह फिर रूम के तरफ देखते हुए गार्ड से पूछा ,""_ where is she ? "     गॉर्ड ने जवाब में कहा ,""_ बॉस.....,लेडी बॉस अभी भी लाइब्रेरी में ही है | "   Mmmm...| " सर्वाक्ष गुनगुनाते हुए लाइब्रेरी के तरफ गया |      सर्वाक्ष को लगा था की रात्रि अब तक रूम में गई होगी लेकिन नही | वह लाइब्रेरी में जा कर देखा ,रात्रि फर्श पर ही सो गई थी | उसके दोनो हाथो में हल्का हल्का सा कलर लगा हुआ था और वह पेपर्स पर ही सो गई थी लेकिन सोते हुए भी वह बेहद मासूम लग रही थी |        सर्वाक्ष भारी भारी से कदम रखते हुए उसके करीब गया | लेकिन वह अचानक से रुक गया क्यों की रात्रि की मासूम सी चेहरे पर अब मासूमियत नही दर्द नजर आ रहा था | वह अपने में ही सिकुड़ कर अजीब तरह से कांप रही थी | उसके होंठो कांपते हुए बड़बड़ा रहे थे |    सर्वाक्ष जल्दी से उसके पास गया | वही रात्रि का चेहरा नींद में ही रोनी जैसा हो गया था | वह छटपटाते हुए बोली,""_ आह्ह्ह्ह नहीं...,छोड़ो..,छोड़ो मुझे.....प्लीज मुझे छोड़ दो....मुझे दर्द हो रहा है आह्ह्ह्ह.....| "    रात्रि अपना चेहरा इधर उधर घुमाते हुए दर्द से करहाने लगी | वह नींद में ही ऐसे बडबडा रही थी जैसे उसे कोई बुरी तरह रस्सी से बांध कर पीट रहा हो,उसके सर को ले जा कर दीवार को पटक रहा हो ....|  "  रात्रि.....रात्रि तुम्हे क्या हुआ बच्चा ...? " रात्रि को इस तरह नींद में इतना दर्द से तड़पता देख सर्वाक्ष हड़बड़ा गया था | वह जल्दी से उसे अपने बाहों में खींच कर उसके गाल थपथपाते हुए उसे नींद से जगाने लगा |     रात्रि की आंखे भींच गए थे | और देखते ही देखते उसका पूरा शरीर पसीने से भीग गया था | वही रात्रि की दिमाग में इस वक्त एक लड़का घुमा रहा था जो उसे बुरी तरह पीटते हुए उसके बाल खींच रहा था | रात्रि उसके सामने गिड़गिड़ा रही थी ,हाथ जोड़ रही थी लेकिन उस लड़के को उस पर कोई तरस नही आया या यू कहे की वह इंसान के नाम में हैवान था और ऐसा लग रहा था की रात्रि को मारना ही उसका मकसद हो | वह लड़का रात्रि की मुंह पर हाथ रख कर दबाते हुए खंजर को उसके पेट पर घोंप दिया |   "  अअह्ह्ह्ह्ह नही .......प्लीज मुझे मत मारो....प्लीज मत मारो...... अह्ह्ह्ह्ह.....अक्ष ....please save me.... अक्ष....| "  रात्रि छटपटाते हुए चिल्लाने लगी |    सर्वाक्ष को कुछ समझ ही नही आ रहा था की अचानक से रात्रि को क्या हुआ ? वह उसे अपने बाहों में जकड़ते हुए बोला ,""_ रात्रि....wake up...... रात्रि......क्या हुआ तुम्हे ? रात्रि....?रात्रि में यही हू बच्चा ...| "    रात्रि का शरीर पसीने से थरबतर हो गया था | वही रात्रि उस लड़के से छुटने की कोशिश कर रही थी लेकिन वह लड़का बिना रुके उसके पेट पर खंजर ही घुसा रहा था | रात्रि की मुंह से जोर से चिक निकल गई |      अअह्ह्ह्ह्ह.......| " रात्रि चिल्लाते हुए अपने आंखे खोल ली | वह तेज़ तेज़ सांस लेते हुए खुद को देखने लगी ,वह बिल्कुल ठीक थी | वह हाफते हुए आस पास देखी |      वही सर्वाक्ष उसे ही हैरानी से देख रहा था | वह उसे अपने तरफ घुमा कर परिशानी से पूछा ,""_ क्या हुआ तुम्हे ? "   "  अक्ष.....| " सर्वाक्ष को देखते हुए रात्रि कसके उसके गले लग कर रोने लग गई | सर्वाक्ष के माथे पे शिकन आ गए थे | उसकी बीवी इतना नींद में कैसे तड़प सकती है ? अगर कोई बुरा सपना होता तो इस हद तक नही होता | रात्रि ने कोई बुरा सपना नही देखा था | वह सब कुछ एक हकीकत था जो उसके पिछले जन्म में यह सब उसके साथ हो चुका था |     रात्रि रोते हुए सर्वाक्ष को कसके गले लगी थी | वह रोते हुए बार बार खुद के चेहरे को कभी सर्वाक्ष के गर्दन में छुपाती तो कभी उसके सीने में चुपती | वह बुरी तरह कांप रही थी और उसके पसीने से सर्वाक्ष का शर्ट तक भीग चुका था | सर्वाक्ष उसे कसके अपने बाहों में झकड़ कर उसके बालो में उंगलियां फिराते हुए बोला ,""_ बच्चा होश में आओ....,देखो तुम बिलकुल ठीक हो,कोई तुम्हे कुछ नही कर रहा है | "    रात्रि अपने ही धुन में रो रही थी | उसे कोई होश नही था | बस वह डर से कांप रही थी | वही सर्वाक्ष लगादार उसका पीठ सहला रहा था | लेकिन रात्रि शांत नही हो रही थी | यह देख सर्वाक्ष उसके चेहरे को अपने हाथो में भर कर उसके होंठो पर अपना होंठ रख दिया |     रात्रि को कोई होश नही था | वह अभी भी कांप रही थी | वही सर्वाक्ष उसके होंठ और चेहरे को चूमते हुए बेचैनी से बोला ,""_ मैं यही हू और मेरे रहते हुए तुम्हे कोई कुछ नही कर सकता रात्रि,प्लीज होश में आओ,तुमने बस बुरा सपना देखा है और कुछ नही .....| "   रात्रि की दोनो हाथ सर्वाक्ष के शर्ट में कस गए थे | उसकी कपकपाहाट अभी भी था लेकिन वह धीरे धीरे नॉर्मल हो रही थी | वही सर्वाक्ष उसकी डर और दर्द देख कर खुद अपने जगह में जम गया था | वह बिना रुके बस रात्रि को अपने बाहों में झकड़ते हुए उसके पूरे चेहरे पर किस कर रहा था |To be continued......,Â

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