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Chapter 67

chapter 67

Love With My Beast Husband

  अब आगे.......,    ठाकुर मेंशन......     ऋजुल ठाकुर और एकांश एक तक बेड पर किसी बेजान सी गुड़िया की तरह लेटी हुई रात्रि को देख रहे थे l      रात्रि के मुलायम सी गाल पर जो थप्पड़ के निशान थे ,वह अब सूझ चुके थे और भले ही उस पर ऑइंटमेंट लगाया गया था l लेकिन अभी भी खून की हल्का हल्का सा बूंदे जो अब सूखे हुए थे ,वह अच्छे से दिख रहे थे जिससे उसकी खूबसूरत चेहरे का नूर कही खो सा गया था l    एकांश के कहने पर ऋजुल ठाकुर ने पहले से ही डॉक्टर को बुला लिया था l और इस वक्त डॉक्टर रात्रि का चेकअप भी कर रहा था l    थोड़ी देर बाद वह डॉक्टर रात्रि के लिए कुछ दवाई लिख कर ऋजुल को देते हुए बोला,""_ देखिए मिस्टर थाकूर,इनका कंडीशन बहुत ही नाजुक है ऐसा लगता है यह बार बार पैनिक करते हुए बेहोश हो जाती है, और ऊपर से यह अब प्रेग्नेंट भी है तो प्लीज इनका अच्छे से ख्याल रखिएगा वरना ज्यादा पैनिक अटैक होने के कारण  इनका आगे चल कर मिसकैरेज भी हो सकता है l "    ऋजुल ठाकुर एक टक रात्रि को देखने लगा l कल जब सर्वाक्ष ने उससे कहा था कि रात्रि के अंदर उसका एक और जान जुड़ा है ? उसी वक्त ऋजुल ठाकुर को समझ आ गया था कि उसकी बेटी मां बनने वाली है और वह नाना l    भले ही उस वक्त ऋजुल ठाकुर ने सर्वाक्ष से गुस्से से बात कर आया था l लेकिन रात्रि की मां बनने की खबर से वह अंदर ही अंदर बहुत खुश था l लेकिन आज डॉक्टर की या बात सुन उसके दिल में अब अजीब सर दर्द का लहर उठ रहा था l लेकिन उसे डॉक्टर का यह बात समझ नही आया की रात्रि को बार बार पैनिक अटैक हो रहा है ? लेकिन क्यों ?    करीब एक घंटे बाद.....,    रात्रि को अब धीरे-धीरे होश आने लगा था l वह हल्के से करहाते हुए  अपने आंखे खोलने को हुई की तभी उसे महसूस हुआ कि उसके बालों को कोई प्यार से सवार रहा है ? रात्रि झट से अपने आंखे खोलते हुए बोली,""_ अक्ष....,अक्ष आप आ गए ? "    सर्वाक्ष का ख्याल आते ही रात्रि की मुरझा हुआ सा चहरा पर पल भर में ही खिल उठा था ,लेकिन अगले ही पल सामने बैठे ऋजुल को देख ,रात्रि का वह खिलखिलाता चेहरा एक दम से पिला पड़ गया l    रात्रि डर और घबराहट से जल्दी से ऋजुल ठाकुर से दूर हटते हुए बोली,""_ क....कोन हो तुम....? "   रात्रि को इस तरह डर और घबराहट से उससे पीछे हटता देख ऋजुल को थोड़ा बुरा लगा l वह फिर उठ कर रात्रि के करीब जाते हुए कुछ कहने को हुआ कि तभी रात्रि गुस्से से बोली,""_ तुम....., तुम तो ऋजुल ठाकुर हो न ? "         रात्रि ने पहली बार ऋजुल ठाकुर को पार्टी वेन्यू में देखा था l जब क्रियाँश उसके साथ बदतमीजी कर रहा था ,उस वक्त ऋजुल एकांश के साथ उसके पास पहुंचा था l रात्रि को पहले तो पता नही चला था की उसके बगल में बैठा हुआ आदमी ऋजुल ठाकुर ही है l जिसके पार्टी में सर्वाक्ष ने उसे अपने साथ ले गया था l लेकिन ऋजुल ठाकुर ने उसका किडनैप क्यों किया ? उसे यहा क्यों लाया है ? क्या ऋजुल ठाकुर का सर्वाक्ष से कोई दुश्मनी है ? रात्रि को कुछ समझ नही आ रहा था l वह बेचैनी से पूरे रूम में अपने नजरे दौड़ाने लगी ,रूम बहुत ही आलीशान और लग्जरियस चीज़ों से भरा हुआ था l लेकिन रात्रि को वहा घुटन महसूस हो रहा था l वह जल्दी से बेड से नीचे उतरने लगी की तभी ऋजुल उसे रोकते हुए कहा ,""_ रात्रि बच्चा ...? कहा जा रही हो ? "   रात्रि मुड़ कर गुस्से से चिल्ला कर बोली,""_ who the hell are you mister..? कहा लाए हो मुझे ? और क्यों ? And don't call me बच्चा ? You get that my point ..? 💢  रात्रि को ऐसे चिल्लाता देख ऋजुल थोड़ा डर गया l वह बोला,""_  बच्चा,प्लीज ऐसे चिल्लाओ मत ,तुम्हारी तबीयत ठीक नहीं है | "     रात्रि को अजीब सा बेचैनी होने लगा था l उसका दिल इस वक्त चिक चिक कर रोते अपने बीस्ट हसबैंड को आवाज लगाना कह रहा था l लेकिन क्या उसका आवाज उस तक पहुंच पाएगा ?     रात्रि बोली,""_ let me go please...| "   बोलते हुए रात्रि डोर के पास जाने को हुई की तभी ऋजुल ठाकुर ने सख्ती से कहा ,""_ तुम अब यहां से कभी नही जा सकती रात्रि l "    रात्रि की आइब्रोज आपस में ही जुड़ गए l वह मुड़ कर गुस्से से ऋजुल ठाकुर को घूरने लगी l तभी ऋजुल उसके सामने आ कर उससे कहा ,""_ तुम.....? "   ऋजुल ने इतना कहा ही था की रात्रि ने गुस्से से उसे खुद से दूर ढकेल कर चिल्लाते हुए बोली,""_ stay away from me....| "    रात्रि का इस तरह धक्का देने के वजह से ऋजुल थोड़ा पीछे जा कर गिरने को हुआ था लेकिन वह पास में रखे हुए टेबल के सहारे लिए खुद को संभालते हुए खड़ा हुआ l वह फिर लाचारी में रात्रि को देखने लगा l    तभी रात्रि गुस्से से उसके तरफ प्वाइंट करते हुए बोली,""_ चुपचाप मुझे यहा से जाने दो, वरना मैं यहा तबाई मचा दूंगी मिस्टर ऋजुल ठाकुर,and I am sure अब तक मेरे सर्वाक्ष को आपके कारनामे के बारे में पता भी चल गया होगा,अगर वह यहा आए तुम्हारा पूरी दुनिया तबाह हो जाएगी,इसीलिए तुम्हारी बलाई इसी में है ,उनके आने से पहले मुझे यहा से जाने दो l "   रात्रि की यह धमकी भरा बात सुन ऋजुल पर कोई असर नहीं हुआ बल्कि उसके होठों पर घमंड से भरी तिरछी मुस्कान आ गया था l वह कोई आम इंसान नही था ,वह एक माफिया डॉन था ,उसका नाम ही काफी था जिसे सुन हर किसी का हालत खराब हो जाना था l वैसे आज तक उसका टक्कर सर्वाक्ष खुराना से नही हुआ था लेकिन ऐसा भी नहीं था की वह सर्वाक्ष खुराना के पावर्स से कम है l      रात्रि गुस्से से ऋजुल को घूर रही थी लेकिन ऋजुल को स्माइल करता देख उसे और डर लगने लगा l वह बोली,""_ please मुझे जाने दो,please.......| "        बोलते हुए रात्रि का आवाज रूंधला सा हो गया था l वही ऋजुल उसके करीब जाते हुए फिर से कहा ,""_ तुमसे मिलने ,तुम तक पहुंचने एक दो दिन नही मैने पूरे 21 साल का इंतजार किया है रात्रि , और अब जा कर मुझे तुमसे मिलने का कोई मौका मिला है l "   ऋजुल ठाकुर की यह बात रात्रि को कुछ समझ नहीं आया था l यह आदमी उससे क्या कह रहा है ? और वह उसका 21 साल तक का इंतजार क्यों किया ? यह उसका कौन है जो उसके लिए इतना इंतजार कर गया ?    रात्रि इस वक्त कुछ भी सुनना या समझना नही चाहती थी ,उसे बस इस वक्त सर्वाक्ष चाहिए था l उसके बाहों में समा कर वह उसके कैद में महफूज रहना चाहती थी l वह ऋजुल से गुस्से से बोली,""_ I said let me go...| "   ऋजुल ने अपना सर ना में हिला कर कहा ,""_ मैने कहा न बच्चा,अब तुम यहाँ से नही जा सकती l "  " क्यों...? क्यों..? क्यों..? कोन है आप मुझे रोकने वाले ? मुझे यहां से जाना है ,मेरे अक्ष के पास जाना है ,सुना आपने ? "  रात्रि चिल्लाते हुए बोली ,फिर डोर के पास जा कर डोर ओपन करने को हुई की तभी ऋजुल ने दर्द भरी आवाज में कहा ,""_अगर मै कहूं की मैं तुम्हारा बाप हू ,तो भी तुम जाना चाहोगी ? "  रात्रि हैरानी से मुड़ कर ऋजुल को देखने लगी l ऋजुल के आंखे अब नम हो गए थे l वह अपना सर ऊपर नीचे कर हिलाते हुए कहा,""_हां..., मैं तुम्हारा पिता हू रात्रि ..| "         "पिता......? " रात्रि ऋजुल को देख धीमी स्वर में गुनगुना कर बोली l ऋजुल ने सुन लिया और उसने अपना सर हा में हिलाते हुए उससे कुछ कहने को हुआ की तभी रात्रि अपने चेहरे पर व्यंग भरी मुस्कान लिए बोली,""_ पिता....? हा..? मिस्टर ऋजुल you are a mistaken.... मैं एक अनाथ हूं l "   रात्रि ने जैसे ही यह लास्ट लाइन कहा ऋजुल के दिल में कुछ चुबन सा महसूस हो गया l वह कभी अनाथ नहीं थी,वह उसके लिए हमेशा था l लेकिन रात्रि के सामने आने का उसे हालत ने कोई मौका नहीं दिया था l लाड प्यार कर के अपना बाप होने का फर्ज निभाने का हक उसके नसीब ने उससे चीन लिया था l      ऋजुल ने कहा,""_ रात्रि,मुझे एक्सप्लेन करने दो....| "  रात्रि की चेहरे पर बिखरी हुई वह व्यंग भरी मुस्कान रात्रि के दिल में अपने बाप के लिए जो नफरत और गिन्न भरी भाव है वह बयां कर रही थी l वह ऋजुल की बात को बीच में रोक कर पूछी ,""_ क्या आप मेरे मां के साथ तब थे ? जब उन्होने मुझे जन्म दिया था ? "      रात्रि की इस सवाल का जवाब ऋजुल के पास बिलकुल नही था l वह उसे कुछ कहना चाहा तभी रात्रि अपने चहरे पर उसी व्यंग भरा मुस्कान लिए नफरत से खुद ही जवाब देते बोली,""_ नही....l    " क्या आप तब थे ? जब मैंने पहली बार मेरी मां को मम्मा कहा था ? "         रात्रि की इस सवाल का जवाब भी ऋजुल ठाकुर के पास नहीं था l वह एक दम स्पीचलेस हो कर रात्रि को देख रहा था l और उसे जवाब ना देता देख रात्रि के चेहरे पर बिखरी हुई वह व्यंग भरी मुस्कान और गहरी होती जा रही थी l      वह उसे फिर से खुद ही जवाब देते हुए बोली,""_ नही .....!! "   रात्रि ने फिर से नफरत के साथ उससे एक और सवाल किया ,""_ मेरे लिए यह जानना यह बिलकुल जरूरी नही है की आपने मेरे लिए अब तक क्या किया ? लेकिन आपने मेरी मां को बचाया जब वह मुझे दुशमनों से बचा रही थी ? और मुझे बचाते बचाते मर गई ? आप उस वक्त कहा थे मिस्टर ऋजुल ठाकुर ? कहा थे आप ? "     लास्ट लाइन रात्रि ने लगभग चिल्लाते हुए पूछा था l वही ऋजुल ठाकुर के आंखे अब तक आंसुओ से भर गए थे l रात्रि की एक एक बात भी उसके दिल में किसी कंजर के तरह चूब सी गए थे l वह उसे समझाते हुए कहा ,""_ रात्रि, मैं...? "   रात्रि गुस्से से उससे बोली ,""_ आप मेरे पिता नही है मिस्टर ऋजुल ठाकुर,और मुझे पिता की कोई जरूरत भी नहीं है,मेरे पास मेरा अक्ष और मेरा परिवार है |        रात्रि की बाते अब ऋजुल को बिलकुल बर्दाश्त नही हो रहा था l वह रात्रि के दोनो हाथ पकड़ कर बेचैनी से बोला ,""_ रात्रि ,मुझे अपनी बात बोलने तो दो,please....| "   रात्रि ने गुस्से से उसका हाथ झटका दिया l वही ऋजुल को अब अपनी बात कहना ही था अगर वह अभी भी नही कहता तो सामने खड़ी उसकी बेटी उसे कभी अपनाने वाली नही थी l वह बोला,""_मैं और किंजल...,हम दोनो अनाथालय में साथ-साथ बड़े हुए थे, हम दोनों बचपन से ही एक-दूसरे को पसंद भी करते आए थे,एक साथ स्कूल कॉलेज किया..., लेकिन जब मैं स्कूल में था तब मुझे एकनाथ ठाकुर ने गोद ले लिया... जो पूरे रश्या माफिया को चलाता था,.. मैंने यह बात किंजल को नहीं बताया, और इस बात के साथ ही हम दोनो बड़े हुए,और वैसे ही हमारी भावनाएँ भी एक-दूसरे के लिए बड़ी होती गई l हमने डेटिंग शुरू की लेकिन एक दिन किंजल को मेरे बारे में सब पता चला की माफिया का आदमी हूं , मौत का देवता हूँ जो रश्या के पूरे माफिया वर्ल्ड को नियंत्रित करता हु l मैंने किंजल को समझाने की बहुत कोशिश की थी... ,लेकिन वह नहीं मानी,और आखिर में मुझे उसने छोड़ दिया... ,मुझे नहीं पता था कि वह उस समय प्रेग्नेंट भी थी,.. कुछ महीनों के बाद मुझे उसका एक लेटर और उसकी एक तस्वीर मिली, वह नौ महीने की प्रेग्नेंट थी...,उसने उस लेटर में कहा था कि यह बच्चा हमारे प्यार का प्रतीक है और मैं इसका हमेशा रक्षा करूंगी... l मुझे उस वक्त बहुत खुशी हुई, क्यों की मैं पल पल किंजल का लौटने का इंतजार कर रहा था l और उस लेटर के जरिए मुझे पता चला की किंजल को भी मुझसे दूर नही रहा जा रहा है l लेकिन हालत ऐसे थे की मैं चाह कर भी किंजल को उस वक्त अपने पास ला नानी सकता था अगर मैं ऐसा करता तो किंजल और उसके पेट में पल रही तुम  दुशमनो के नजरों में आ जाते l       कुछ दिनों बाद मुझे फिर से एक छोटी बच्ची का तस्वीर मिली जो अभी-अभी पैदा हुई थी और उसके साथ लेटर भी था l वह मुझे किंजल ने ही भेजा था लेकीन मैं इतना बदकिस्मत बाप साबित हूंआ कि मैं अपनी बेटी को अपनी गोद में तक नहीं उठा सका.., वह हमेशा मुझे तुम्हारी तस्वीरें भेजती थी रात्रि..., मैं उनसे ही खुश था...l लेकिन दुर्भाग्य से कुछ माफिया को किंजल के बारे में पता चल गया..., मेरे दुश्मन किंजल पर गंदी नजर डाल कर उसे पाने की कोशिश करने लगे ताकि वे मुझे धमका सकें..,किंजल तुम्हारे साथ भाग गई..,लेकिन मेरे दुशमनो ने उसका पीछा करना नही छोड़ा,जिस कारण उसने तुम्हें अनाथालय में छोड़ कर किंजल वहा से भाग गई ताकि तुम तक कोई ना पहुंच सके लेकिन मेरे दुश्मन ने किंजल को पकड़ लिया और बेरहमी से मार डाला...,यह सब कुछ होने से मैं रोक नही सका,मैं उसकी रक्षा करने में असफल रहा बच्चा....., लेकिन मैं अपनी बेटी को खो नही सकता था ,इसीलिए मै उन सारे दुशमनो को खत्म करता गया जो मेरी किंजल को खतम किया था l मुझे पता है कि अनाथालय में तुम्हें बहुत कठिनाई हुई होगी, लेकिन तुम्हें बचाने का यही एक मात्र तरीका था... ,लेकिन इससे पहले कि मैं तुम्हें अपने साथ ले जाता...? उस अनाथालय को ही तोड फोड़ कर डाला था l और जितने भी बच्चे उस अनाथालय में थे उन्हे कही और शिफ्ट कराया गया था ,जिस कारण मुझे तुम्हारा पता मिलने इतना वक्त लग गया बच्चा l  "    ऋजुल की बात सुन रात्रि अपने जगह में ही जम सी गई थी l वही ऋजुल अपनी बात जारी रखते हुए कहा ,""_ किंजल के अलावा मेरे दिल में कोई नहीं था ,वो मेरे दिल की रानी थी और आज भी मेरी रानी ही है l "     रात्रि कुछ रिएक्ट नही कर रही थी लेकिन उसके आंखो से मोटे मोटे आंसू गिरते जा रहे थे l    वही दूसरी तरफ....    एक सुनसान जगह में सर्वाक्ष का प्राइवेट जेट आ कर लैंड हुआ l रवीश ने पहले ही सर्वाक्ष के असिस्टेंट को इनफॉर्म किया था, तो उस सुनसान जगह में सर्वाक्ष का असिस्टेंट कार लिए उनका ही wait करते खड़ा था l     सर्वाक्ष गुस्से से कार में आ कर बैठ गया l वही पैसेंजर सीट पर रवीश बैठते हुए कहा ,""_ अक्ष,हम भाभी को अब कहा कहा ढूंढेगे ? I wish उनके साथ....? "   रवीश अपनी बात पूरा भी करता उससे पहले ही सर्वाक्ष ने गुस्से से कहा ,""_ ठाकूर मेंशन चलो l "   रवीश ना समझी में सर्वाक्ष को देखने लगा लेकिन अचानक से उसे याद आया की ठाकुर मेंशन ऋजुल ठाकुर का मेंशन है l रवीश के हाथो की मुट्ठी भींच गए l वही उनका कार अब ठाकुर मेंशन के लिए निकल गया l    क्या होगा आगे इस कहानी में ? रात्रि का पल पल खबर सर्वाक्ष को कैसे मिल रहा है ? क्या रात्रि ऋजुल को अपने बाप के रूप में अपनाएगी ? क्या होगा इस reborn वाली कहानी में ? जानने के लिए पढ़ते रहिए  Â

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