Back
/ 81
Chapter 70

chapter 70

Love With My Beast Husband

अब आगे.......,   ठाकुर मेंशन.....,     रात्रि इस वक्त पूरी तरह सर्वाक्ष के बाहों में दबोच सी गई थी l क्यों की सर्वाक्ष उसे कसके अपने आपसे चिपका कर ,अपने बाहों में लिए खड़ा था और बेहद सर्द नजरो से सामने खड़े ऋजुल ठाकुर को देख रहा था |     वही ऋजुल ठाकुर का चेहरा भी गुस्से से ही भरा था l और वह एक तक रात्रि और सर्वक्ष को ही देख रहा था l उसे समझ नहीं आ रहा था कि सर्वक्ष उसके सिक्योरिटी फोर्स को चकमा दे कर अंदर आया भी है तो कैसे आया ? और उसे खबर क्यों नही मिला की सर्वाक्ष आया भी है ?      वही खड़े एकांश भी यही सोच रहा था l      तभी सर्वाक्ष ने कहा ,""_ऋजुल ठाकुर....,, उफ्स ससुर जी..? मैं शहर से बाहर क्या गया आपने तो मेरे इजाजत के बगैर मेरी बीवी को ही उठा लाए ? Not fair | "       सर्वाक्ष के मुंह से ससुर जी वर्ड सुन रात्रि हैरानि से अपना सर ऊपर कर सर्वाक्ष को देखने लगी l सर्वाक्ष ऋजुल को ससुर कह रहा है ? मतलब ऋजुल ठाकुर उसका बाप है ? और सर्वाक्ष यह बात कैसे जानता है ? अगर जानता है तो सर्वाक्ष ने उसे बताया क्यों नही की ऋजुल ठाकुर ही उसका बाप है ?    वही ऋजुल ठाकुर के दांत भींच गए थे l वह गुस्से से बोला ,""_ वह मेरी बेटी है सर्वाक्ष....!! "    सर्वाक्ष ने कहा ,""_ यह मेरी बीवी और मेरे होने वाली बच्चे की मां है | "      तभी ऋजुल ठाकुर अपने दांत टटोरते हुए कहा ,""_ तुम.....? "   ऋजुल ठाकुर अपनी बात पूरा भी करता तभी वहा रात्रि बोल पड़ी,    " क्या कहा आपने ? ससुर जी..? मतलब अक्ष यह मेरे असली डैड है ? "     रात्रि का सवाल सुन ऋजुल ठाकुर  को ख्याल आया कि सर्वाक्ष ने अभी-अभी उसे ससुर जी कहा है ? बल्कि जब वह रात्रि के जन्मदिन पर उसके घर गया था तब सर्वाक्ष ने उसके बात मानना तो दूर उसे सीधे घर से बाहर जाने कहा था l     वही रात्रि बेसब्री से सर्वाक्ष का जवाब का इंतजार कर रही थी लेकिन सर्वाक्ष अपने चेहरे पर ब्लैंक एक्सप्रेशन लिए उसे बिना जवाब दिए ही देख रहा था l      सर्वाक्ष को जवाब ना देता देख रात्रि बेचैनी से बोली,""_ अक्ष ,बताइए न,यह मेरे डैड है ना ?  आपने अभी अभी इन्हे ससुर जी कहा ,मतलब यह मेरे पापा ही है ?आपको पता है, यह थोड़ी देर पहले मुझे समझा भी रहे थे की वह मेरे डैड है और मुझे सालों से ढूंढ रहे है ,लेकिन मुझे लगा की यह आपके कोई दुश्मन होंगे और आपसे बदला लेने मेरे साथ ऐसे गेम खेल रहे है ? लेकिन आपके मुंह से अभी ससुर जी सुन मुझे अब यकीन हो रहा है की यह जो बोल रहे थे ,वह सच बोल रहे थे l "   ऋजुल ठाकुर ने रात्रि को हर तरह से समझा दिया था की वह ही उसका पापा है l उसने किंजल के तस्वीर तक  दिखाते हुए रात्रि को सारी बाते बता दिया था लेकिन रात्रि को उस पर विश्वास करने डर लग रहा था l वह चाह कर भी ऋजुल ठाकुर को अपना बाप नही मान रही थी लेकिन सर्वाक्ष के मुंह से उसने जैसे ही सुना की वह उसका ससुर है तो उसकी दिल में अजीब सा तूफान सा उठ गया l     वह अब ऋजुल ठाकुर को पुरे दिल से अपनाना चाहती थी की वह उसका बाप है ,बस एक बार सर्वाक्ष हां कह दे l क्यों की उसे पता था की उसका अक्ष उससे कभी झूठ नही कहता l     सर्वाक्ष अभी भी रात्रि को कोई जवाब नही दे रहा था l लेकिन आज उस लड़की की चेहरे पर अजीब सी बेचैनी और तड़प भरी भाव ने घेर लिया था l वह कितना बेसब्री से उसके जवाब का इंतजार कर रही है यह सर्वाक्ष को अच्छे से समझ आ रहा था l      रात्रि ने कहा ,""_ आप मुझे कुछ बता क्यों नही रहे अक्ष ? मैने सुना की अभी अभी आपने इन्हे ससुर जी कहा,यह मेरे डैड ही है ना ?  "   बोलते हुए रात्रि की आवाज लड़खड़ा रही थी l वही ऋजुल ठाकुर और एकांश एक तक सर्वाक्ष को देख रहे थे l अगर सर्वाक्ष जानता है तो वह रात्रि को बताने इतना वक्त क्यों ले रहा है ? अगर वह नहीं भी बताया तो भी सच छुपने वाला नही था l वह जी जान लगा कर रात्रि को अपने पास ही रखने का इरादा बना चुके थे l वह अब रात्रि को जाने नही देने वाले थे l     सर्वाक्ष का खामोशी रात्रि को अजीब तरह से तड़पा रहा था l उस लड़की की आंखे तक नम हो गए थे l तभी सर्वाक्ष ने कहा ,""_ यह तुम्हारे डैड है रात्रि, लेकिन तुम अब यह मत सोचना की....? "   सर्वाक्ष अपनी बात पूरा भी करता उससे पहले ही रात्रि ने उसे खुद से दुर ढखेला, फिर भागते हुए जा कर ऋजुल के गले लग गई l     सर्वाक्ष को रात्रि से यह बिलकुल उम्मीद नही था l उसका इस तरह पीछे धकेलने से सर्वाक्ष दो कदम पीछे भी चला गया था l  वह अब गुस्से से रात्रि को घूरने लगा l  वही ऋजुल ठाकुर और एकांश हैरानी से रात्रि को देख रहे थे l उन्हे भी बिल्कुल उम्मीद नही था की रात्रि इस तरह आ कर उसके गले लग जाएगी ?     लेकिन ऋजुल के चेहरे पर अब सुकून भरा भाव दिखाई दे रहा था l वह कब से इस पल का इंतजार कर रहा था l वह रात्रि के बालो में हाथ फिराते हुए, कहा ,""_ रात्रि बच्चा,मैने कहा था ना मै ही तुम्हारा बाप हु,एक दो दिन से नहीं सालों से मैं तुम्हारा पल पल इंतजार किया है बच्चा | "    रात्रि उसे कसके गले लगी हुई थी और वह रो भी रही थी l क्यों की उसे यकीन नही हो रहा था की वह अनाथ नही उसके पास भी सबके तरह पापा है l      रात्रि की आंखो से बह रही आंसू अब ऋजुल के शर्ट को गिला करने लगे थे l वह वैसे ही उसके गले लग कर खड़ी रही l       वही सामने खड़े सर्वाक्ष की दांत भींच गए थे l उसे ना रात्रि का इस तरह खुद को दखेल कर ऋजुल से चिपकना बर्दाश्त हो रहा था और नाही उसका रोना l     वह बेहद सर्द आवाज चिल्लाते हुए कहा ,""_ बीवी ,रोना बंद करो...| "    सर्वाक्ष का इतना सर्द आवाज सुन रात्रि एक दम से सहम कर ऋजुल से अलग हो कर अपने आंसू पोछने लगी l    वही सर्वाक्ष को इस तरह रात्रि पर चिल्लाता देख ऋजुल और एकांश दोनों ही गुस्से से सर्वाक्ष को घूरने लगे थे लेकिन वह हैरान इस बात से थे की रात्रि डर कर आपने आंसू पोंछ रही थी l क्या सर्वाक्ष रात्रि को इस तरह डराता है ?     " सर्वाक्ष खुराना ,तुमने मेरी बेटी पर चिल्लाने की हिम्मत भी कैसे की ? " ऋजुल अपने दांत टटोरते हुए सर्वाक्ष से कहा l        वही सर्वाक्ष एक तक रात्रि को घूर रहा था l उसे अंदर ही अंदर रात्रि पर बहुत गुस्सा आ रहा था, क्यों की इस लड़की ने उसे खुद से दूर ढखेल कर ऋजुल के पास भाग गई थी l वह उसे नही छोड़ने वाला था अब ?       रात्रि डरी और, सहमी नजरो से सर्वाक्ष को देख रही थी l वह ठीक से अपने आंसु पोछते हुए बोली,""_ मैं अब नही रो रही अक्ष | "     सर्वाक्ष उसे अभी भी घूर रहा था l तभी ऋजुल ने रात्रि को अपने तरफ घुमा कर कहा ,""_ तुम इससे इतना क्यों डर रही हो बच्चा ? अब मै आ गया हु ना तुम्हे किसी से डरने की जरूरत नहीं है l "    लास्ट लाइन बोलते हुए ऋजुल बेहद गुस्से से सर्वाक्ष को घूरने लगा l सर्वाक्ष रात्रि पर चिल्लाते हुए उसे डरा कैसे सकता है ?      वही रात्रि अभी भी सर्वाक्ष को देख रही थी l सर्वाक्ष का सर्द औरा देख वह डरते हुए उसके पास जाने को हुई की तभी ऋजुल उसे रोकते हुए कहा ,""_ मैने कहा ना बच्चा,अब तुम्हे इससे डरने की जरूरत नही है और अब तुम इसके पास जाओगी भी नही l "      रात्रि ने जैसे ही ऋजुल की लास्ट लाइन सुना उसकी आंखे छोटी हो गई l वह ना समझी में ऋजुल को देख  पूछी,""_ क्या....? क्या कहा आपने ? "       सर्वाक्ष अब भी कुछ नही बोल रहा था l लेकिन उसकी नजर सिर्फ रात्रि पर टिकी थी l रात्रि जब तक ,जैसे उससे दूर गई है वैसे ही उसके करीब नही आती तब तक वह अब कुछ नही बोलने वाला था l क्यों की उस लड़की ने बिना उसकी बात सुने ही उसे खुद से दूर कर भाग गई थी तो उसे उसका पूरा पनिशमेंट तो मिलना ही चाहिए था l    सर्वाक्ष अपने जेब में दोनो हाथ रख कर एक टक रात्रि और ऋजुल को देखने लगा l वही अब तक रवीश भी वहा आ चुका था l     रात्रि का सवाल सुन ऋजुल ने अपनी बात दौराते हुए कहा ,""_ मैने कहा अब तुम्हे किसी से भी डरने की जरूरत नही है और अब तुम्हे मजबूर हो कर डरते हुए किसी के साथ रहने की भी जरूरत नहीं है l "    रात्रि बेचैनी से सर्वाक्ष को देखी, सर्वाक्ष उसे बिना एक्सप्रेशन के देख रहा था, उसका वह चुप्पी अब रात्रि के अंदर अजीब तरह का डर पैदा कर रहा था l      रात्रि ऋजुल को देख गुस्से से बोली,""_ आपको किसने कहा की मै मजबूर हो कर डरते हुए सर्वाक्ष के साथ रह रही हु ? "    ऋजुल उसके गाल पर हाथ रख कर कहा ,""_ मुझे पता है बच्चा ,यह सर्वाक्ष खुराना तुमसे शादी कैसे की है ? "  ऋजुल ने एकांश के साथ जब रात्रि के अनाथालय उसके बारे में पता करने गया था ,तब ही उसे सब पता चला था l क्यों की रावी ने रात्रि के साथ जो  हुआ था ?वह कुछ लोगो को बता कर भी रखा था l     रावी के मदद से ही तो सर्वाक्ष ने रात्रि का किडनैप किया था और उससे जबरदस्ती शादी करने की कोशिश भी की थी l लेकिन शादी के वक्त रात्रि को अपने पिछले जन्म का सब कुछ याद आया था जिस वजह से वह उसके साथ खुशी खुशी से ही शादी के पैरे लिए थे l     रात्रि बोली,""_ आप मेरे अक्ष के बारे में गलत सोच रहे है डैड,वह मुझसे बहुत प्यार करते है l "   बोलते हुए वह सर्वाक्ष के पास जाने को हुई की तभी ऋजुल ने उसे फिर से अपने तरफ खींचते हुए कहा ,""_ मुझे पता है बच्चा,तुम इस वक्त इससे डर कर यह सब कह रही हो ? मैने कहा ना अब तुम्हे किसी से डरने की जरूरत नही है l "    ऋजुल की बात सुन रात्रि हैरानी से ऋजुल को देखने लगी l उसका बाप यह क्या कह रहा है ? वह फिर सर्वाक्ष को देखने लगी,जो सिर्फ खामोशी से खड़ा था l     रात्रि ऋजुल के हाथ को अपने बाजू से हटाने को हुई की तभी ऋजुल ने कहा,""_ बच्चा,अब तुम रूम में जा कर रेस्ट करो, मैं इसे देखता हु l "   बोलते हुए ऋजुल गुस्से से सर्वाक्ष को देखने लगा l सर्वाक्ष की नजर रात्रि पर ही टिकी थी l      रात्रि गुस्से से ऋजुल से बोली,""_ मैने कहा ना ,आप मेरे अक्ष के बारे में गलत सोच रहे है ? वह बहुत अच्छे है l "    रात्रि को चिल्लाता देख ऋजुल हड़बड़ा गया l क्यों की वह नही चाहता था की उसकी बेटी की तबीयत पर कोई असर हो l वह रात्रि के बाल सवारते हुए कहा ,""_ बच्चा बार बार ऐसे मत चिल्लाओ,तुम अभी रूम में जाओ l     ऋजुल का बर्ताव रात्रि को बेचैनी कर रहा था l कही उसका यह बाप उसे सर्वाक्ष से अलग ना कर दे ? तभी ऋजुल मौली को आवाज देते हुए कहा ,""_ मौली ,रात्रि बच्चे को रूम में ले जाओ l "    रात्रि हैरानी से सर्वाक्ष को देखने लगी l सर्वाक्ष अभी भी कुछ बोल ही नहीं रहा था l वही पीछे खड़े रवीश भी ना समझी में सर्वाक्ष को देख रहा था l यह आदमी अपनी बीवी के लिए तड़पते हुए 5000 करोड़ कीमत का काम छोड़ कर आया था ,और अब ऐसा खड़ा था जैसे उसे रात्रि से कोई मतलब ही नहीं l रवीश ने धीमी स्वर में सर्वाक्ष से कहा ,""_ यह तुम चुप क्यों खड़े हो ? भाभी को वह अंदर ले जाने को कह रहा है ? "  तभी सर्वाक्ष ने एक एक शब्द पर जोर देते हुए कहा ,""_ क्यों की रात्रि अब सिर्फ अपने बाप के साथ रहना चाहती है,अब उसे हमारी जरूरत नही है रवीश,चलो चलते है l "     सर्वाक्ष की एक एक बात रात्रि की होश उड़ा दिया था l उसके दिल तक कांप उठा था l वह रोते हुए बोली,""_ अक्ष आप यह क्या कह रहे है ? "    सर्वाक्ष रात्रि को देखते हुए अपने कदम पीछे लेने लगा l रात्रि ने जैसे ही यह देखा तो उसकी सांसे अटक गए l  वह ऋजुल का हाथ झटका कर भागने को हुई की तभी एकांश ने उसे रोकते हुए कहा ,""_ अंकल,सही कह रहे है ,तुम्हे अब सर्वाक्ष खुराना से डर कर उसके साथ रहने की जरूरत नही है रात्रि , हम है तुम्हारे लिए l "    सर्वाक्ष ने जैसे ही देखा की एकांश ने उसकी बीवी का हाथ पकड़ा है उसका जबड़ा कस गया l गुस्से से उसकी हाथो की मुट्ठी तक भींच गए l    वही रात्रि रोते हुए अभी भी सर्वाक्ष को ही देख रही थी l सर्वाक्ष के कदम पल-पल उससे दूर जा रहे थे,जिसे देख उसकी बेचैनी बढ़ते जा रहा था l वह जिस तरह अपने कदम पीछे ले रहा था  उससे रात्रि को ऐसा लग रहा था की उसके दिल का हिस्सा उससे अलग हो रहा है ? ऐसा लग रहा था की कुछ ही देर में बेचैनी से तड़प रही उसका वह दिल थोड़ी ही देर में धड़कना ही भूल जाएगा l   वो गुस्से से एकांश पर चिल्लाते हुए बोली, ""_ leave my hand "  तभी एकांश ने उसे अपने तरफ घुमा कर कहा, ""_ रात्रि,हमने कहा ना तुम्हें डरने की .....।"   "   चटाक.......!! "            एकांश ने अपनी बात अभी पूरा भी नहीं किया था ,उससे पहले ही रात्रि ने गुस्से से उसका हाथ झटका कर उस पर हाथ उठा दिया l      " रात्रि....!! "    तभी ऋजुल ने रात्रि का नाम चिल्लाते हुए उसके करीब आया l वैसे एकांश या ऋजुल को इसका बिल्कुल उम्मीद नहीं था की रात्रि इस तरह एकांश पर हाथ उठाएगी  l     वही एकांश का चेहरा एक तरफ झुक गया था l तभी रात्रि गुस्से से  चिल्लाते हुए बोली, ""_मैं चिल्ला-चिल्ला कर आप लोगों को कह रही हूँ ना ? कि मैं किसी से डर कर सर्वाक्ष के साथ नहीं रह रही, लेकिन तुम दोनो मेरी बात का अलग मतलब निकाल रहे है ? क्यों ? मेरे आंखो में या मेरे तड़प भरी चहरे से आप दोनो को समझ नही आ रहा ? मैं उनसे प्यार करती हूँ ,अगर मेरे सीने में मेरा दिल धड़क रहा है तो सिर्फ उनके लिए ,और आप दोनो मुझसे मेरी धड़कने छीनने तुले है ? मैं प्यार करती हु उनसे ,और मैं उनके बच्चे की माँ भी बनने वाली हूँ ,लेकिन आप दोनों को बस .....? "   रात्रि बेचैनी से बोलते बोलते रुक गई l फिर वह सर्वाक्ष को देखने लगी l सर्वाक्ष अब रुक गया था l तभी रात्रि रोते हुए बोली,""_ बहुत बुरे है आप ...,बहुत बुरे अक्ष l "   सर्वाक्ष अब रुक तो गया था लेकिन वह कुछ कह नहीं रहा था l वही रात्रि रोते हुए उसके बेहद करीब आ कर बोली,""_ आपकी हिम्मत भी कैसे हुई मुझे छोड़ कर जाने की ? हां  ? और क्या कहा आपने की मुझे अब आपकी जरूरत नही ? कैसे कहा आपने यह ?"    सर्वाक्ष खामोशी से रात्रि को देख रहा था l वह फिर रात्रि के गाल पर हाथ रख कर उसके चेहरे को अपने करीब ला कर सख्ती से मगर धीरे से कहा ,""_ मैं तुमसे बात कर रहा था ना ? मेरे पूरी बात सुने बिना तुम मुझे खुद से दुर ढकेल कर जाओगी तो मुझे गुस्सा नही आएगा ? "    रात्रि गुस्से से उसके हाथ अपने गाल से झटका कर उसे घूरते हुए उसके होंठो पर अपना दांत गडा दी l       " आह......बीवी....!! "  सर्वाक्ष एक दम से कराह उठा l    क्या होगा आगे इस कहानी में ? जानने के लिए पढ़ते रहिए      Â

Share This Chapter