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Chapter 66

chapter 66

Love With My Beast Husband

    अब आगे.....      खुराना एंटरप्राइजेज.....      रात्रि इस वक्त सर्वाक्ष से फोन पर बात कर रही थी l सर्वाक्ष से गए हुए अब तक सिर्फ तीन घंटे ही बिता था लेकिन रात्रि से एक एक पल भी उसके बगैर काटना मुश्किल सा हो रहा था l यह पहली बार था सर्वाक्ष का इस तरह उसे छोड़ कर काम पर जाना l वह कब तक लौटेगा यह भी सर्वाक्ष ने रात्रि को बताया नही था जिस वजह से रात्रि थोड़ा बेचैन भी थी l     " बीवी,मैने कहा न मैं जल्द आने का पूरा कोशिश करूंगा ? " उधर से सर्वाक्ष ने भारी मगर अजीब सी कशमश से भरी डगमगाती आवाज में बोला l   सर्वाक्ष से भी रात्रि से दूर नहीं रहा जा रहा था l वह खुद इस वक्त अजीब सा खालीपन महसूस करते हुए रात्रि को मिस कर रहा था l तो ऐसे में उसे बिलकुल समझ नही आ रहा था की रात्रि को कैसे शांत करे ?     सर्वाक्ष का डगमगाती आवाज सुन रात्रि को भी समझ आ गया था, कि सर्वाक्ष को भी इस वक्त उतना ही तकलीफ हो रहा है जितना उसे सर्वक्ष से दूर रहने से हो रहा था |    वह बोली,""_ आपने कुछ खाया ? "   उधर से सर्वाक्ष उसके सवाल का जवाब देने के बजाए उसे अपना ही सवाल करते हुए पूछा,""_ तुमने कुछ खाया ? और दवाई ....? दवाई ली न तुमने ? "    रात्रि ने जवाब में कहा,""_ हां...!!!  दादू और दादी ने जबरदस्ती मुझे नाश्ता भी कराया और आपके बताए हुए सारे दवाई भी खिलाया है l "       बोलते हुए रात्रि के चेहरे पर स्माइल आ गई थी l सुबह रूही से बात कर रात्रि जल्दी-जल्दी में तैयार हो कर बिना खाए पिए ही घर से बाहर निकल रही थी l लेकिन रुक्मणी और भावेश ने उसे बिना खाए घर से बाहर एक कदम भी नहीं रखने दिया था l      सर्वाक्ष आते वक्त उनसे कहा था की रात्रि का ख्याल रखे, अगर सर्वाक्ष उन्हे नहीं भी कहता तो भी वह लोग उसका ख्याल रखते,क्यों कि रात्रि उन्हें सर्वाक्ष जितना ही प्यारी थी l       थोड़ी देर बाद सर्वाक्ष से बात करने के बाद रात्रि ने कॉल काटा और अपने काम करने लगी l       वहीं ऑफिस के बाहर रात्रि के कहने पर रूही ,वह सारे चैकोलेट्स ,फ्लावर्स से भरे बुके और दो-तीन लेटर्स ऑफिस के बाहर फेंक कर अंदर चली गई l उसके अंदर जाते ही वहां सर्वाक्ष के दो-तीन गॉड्स आए फिर उन सारे चीजों को उठा कर सर्वक्ष के केबिन की तरफ ही चले गए l    शाम का वक्त....     रात्रि ऑफिस का काम खत्म कर घर जाने के लिए ,पार्किंग एरिया में खड़ी अपने कार के पास जा रही थी l  कि तभी उसकी नजर रूही पर गई ,जो अपने स्कूटी को स्टार्ट करने की कोशिश कर रही थी, लेकिन उसका स्कूटी स्टार्ट होने का नाम ही नहीं ले रहा था l जिससे रूही ज्यादा ही परेशान लग रही थी l       रात्रि उसके पास जा कर पूछी,""_ क्या हुआ रूही ? तुम इतना परेशान क्यों लग रही हो ? "     तभी रूही बोली,""_ आज मेरा यह स्कूटी स्टार्ट ही नहीं हो रहा है रात्रि,थोड़ी देर पहले डैड का कॉल आया था, उन्होंने कहा कि मां का तबीयत ठीक नहीं है जल्दी ही घर आ जाना लेकिन यह .....? "     रूही अपनी बात पूरा भी करती  उससे पहले ही रात्रि बोली,""_ इसमें इतना परेशान होने की क्या जरूरत है ? मैं हूं ना..? चलो मैं तुम्हें घर ड्रॉप कर देती हु l "   " लेकिन.....आप ...? " रूही थोड़ा हिचकिचाई लेकिन रात्रि ने उसका हाथ पकड़ा और जबरदस्ती अपने साथ कार के पास ले गई l रूही अब उसकी देवरानी बनने वाली थी तो रात्रि उसके लिए इतना भी नहीं करती ?      थोड़ी ही देर में रात्रि का कार रूही के अपार्टमेंट के सामने आ कर रुका l      रूही कार से बाहर आते हुए बोली,""_ Thanks Ratri....| "    रात्रि ने बस मुस्कुराया फिर रूही का अपार्टमेंट देखने लगी l अपार्टमेंट ज्यादा बड़ा तो नहीं था लेकिन एक मिडिल क्लास फैमिली के लिए वह अपार्टमेंट काफी था l रूही फिर अंदर जाने लगी,वह अभी जा ही रही थी की तभी एक 10 साल का लड़का साईकिल चलाते हुए आ कर रूही से टकरा गया |     अअह्ह्ह्ह......|    रूही धड़ाम से नीचे गिर गई | वही वह लड़का रूही को उठाने के बजाए तेजी से साइकिल चलाते हुए वहा से चला गया l     रूही......? "    कार में बैठी रात्रि रूही और उसके अपार्टमेंट को ही देख रही थी l उसे इस तरह गिरता देख रात्रि जल्दी से उसका नाम लेते हुए बाहर चली गई l    वही रूही करहाते हुए उठ कर खड़ी हुई ,फिर अपने पास आ रहे रात्रि से कुछ कहने को हुई की तभी रूही और रात्रि के बीच में हवा की तरह एक स्कार्पियो कार आ कर रुका ,रूही कुछ समझ पाती उसी तेजी से वह स्कार्पियो कार वहा से चला भी गया लेकिन अब वहा से रात्रि गायब हो गई थी l यह सब इतना जल्दी जल्दी में हुआ की रूही को अपने पलके झपकाने तक का भी वक्त नहीं मिला था l     रात्रि...? "     रूही आस पास रात्रि को देखी,लेकिन रात्रि ना उसे उसके कार के पास दिखी और नाही आस पास,तो रूही को यकीन हो गया की वह स्कार्पियो कार में आए हुए लोग ही रात्रि को ले गए l      रूही जोर से हवा को चीरते हुए भाग रही उस स्कार्पियो कार को देख रात्रि का नाम चिल्लाई l     रात्रि...? रात्रि....? "     तभी रात्रि का कार और उसके पीछे ही दो तीन और कार उस स्कार्पियो कार के पीछे भाग गए l रूही को कुछ समझ नही आया l वह जल्दी से अपना फोन निकाला कर रवीश को कॉल की लेकिन उधर से रवीश का कॉल ऑफ था l रूही ने सर्वाक्ष को कॉल किया l सर्वाक्ष ने एक ही रिंग में कॉल पिक कर उससे बेचैनी से मगर गुस्सैल आवाज में पूछा ,""_ उस कार का नंबर क्या है रूही ? "     रूही इतना शॉक्ड हो गई थी की उसे उस स्कार्पियो कार का नंबर देखने का मौका ही नही मिला था l वह रोते हुए बोली,""_ बॉस...,वह स्कार्पियो कार ज्यादा ही तेज़ी से निकाला तो..? "   रूही ने अपनी बात पूरा भी नही किया था की उधर से सर्वाक्ष ने कॉल काट दिया था |     वही उस स्कार्पियो के बैक सीट पर बैठी रात्रि चिल्ला तक नही रही थी l वह बस हैरानी से अपने बगल में दो दरिंदो को देख रही थी जिसे पिछले जन्म में उसे मौत का घाट उतार दिए l वह दोनो वही थे जो पिछले जन्म में उस सुनसान रास्ते में उसे बेरहमी मार डाला था l कोई हाकी के स्टिक से वार किया था तो कोई बेरहमी से उसके पेट पर लात मार था l      रात्रि का चेहरा देखते ही देखते पसीने से थरबतर हो रहा था l उन दोनो दरिंदो को देख रात्रि को अपने ही मौत का नज़ार याद आने लगा l कही इस जन्म में भी रात्रि का मौत इन्ही दरिंदो के हाथो से नही लिखा ? नही नही वह मरना नहीं चाहती l वह सर्वाक्ष से इस बार भी दूर नही रह सकती l     वही वह दोनो लड़के अपने बियर्ड पर उंगलियां फिराते हुए रात्रि की गोरा बदन किसी हवसी के तरह देख रहे थे l और रात्रि का खूबसूरत देख कर बार बार उनके होंठ सुख रहे थे ,तो वह लोग अपने जीव फेरते हुए अपने होंठ को गिला कर रहे थे l     रात्रि इस वक्त पूरी तरह कांप रही थी l रात्रि चिल्ला रही थी यह देख वह दोनो उसके मुंह पर नाही हाथ रखा था और नाही उसके हाथ पैर बांधा था l लेकिन रात्रि ने अचानक से बेहद दर्द से ऐसा चिल्ला उठी जिससे वह लडके एक पल के लिए दंग रहे गए l     " सर्वाक्ष............!!! "       रात्रि का आवाज इतना कर्कश और दर्दनाक था की जैसे रात्रि इस वक्त मौत के करीब खड़ी हो ? उसका दर्दनाक चिक बिलकुल वैसा ही था जब वह कल उस सुनसान रास्ते में सर्वाक्ष के कार में चिल्लाई थी l      रात्रि लागतार सर्वाक्ष का नाम चिल्लाए जा रही थी | वही वह दोनो लड़के हैरानी से रात्रि को देख रहे थे l तभी उनमें से एक लड़का रात्रि के गाल पर बेरहमी से थप्पड़ जाड़ दिया, जिससे रात्रि का गाल एक तरफ झुक गया लेकिन अगले ही पल वह दूसरा लड़का रात्रि के बालो को अपने हाथो की मुट्ठी में भर कर गुस्से से कहा ,""_ just shut up you bitch 🥶....| "    रात्रि बिना रुके सर्वाक्ष का नाम चिल्लाए जा रही थी l रात्रि को पता था की सर्वाक्ष इस वक्त शहर में नही है लेकिन रात्रि का मन कह रहा था की उसकी एक एक चिक भी सर्वाक्ष को सुन रहा है l वह जानता है की वह इस वक्त कहा है ? किस हाल में ?        रात्रि का चिल्लाना स्कार्पियो में बैठे हुए चार लोगो को ज्यादा ही इरिटेट कर रहा था l वह लोग रात्रि के मुंह पर नैपकिन बांधने लगे लेकिन तभी उस स्कार्पियो कार को चार कार आ कर घेर लिया |       अचानक से स्कार्पियो कार में बैठे हुए ड्राइवर को कुछ समझ नहीं आया था l वह कार को यू टर्न लेने का सोचा लेकिन पीछे से एक ब्लैक कार आ कर टोका तो वह स्कार्पियो सीधे जा कर सामने खड़ी ब्लैक कार को टोक दिया l      रात्रि छटपटाते हुए स्कार्पियो को घेरे हुए कार को ही देख रही थी l उसको घेरे हुए चारो ब्लैक कार में काले यूनिफार्म पहने बॉडीगार्ड्स थे लेकिन वह लोग सर्वाक्ष के बॉडीगार्ड्स नही थे l रात्रि अंदर ही अंदर डरने लगी थी l उसे समझ नही आ रहा था की वह इन लोगो से कैसे बच कर निकलेगी ? स्कार्पियो में बैठे वह दोनो दरिंदे उसे कहा ले जाना चाहते है रात्रि को पता था क्यों की पिछले जन्म में रात्रि को उनका काले धंधे के बारे में अच्छे से पता था l लेकिन रात्रि को यह समझ नही आ रहा था की सामने खड़े चार ब्लैक कार किसके है ? वह उसे बचाने आए है या उसे नुकसान पहुंचाने ?    रात्रि मन ही मन यह प्रे करने लगी की उसके पास उसके अक्ष को भेज दे l   पल पल खबर रखने वाले उसके बीस्ट हसबैंड को अब तक खबर भी मिल चुकी थी और वह उसे ढूंढते हुए निकला भी था l    दुसरी तरफ.....    समुंदर के बीचों बीच खड़ी जहाज़ में सर्वाक्ष बेचैनी और डर से छटपटा रहा था l वह बार बार घड़ी में टाइम देखते हुए असमान की और देख रहा था l     सर्वाक्ष का ओरा इस वक्त किसी शैतान से कम नहीं लग रहा था l वह गुस्से से कांप रहा था l तभी उसके पास रवीश आ कर उसके कान में कुछ कहा तो सर्वाक्ष का जबड़ा कस गया l      उतने में ही उन्हें आसामान में उड़ रही एक प्राइवेट जेट की आवाज सुनाई दी l देखते ही देखते वह प्राइवेट जेट उस बड़े से जहाज में आ कर लैंड हुआ l     सर्वाक्ष गुस्से से जा कर जेट में बैठ गया l वही रवीश ध्रुव को कुछ इशारा कर जा कर सर्वाक्ष के बगल में बैठ गया तो उनका वह प्राइवेट जेट फिर से उड़ाना भरा l      वही उस स्कार्पियो में बैठी रात्रि अभी भी चिल्लाते हुए रोए जा रही थी लेकिन उसकी उसके जुबान में सिर्फ सर्वाक्ष का ही जिक्र था l वह सर्वाक्ष को ही आवाज लगाते हुए रोए जा रही थी l        तभी सामने खड़े ब्लैक कार के ड्राइविंग सीट पर बैठे एकांश ने स्कार्पियो के ड्राइविंग सीट पर बैठे आदमी पर गोली चला दी l वह ड्राइवर इस वक्त आस पास घूम रहे cars को ही नोटिस कर रहा था लेकिन उसे बिलकुल नही लगा था की उसके सीने में आ कर गोली लग जाएगा l     एकांश ने एक साथ तीन गोली चलाई थी और वह आदमी देखते देखते ही धम तोड़ दिया l वही रात्रि के बगल में बैठे दो लोग भी अपने जेब से गन निकाल कर बॉडीगार्ड पर हमला कर रहे थे l लेकिन बीस से भी ज्यादा वेल ट्रेनड बॉडीगॉर्ड को तीन लोग हैंडल नही कर सकते थे l जल्दी ही वह तीनो एकांश के आदमियों के पकड़ में आ गए l वही एकांश जल्दी से कार से बाहर आ कर रात्रि के पास भागा l रात्रि सब कुछ हैरानी से देखते हुए रो रही थी l      तभी एकांश उसके मुंह पर बांधे हुए  नैपकिन को खोलते हुए कहा,""_ शांत हो जाओ रात्रि,अब तुम बिलकुल safe हो l "    बोलते हुए एकांश रात्रि का गाल को छूने को हुआ जहा उस लड़के के हाथो की निशान बैठ गए थे l तभी रात्रि गुस्से से उसका हाथ झटका कर चिल्ला कर बोली,""_ Don't touch me.....,छोड़ो मुझे ...,प्लीज....कोन हो तुम लोग.? "     रात्रि का इस तरह हाथ झटकाने से एकांश अपने हाथ को पीछे लेते हुए कहा ,""_ ok ok just relax...| "   रात्रि अभी भी रोए जा रही थी | उसका हालत अब तक पूरी तरह खराब हो गया था l एकांश उसे अपने साथ ले जाने आया था l लेकिन रात्रि के साथ जबरदस्ती वह कर नही सकता था इसीलिए वह कुछ सोचते हुए जल्दी से रात्रि के गर्दन में हाथ डाल कर उसके नस को जोर से दबा दिया तो रात्रि देखते देखते ही बेहोश हो गई l     एकांश रात्रि को जल्दी से अपने गोद में उठाया फिर अपने कार के बैकसीट पर उसे आराम से लेटा कर , ऋजुल को कॉल कर कहा ,""_ काम हो गया अंकल, मैं रात्रि को ले कर आ रहा हु l "    एकांश की बात सुन उधर से ऋजुल का खुशी का कोई टिकाना नही रहा था l वह बेहद एक्साइटेड हो कर बोला ,""_ जल्दी आओ एकांश,मुझे अपनी बेटी को ....| "   ऋजुल अपने खुशी को जाहिर कर आगे बोल ही रहा था की तभी एकांश ने कहा ,""_ अंकल,आप प्लीज जल्दी से डॉक्टर को कॉल करिए, मैं रात्रि को ले कर आ रहा हु l "     बोलते हुए एकांश ने कॉल काटा फिर कार में रखे हुए फर्स्ट एड बॉक्स ले कर धीरे धीरे रात्रि के गाल पर ऑइंटमेंट लगाने लगा l वही ऋजुल ठाकुर एकांश की बार सुन अपने जगह में ही जम गया था l एकांश का कहने का क्या मतलब था ? कही रात्रि को कुछ ...? नही नही उसकी बेटी को कुछ नही हो सकता l लेकिन एकांश ने ऐसा क्यों कहा ?    यही सब सोचते हुए ऋजुल ने डॉक्टर को कॉल कर अपने मेंशन बुला लिया l        करीब आधा घंटे बाद एकांश का कार आ कर ठाकुर मेंशन के सामने रुका l एकांश पहले कार से बाहर आया, फिर रात्रि को आराम से अपने गोद में लिए बहार आया l    ऋजुल मेंशन के बाहर ही इधर से उधर टहलते हुए बेसब्री से एकांश का आने का इंतजार कर रहा था l वह एकांश को आता देख भागते हुए उसके पास गया l फिर उससे कुछ पूछता की तभी उसकी नजर उसकी बेटी पर गई ,रात्रि के लाल मटौर चेहरे पर लंबे लंबे उंगलियां ऐसे चाप गए थे कि उसमे से बूंद बूंद खून भी नजर आ रहा था l     ऋजुल का चेहरा एक दम से काला पड़ गया l वह गुस्से से एकांश को देखने लगा तो एकांश ने कहा ,""_ हमारे पहुंचने से पहले ही वहा....| "    एकांश उसे डिटेल में बताते हुए रात्रि को ले कर सीधे अंदर चला गया l वही एकांश की बात सुन ऋजुल का जबड़ा कस गया था l   क्या होगा आगे इस कहानी में ? सर्वाक्ष रात्रि तक कभी पहुंच भी पाएगा या यू ही फस जाएगी रात्रि ? वह दोनो किसके आदमी थे जो रात्रि को इतना चोट पहुंचाए ? जानने के लिए पढ़ते रहिए  Â

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