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Chapter 78

chapter 78

Love With My Beast Husband

      मीरा का अपार्टमेंट.....,   ध्रुव डॉक्टर शालिनी के बारे में मीरा को बताते हुए कहा ,""_डॉक्टर शालिनी एक मकसद लिए मेरे हॉस्पिटल में अपॉइंट हुई है, वो मेरे पेशेंट्स के साथ खिलवाड़ करते हुए उनके ऑर्गन्स को ट्रांसपोर्ट करना चाहती है ,लेकिन शालिनी इसमें मेरी मदद चाहती थी, वो मेरे करीब आ कर मुझे यूज करना चाहती थी और मेरे जरिए वो मरीजों के अंगों को ट्रांसप्लांट करना चाहती थी, लेकिन मुझे पहले से ही उसका चाल समझ आ गया था।     यह सब कहते हुए ध्रुव को अचानक से रात्रि याद आ गई थी, क्यों कि रात्रि ही थी जो उसे चेतावनी दी थी कि नए डॉक्टर से दूरी बनाकर रखना, जो बिल्कुल सही नहीं है l जिस वजह से ध्रुव ने शालिनी की सारी जानकारी निकाली थी l और तभी उसे पता चल गया था कि डॉक्टर शालिनी किस मकसद से उसके हॉस्पिटल आयी है l    मीरा हैरानी से डॉक्टर ध्रुव को देख रही थी l वो बोली ,""_अगर आपको पहले से ही डॉक्टर शालिनी की इरादा पता था तो आपने ये सब होने क्यों दिया ध्रुव ? मेरे सारे मरीजों की मौत हो गयी ? वो सब तो बेगुनाह थे ना ?    मीरा के ईस बात पर ध्रुव ने मुस्कराते हुए कहा, ""_वो कोई बेगुनाह नहीं थे मीरा, वो सारे लोग बिगड़े लोकल गुंडे थे जो आम लोगों के लिए हमेशा खतरा बन कर रह रहे थे। "   मीरा हैरानी से ध्रुव को देखने लगी, तभी ध्रुव उसे समझाते हुए बोला, ""_तुम्हारे सारे मरीजों का रिपोर्ट मैंने पहले ही पढ़ लिया था और वो काफी फिट और फाइन भी थे, तो मैंने उन्हें वक्त से पहले ही हॉस्पिटल से डिस्चार्ज करवा दिया था और जो तुम्हारे वार्ड में लेटे हुए थे ,वो सारे लोग तुम्हारे असली मरीज नहीं थे, उन्हें मैंने ही जबरदस्ती लेटाया था, ताकि शालिनी अपने काम में कामयाब हो और मैं उसे रंगे हाथ में पकड़ सकूँ l "   मीरा हैरानी से ध्रुव को देखने लगी, उसे समझ क्यों नहीं आया कि वो इतने दिन तक अपने मरीजों का चेकअप नहीं कर रही थी l बल्कि वो वह लोग थे, जो ध्रुव ने उसके मरीजों के जगह में लेटा दिया था।    मीरा  हैरानी से बोली, ""_पर ध्रुव...? "    मीरा ने अपनी बात अधूरा छोड़ दिया,क्यों कि ये सब उसे समझ नहीं आ रहा था ? और उसे ध्रुव से क्या कहना चाहिए ?    तभी ध्रुव ने उससे कहा, ""_ वो लोग वही जीने के लायक नहीं थे, अगर वो शालिनी उन्हें नहीं मारती तो मैं खुद उन्हें मार डालता, इसलिए मैंने उन्हें एक्सपेरिमेंट के तौर पर वहाँ लेटाया था और उन्हें डॉक्टर शालिनी की जाल में फँसकर मरना पड़ा, that's it l "       ध्रुव की बात सुन मीरा हैरानी से ध्रुव को देखने लगी थी l उसे समझ नहीं आया कि क्या ध्रुव इतना खतरनाक है ?  कि वो किसी का जान भी ले सकता है?    मीरा का उसे देखने का नजरिया ध्रुव को समझ आ गया था, वो धीमी आवाज में मीरा से कहा, ""_मैं तुमसे शादी करना चाहता हूँ मीरा, मैं पूरी जिंदगी तुम्हारे साथ बिताना चाहता हूँ, लेकिन मेरी एक काला सच है जो तुम्हारा जानना बेहद जरूरी है l     ध्रुव की ये बात सुन मीरा नासमझी में उसकी ओर देखने लगी, तभी ध्रुव ने उससे कहा, ""_ मैं सिर्फ एक डॉक्टर ही नहीं बल्कि एक गैंगस्टर भी हूँ, दुनिया के लिए मेरी पहचान सिर्फ डॉक्टर का है, लेकिन मेरा असली दुनिया underworld से जुड़ी हुई है l "    मीरा की आंखे हैरानी से चौड़ी हो गई l मीरा को बिल्कुल यकीन नहीं हो रहा था कि ध्रुव एक गैंगस्टर है, वो हैरानी से ध्रुव को देखने लगी, तभी ध्रुव उसके चेहरे को अपने हाथों में भरकर उससे कहा, ""_मैं गैंगस्टर हूँ, इसका मतलब तुम ये मत समझना कि मैं गलत इंसान हूँ, मैं सिर्फ उन्हें ही मारता हूँ जो गलत होते हैं, मैं सिर्फ उन्हें ही सजा देता हूँ जो गलत काम करने से पहले किसी के बारे में सोचते तक नहीं है, मैं सिर्फ उनके लिए बुरा हूँ, जो बुरा काम करते हैं, अगर मैं बुरा इंसान ही होता तो मैं कभी डॉक्टर नहीं बनता मीरा, इसलिए मुझे गलत समझने की हिम्मत मत करना, और तुम मेरा ये सच जानकर मुझसे दूर नहीं जा सकती, क्यों कि मैं तुम्हें जाने नहीं दे सकता, तुम मेरी जिंदगी हो और मैं तुम्हें अपनी बीवी बनाकर ही रहूँगा l '   Dhruv को ऐसा लग रहा था कि मीरा उसकी गैंगस्टर वाली बात सुनकर उससे मुंह मोड़ लेगी या फिर उससे रिश्ता तोड़ देगी l लेकिन मीरा को इससे कोई फर्क नहीं पड़ा, हालांकि वो थोड़ा हैरान हुई थी, लेकिन उसे इससे कोई फर्क नहीं पड़ने वाला था l वो उससे सच्चे दिल से प्यार करती थी, वो जैसा भी रहे वो उसे accept करने ही वाली थी l वो बिना कुछ कहे ध्रुव से गले लग गई, लेकिन ध्रुव को पहले थोड़ा समझ नहीं आया था, लेकिन बाद में उसे समझ आया कि मीरा को उसका गैंगस्टर होने से कोई लेन देन नहीं है ?     वो भी उससे गले लग कर उसके माथे पर प्यार से चूमा l दोनों ही एक दूसरे में खोए रहे l    तो वही दूसरी तरफ रविश और रुई का भी यही हाल था l रुई ने रवीश को accept कर लिया था l रविश ने उसे ये भी बता दिया था कि वो एक गैंगस्टर है l वो नहीं चाहता था कि रूही किसी अंधेरे में रहकर उससे प्यार करे ?  तो इसलिए रविश ने उसे सारी बातें बता दी थी l वह रूही से प्यार करने लगा था तो वह अब उससे दूर नहीं रहना चाहता था l वह दोनो भी एक दूसरे में खोए अपनी आगे वाली जिंदगी की बारे में सोचने लगे  l   रात का वक्त ......     सर्वाक्ष इस वक्त रात्रि को ले कर बालकनी में रखे हुए एक झूले में बैठा हुआ था।    रात्रि पूरी तरह उसके ऊपर ही लेटी हुई थी और उसका चेहरा सर्वाक्ष के सीने में छुप सा गया था l      वही सर्वक्ष उसके पीठ को सहलाते हुए उसे सुला रहा था। रात्रि की आँखें भारी हो रही थीं और वो धीरे धीरे नींद में जा रही थी।      थोड़ी देर में सर्वक्ष को जब रात्रि की धीमी साँसे अपने सीने में महसूस हुई वो अपना सर झुका कर रात्रि की ओर देखा, रात्री सो गयी थी ,जो किसी बच्चे की तरह लग रही थी।    सर्वक्ष ने प्यार से उसके माथे पर चूमा फिर उसे ले कर आराम से रूम में आया फिर उसे बेड पर लेटा कर रूम से बाहर चला गया।    वो अभी सीढ़ियों के पास जा ही रहा था कि तभी उसके पास रविश जल्दी से आया। लेकिन उसके चेहरे पर हैरान भरी भाव थे l      सर्वक्ष को समझ नहीं आया कि रविश इतना घबराहट से क्यों आया है ?  वो उसे देख कुछ कहता उससे पहले ही रविश ने कहा, ""_एक मर्डर हुआ है।"     सर्वक्ष की आँखें अचानक से गहरी हो गयी। उसे नहीं पता था कि किसकी मौत की खबर उसे मिलेगी l उसने रविश से बात की, ""_ क्या कह रहे हो तुम? किसकी मर्डर हुई है ? "   " क्रियांश जादव...!! "  रवीश ने उससे कहा l       "  What...? It's not possible " सर्वक्ष उसे हैरानी से देखते हुए कहा l     तभी रविश ने उसे समझाते हुए कहा, ""_ मैं सच कह रहा हु अक्ष, अभी भी टीवी और सब न्यूज में दिखाया जा रहा है, रश्य में तो इसका जश्न ही मनाया जा रहा है कि एक माफिया डॉन का मौत हुआ है और सुनने में ये भी आ रहा है कि आज सुबह ही रात्रि के डैड ऋजुल ठाकुर और क्रियांश की मीटिंग हुई थी ,जो काफी लंबी थी ,तो कहीं  कही ऋजुल ही...? "    रविश बोलते बोलते रुक गया क्यों कि उसे समझ नहीं आ रहा था कि उसे क्या कहना चाहिए ?    सर्वक्ष सीधे स्टडी रूम में चला गया। थोड़ी देर बाद अपने असिस्टेंट से बात करने के बाद सर्वाक्ष पता चला कि रविश ने जो न्यूज लाया था वो बिलकुल सच है ,क्रियांश के साथ साथ उसका असिस्टेंट उदय का भी मर्डर हो चुका था l लेकिन कैसे ? ये किसी को नहीं पता चल रहा था।    सर्वक्ष को अब ऋजुल से बात करना था क्यों कि असली राज तो ऋजुल ही बताने वाला था। जितना तेजी से क्रियांश की मौत की खबर फैल रही थी उतना ही तेजी से यह भी कहा जा रहा था कि क्रियांश के मौत के पीछे ऋजुल ही है l      थोड़ी देर बाद सर्वक्ष रूम में आ कर देखा कि रात्रि अभी भी सो रही है l    सर्वाक्ष सीधे अपने क्लोजेट रूम में गया,फिर ब्लैक सूट पहनकर रूम से बाहर चला गया।     वो इस वक्त ऋजुल से बात करना चाहता था l क्यों कि उसे जानना था कि क्रियांश जादव और उसके बीच ऐसी कौन सी लंबी मीटिंग हो गई और उसके बाद क्रियांश यादव का मौत कैसे हो गया ?अगर क्रियांश और ऋजुल के बीच लड़ाई हुई है l मतलब क्रियांश और ऋजुल के बीच कोई दोस्ती का रिश्ता नहीं था।    सर्वक्ष को समझ नहीं आ रहा था कि वह ऋजुल को सही समझ था या फिर गलत। जब उसने पार्टी में ऋजुल को क्रियांश के साथ देखा था, तो उसे लगा कि क्रियांश और ऋजुल दोनों एक जैसे ही हैं। लेकिन उसे सब कुछ देख कर आज ऐसा लग रहा था कि ऋजुल और क्रियांश के बीच सालों से दुश्मनी चल रही है l      सर्वाक्ष का कार आ कर करीब आधा घंटे बाद सीधे ठाकुर मेंशन के सामने रुका।     सर्वक्ष अपने कार से बाहर आया फिर सीधे अंदर चला गया l  हॉल में इस वक्त एकांश और ऋजुल इस वक्त ड्रिंक का सिप लेते हुए बेहद शैतानी हँसी हँसते हुए एक टक न्यूज देख रहे थे।     उनके चैनल पर इस वक्त एक रसिया का news चैनल ऑन था l और न्यूज में दिखाया जा रहा था कि क्रियांश जादव का मौत एक मिस्टीरियस तरीके से किया गया है l हालांकि ये बात यकीन करने वाली नहीं थी लेकिन सच तो यही था ,कि क्रियांश जादव का मौत हो चुका था और उसकी बॉडी कई टुकड़े टुकड़े में मिले थे। जिससे साफ साफ पता चल रहा था कि रशिया के माफिया डॉन को मारने वाला एक और माफिया इस दुनिया में पैदा हो गया है l      ऋजुल और एकांश के चेहरे पर जो मुस्कान थी, वो देख साफ साफ पता चल रहा था ,कि इसके पीछे उनका ही हाथ था। लेकिन वो लोग इस पे कामयाब कैसे हो गए? क्रियांश कोई कच्चा खिलाड़ी तो नहीं था। अगर वो मर भी गए तो कैसे?    वही डोर के पास खड़े सर्वाक्ष एक टक एकांश और ऋजुल को ही तीखी नजरों से देख रहा था।    एकांश और ऋजुल के चेहरे पर जो  मुस्कान बिखरा हुआ था,उससे सर्वाक्ष को यकीन हो गया था कि इसके पीछे जरूर इनका ही हाथ है।   सर्वक्ष उनके पास जाते हुए कहा, "तो आप दोनों ने उसे खत्म किया।"   जैसे ही सर्वक्ष की आवाज उन दोनों को सुनी, दोनों अपना सर ऊपर कर सर्वक्ष की ओर देखने लगे।   सर्वाक्ष बिना भाव के उन्हें ही देख रहा था l उसके पीछे ध्रुव और रविश भी आ खड़े थे l वो तीनों आगे चलकर ऋजुल और एकांश के पास गए l        वहीं ऋजुल एक टक सर्वक्ष के चेहरे के हाव भाव को पढ़ने की कोशिश कर रहा था, ? लेकिन सर्वक्ष का चेहरा एक दम एक्सप्रेशनलेस था, तो उसे कुछ समझ नहीं आया।  उसने कहा, ""_ सालों पहले मैंने अपनी बीवी को खोया था,उस दर्द से मैं अभी भी उभरकर बाहर नहीं आया,तो ऐसे में मैं मेरी बेटी के साथ भी ऐसा होने कैसे दे सकता ? क्रियांश जादव मेरी बेटी पर गंदी नजर गडा बैठा था, तो मैं अपनी बेटी पर कोई रिस्क नहीं ले सकता था तो इसीलिए मुझे उसे खत्म करना ही पड़ा।"    सर्वक्ष बिना कुछ कहे एक टक ऋजुल को देख रहा था l तभी ऋजुल ने आगे कहा, ""_ क्रियांश रात्रि के लिए रसिया से यहाँ आया था,पता नहीं रात्रि उसकी नजरे में कैसे आई थी लेकिन उसका आने का एक मकसद यह भी था कि वह रात्रि के जरिए मुझसे भी बदल ले सके ,उसे पता था मैं अपनी बेटी को ढूंढ रहा हु,इसीलिए उसने पहले रात्रि को ढूंढा ,वो रात्रि से मिलने हर तरह का कोशिश कर रहा था, लेकिन तुमने जो सिक्योरिटी मेरी बेटी के आसपास बढ़ाया था, उससे वो कभी रात्रि तक पहुँचा ही नहीं पाया। लेकिन तुम्हारी गैर मौजूदगी में उसने मेरी बेटी को किडनैप करने की कोशिश की, उसके साथ उसके आदमिया बत्तर से भी बत्तर बर्ताव की ,जो मुझसे बिलकुल बर्दाश्त नहीं हुआ था l मैंने उसको वार्न किया कि वो यहाँ से चले जाए और उसकी बेटी पर नजरें हटा ले, लेकिन क्रियांश जादव जिद्दी था,उसने साफ साफ मना किया तो मैने उसे खत्म कर दिया, वैसे वो मेरी दुश्मन था, मैं उसे इस तरह इतना जल्दी खत्म नहीं करना चाहता था, लेकिन बात यहाँ मेरी बेटी की है, तो मैं इसमें कोई रिस्क नहीं लेना चाहता था, मैंने एक बार अपनी बीवी को खो दिया है, अब बची हुई मेरी बेटी को मैं कुछ नहीं होने दे सकता, अगर क्रियांश को मारने से मेरी बेटी पर जो खतरा है वो खत्म हो सकता है, तो मैंने ये कदम उठाने से पहले एक बार भी नहीं सोचा और तुरंत अपने जाल बिछाकर क्रियांश को मौत के घाट उतार दिया,हालांकि ये बहुत मुश्किल था, लेकिन मुझे करना ही था l "   ऋजुल इतना बोल कर सर्वक्ष को देखने लगा, वो जानता था सर्वक्ष उसे गलत समझता है,लेकिन उसे अपने हिस्से में जितना सफाई देना था उसने दे दिया l वह ना उसकी गलतफहमी दूर करना चाहता था और नाही उसे यह यकीन दिलाना चाह रहा था कि उसका और क्रियांश के बीच सिर्फ दुश्मन का रिश्ता है l     सर्वाक्ष को क्रियाक्ष ज्यादा से कोई लेना-देना नहीं था l वो बस सही मौके का इंतजार कर रहा था l ताकि इस क्रियांश जादव का चैप्टर हमेशा हमेशा के लिए खत्म कर सके, लेकिन उसका ये ससुर पहले ही वो कदम उठा चुका था। तो वो अब रात्रि के लिए अब बेफिक्र था, हालांकि उसकी दुश्मन खत्म नहीं हुए थे, वो एक अंडरवर्ल्ड का आदमी था जहाँ दुश्मनों का कमी बिलकुल नहीं होता था l   कोई एक मर गया तो दूसरा पैदा भी हो जाते थे। उसे हमेशा अपनी बीवी को लेकर प्रोटेक्टिव रहना था और वो रहेगा भी, लेकिन क्रियाक्ष जादव का बात कुछ अलग था l वह रशिया का माफिया था जो उसके बराबर का टक्कर रखने वाला था l उसका इस तरह अंत होना एक तरफ से उसका ही लॉस हो गया था। वह उससे लड़ना चाहता था l लेकिन किस्मत ने मौका ही नहीं दिया l      सर्वक्ष ऋजुल को थोड़ी देर देखा, फिर बिना कुछ कहे वहाँ से जाने को हुआ, कि तभी ऋजुल उसे रोकते हुए कहा, ""_मैंने कल एक छोटी सी पार्टी रखी है, तुम रात्रि को ले कर कल .....? "    ऋजुल अपनी बात पुरा करता उससे पहले ही सर्वाक्ष मुड़कर रिजूल से बोला,""_ मैं नहीं आ सकता, लेकिन मैं अपनी बीवी को भेज दूँगा।"     इतना बोलकर सर्वाक्ष रवि और ध्रुव के साथ वहाँ से चला गया l      वही दूसरी तरफ......     शालिनी इस वक्त एक सुनसान रास्ते में भागते जा रही थी l उसका पूरा चेहरा डर से पीला पड़ गया था l और उसका शरीर अजीब तरह से तपते हुए काँप रहा था l ऐसा लग रहा था कि शालिनी को किसी ने हाई डोज का ड्रग दिया हो।     शालिनी भागते भागते एक कार से आकर टकरा गयी, जो इस वक्त उसके सामने जोर से ब्रेक लगाते हुए रुक गया था।    अचानक से कार को टकराने की वजह से शालिनी जा कर नीचे गिरी, वो फिर अपने सर ऊपर कर सामने देखी, तो उसकी आँखें हैरानी से चौड़ी हो गयी,लेकिन उसके आँखों में अचानक से चमक आ गयी। वो जल्दी से उठकर कार के पास जाते हुए बोली, ""_ध्रुव ....,डॉक्टर ध्रुव, अच्छा हुआ आप आ गए।"   बोलते हुए शालिनी उस कार का डोर को खटखटाने लगी, ड्राइविंग सीट पर इस वक्त डॉक्टर ध्रुव बैठा था l उसके बगल में रविश और उसके पीछे वाले सीट में इस वक्त सर्वाक्ष बैठा था l   वो तीनों गुस्से से शालिनी को देख रहे थे। ध्रुव कार से बाहर आया फिर शालिनी की तरफ देखने लगा, शालिनी की हालत बहुत ही खराब थी, शायद उसे किसी ने ड्रग्स दिया था।    शालिनी को हाई डोज का ड्रग दिया गया था, जिस वजह से उसके अंदर गर्मी फैलने लगी थी।      वो इस वक्त बहुत ही तकलीफ में थी, उसका चेहरा पूरा लाल हो उठा था।    वहीं ध्रुव उसे दयालु मुस्कान लिए उसे देख रहा था। तभी शालिनी बोली, "डॉक्टर ध्रुव, कुछ ....,कुछ हो रहा है मुझे बहुत कुछ अजीब सा लग रहा है, प्लीज....?।"  शालिनी बोलते बोलते रुक गयी, क्योंकि ध्रुव हंसने लगा था।    वो हैरानी से ध्रुव को देखने लगी, कि तभी ध्रुव ने कहा, ""_तुम्हारी इस हालत का जिम्मेदार मैं हूँ, मैंने ही तुम्हें हाई डोज का ड्रग दिलाया है, क्योंकि तुमने जो हरकत मेरी हॉस्पिटल में आकर की थी न उसकी ये भुगताना है।"    बोलते हुए ध्रुव ने अपने जेब से गन निकाला और एक एक कर उसमें से बुलेट्स भरने लगा। शालिनी को समझ नहीं आया कि ध्रुव ये क्या कह रहा है ?  क्या उसने उसे ड्रग दिया ,लेकिन क्यों? क्या ध्रुव को उसकी सारी इन्फॉर्मेशन पता है? वो जानता है कि वो किस मकसद से उसके हॉस्पिटल गयी थी?    तभी ध्रुव ने उसके सर पर अपना गन तानते हुए कहा, ""_तुम मेरे हॉस्पिटल में आकर मेरे पेशेंट्स के साथ खिलवाड़ करते हुए मुझे यूज करने की प्लान बना रही थी, ना? लेकिन मैं किसी बाजीगर से कम नहीं हूँ, मैंने तुम्हारा गेम पलटा दिया, वैसे तो मैं तुम्हें आसानी से आज डॉक्टर अविनाश के साथ ही जेल भिजवा सकता था, लेकिन तुम्हें क्या होता जेल में? तुम्हें कुछ साल तक का जेल होता, उसके बाद तुम फिर बाहर आती, फिर अपने यही काम शुरू करती, इसलिए मैंने तुम्हारे लिए अलग सा जाल बिछाया, ताकि तुम्हें आराम से मौत का घाट उतार सकूँ।"    शालिनी के चेहरे के रंग उड़ गए, उसने कभी सोचा नहीं था कि ध्रुव इस तरह ऐसे वार करेगा, उसे तो भनक भी नहीं लगा था कि ध्रुव उसके लिए कोई जाल भी बिछाया है।  ध्रुव ने कहा, ""_तुमने आज मेरी मीरा के साथ बहुत कुछ गलत किया था, तो उसका बदला लेने के लिए मैंने  तुम्हें कुत्ते की इस सुनसान जगह में भगाने पर मजबूर किया,अब मैं तुम्हारे साथ खेल खेलते खेलते थक गया हूँ, तो तुम्हें भी अब मर जाना चाहिए,ताकि मैं थोड़ा फ्री हो सकूँ।"     बोलते हुए ध्रुव ने एक साथ दो तीन गोली सीधे शालिनी के बदन में घुसा दी।     शालिनी हैरानी से अभी भी ध्रुव को देख रही थी, देखते ही देखते उसका पूरा शरीर खून से लथपथ हो गया और वो नीचे धड़ाम से गिर गई।     ध्रुव ने सोचा, जब उसने पहली बार शालिनी को देखा था, तो उसे एक अच्छी लड़की लगी थी l लेकिन रात्रि ने जब उसके दिमाग में शालिनी के बारे में शक पैदा किया था l तभी वो अलर्ट हो गया था। अगर वो रात्रि की बात नहीं मानता, तो पिछले जन्म में उसका जिस तरह से रेपुटेशन खराब हुआ था ?, जिस तरह वो मौत के मुँह में गया था ?, बिल्कुल इसी जन्म में भी वही होने वाला था l लेकिन रात्रि की बदौलत उसने इस बार किसी को कुछ नहीं होने दिया था।        थोड़ी देर बाद ध्रुव के बॉडीगार्ड्स आ कर शालिनी के लाश को वहाँ से ले चले, फिर रविश,सर्वक्ष और ध्रुव, तीनों ही मेंशन के लिए चले गए।     सब कुछ अब शांत हो गया था, लेकिन रात्रि को अभी भी ये खबर नहीं मिला था कि क्रियांस ज्यादा  इस दुनिया में नहीं रहा। क्रियांस ज्यादा को मारने का हक सिर्फ और सिर्फ रात्रि का था, वो उसका शिकार था। लेकिन उसके बाप ने उसका शिकार कर दिया था।   To be continued.........Hi guy's ,aap log meri ek new story bhi try kariye,please kal hi upload ki hai maine   "  President's physco love "चाहत की राह और उस की चाहत दोनों ही यादगार होती हैं। फ़िर चाहें वो खुशनुमा हो या ख़तरनाक! ऐसी ही काले राजों से भरी मिर्शिका की दुनियां में शामिल होगी उसकी पागल पन से भरी मोहोब्बत की कहानी ,तो क्या मोड़ लेगी मिर्शिका की शतरंज की बिसाद ? उतरेगा मौत के घाट मासूम चेहरे या चलेंगे गहरी नज़रें अपनी चाल ? क्या है इस मिस्टीरियस कहानी का राज ? जानने के लिए पढ़ते रहिए , "President's physcho love " only on pocket novel.https://pocketnovel.onelink.me/tSZo/vmy55kpm             Â

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