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Chapter 72

chapter 72

Love With My Beast Husband

   अब आगे .....,    ठाकुर मेंशन .....,      सर्वाक्ष और रविश दोनों ही इस वक्त बड़े ही बोरियत से ऋजुल ठाकुर और रात्रि को देख रहे थे l     वो दोनों बाप बेटी इस वक्त एक दूसरे पर खूब प्यार लुटाते हुए कभी मस्ती कर रहे थे तो कभी इमोशनल हो कर रोते हुए एक दुसरे के गले लगा रहे थे l         वही ऋजुल ठाकुर के बगल में खड़े एकांश बिना किसी के नजरों में आए ही रात्रि को देख रहा था।    रात्रि ने थोड़ी देर पहले उसके गाल पर बेरहमी से चांटा मारा था ,जिसका उम्मीद ना उसे था और नाही ऋजुल ठाकुर को था l और रात्रि पहली लड़की थी जो उस बेरहम माफिया डॉन के गाल पर थप्पड़ मारने की हिम्मत की थी l लेकिन ये भी पहली बार था कि इस तरह किसी के मारने से एकांश को गुस्सा भी नहीं आया था l    एकांश रात्रि को देखते हुए अपने मन में ये भी सोच रहा था कि क्यों ? क्यों वो रात्रि को सर्वाक्ष से पहले नहीं ढूंढा ?काश कुछ वक्त पहले ही वो रात्रि को ढूंढ लेता तो वह जी जान लगाकर उसे अपना बना चुका होता, क्यों की ऋजुल उसे हमेशा यही कहा करता था की उसे अपनी बेटी मिलते ही वह उसकी शादी एकांश से करा देगा लेकिन उन दोनो ने रात्रि तक पहुंचने में ज्यादा ही देर कर दिया था l अगर वह दोनो सर्वाक्ष से पहले ही रात्रि तक पहुंचते तो भी रात्रि एकांश को अपनाती नही ,क्यों की उसे अपने पिछले जन्म का सब कुछ याद था अगर सर्वाक्ष उसे किडनैप कर उससे जबरदस्ती शादी करने नही भी सोचता तो भी रात्रि सर्वाक्ष को ढूंढ निकाल कर उसीसे शादी करती l क्यों की उसे सर्वाक्ष से प्यार करने का ,अपनी गलती सुधारने का एक मौका मिला था,उसका पुनर्जन्म हुआ था l      एकांश मन ही मन अब अफसोस कर रहा था l लेकिन रात्रि अब ना सिर्फ शादीशुदा थी ,बल्कि वो अब माँ भी बनने वाली थी l    वही सर्वाक्ष अब बार-बार घड़ी में टाइम देखते हुए रात्रि को घूरने लगा था l ये लड़की कब से ऋजुल से बाते करने में लगी हुई है,उसे याद भी है उसका पति उसका कब से इंतजार करते हुए वही बैठा है ? सर्वाक्ष का जबड़ा कस गया , क्यों की वह वहा बैठे बैठे इग्नोर होते जा रहा था l    सर्वाक्ष रात्रि से कठोर आवाज में बोला, ""_ बीवी....., तुम्हें याद भी है मैं इस वक्त यही हूँ ?"   सर्वाक्ष के सवाल सुन कर रात्रि और  ऋजुल एक साथ सर्वाक्ष की ओर देखने लगे l वही सर्वाक्ष का चेहरा अब पूरी तरह चिढ़ा हुआ नजर आ रहा था, वो सच में चिढ़ गया था l    तभी रात्रि ने सवाल किया ,""_आप ऐसे क्यों पूछ रहे हैं अक्ष ? मैं तो बस डैड से दो चार बातें कर रही थी ? "     रात्रि के आखिरी लाइन सुन कर रविश की आँखें फटी की फटी रह गई l तो वही सर्वाक्ष का गुस्से से एक आइब्रो रेंज हो गया था l वो ऋजुल को देखते हुए तंज भरी लहजे में रात्रि से बोला, ""_दो चार बातें ? पिछले तीन घंटे से तुम दोनों चपर चपर करते हुए दुनिया भर की बाते कर ली और तुम कह रही हो की....?"      सर्वाक्ष बोलते बोलते रुक गया क्यों कि उसकी नकचड़ बीवी ने अचानक से अपना चेहरा रुवासा सा बना लिया था l वो अपनी आँखों में मोटे मोटे आँसू लिए सर्वाक्ष को ही टुकुर टुकुर देखने लगी थी l     सर्वाक्ष को यह समझने में बिलकुल देर नही लगा ,कि अगर उसने आगे एक शब्द भी रात्रि से कहा तो उसकी यह बीवी रोने लग जाएगी |      सर्वाक्ष एक गहरी साँस लेते हुए कहा,""_ Okay Fine......| "   सर्वाक्ष इतना बोल कर उठ के वहा से बाहर जाने लगा l यह देख रात्रि की आइब्रोज आपस में ही जुड़ गए l क्या सर्वाक्ष उससे गुस्सा हो कर बाहर जा रहा है ? कही वह अकेले तो घर के लिए निकल नही रहा ? यह सोचते ही रात्रि का चेहरा एक दम से पिला पड़ गया l रात्रि बेचैनी से उठ कर सर्वाक्ष के पीछे ही जा कर उसे रोकते हुए बोली,""_सर्वाक्ष,आप कहाँ जा रहे हैं ?"      रात्रि का सवाल सुन सर्वाक्ष मुड़ कर रात्रि को देखने लगा,रात्रि ज्यादा ही परेशान लग रही थी और उसकी लड़खड़ाती आवाज भी उसकी डर और बेचैनी को अच्छे से बयां कर गया था l    सर्वाक्ष को भी अच्छे से समझ आ गया की उसकी बीवी अचानक से इतना परिशान क्यों हो गई ? वो बोला, ""_तुम्हें छोड़कर मैं कहीं नहीं जा रहा बीवी, बस मुझे एक कॉल करना है इसीलिए बाहर जा रहा हु l"    रात्रि ने जैसे ही यह सुना वह एक राहत भरी सांस ली l वही सर्वाक्ष उसे ही देख रहा था l वह फिर अपना सर ना में हिलाते हुए वहा जाने को मुड़ा की तभी रात्रि फिर से उसे रोकते हुए बोली,""_ अक्ष, सुनिए ना ? "   सर्वाक्ष मुड़ कर रात्रि की ओर ना समझी देखने लगा l वही रात्रि अपने चेहरे पर सिल्ली स्माइल लिए उसके बेहद करीब आ कर ,सर्वाक्ष के शर्ट के स्लीव्स को खींचते हुए धीमी आवाज में बोली,""_ अक्ष....., वो...? वो मैं कहना चाह रही थी की आज रात हम यही डैड के घर रुकते है ? रात भी काफी हो गई है और मेरा इस वक्त ट्रैवल करने का बिल्कुल मन नही है l '    सर्वाक्ष रात्रि को जवाब देने के बजाए अपने आँखें छोटी कर उसे घूरने लगा,भले ही अब रात बहुत हो गई थी लेकिन वह वहा रुकना नही चाहता था l      वही रात्रि आस भरी नजरो से एक टक सर्वाक्ष को देख रही थी l सालो बाद आज उसे उसका बाप मिला था तो वह आज उनके पास ही रुकना चाहती थी l लेकिन सर्वाक्ष के चेहरे के बिगड़े हुए हाव भाव को देख कर उसे लग रहा था की सर्वाक्ष बिलकुल उसकी बात मानना नही चाहता है l     तभी रात्रि इमोशनल ब्लैकमेल करते हुए बोली, ""_आपको सच में मुझसे अब प्यार नहीं रहा ना अक्ष ? मैं आपसे चाहे कुछ भी मांगू,आप देना तो दूर, उस बात का जिक्र भी नहीं करने देते, बस अपना गुस्सा दिखाते हुए मेरे मुँह बंद करवा देते हैं, मुझे सब समझ आ रहा है अक्ष, आपका प्यार दिन-ब-दिन मुझ पर कम होते जा रहा है ,नही नही आप तो अब मुझसे प्यार ही नहीं करते l "       सर्वाक्ष का चेहरा रात्रि की अखरी लाइन सुन कर एक दम से काला पड़ गया l वह अपना सर टेढ़ा कर अपने गर्दन मसलते हुए रात्रि को बेहद सर्द नजरो से देखने लगा तो रात्रि एक दम से सहम कर अपना सर झुका ली l    सर्वाक्ष का औरा देख रात्रि को समझने देर नही लगा की वह अपने बीस्ट हसबैंड को गुस्सा दिला दी है l वह भी जानती थी वह उससे कितना प्यार करता है ? कितना पागलों की तरह उसे चाहता है ? लेकिन सर्वाक्ष से अपनी बात मनवाने उसे यही सही लगा तो उसने जो मुंह में आया वह बोल गई l     तभी सर्वाक्ष ने बेहद ठंडेपन से उससे पूछा ,""_ क्या कहा तुमने ? मैं तुमसे प्यार नही करता ? ठीक है अगर तुम्हे यही लगता है तो यही सही, मैं तुमसे प्यार नही करता रात्रि ,अब खुश l "      सर्वाक्ष भले ही गुस्से से यह सब बोल रहा था लेकिन यह बोल वह अपने जुबान में लाते लाते अपने दिल में कितना दर्द मेहसूस किया वह सिर्फ वही जानता था l वही रात्रि का दिल में भी अजीब सा हलचल सा उठ गया था l वह भी जानती थी की सर्वाक्ष ने यह सब गुस्से में कहा ,लेकिन उसे अजीब सा दर्द मेहसूस हो रहा था l        वह एक टक सर्वाक्ष के आंखो में देखने लगी l सर्वाक्ष उसे बेहद नाराजगी से देख रहा था l वह फिर उसे इग्नोर कर ऋजुल के पास जा कर कहा ,""_ हम आज रात यही रुकना चाहते है l "    ऋजुल ने अपना सर हिलाते हुए मौली और एकांश को सर्वाक्ष और रवीश को कमरा दिखाने का इशारा किया l    सर्वाक्ष मौली के साथ रात्रि के कमरे के तरफ गया l तो वही रविश को एकांश अपने साथ रूम दिखाने ले जाने लगा l     रवीश सीढियों से हो कर उसके पीछे जा रहा था की तभी उसकी नजर फिर से उस मिडिल एज आदमी की तस्वीर पर गई l जो वह थोड़ी देर पहले पूरे विला को घूमते घूमते देखा था l   रवीश को उस आदमी का चेहरा जानीपहचानी सा लग रहा था l उसने कही तो इस इंसान को देखा है लेकिन कहा ? उसे बिलकुल याद नही आ रहा था l      वह एकांश से पूछा ,""_ वह आदमी कोन है ? "       एकांश रुक कर रवीश को सवालिया निगाहों से देखा फिर रवीश के नजरो को फॉलो करते हुए दीवार पर टंगाएं हुए तस्वीर को देखने लगा l वह एकांश का बाप अव्यक्त आर्यन था l जो ऋजुल की तरह ही माफिया डॉन था l    एकांश ने सख्ती से रवीश से कहा ,""_ तुम्हारा जानना जरूरी नही है l "   रवीश का एक आईब्रो रेंज हुआ l वह उसे घूरते हुए बोला ,""_ बताने में 8कोनसा तुम्हारा नुकसान होने वाला है ? वैसे भी मैं तुमसे तुम्हारे बाप के बारे में तो नही पूछ रहा ? "     एकांश के दांत भींच गए l वह गुस्से से उससे कुछ कहता की तभी पीछे खड़े ऋजुल एक टक अव्यक्त आर्यन का तस्वीर देखते हुए कहा ,""_ यह एकांश के डैड है अव्यक्त आर्यन,The Mafia Don "       रवीश और एकांश मुड़ कर ऋजुल के तरफ देखने लगे l जो अपने चेहरे पर बड़ा ही घमंडा भरा भाव लिए अव्यक्त के तस्वीर को देख रहा था l     रवीश को उस आदमी का नाम सुनने के बाद भी याद नहीं आया की उसने अव्यक्त आर्यन को कहा देखा है ? वह फिर आगे कोई सवाल नही किया l    वही रात्रि एक टक अपने रूम के तरफ देख रही थी l जहा अभी अभी उसका अक्ष गया था l सर्वाक्ष ने ऐसा कैसे कहा की वह उससे प्यार नही करता ? रात्रि को अजीब सी बेचैनी मेहसूस होने लगी थी l उसका दिल अंदर ही अंदर उसका जवाब सुन तड़प उठा था l    वह फिर रूम के तरफ जाने को हुई की तभी ऋजुल ने उसे रोकते हुए कहा ,""_ रात्रि बच्चा,तुम्हे तो अभी भी भूख लग रही थी न ? चलो मैं तुम्हारे लिए कुछ...? "    ऋजुल अपनी बात पूरा भी करता उससे पहले ही रात्रि अपना सर ना में हिला कर उसकी बात को रोकते हुए बोली,""_ नही डैड,अभी मुझे भूख नहीं है,रात बहुत हो गई है आप भी जा कर सो जाइए l "   ऋजुल रात्रि के करीब आ कर उसके माथे पर प्यार से चूमते हुए कहा ,""_ आज मै सुकून से सो जाऊंगा,Good night बच्चा | "    रात्रि मुस्कुरा कर बोली,""_ Good Night Dad....| "    रात्रि फिर अपने रूम के तरफ चली गई l   रूम में .....   सर्वाक्ष इस वक्त किसी से बात करते हुए रूम में इधर उधर टहल रहा था l तभी रूम में आई रात्रि ने उसे गुस्से से एक नजर घूरा फिर धड़ाम से डोर को क्लोज किया ताकि सर्वाक्ष का ध्यान उस पर आ जाए l हुआ भी ऐसा ही था l     सर्वाक्ष phone पर busy था l लेकिन रात्रि को इस तरह दरवाजा बंद करता देख वह मुड़ कर रात्रि को देखने लगा था l वही रात्रि उसे अभी भी गुस्से से घूर रही थी l     सर्वाक्ष ने कहा ,""_ I will call you later...| "     सर्वाक्ष इतना बोल कर कॉल को काटा l फिर रात्रि को देख अपना एक आईब्रो उचाकाते हुए उसे इशारों में ही पूछा ,""_ what ....? "    रात्रि के दांत भींच गए l वह गुस्से से घुरारते हुए उसके करीब आ कर बोली,""_ नीचे आप मुझसे क्या कह कर आए सर्वाक्ष ? "    सर्वाक्ष उसे इग्नोर कर बेड पर बैठते  हुए बेफिक्री से कहा ,""_ वही कहा जो तुम सुनना चाहती थी l "    रात्रि अपने कमर में दोनो हाथ रख कर सर्वाक्ष को खा जाने वाले नजरों से घूरती रही,फिर वही रखे सारे पिलोज उठा कर वह उस पर फेंकने लगी l   सर्वाक्ष अपने जगह में बैठे एक टक उसे ही देख रहा था l वह फिर उसे एक ही झटके में अपने ऊपर खींचा ,रात्रि उसके ऊपर जा गिरी,वह फिर कुछ समझ पाती उससे पहले ही सर्वाक्ष उसे अपने नीचे लिए बेड पर लेट गया l     रात्रि अब हैरानी से उसे ही अपने आंखे बड़ी बड़ी कर देखने लगी ,क्यों की सर्वाक्ष ने यह सब ज्यादा ही जल्दी जल्दी में किया था l वही सर्वाक्ष की नजर इस वक्त रात्रि के गाल पर थे जहा इस वक्त उस लड़के के निशान बने हुए थे l वह उसके गाल को छूने को हुआ की तभी रात्रि अपना मुंह फेरते हुए बोली,""_ मुझे आपसे बात नही करनी अक्ष...!!! "   सर्वाक्ष गुस्से से रात्रि का चेहरा अपने तरफ घुमा कर सख्ती से कहा,""_ और मुझे इस वक्त तुमसे लड़ना नहीं है समझी ? "    रात्रि पहले उसे घूर कर देखी फिर उसके गर्दन में अपना चेहरा छुपाए रूवासा सा आवाज में बोली,""_ आपने यह क्यों कहा की आप मुझसे प्यार नही करते ? पता है आपकी यह बात मुझे कितना हर्ट की ? "  सर्वाक्ष बिना कुछ कहे वैसे ही लेटा था l वह उसके बालों में हाथ फिराते हुए कहा ,""_तुमने खुद मुझे यह बोलने पर मजबूर किया था बीवी,वरना मै यह बात कभी नहीं कहता,क्यों की मैं तुमसे पागलों की तरह प्यार करता हु और जिस दिन मेरे दिल में तुम्हारे लिए प्यार खत्म हुआ तो तुम समझ जाना की सर्वाक्ष खुराना अब इस दुनिया में नही रहा ....| "   अक्ष.....! " रात्रि ,बेचैनी से उसका नाम लिए चिल्लाई l वही सर्वाक्ष झुक कर उसके माथे पर प्यार से चूमा फिर उसके जख्मी गाल सहलाते हुए पूछा ,""_ क्या तुम्हे दर्द हो रहा है ? "    रात्रि अपने गाल से सर्वाक्ष का हाथ हटा कर उसी हाथ में अपने हाथ फसाते हुए मासूमियत से बोली,""_ थोड़ा सा दर्द अभी भी है अक्ष l "     सर्वाक्ष को बहुत गुस्सा आ रहा था l जो कोई भी रात्रि पर हाथ उठाया था उसे आसान मौत तो सर्वाक्ष अब नसीब नही होने देने वाला था l वह झुक कर रात्रि की गाल पर बेहद प्यार से चूमा l उसका यह प्यार भरा किस रात्रि के बदन में ऐसा सिहरन सा पैदा की जैसे एक ठडे हवा का झोंका आ कर उसके बदन से टकरा गई हो l      रात्रि अपने आंखे बंद कर सर्वाक्ष के सीने में अपने उंगलियों से तिरकन करने लगी ,वही सर्वाक्ष भारी भारी से रात्रि के उसी गाल पर किस कर रहा था जहा उस लड़के की निशान बने थे l वह रात्रि को ऐसे चूम रहा था जैसे वह अपने होंठो के जरिए रात्रि के गाल में जो दर्द है वह निगल जाना चाहता हो ? लेकिन उसके किस से रात्रि का दर्द कम तो नहीं हो रहा था लेकिन हां अजीब सा सुकून जरूर मिल रहा था l       सर्वाक्ष उसके गालों को चूमते चूमते अपने होंठो को रात्रि के होंठो के किनारे ले आया l रात्रि आंखे बंद कर बस उसे फील कर रही थी ,अब तक उसकी धड़कने भी तेज हो चुके थे | उसके मुलायम सी उंगलियां धीरे धीरे सर्वाक्ष के शर्ट के बटंस को खोलने लगे थे l    To be continued...... Â

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