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Chapter 69

chapter 69

Love With My Beast Husband

   अब आगे.....,    ठाकुर मेंशन.....,  " I am still hungry..." (  मुझे अभी भी भूख लगी है )      रात्रि चिल्लाते हुए ऋजुल ठाकुर से बोली | वही सामने खड़े ऋजुल ठाकुर ,एकांश और मौली तीनो ही एक साथ हैरानी से रात्रि को देखने लगे थे l     रात्रि को अभी अभी मौली ने कम खाना ला कर नही दिया था l आसानी से उसमे दो लोग पेट भर कर खा सकते थे l लेकिन उतना खाना रात्रि के छोटू सा पेट को भरा नही था l    वही मौली कभी रात्रि के पेट को देखती तो कभी खाली हुई ट्रे को l वह फिर अपने मन में बोली,""_इतना सब खाने के बाद भी यह लड़की अभी भी भूखी है ? "      वही एकांश भी अपने मन में मौली जैसे ही सोच रहा था l वह एक नजर खाली ट्रे को देखा फिर रात्रि के पास जा कर पूछा ,""_ are you sure..? तुम्हे अभी भी बुख लगी है  ? "     रात्रि उसे गुस्से से घूरने लगी l यह आदमी उससे इस तरह सवाल कर  कहना क्या चाहता है ? क्या वह ज्यादा खाती है ?     रात्रि अपने दांत पीसते हुए उस फीमेल सर्वेंट से चिल्ला कर बोली,""_ मोली टोली.....,where is kitchen..? "    मौली हड़बड़ा कर रूम के बाहर की तरफ प्वाइंट करते हुए कुछ कहने को हुई उससे पहले ही रात्रि गुस्से से उस रूम से बाहर चली गई l          " रात्रि....? "    ऋजुल को अपनी बेटी का बरताव कुछ समझ नहीं आ रहा था l वह भी उसके पीछे ही चला गया l     वही मेंशन के बाहर,सर्वाक्ष का कार आ कर जोर से ब्रेक लगाते हुए रुक गया था l       कार के बैक सीट पर बैठे हुए सर्वाक्ष का औरा किसी शैतान की तरह हो गया था l वह इस वक्त अपना सर टेढ़ा कर अपने गर्दन को बुरी तरह मसलते हुए, थीकी नजरो से अपने कार को घेरे हुए ऋजुल के बॉडीगार्ड्स को देख रहा था l अचानक से सर्वाक्ष के कार का बोनट और डिक्की के हिस्से में ऑटोमेटिक guns बाहर आ कर उन पर गोली चलाने लगे l      ऋजुल के बॉडीगार्ड्स एक्शन मोड़ में आ कर ट्रिगर दबाने को हुए लेकिन कार से बुलेट्स ज्यादा ही तेजी से उन पर बारिश की तरह बरसने लगे थे l       सर्वाक्ष का कार बस चारों और घूम रहा था, जिससे उसके कार के चारो और घेरे हुए बॉडीगार्ड्स अब देखते ही देखते नीचे गिरते जा रहे थे , क्यों की उन्हे कुछ संभलाने का मौका ही नही मिला था l      कुछ ही पल में वहा का माहौल एक दम से शांत हो गया l वही सर्वाक्ष के होंठो पर टेढ़ी स्माइल आ गई थी,वह कार से बाहर आ कर अपना बॉडी स्ट्रेच करा फिर सीधे विला के अंदर चला गया l     वही किचन के डोर के पास खड़े ऋजुल और एकांश को बाहर का इस वक्त कोई खबर नहीं रहा था l उन्हे रात्रि ने अंजाने में ही सही अपने में उलझा कर रख दिया था l वह दोनो इस वक्त हैरानी से बस रात्रि को देख रहे थे जो फ्रिज में रखे हुए सारे खाने के चीज़ को थोड़ा थोड़ा ही टेस्ट कर फेंकते जा रही थी l   रात्रि इस वक्त अजीब तरह से बरताव कर रही थी ,लेकिन रात्रि का सच में अभी भी पेट नही भरा था l उसका मन बहुत कुछ खाने को कह रहा था, लेकिन थोड़ा सा मुंह में चबाते ही उसे वॉमिटिंग फिल हो रहा था ,जिस वजह से वह आधा अधूरा खा कर नीचे फेंक रही थी l     तभी एकांश ने ऋजुल से कहा ,""_ अंकल ? आपकी बेटी को कही hunger issue तो नही है ना ? "   एकांश के पीछे खड़ी मौली को तो रात्रि ऋजुल की बेटी ही नही लग रही थी l वह ऋजुल से पूछी ,""_ master...., कही आप गलत लड़की को तो उठा कर नही लाए हैं न? "   ऋजुल घूर कर उसके ओर देखने लगा तो मौली हड़बड़ाते हुए बोली,""_ sorry master.....| "    वही रात्रि का चेहरा धीरे धीरे रोनी जैसा हो रहा था l उसे खाने का मन तो कर रहा था लेकिन उससें कुछ भी खाए नही जा रहा था l उसे अब खुद का ही यह हालत अब इरिटेट कर रहा था,वह शांत होना चाहती थी l लेकिन यह सर्वाक्ष के बगैर कहा मुमकिन था ? उसे बस सर्वाक्ष चाहिए था l उसका दिल अंदर ही अंदर तरस रहा था, की कब सर्वाक्ष उसके पास आएगा ? कब वह उसके मजबूत बाहों में समा जाएगी l    वैसे ऋजुल के विला में रात्रि ज्यादा बुरा या घुटन जैसा महसूस नहीं हो रहा था, लेकिन उसे बस इस वक्त सर्वाक्ष चाहिए था l उसका वह बीस्ट हसबैंड भले ही उस पर गुस्सा करते हुए उसे रुला देता था ,लेकिन उसका वह अनकंडीशनल प्यार उसे बेहद सुकून देता था l वह खुद को उसमे बिना सोचे समझे खो जाती थी l सच में रात्रि के लिए वह बेरहम इंसान उसका सुकून था l      रात्रि का दिल अंदर ही अंदर अब सर्वाक्ष को आवाज लगाने लगा था l और उसके रूह रूह में समा हुए सर्वाक्ष उसके पास पहुंच भी गया था l     ऋजुल रात्रि के चेहरे के हाव भाव को ही नोटिस कर रहा था ,रात्रि का रूवासा सा चेहरा देख उसे बिलकुल अच्छा नही लग रहा था और उसे समझ भी आ गया था की रात्रि कुछ खाना चाहती है लेकिन उसे वह नही मिल रहा है जिसे खाते ही उसे सुकून मिले l      ऋजुल उसके पास जाते हुए कहा ,""_ रात्रि बच्चा, थोडी देर पहले मैने तुम्हारे लिए स्वीट भी बना कर रखा था,आओ आ कर टेस्ट करो l "   बोलते हुए ऋजुल वही किचन के काउंटर पर रखे हुए एक बाउल उठा कर रात्रि के पास गया l रात्रि अब उसके और ही देख रही थी l तभी ऋजुल बाउल में रखे हुए रसगुल्ला उठा कर उसे खिलाने अपने हाथ आगे बढ़ाया l रात्रि ने एक नज़र उसे देखा फिर खाने अपना मुंह खोलने को हुई की तभी उसे वह कर्कश आवाज सुनाई दी जिसे सुनने के लिए उसके कान कब से तरस रहे थे, उसे पल पल इंतजार इसी आवाज का ही तो थाl     रात्रि.........!!! "    रात्रि ने जैसे ही सर्वाक्ष का आवाज सुना उसके चेहरे पर बड़ी सी स्माइल आ गई l वह जल्दी से किचन से बाहर भागते हुए सर्वाक्ष का नाम बेहद बेचैनी से ली ,     "  सर्वाक्ष........| "         वही सर्वाक्ष का आवाज सुनते ही ऋजुल के हाथ से रसगुल्ला नीचे गिर गया था, जो वह रात्रि को खिलाने पकड़ा था l वही एकांश के हाथो की मुट्ठी ही भींच गए थे l वह गुस्से से फिर बाहर चला गया l    वही हाल में खड़े सर्वाक्ष रात्रि को आवाज लगा रहा था की तभी उसे रात्रि किचन से भागते हुए उसके पास ही आते हुए नजर आई l      रात्रि को देखते ही सर्वाक्ष के दिल में सुकून का लहर उठ गया l वह कितना बेचैन हो कर उसे देखने के लिए , उस तक पहुंचने के लिए तरसा था ? यह वही जानता था l    जब से वह बाहर गया था तब से रात्रि की एक एक बात तक सुन पा रहा था ,लेकिन स्कार्पियो कार में रात्रि के मुंह से उसका नाम जितना दर्द और घबराहट से चिल्लाते हुए निकलाता वह सुन उसका दिल उस पल धड़कना ही भूल गया था ,उसे एक पल ऐसा लगा की उसने अपनी फुल जैसी बीवी को खो ही दिया है l     सर्वाक्ष रात्रि को देख अपने बाहें फैलाने को हुआ की अचानक से उसके आंखे सर्द हो गए l पल भर में ही उसका चेहरा एक दम से काला पडने लगा l    वही सामने सर्वाक्ष को देख रात्रि की आंखो से अब आंसू बहने लगे थे l वह भागते हुए आ कर उसके सीने से लग कर जोर जोर से रोने लग गई l     वही सर्वाक्ष का अंदर अब खून खौलने लगा था l वह गुस्से से एकांश और ऋजुल को घूरने लगा l वह दोनो भी बाहर आ कर सर्वाक्ष को उसकी नजरिया से ही देख रहे थे l      वही रात्रि उससे लिपट कर रोए जा रही थी l तभी सर्वाक्ष रात्रि को खुद से अलग कर उसके गाल को देखते हुए बेहद सर्द आवाज में मगर धीरे से पूछा ,""_ तुम पर किसने हाथ उठाया था ? इन दोनो में से कोई...? "    सर्वाक्ष ने ऋजुल और एकांश के तरफ प्वाइंट करते हुए कह ही रहा था की तभी रात्रि अपना सर ना में हिलाते हुए मासुमियत से बोली,""_ नही ,मुझे तो उस लड़के ने मारा था ,वह भी बहुत जोर से....! "   वह लड़का रात्रि के गाल पर कितना बेरहमी से मारा था ,यह रात्रि का गाल देख कर ही सर्वाक्ष को पता चल रहा था l     रात्रि का वह मुलायम सा गाल जिसे सर्वाक्ष जी भर कर चूम के कभी काटते हुए उसे सताता तो कभी अपने प्यार में गिला कर डूबा देता था ,लेकिन आज उसका वह गाल पूरी तरह सूझ गया था l और उस पर उस दरिंदे के हाथो की निशान बुरी तरह चप सी गए थे l कही कही तो खून का बूंद भी नजर आ रहा था l      सर्वाक्ष का दिल अंदर ही अंदर तड़प उठा, उसके मारने से उसकी बीवी को कितना दर्द हुआ होगा ? कितना चिल्लाई वह ? सर्वाक्ष को इस वक्त रात्रि का हालत देख कर तकलीफ भी हो रहा था और उसका गुस्सा बढ़ते भी जा रहा था l उसका चेहरा रात्रि का गाल देख कर ही काला पड़ गया था l      वही रात्रि रोते हुए सर्वाक्ष को देख रही थी l तभी सर्वाक्ष उसके गाल को धीरे से छूते हुए कहा ,""_ I am sorry bivi...., मेरी लापरवाई के वजह से तुम्हे आज बहुत कुछ सहना पड़ा ....| "     रात्रि उसके हाथ पर अपना हाथ रख कर उसे कुछ कहने को हुई की तभी सर्वाक्ष जोर से उसे अपने आपसे चिपका कर अपने कदम पीछे लेते हुए ऋजुल को घूरने लगा,जो उससे रात्रि को अलग करने उनके बेहद करीब आया था l      लेकिन सर्वाक्ष का रात्रि को ले कर इस तरह पीछे हटने से ऋजुल का हाथ हवा में ही रह गया था l     दूसरी तरफ......,    ध्रुव का हॉस्पिटल.....,  अब तक रात हो गया था l वही मीरा का आज नाइट शिफ्ट था l वह इस वक्त अपने कैबिन में बैठे हुए कुछ पेशेंट्स के रिपोर्ट्स चेक कर रही थी लेकिन बार बार उसे डॉक्टर शालिनी की बाते याद आ रहे थे जिस वजह से वह ज्यादा ही डिस्टर्ब लग रही थी l     "तुम्हें सच में लगता है डॉक्टर ध्रुव तुमसे सच्चा प्यार करता है ? He want only sex idiot.....!! "   " नया-नया सा प्यार है ना इसलिए तुम्हारा मन कुछ भी गलत सुनने तैयार नहीं है मीरा, लेकिन मैं अच्छे से जानती हूं यह आदमीयां कैसे होते हैं ? प्यार से इसीलिए पेश आते हैं, क्यों की उन्हे सेक्स चाहिए होता है "  डॉक्टर शालिनी की कही हुई यह बाते मीरा के कान में बार बार गूंजते ही जा रहे थे l मीरा इरिटेट हो कर सारे फाइल्स टेबल पर फटकते हुए बोली,""_ मुझे उस शालिनी की बाते इतना याद क्यों आ रही है ? मुझे पता है ध्रुव ऐसा नही है,वह मुझसे सच्चा प्यार करते है लेकिन ...? यह बाते मुझे डिस्टर्ब क्यों कर रही है ? "      मीरा चिड़ते हट यह सब बडबडा ही रही थी की अचानक से हॉस्पिटल के सारे लाइट्स एक साथ बंद हो गए l मीरा हड़बड़ा गई,वह जल्दी से अपने टेबल पर पड़ी फोन ढूंढते हुए बोली,""_ अचानक से हॉस्पिटल के लाइट्स कैसे चले गए ? ऐसा तो कभी हुआ नही था फिर आज ? "    मीरा को कुछ अजीब सा लग रहा था क्यों की हॉस्पिटल के लाइट्स कभी बंद नही होते ,और यह हॉस्पिटल ध्रुव का था और हॉस्पिटल में ऐसा कोई फैसिलिटी की कमी नही था l लेकिन आज हॉस्पिटल के लाइट्स ऑफ होने से मीरा को कुछ गड़बड़ लग रहा था l   मीरा ने अपने फोन में टॉर्च ऑन कर केबिन से बाहर चली गई l लाइट्स ऑफ होते ही हॉस्पिटल में ज्यादा ही चहल पहल था ,हर कोई फोन टॉर्च लिए घूम रहा था l लेकिन दूर खड़ी शालिनी की चेहरे पर टेढ़ी स्माइल थी l ठीक बीस सेकंड बाद शालिनी की फोन में कुछ नोटिफिकेशन आया,शालिनी ने तुरंत किसी को एक मैसेज ड्रॉप किया तो उसी वक्त लाइट्स ऑन हो गए l       मीरा बाहर आ कर हॉस्पिटल के स्टाफ से बात कर रही थी l लेकिन लाइट्स ऑन होते ही वह भी थोड़ा शांत हो कर जनरल वार्ड में पेशेंट्स का चेक अप करने चली गई l    वही शालिनी की चेहरे पर कुटिल मुस्कान बिखरा हुआ था l वह मीरा को देखते हुए अपने मन में बोला,""_mmm...., all the best Meera, कल का दिन तुम्हारे लिए बेहद यादगार होने वाला है i mean...., कल हॉस्पिटल में तुम्हारा आखिर दिन होगा l "  शालिनी हंसते हुए वहा से बाहर चली गई l       वही दूसरी तरफ....., क्रियाँश बेहद सर्द नजरो से अपने सामने खड़े उदय को देख रहा था l जो इस वक्त पसीना पसीना हो चुका था l उदय इस वक्त किसी को कॉल करने की कोशिश कर रहा था l लेकीन बदकिस्मती से उधर से उसका कोई काल पिक ही नहीं कर रहा था l      तभी क्रियाँश ने कहा ,""_ mmm, इस बार भी तुमने काम को ठीक से अंजाम नही दिया,सर्वाक्ष खुराना की बीवी और ऋजुल ठाकुर की बेटी,तुम्हारे बिछाए हुए जाल में फसते फसते बच गई  l "    क्रियाँश यह सब गुस्से से नही बल्कि नॉर्मल वे में कह रहा था l जैसे उसे पहले से ही पता हो की इस बार भी उसका काम होने से नही रहा l क्यों की वह जानता था, उसके सामने उसके दो दुश्मन खड़े थे l एक सर्वाक्ष खुराना जो किसी बीस्ट से कम नहीं था तो दूसरा ऋजुल ठाकुर जिसे माफिया वर्ल्ड में गॉड ऑफ डेथ कहलाए जाता था l लेकिन क्रियाँश भी कमजोर खिलाड़ी नही था l भले ही उसके बाजी इस वक्त पलटते हुए उसे मुंह के बल गिरा रहा था l लेकिन वह हार मनाने वालों में से नही था l वह सिर्फ जितने वालो में से था चाहे उसे जितने के लिए हर एक गलत रास्ता भी अपनाना पड़े तो वह बेजिजक अपना कर अपने काम को अंजाम देने वाला था l      क्रियान्श के दिमाग में इस वक्त बहुत कुछ चल रहा था, जिसका अंदाज ना सर्वाक्ष को था और नाही ऋजुल को l   क्या होगा आगे इस कहानी में ? ऋजुल के कैद से सर्वाक्ष रात्रि को छुड़वा कर ले जाएगा अपने साथ ? क्रियांश के दिमाग में क्या चल रहा है ?    क्या करने वाला है वह आगे ? और मीरा के साथ कल क्या होने वाला है ? डॉक्टर शालिनी भी अपने काम में कामयाब हो जाएगी ? जानने के लिए पढ़ते रहिए   "

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