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Chapter 71

chapter 71

Love With My Beast Husband

   अब आगे ....    " तुमसे बात कर रहा था ना मैं ? मेरे पूरी बात सुने बिना तुम मुझे खुद से दुर ढकेल कर जाओगी तो मुझे गुस्सा नही आएगा ? " रात्रि के गाल को अपने हथेली में भर कर सर्वाक्ष उसके चेहरे को अपने चेहरे के बेहद करीब लाते हुए बेहद सर्द आवाज में मगर धीरे से उससे सवाल करा l     रात्रि गुस्से से सर्वाक्ष को ही घूर रही थी,उसने पहले सर्वाक्ष के हाथ को अपने गाल से झटकाया,फिर एक दम से उसके होंठो पर अपना दांत गडा दी l       " आह......बीवी....!! "  सर्वाक्ष एक दम से कराह उठा l लेकिन एक बार काटने से रात्रि का गुस्सा शांत कैसे होने वाला था ? उसका यह बीस्ट हसबैंड ना सिर्फ उसे गुस्सा दिलाया था बल्कि बुरी तड़पा कर रोने पर मजबूर किया था l     सर्वाक्ष अपने निचले होंठ को अपने उंगलियों से सहलाता की तभी रात्रि ने उसके कालर को कसके पकड़ कर अपने तरफ खींचा,जिससे सर्वाक्ष उसके चेहरे के बेहद करीब झुक गया l     वही गुस्से से तमतमा उठी उसकी बीवी ने अपना चेहरा थोड़ा टेढ़ा कर उसके गर्दन में फिर से दांत गडा दी l     " आह.....!!! " सर्वाक्ष के मुंह से फिर से चिक निकली l     वही रात्रि के नजर अब सर्वाक्ष के गालों पर आ गई थी l वह गुस्से से उसके गालों पर भी अपने दांत गड़ाने लगी l सर्वाक्ष खड़े खड़े बस करहाते हुए रात्रि को घूर रहा था l क्यों की उसकी यह नकचढ़ बीवी ने उसका ही ट्रिक अपना लिया था l जब भी रात्रि सर्वाक्ष को तंग कर गुस्सा दिलाती थी तब तब सर्वाक्ष ऐसे ही उसके पूरे चेहरे पर ऐसे होंठ घुमाते हुए उसे काटने लगता था l      वही रात्रि की इस हरकत से सामने खड़े ऋजुल ठाकुर,एकांश ,मौली और रवीश अजीब सा एंबरेसिंग फील कर रहे थे l वह रात्रि और सर्वाक्ष से नजरे हटा कर इधर उधर देखने भी लगे थे लेकिन सर्वाक्ष का आह भरते हुए करहाना उन्हे और एंबरसिंग करा रहा था l     थोड़ी देर बाद रात्रि रुक कर सर्वाक्ष को घूरने लगी l सर्वाक्ष अब उसे बिना भाव के देख रहा था l उसके आंखो में अब ना गुस्सा झलक रहा था और नाही प्यार का कोई भाव l वही रात्रि की गुस्सैल आंखो में अब मोटे मोटे आंसू भर गए थे l वह रोते हुए उसके गले लग कर बोली,""_कब से आपका इंतजार कर रही थी आपको पता भी है ? जब वह दोनो दरिंदे मुझे घसीट कर अपने कार में फटक के किडनैप कर ले जा रहे थे ,तब मेरे रूह रूह भी डर से आपका नाम लिए जा रहा था,जब उस लड़के ने मुझ पर हाथ उठाया तब मेरे दिल दर्द से चिल्लाते हुए सिर्फ आपको ही आवाज लगा रहा था अक्ष और आप कह रहे है की मुझे आपकी जरूरत ही नहीं है ? कैसे कहा आपने यह ? आपको पता है मुझमें सिर्फ आप बसे हुए है और आपके बगैर मुझसे एक पल भी नही रहा जाता लेकिन आपने ...? "     रात्रि सर्वाक्ष के सीने में अपना सर टिका कर बस रोते हुए बोले जा रही थी l लेकिन उसका पूरा शरीर कांपते हुए गरम हो रहा था तो वही उसकी आवाज भी लड़खड़ाने लगी थी l वह अपनी डगमगाती आवाज में सर्वाक्ष से शिकायते कर रही थी l   तभी सर्वाक्ष उसे अपने बाहों में झकड़ते हुए कहा ,""_ I am sorry....| "    रात्रि अपना सर ऊपर कर सर्वाक्ष को देखने लगी l तभी सर्वाक्ष रात्रि के आंसुओ से भरे चेहरे पर उसके कुछ लटो को उसके कान के पीछे सरकाया जो उसके गाल पर ही चिपक गए थे l    वही सर्वाक्ष फिर उसके आंसू पोछते हुए कहा ,""_ घर चले ? "    सर्वाक्ष का यह सवाल सुन रात्रि मुड़ कर ऋजुल ठाकुर और एकांश को देखने लगी l सर्वाक्ष का सवाल सुन ऋजुल ठाकुर का चेहरा पल भर में ही गुस्से से भर गया था l वह चाहे कुछ भी हो जाए अपनी बेटी को आज खुद से अलग हो कर जाने नही दे सकता था l    वह गुस्से से बोला ,""_ सर्वाक्ष खुराना ..,तुमने सोचा भी कैसे की मैं तुम्हे अपनी बेटी को यहा से ले जाने दूंगा ? "     सर्वाक्ष की दांत भींच गए l वह भी गुस्से से बोला ,""_ मैं यहां से अपनी legal wedded wife को ले जा रहा हु मिस्टर ऋजुल ठाकुर, मैं भी देखता हु मेरी बीवी को यहां से ले जाने से आप कैसे रोकते है ? "    एकांश और ऋजुल ठाकुर गुस्से से उसे घूरने लगे l     वही रात्रि कभी एकांश और ऋजुल ठाकुर को देखती तो कभी सर्वाक्ष को l       रात्रि की आंखे इस वक्त दो अलग-अलग दुनियाओं के बीच झूल रही थीं l एक ओर उसका बाप, ऋजुल ठाकुर, जो उसे सालों बाद अब जा कर मिला था l और दूसरी ओर सर्वाक्ष, जो उसका वजूद बन गया था ,उसके रूह रूह में शामिल वह इंसान उसके धड़कनो में भी बस चुका था l        रात्रि धीरे से सर्वाक्ष के सीने पर हाथ रख कर सर्वाक्ष का ध्यान को अपने ओर खींचा जो ऋजुल को घूरने में busy था l    सर्वाक्ष अपना सर झुका कर रात्रि को देखने लगा l रात्रि बोली,""_ अक्ष,please शांत हो जाइए न, मैं डैड से बात करूंगी l "   सर्वाक्ष का औरा एक दम से काला पड़ गया l वह वार्न भरा लुक देते हुए रात्रि से कहा ,""_ अगर तुमने अपनी बाप की वजह से मुझसे अलग होने का फैसला.....|    सर्वाक्ष गुस्से से अपने एक-एक बात को भी चबाते हुए अभी बोल ही रहा था कि तभी रात्रि ने उसके होठों पर अपने मुलायम सी उँगलियों को रख कर अपना सर ना में हिला दिया, जैसे वह कहना चाह रही हो कि वह गलत सोच रहा है l      अपने होंठो पर रात्रि के उंगलियां मेहसूस कर सर्वाक्ष एक दम से शांत हुआ l वह फिर उसके उंगलियों को चूम कर उसके उस हाथ को अपने हाथ में फसा कर उससे बेचैन भरी आवाज में कहा ,""_ सिर्फ पांच मिनट है तुम्हारे पास ....| "    रात्रि ने अपना सर हिलाया फिर ऋजुल के पास गई | ऋजुल ठाकुर अभी भी गुस्से से सर्वाक्ष को देख रहा था l वह रात्री को अपने करीब आता देख सख्ती से बोला ,""_ मैं तुम्हे इसके साथ हरगिज नहीं जाने दे सकता रात्रि, मै किसी को भी खुद से अपनी बेटी को अलग करने नही दूंगा l "    तभी रात्रि बोली,""_ आप यह क्यों सोच रहे है की सर्वाक्ष मुझे आपसे अलग करेंगे ? "    ऋजुल के पास इसका कोई जवाब नही था लेकिन उसे यह बात सच जरूर लग रही थी l तभी रात्रि ऋजुल के दोनो हाथ पकड़ कर धीमी स्वर में ऋजुल से बोली,""_ क्या आप चाहते है की मैं भी मम्मा की तरह अपने कोक में बच्चा ले कर अपने पति से दूर हो जाऊ ? क्या आप यही चाहती है की मैं बिलकुल मम्मा की तरह सर्वाक्ष को तकलीफ देते हुए खुद भी तड़पते रहूं ? जैसे उन्होंने आपसे अलग हो कर आपको तकलीफ दिया था और खुद भी तड़पा था ? "    रात्रि की यह सारे सवाल ऋजुल को एक दम स्पीचलैस कर दिया l ऋजुल और किंजल जब रात्रि के उम्र के थे ,तब किंजल अपने कोक में बच्चा ले कर ऋजुल से अलग हो गई थी l एक दूसरे से अलग हो कर वह दोनो एक एक पल भी एक दूसरे के लिए तरसते हुए काटा कैसे था ? यह उन्हे ही पता था l     ऋजुल को कुछ भी ना कहता देख रात्रि ने आगे कहा ,""_ आपसे अलग हो कर कुछ वक्त तक तो मम्मा जी गई डैड, लेकिन मुझमें इतना हिम्मत नही है ,मेरी सांसे मेरे अक्ष से जुड़ी हुई है,उनके रहने के वजह से मेरा दिल धड़कता है, मैं उनके बगैर मर जाऊंगी डैड....l "    " रात्रि.....!!! "   रात्रि अभी ऋजुल को समझा ही रही थी, कि तभी अचानक से सर्वाक्ष उस पर चिल्ला उठा l इस लड़की की हिम्मत भी कैसे हुई इस तरह मरने की बात करने की ?      रात्रि ने जो अभी अभी मरने वाली बात की थी  ?वह सर्वाक्ष को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं हुआ था। वो उसे गुस्से से घूरने लगा ,तो वही रात्रि का मुँह बन गया था l वो मुड़कर सर्वाक्ष को डांटते हुए बोली, ""_अक्ष, मैं डैड से बात कर रही हूँ ना?"       सर्वाक्ष के दांत भींच गए, वो तंज़ भरी लहजे में बोला,""_ तुम बात कर रही हो या भीख मांग रही हो ? वैसे भी तुम्हें इस तरह मरने-वरने की बात करने की जरूरत नहीं है, तुम मेरी बीवी हो रात्रि, मैं हक से तुम्हें यहाँ से ले जाऊंगा,तुम्हें किसी से इस तरह भीख मांगने की जरूरत नहीं है,समझी ? "     सर्वाक्ष ने यह गुस्से से घुरराते हुए कहा, फिर वो नफरत से ऋजुल को देखने लगा l वही ऋजुल के आंखे सिकुड़ गए थे l    रात्रि ने सर्वाक्ष के बात को इग्नोर किया फिर ऋजुल से बोली,""_ डैड,आप मेरी बात समझ रहे हो ना ? "   ऋजुल रात्रि के ओर देखने लगा l ऋजुल को अब तक समझ आ गया था कि उसकी बेटी उस गैंगस्टर से कितना प्यार करती है ? उसकी बातों में जितना गहराई थी वह सर्वाक्ष के प्रति प्यार को बयां कर रही थी ,वैसे उनका यह प्यार अब प्यार कहा रह गया था ? वह अब जिद्द और जुनून में बदल गए था,वह बस दो जी-स्म एक जान बन गए थे |    ऋजुल बिलकुल नहीं चाहता था कि उसकी बेटी उसकी माँ किंजल की तरह अपने कोक में बच्चा लिए पति के बिना  रहे ? वो नहीं चाहता था कि रात्रि के पेट में पल रहे उसके पोता या पोती बिना बाप के प्यार के पले ?   लेकिन ऋजुल को उसकी बेटी सालों तक इंतजार करने के बाद अब मिली थी l वो उसके साथ कुछ पल बिताना चाहता था,लेकिन इस कारण वो रात्रि को उसके प्यार से अलग भी नहीं करना चाहता था l     ऋजुल ने रात्रि के सर पर हाथ फिराते हुए कहा,""_ ठीक है बच्चा, अगर तुम्हारी खुशी इस गैंगस्टर में है तो मैं तुम्हारी खुशियों के बीच कभी नहीं आऊँगा, लेकिन मैं तुमसे जब मन चाहे तब मिलने आ सकता हूँ, इसमें मैं कोई रोक-टोक बर्दाश्त नहीं करूँगा l "      बोलते हुए ऋजुल सर्वाक्ष को गुस्से से देखने लगा l क्यों कि सर्वाक्ष ने दो दिन पहले पहली ही उसे रात्रि से मिलने नही दिया था l वो रात्रि के जन्मदिन पर कितने उम्मीदे लिए उससे मिलने गया था, लेकिन सर्वाक्ष ने उसे अपनी बेटी का चेहरा तक देखने नहीं दिया था l    ऋजुल को अपनी बात मानता देख रात्रि की चेहरे पर बड़ी सी स्माइल आ गई थी l वह उसके जोर से गले लग कर बोली,""_ thank you dad....| "     ऋजुल हल्के से मुस्कुराते हुए उसके बालों पर हाथ फिराने लगा l रात्रि मुस्कुराते हुए ऋजुल के सीने में अपना सर टिकाए सर्वाक्ष को देखने लगी l सर्वाक्ष उसे तीखी नजरो से घूर रहा था जाहिर सी बात थी उसे रात्रि का इस तरह ऋजुल से चिपकना अच्छा नही लग रहा था l   वही उसके बगल में खड़े रवीश यह फैमिली ड्रामा देखते हुए बोर हो रहा था l वह वही घूमते हुए ऋजुल के आलीशान विला को देखने लगा l तभी उसकी नजर दीवार पर टंगाए हुए एक तस्वीर पर गई,जिसमे एक मिडल एज का तस्वीर था l रवीश को ऐसा लग रहा था की वह इस तस्वीर को पहले भी कही देखा है ? लेकिन कहा ? यह उसे समझ नही आ रहा था l     ध्रुव का हॉस्पिटल .....        जनरल वार्ड में मीरा अपने पेशंट्स का चेक अप कर रही थी l तभी वहा एक नर्स भाग कर आते हुए बोली,""_ डॉक्टर मीरा,वार्ड नंबर 6 के पेशेंट का तबियत अचानक से बिगड़ गया है ,वह सांस भी नही ले रहे है l "   What...? " मीरा हैरानी से उसे देखते हुए चिल्लाई फिर जल्दी से उस नर्स के साथ उस वार्ड में चली गई l     वार्ड नंबर 6 में जिस पेशेंट को एडमिट किया था वह एक मिडल एज का आदमी था l जो इस वक्त तेज तेज सांस लेने की कोशिश कर रहा था लेकिन उससे लिया नही जा रहा था l मीरा जल्दी से आ कर उसे चेक करती उससे पहले ही उस आदमी ने दम तोड दिया l    मीरा एक दम से हैरानी से उस आदमी को देखने लगी l थोड़ी देर पहले इस आदमी का उसने रिपोर्ट देखा था वह बिलकुल फिट एंड परफेक्ट था और कल ही उसका डिस्चार्ज भी होने वाला था लेकिन अचानक से अभी उसका मौत हुई थी ? मीरा उन्हे ठीक से चेक करने लगी l तभी वार्ड में आ कर एक और नर्स बोली,""_ डॉक्टर मीरा,जनरल वार्ड में आपके जितने भी पेशंट्स है ,सब सांस लेने तक तड़प रहे है ,सबकी तबियत एक साथ बिगड़ गई है जल्दी आइए l "  बोलते हुए वह नर्स भाग गई l मीरा फिर हैरानी से उस नर्स के पीछे ही भाग गई,लेकिन जैसे ही जनरल वार्ड में कदम रखी उसके हाथ पैर कांप गए ,वह अभी एक एक के पास जा कर चेक भी करती उससे पहले हीं उसके सारे पेशेंट्स दम तोड रहे थे l      तभी एक सीनियर डॉक्टर चिल्लाते हुए मीरा के पास आ कर कहा ,""_ what's wrong with you meera, एक साथ पंद्रह पेशेंट्स की डेथ सिर्फ पंद्रह सेकंड में हुई है ,इतना लापारवा कैसे हो सकती हो तुम ? "   मीरा को ऐसा लग रहा था की कोई उसके पैरो तले जमीन को खींच लिया है l उसे कुछ समझ नही आ रहा था की अचानक से यह सब क्या हो गया ? क्यों एक साथ अपने पेरेंट्स के डेथ हो गई ?     वह सीनियर डॉक्टर एक एक को चेक करने लगा लेकिन किसी में भी कोई जान नही बचा था l सबके सांसे रुक सी गए थे l वही मीरा खड़े खड़े ही कांप उठी l तभी वह सीनियर डॉक्टर आ कर मीरा पर चिल्लाते हुए कहा ,""_ कल जब इनके परिवार वाले आएंगे,तब आप क्या जवाब देंगे डाक्टर मीरा,अगर आपको ठीक से पेशेंट का ध्यान नहीं रखा जाता है तो आप हॉस्पिटल ज्वाइन क्यों की ,इतने लोगो की मौत एक साथ ? इन सबकी जिम्मेदार आप ही है मीरा,कल सुबह जो भी तमाशा होगा उन सबके लिए खुद को तैयार करिए l "    मीरा की आंखो से आंसू बहने लगे l वह रोते हुए बोली,""_ डॉक्टर अविनाश,मैने ऐसा कुछ नही किया था जो इन सबकी जान खतरे में आ जाए ? Please trust me मैने....? "  " आपकी सामने पेशेंट्स की लाशे पड़ी है डॉक्टर मीरा ,यह सब पेशेंट्स है जो अब आपकी वजह लाश बनी है ,कल जो होगा वह देखा जाएगा ,पहले जा कर इन सबके लाशों को पोस्ट मार्टम के लिए भेजो l " इतना बोल कर वह डॉक्टर वहा से चला गया l      वही मीरा की सांसे ही अटक गए थे l वह अपने सारे पेशेंट्स को देखते हुए रोने लगी थी l तभी उसे ध्रुव का ख्याल आया l वह ध्रुव को कॉल करने लगी लेकिन उधर से ध्रुव ने उसका कॉल पिक ही नहीं किया l        वह रोते हुए वह काम करने लगी जो अभी अभी डॉक्टर अविनाश कह कर गया था l      ठाकुर मेंशन.....   सर्वाक्ष और रवीश इस वक्त एक तक रात्रि और ऋजुल को देख रहे थे l उनकी चेहरे पर इस वक्त बोरियत साफ साफ नज़र आ रहा था या यू कहे की वह उन्हे बोरियत से ही देख रहे थे l      क्या होगा आगे इस कहानी में ? डॉक्टर शालिनी अपने काम मे कामयाब हो जाएगी ? क्या ध्रुव आएगा मीरा को बचाने ? क्रियांश और सर्वाक्ष का आमना समाना कैसे होगा ? क्या होगा आगे ? जानने के लिए पढ़ते रहिए    "

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