Back
/ 81
Chapter 76

chapter 76

Love With My Beast Husband

   अब आगे .....    ठाकुर मेंशन....        सोफे पर बैठे सर्वाक्ष अपने फोन स्क्रोल करते हुए बार बार रात्रि को अपनी तिरछी निगाहों से देख रहा था l        रात्रि इस वक्त एक पिंक कलर बाथरोब पहनी इस वक्त उसके बगल में ही बैठी थी l उसके बाल गीले थे और कुछ कुछ पानी के बूंदे गिरते हुए उसके सीने में उतरते जा रहे थे l लेकिन रात्रि का ध्यान तो सिर्फ इस वक्त ब्रेड पर बटर लगाने में था l     वह दो ब्रेड पर बटर लगा कर सर्वाक्ष के तरफ बढ़ाते हुए बोली,""_ यह लीजिए अक्ष...!! "    " I am not hungry...!! " सर्वाक्ष ने थोड़ा रूखापन से कहा l       रात्रि का चेहरा अचानक से गुस्से से भर गया ,वह गुस्से से उस पर चिल्लाते हुए कुछ कहने को हुई की तभी सर्वाक्ष का फोन रिंग होने लगा, तो वह उठ कर सीधे बालकनी में चला गया l     वही रात्रि की दांत भींच गए थे l वह गुस्से से चिड़ते हुए बोलीं,""_ इतना भी क्या नाराज होना ? बस थोड़ा ही तो शरारत की थी l "   रात्रि बिना खाए ही उठ कर सीधे क्लूजेट रूम में चली गई l     थोड़ी देर में सर्वाक्ष रूम में आया l उसने सोफे के ओर देखा, रात्रि वहा नही थी l फीर उसकी नजर ब्रेड बटर पर गई,जो ट्रे में अभी भी वैसा ही था l         तभी रात्रि क्लोसेट रूम से रेडी हो कर बाहर आई l वैसे ऋजुल के विला में उनके लिए कपड़े नही थे ,लेकिन सर्वाक्ष ने सुबह सुबह ही अपने असिस्टेंट से अपने और रात्रि के कपड़े मंगवा लिया था l      सर्वाक्ष रात्रि के पास जाते हुए कहा ,""_ बीवी,तुमने अभी तक नाश्ता नही किया ? "   रात्रि ने उसे पहले घूरा फिर बिना कोई जवाब दिए ड्रेसिंग टेबल के पास जा कर अपने बाल बनाने लगी l उसे सर्वाक्ष से इस वक्त गुस्सा आ रहा था l वह उससे इतनी छोटी सी बात पर इतना नारजागी कैसे दिखा सकता है ? वैसे सर्वाक्ष उससे इतना भी नाराज नहीं था,वह बस ब्रेड बटर नही खाना चाहता था तो उसने सीधे मना कर दिया था l      रात्रि को कोई जवाब ना देता देख सर्वाक्ष को गुस्सा आया,वह रात्रि के पास जा कर उसे अपने तरफ घुमा कर कहा ,""_ मैने कुछ पूछा है तुमसे ? "   " हा ,तो...? "  रात्रि ने चिड़ते हुए कहा,सर्वाक्ष ने ध्यान से उसे देखा,उसे समझ आ गया था की उसका ना खाने की वजह से उसकी बीवी नाराज हुई है l   वह बिना कुछ कहे रात्रि का हाथ पकड़ कर, सीधे सोफे के पास जाने को हुआ की तभी रात्रि ने कहा,""_ मुझे भूख नहीं है l "   रात्रि का आवाज गुस्से से भरा था l तभी सर्वाक्ष ने उसे जबरदस्ती सोफे पर बैठाते हुए कहा ,""_ बिना खाए तुम यहा से उठ भी नही सकती,समझी ? "        रात्रि चिल्लाते हुए बोली,""_ क्यों..? आप बिना खाए उठ कर अभी बाहर चले गए थे न ? फिर मैं क्यों नही ? मैने आपसे खाने को कहा ना ? लेकिन आपने मेरी नही सुनी तो मैं आपका क्यों सुनूं ? मुझे नही खाना ?मतलब नही खाना l "    चिल्लाते हुए रात्रि ने गुस्से से खाने की ट्रे को भी नीचे फेंक दिया l यह सर्वाक्ष का औरा एक दम से सर्द हो गया l वह गुस्से से रात्रि का बाजू पकड़ कर चिल्ला कर कहा ,""_ तुम ..? तुम्हारी हिम्मत भी कैसे हुई मुझ पर इस तरह चिल्लाने की ? हम्म्म ? "      रात्रि का गुस्सा भी बढ़ता जा रहा था l जब भी सर्वाक्ष गुस्से से चिल्लाने लगता तो रात्रि सहम कर रोने लगती थी लेकिन इस वक्त रात्रि का मूड स्विंग हो रहा था l जो सर्वाक्ष को बिलकुल समझ नही आ रहा था l       रात्रि बोली,""_मैने कुछ गलत तो नहीं कहा था ना अक्ष ? ""   रात्रि...? " सर्वाक्ष ने दांत पीसते हुए रात्रि का नाम लिया l रात्रि गुस्से से उसे घूर रही थी l वह फिर अपने बाजू से सर्वाक्ष के हाथ को हटाने लगी ,लेकिन सर्वाक्ष का पकड़ उसके बाजू में अब तक और गुस्से से कस गया था l     रात्रि भी गुस्से में ही थी, तो उसने पूरे ताकत से सर्वाक्ष के सीने में दोनो हाथ रख कर खुद से दूर धकेलने लगी l सर्वाक्ष को समझ नही आ रहा था की उसकी बीवी उससे इस तरह कब लड़ने लग गई ? सर्वाक्ष उसके बाजू छोड़ कुछ कहना ही चाह की रात्रि ने उसे दूर ढकेला लेकिन इसी दौरान उसका हाथ गलती से सर्वाक्ष के गाल पर जोर से लग गया l     " चटाक......!! "      सर्वाक्ष का चेहरा एक तरफ झुक गया l वही रात्रि की आंखे हैरानी से बड़ी हो गई थी l उसने अपने हाथ को देखा फिर सर्वाक्ष के गाल को l    सर्वाक्ष का जबड़ा कस गया था l उसकी बीवी ने आज सीधे उसके गाल पर थप्पड़ जाड़ दिया था l जिसका उम्मीद उसे बिल्कुल नही था l सर्वाक्ष अपने लाल आंखो से उसके और देखने लगा l    " अक्ष....? अक्ष मैंने...? " रात्रि बोलते हुए सर्वाक्ष का चेहरे पकड़ने को हुई,लेकिन सर्वाक्ष उससे अपने कदम पीछे लेते हुए कहा ,""_ Very Nice shot Bivi...., very Good ...| "       रात्रि की आंखे नम हो गए थे l वह रोते हुए उसके करीब बढ़ते हुए बोला ,""_ अक्ष मैंने जानबूझ कर नहीं मारा,वह तो गलती से ...? "     सर्वाक्ष ने अपना ब्लौसर उठाया फिर सीधे रूम से बाहर चला गया l वही रात्रि की दिल में अजीब सा दर्द का लहर उठ चुका था l उसे समझ नही आ रहा था की उसने सर्वाक्ष पर हाथ कैसे उठा दिया ? वह रोते हुए अपने दोनो हाथ को मुंह पर रख कर कहा ,""_ मैने...? मैने उन पर हाथ उठाया ? मैं...? "    रात्रि फिर रोते हुए बाहर भाग गई l     मेंशन के बाहर इस वक्त सर्वाक्ष का कार अभी भी खड़ा था l पैसेंजर सीट पर रवीश बैठा हुआ था l और वह बार बार मुड़ कर बैकसीट पर बैठे सर्वाक्ष को घूरता तो कभी मेंशन के तरफ , क्यों की सर्वाक्ष रात्रि के बिना ही कार में आ कर बैठा था l      " रात्रि भाभी कहा है अक्ष ..? " उसने आखिर में सर्वाक्ष से पूछ ही लिया l     सर्वाक्ष अपना सर बैकसीट पर सर टिका कर अपने आंखे बंद करा था l उसने रवीश को कोई जवाब नही दिया l जवाब देता भी क्या ? उसका दिमाग ही खराब हो रखा था l तभी उसे रवीश का एक बार फिर आवाज सुना l     रवीश ने कहा ,""_ भाभी ,आप रो क्यों रही है ? "      रात्रि अब तक कार के पास आ गई थी l और रोते हुए सर्वाक्ष को देख रही थी l रवीश को समझ आ गया था की जरूर कुछ अक्ष और रात्रि के बीच गड़बड़ हुआ है l    वह रात्रि से बोला ,""_ भाभी,आप पहले कार में बैठिए,हम घर जा कर बात करेंगे l "   बोलते हुए रवीश ने रात्रि के लिए कार का डोर ओपन करा ,रात्रि जा कर सर्वाक्ष के बगल में बैठ गई,लेकिन सर्वाक्ष ने अपने आंखे खोल कर ना एक नजर रात्रि को देखा और नाही उसे कुछ कहा l वही रात्रि रोते हुए उसे ही देख रही थी l वह उसके गाल पर हाथ रखने अपने हाथ को आगे बढ़ाई की तभी सर्वाक्ष बिना आंखे खोले ही उसके तरफ अपना हाथ दिखाया जैसा कह रहा हो की उसे अब ना छूए l     रात्रि को बहुत रोना आ रहा था l वह रोते हुए उससे लिपट गई तो सर्वाक्ष उसी पल उसे खुद से अलग कर गुस्से से चिल्ला कर कहा ,""_ मुझे थोड़ी देर चैन से सांस लेने दोगी ? "    रात्रि एक दम से सहम गई l वही सर्वाक्ष गुस्से से उसे घूर रहा था l वह फिर उसके बाजू को छोड़ कर अपने लैपटॉप ओपन कर काम करने लगा l    वही सामने बैठे रवीश सर्वाक्ष को ही देख रहा था l रात्रि के साथ उसका इस तरह बरताव करना उसे अच्छा ही नही लग रहा था लेकिन वह बीच में कुछ भी कहना भी ठीक नहीं समझा l      वही रात्रि को कुछ समझ नहीं आ रहा था की वह सर्वाक्ष को मनाए तो कैसे ? आज से पहले उसने कभी उस पर हाथ नही उठाया था लेकिन आज ..? वह सर्वाक्ष को बिना कुछ कहे बाहर के ओर देखने लगी l उसकी आंखों से आंसू बहते जा रहे थे ,जिन्हे वह बार बार साफ साफ भी कर रही थी l       करीब पंद्रह मिनट बाद सर्वाक्ष का कार ठाकुर मेंशन के सामने रुका l रास्ते भर किसी ने कुछ नही कहा था बस अजीब सा वहा सन्नाटा ही फसरा हुआ था l     कार रुकते ही रवीश मुड़ कर सर्वाक्ष और रात्रि को देखा ,दोनो में से कोई भी कार से उतर ही नही रहा था और दोनो ही अलग अलग दिशा में देख रहे थे l      रवीश ने कहा ,""_ हम घर पहुंच गए है l "     रात्रि ने अपना सर घुमा कर सर्वाक्ष के ओर देखा ,सर्वाक्ष उसके और देख ही नही रहा था l लेकिन उसका चेहरा अभी भी गुस्से से तमतमा रहा था l    रात्रि ने धीरे से उसके हाथ पर अपना रखने को हुई की तभी सर्वाक्ष कार का डोर ओपन कर बाहर चला गया l रात्रि को बहुत रोना आ रहा था ,लेकिन वह खुद को रोने से रोक भी रही थी l    वही सामने बैठे रवीश जाता हुआ सर्वाक्ष को ही देख रहा था l वह फिर रात्रि से पूछा ,""_ क्या हुआ भाभी ? आप दोनो के बीच जगड़ा हुआ है क्या ? "   रात्रि ने कहा ,""_ गलती से मैंने सर्वाक्ष पर हाथ उठा दिया ,भाई l "   क्या....? " रवीश ने तेज आवाज में कहा ,वही ड्राइविंग सीट पर बैठे ड्राइवर का दिल मुंह में आने को हुआ था l उस बेरहम इंसान पर कोई हाथ भी उठा सकता है ?      रात्रि ने आगे कुछ नही कहा,और कार से बाहर आ कर सीधे अंदर चली गई l रवीश हैरानी से अभी भी वही बैठा था l    दूसरी तरफ.....      ध्रुव का हॉस्पिटल....    मीरा रोते हुए एक टक ध्रुव को देख रही थी l जो इस वक्त ज्यादा ही गुस्से में आ कर उसे ही घूर रहा था l      मीरा अपने घुटनों के बल बैठ कर उसके हाथ पकड़ने को हुई की तभी ध्रुव ने उसके हाथ को झटकाया फिर रूकेपन से कहा ,""_ तुम अभी जाओ , यहां से l "    मीरा की आंखों से आंसू बह रहे थे l उसे नही पता था की ध्रुव उसके साथ ऐसा बरताव क्यों कर रहा है ? वह बोली,""_ आप मेरे साथ ऐसा बरताव क्यों कर रहे है ध्रुव ? एक बार बता दो दीजिए ,प्लीज....| "     मीरा की आवाज हद से ज्यादा दर्द भरा था l कल से उसके साथ जो कुछ भी हो रहा था, उस कारण वह कल से कुछ खाई नही थी तो इस वक्त उसे बहुत ही कमजोर महसूस हो रही थी l और अब ध्रुव का नाराजगी उसे और कमजोर बना रही थी l वह थोड़ी देर उसे ही नम आंखो से देखती रही,फिर बिना कुछ कहे उठने को हुई लेकिन एक दम से उसका सर घूमने लगा l     वह लड़खड़ाने लगी,की तभी ध्रुव उसे जल्दी से पकड़ते हुए कहा ,""_ मीरा....., मीरा तुम ठीक हो ना ? "   मीरा ने उसे देखते हुए अपना सर हिलाई,फिर उससे अलग होते हुए बोली,""_ मुझे नही पता मैने आपको कैसे गुस्सा दिलाया है, लेकिन मैं आपसे बहुत प्यार करती हू ध्रुव l "   "अच्छा..? " ध्रुव तंज भरी लहजे में उससे सवाल करा ,तो मीरा उसे ही ना समझी में देखने लगी l ध्रुव उससे ऐसे टोन में क्यों बात कर रहा है ? क्या उसके प्यार पर उसे शक है ? या ध्रुव को ऐसा लगता है की वह उससे प्यार ही नही करती है ?     तभी ध्रुव ने अपने जैकेट में से कुछ तस्वीरों को टेबल पर फेंकते हुए गुस्से से कहा ,""_ यह सब क्या है मीरा ? यह लड़का कोन है ? और तुमने इसे i love you तक भी कहा है ना ? "     मीरा ना समझी में सारे तस्वीरों को देखने लगी l उसमे मीरा दो लड़के के साथ थी l एक उसका छोटा भाई था और दूसरा उसका दोस्त ,उन तस्वीरों में मीरा से उसके भाई से ज्यादा उसका दोस्त ही चिपका हुआ था l      मीरा फिर ध्रुव को देख पूछी,""_ आप यह तस्वीर देख कर मुझ पर शक कर रहे है ? आपको पता है यह दोनो मुझसे कितने छोटे है ? "    वह दोनो लड़के मीरा से पांच साल छोटे थे l लेकिन मसाला यह था की मीरा के भाई मिथुन का दोस्त मीरा को लाइक करता था l उसका एज भी मिथुन जितना ही था और मीरा उसे अपना भाई ही मानती थी लेकिन वह लड़का मीरा को अपने गर्लफ्रेंड मानता था और उसने कही बार मीरा को तंग कर उसके मुंह से i love you भी बुलावा लिया था l और ध्रुव को इन सबके बारे में उसी लड़के से ही पता चला था ,क्यों की वह लड़का खुद ध्रुव के पास आ कर उसके जैसे गैंगस्टर को धमकी दे गया था, की वह मीरा का बॉयफ्रेंड है l     ध्रुव अपने दांत पीसते हुए कहा ,""_ उसने मुझे खुद कहा और मुझे एक वीडियो दिखा कर भी बताया कि तुमने उसे कही बार i love you कहा है,क्या तुम उससे प्यार करती हो ? या मुझे धोखा दे रही हो ?  "   मीरा को अब हंसी आ रही थी l उसे नही लगा था की ध्रुव उस पर इस वजह से गुस्सा होगा l वह झुक कर ध्रुव के गाल पर किस की,फिर उसके गले लगते हुए बोली,""_ वह बच्चा है ध्रुव,उससे आपको जलना नही चाहिए l "   ध्रुव गुस्से से मीरा को खुद से अलग कर घूरने लगा l तभी मीरा दबी हुई आवाज में बोली,""_ बहुत तकलीफ हो रही है ध्रुव, i am feeling ill🤒...l "      मीरा कितना कमजोर हुई है ,यह उसके चेहरे और लड़खड़ाती आवाज से साफ साफ पता चल रहा था l लेकिन ध्रुव को मीरा पर गुस्सा भी आ रहा था ,लेकिन उसकी तबियत के बारे में सोच वह इसके बारे में बाद में बात करने का सोच कर ,उसे अपने गोद में उठाया फिर बाहर चला गया l     खुराना मेंशन.....    रूक्मणी और भावेश अभी भी खुराना मेंशन में ही रह रहे थे l क्यों की उन्हें इस वक्त बेसब्री से रात्रि का ही इंतजार था l     वैसे उन्हे सर्वाक्ष ने कह दिया था की रात्रि अब बिल्कुल ठीक है l लेकिन फिर भी उन्हें जब तक रात्रि को नही देखते तब तक चैन नही मिलने वाला था l वह दोनो आपस में बात करते हुए बैठे थे की तभी उनकी नजर सर्वाक्ष पर गई,जो गुस्से से अंदर आ रहा था l     भावेश और रुकमणी एक दूसरे को देखे फिर उसे कुछ कहने को हुए की तभी उन दोनो की मुंह से रात्रि का नाम जोर से चिक में निकल गया l      रात्रि ......? "    भावेश और रुक्मणि की आवाज सुन सर्वाक्ष की कदम अपने जगह में ही जम गए ,वह जल्दी से मुड़ कर देखा तो उसकी सांसे ही अटक गए l       क्या होगा आगे ? जानने के लिए पढ़ते रहिए ....!  Â

Share This Chapter