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Chapter 79

chapter 79

Love With My Beast Husband

    अब आगे ...…...,       सुबह का वक्त......,     सर्वाक्ष के बाहों में सुकून के नींद लिए रात्रि अपने आँखें मलते हुए उठकर बैठ गई।     बेड पर इस वक्त वो अकेली थी ,वो अपना नजरें इधर-उधर दौड़ाने लगी ,जैसे वो सर्वाक्ष को ढूंढ रही हो।   तभी क्लोसेट रूम का डोर खोलते हुए सर्वाक्ष बाहर आया l रात्रि अपना सर घुमा कर क्लोसेट रूम की तरफ देखी l    सर्वाक्ष इस वक्त अपने टाई का नॉट बांधते हुए क्लोसेट रूम से बाहर आ रहा था। रात्रि उसे टिमटिमाते हुए देख रही थी, तभी सर्वाक्ष ने उससे कहा,""_ गुड मॉर्निंग बीवी "   रात्रि हल्के से मुस्कुराई फिर उठकर उसके पास चली गई l सर्वाक्ष अपने टाई का नॉट बांधने की कोशिश कर रहा था। तभी रात्रि खुद ही उसका टाई का नॉट बांधते हुए बोली ,""_आप अभी ऑफिस जा रहे हैं ? "     सर्वाक्ष चुप हो कर उसके माथे पर किस किया फिर उसे कमर से पकड़कर अपने आप से चिपकाते हुए कहा,""_ हाँ ,मुझे एक जरूरी मीटिंग अटेंड करने जाना है, मेरे आने में देर हो जाएगा,तुम ठीक से नाश्ता कर लेना, उसके बाद लंच उसके बाद.......? "    बोलते बोलते सर्वाक्ष रुक गया क्यों कि उसे अचानक से ऋजुल की बात याद आ गई ,जिसने आज एक पार्टी रखा था। और उसने उसे invite भी किया था l लेकिन वो जा नहीं सकता था क्योंकि उसे कहीं जाना भी था। वो रात्रि से आगे बोला,""_  तुम्हारे डैड ने आज एक पार्टी रखा है, मैं ड्राइवर से कह दूंगा तुम सीधे ठाकुर मेंशन चले जाना ठीक है ? "     रात्रि हैरानी से सर्वाक्ष को देखने लगी। उसे समझ नहीं आया कि उसके बाप ने पार्टी रखा है लेकिन किस लिए? वो उससे पूछी,""_ पार्टी ...? किस चीज का पार्टी ?     तभी सर्वाक्ष ने उससे कहा,""_  ये तो मैंने तुम्हारे डैड से पूछा ही नहीं,जब तुम जाओगी तुम खुद ही पूछ लेना l "    बोलते हुए सर्वाक्ष रात्रि के गाल को तपतपाया फिर जा कर ड्रेसिंग टेबल के पास गया और अपनी घड़ी पहनने लगा।    रात्रि उसे ही देख रही थी l वो फिर उसके पास जाते हुई बोली,""_ क्या आप नहीं आ रहे हैं ?   तभी सर्वाक्ष ने कहा ,""_मेरा आज पूरा शेड्यूल टाइट है, मैं नहीं आ सकता l     रात्रि ने आगे कुछ नहीं कहा l तभी सर्वाक्ष ने उससे कहा,""_ तुम जा कर फ्रेश हो जाओ ,मैं निचे नाश्ता लगाने के लिए कह दूंगा ठीक है ?   रात्रि ने सर हिलाया और सीधे अंदर चली गई।     सर्वाक्ष के जाने के बाद रात्रि फ्रेश होकर बाहर आई। रूम में पहले से ही  रात्रि के लिए नाश्ता और चाय रख गया था ।     रात्रि ने पहले चाय पिया,फिर नाश्ता किया, और सीधे रेडी हो कर वह नीचे चली गई l     नीचे हॉल में भावेश और रुक्मणि आपस में ही बात करते हुए बैठे थे l रात्रि उनसे थोड़ी देर बात की, फिर सीधे ठाकुर मेंशन के लिए निकल गई l      ठाकुर मेंशन .....      मेंशन में इस वक्त ज्यादा ही चहल पहल था। और मेंशन को पूरी तरह सजाया जा रहा था l क्योंकि आज शाम को वहाँ पार्टी होने वाली थी।    ऋजुल ने ये पार्टी ऑर्गनाइज किया था, एक तरफ से ये पार्टी क्रियांश की मौत की जीत मनाने का था, लेकिन ऋजुल ये भी चाहता था कि वो अपनी बेटी को सबसे इंट्रोड्यूस करे, लेकिन ऐसा करने से वो रात्रि पर खतरा मोल ले  जाता क्यों कि वो एक माफिया डॉन था, उसके दुश्मनें अभी भी उसके आसपास थे, तो आसानी से उनके दुश्मनों की नजर उससे हटकर रात्रि पर आ सकता था, जिस वजह से उसने इस ख्याल को बीच में ही छोड़ दिया था l वो बस पार्टी इसलिए रखा था, क्योंकि क्रियांश जादव की मौत हो गई थी, जो उसके लिए बड़ी जीत से कम नहीं थी।     रात्रि जब अंदर गई तो उसकी नजर एकांश पर पड़ गई l एकांश ने उसे एक नजर देखा फिर उसे इग्नोर कर बाहर जाने को हुआ।    रात्रि को अच्छे से याद था कि एकांश उसे ऐसे इग्नोर कर क्यों जा रहा है ?  क्योंकि उसने उस पर हाथ जो उठाया था l   जब सर्वाक्ष ने उसे यहाँ छोड़कर जाने की बात की थी, तब वो ज्यादा ही बेचैन उठी थी और ऊपर से एकांश और ऋजुल उसके बात समझने के लिए तैयार नहीं थे।     वो उन्हें बार-बार यही कह रहे थे, कि उसे अब सर्वाक्ष के साथ रहने की कोई जरूरत नहीं है l और उससे डरने की भी जरूरत नहीं है l लेकिन वो समझाना चाह रही थी कि सर्वाक्ष उसके लिए सबकुछ है,वो उससे बहुत प्यार करते हैं l लेकिन उस वक्त ना एकांश ने उसकी बात समझी थी, नाही ऋजुल, तो गुस्से में आ कर रात्रि ने सीधे एकांश पर हाथ उठा दिया था, जिस वजह से एकांश उससे इस तरह नजरे फेर कर जा रहा था l     वैसे रात्रि को इससे कोई फर्क नहीं पड़ने वाला था, कि वो नाराज रहे या ना रहे, लेकिन उसने देखा था कि ऋजुल एकांश के साथ बहुत अच्छे से पेश आता है l वो उसे अपने ही बेटे की तरह पाला है, तो उसे भी लगा कि उसे उससे माफी मांग लेना चाहिए।    रात्रि एकांश के पास जाते हुए उसे रोक कर बोली, ""_तुम मुझे इग्नोर करके जा रहे हो?"    एकांश के कदम अपने जगह में ही रुक गए l वो मुड़कर रात्रि को हैरानी से देखने लगा। रात्रि उसे ही घूर रही थी, वो बोली, ""_तुम मुझे इग्नोर कर रहे हो? क्यों ? और तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मुझे इग्नोर करने की ?हा ?"     एकांश की आँखें छोटी हो गईं, वो उससे घूरते हुए कहा, ""_तुम मुझसे बात कर रही हो?"  रात्रि का मुँह बन गया, वो बोली, ""_और किस से बात करती ? मेरे सामने तो तुम ही एक बेवकूफ खड़े हो जिसका मुंह किसी लड़की की तरह फूला हुआ है l    एकांश के दांत बीज गए, वो बोला, ""_ अगर तुम अंकल की बेटी नहीं होती तो अब तक तुम्हारा खैर नहीं होता समझी ? "    रात्रि अपने कमर पर दोनों हाथ रख कर उसे घूर कर देखने लगी कि तभी एकांश ने कहा ,""_ मुझे तुमसे बहस करने का मूड नहीं है,और तुम्हारे पापा इस वक्त स्टडी रूम में है, जाकर तुम  उनसे बात कर सकती हो।"    इतना बोलकर एकांश वहाँ से जाने को हुआ कि तभी रात्रि उसे रोकते हुए बोली, ""_लेकिन मुझे अभी तुमसे बात करनी है अंश l "    एकांश रुक गया, वो मुड़कर रात्रि को देखने लगा,इस लड़की ने उसे अंश कहा ? उसे अंश वही कहते है जो उसके करीब लोग है,वैसे इस दुनिया में उसके करीब सिर्फ ऋजुल ही था l और अब यह लड़की जो ऋजुल की बेटी थी l    रात्रि आगे आ कर बोली,""_ मुझे पता है मैंने तुम पर हाथ उठाकर गलती की है, इसके लिए  i am sorry "     रात्रि ने ये थोड़ा रूड टोन में कहा था, जिसमें रिक्वेस्ट जरा भी दिखाई नहीं दे रही थी।    तभी एकांश ने उसे ताना मारते हुए कहा, ""_ सॉरी बोलकर मुझ पर एहसान करने की जरूरत नहीं है, मुझे ना तुम्हारी सॉरी चाहिए ना ही तुमसे कोई सफाई।"     रात्रि गुस्से से उससे बोली, "तुम इतना घमंडी क्यों हो? मैंने कहा ना मैंने गलती से तुम पर हाथ उठाया है।"    एकांश ने गुस्से से कहा, "गलती से?"    तभी रात्रि धीरे से बोली, "देखो, तुम मुझे मेरे अक्ष से दूर रहने के लिए कह रहे थे, जो मैं बर्दाश्त नहीं कर सकती, मैं उनके बिना नहीं रह सकती,इसलिए मैंने गुस्से से तुम पर हाथ उठाया, और मैं सॉरी भी कह रही हूँ,I am sorry l वैसे मैं नहीं जानती कि तुम कैसे हो, क्या हो? पापा तुम्हें अपने बेटे जैसे मानते हैं, तो मुझे लगा तुम अच्छे इंसान हो, इसलिए मैंने तुमसे सॉरी कहा।"    एकांश थोड़ी देर रात्रि को देखा, फिर उसे बिना कुछ कहे जाने को हुआ कि तभी रात्रि ने उसे बढ़ बढ़ाते हुए बोली, "खडूस इंसान, मुझे लगा इस दुनिया में सिर्फ मेरा अक्ष ही खडूस इंसान है, लेकिन नहीं, एक और आदमी भी है l "    रात्रि ने ये बहुत ही धीमी आवाज में कहा था, लेकिन एकांश ने उसकी बात सुन लिया था l    वह मुड़ कर रात्रि को घूरने लगा। रात्रि को जब किसी की नजरें अपने चेहरे पर महसूस होने लगे तो वह अपना सर ऊपर कर एकांश को देखी l एकांश उसे ही घूर रहा था।     रात्रि उसे इग्नोर कर सीधे स्टडी रूम में के तरफ चली गई l    रात्रि जब स्टडी रूम में गई तो उसे ऋजुल की आवाज सुनाई दी, जो फोन पर वो किसी से बात कर रहा था।"उस क्रियांश जादव को तो मेरे हाथों में कभी ना कभी तो मरना ही था,फाइनली वो मर भी गया। बस आज का पार्टी उसी की मौत का जश्न है,तो शाम की पार्टी अटेंड करने तुम सब आ जाना।"   इतना बोलकर ऋजुल अपना फोन रख कर मुड़कर देखा, तो उसकी नजर रात्रि पर गई, जो अपनी जगह में ही जम गई थी।     रात्रि हैरानी से ऋजुल को देख रही थी और उसे यकीन नहीं हो रहा था कि उसने अभी अभी ऋजुल के मुँह से क्या सुना ?    क्रियांश जादव की मौत की बात सुनकर रात्रि अपने जगह में ही जम गई थी l लेकिन रात्रि को सामने देख ऋजुल बहुत खुश था। वो उसके पास जाते हुए कहा, ""_रात्रि बच्चा, तुम कब आई ?"      रात्रि को यकीन नहीं हो रहा था कि अभी अभी ऋजुल ने क्या कहा ? वह उससे पूछी,""_ आपने अभी अभी क्या कहा ? क्रियांश जादव की मौत...? "     ऋजुल एक टक ध्यान से रात्रि को ही देख रहा था l रात्रि क्रियांश को जानती है या नहीं यह बात उसे नहीं पता था l      रात्रि के सवाल सुनकर रिजुल ठाकुर एक टक रात्रि को देख रहा था, उसे नहीं पता था कि रात्रि क्रियांश जादव के बारे में जानती है या नहीं। लेकिन जिस तरह रात्रि उससे सवाल कर रही थी,इससे रिजुल को अंदाजा हो गया था कि रात्रि जरूर क्रियांश जादव  के बारे में जानती है।     वह धीरे से रात्रि के पास गया ,फिर उससे कहा, ""_वो मेरा दुश्मन था रात्रि, उसके और मेरे बीच सालों से जंग लगी हुई तो, उसी जिद्दा जिद्दी में उसकी मौत हो गई।"     रिजुल ने यह बात बहुत ही सिंपल तरीके से कहा था। यह सुन रात्रि को कोई दुख नहीं हो रहा था, लेकिन मन ही मन उसने यह सोच रखा था कि क्रियांश को वही खत्म करेगी, उसे उसके हाथों में ही मरना होगा। लेकिन किस्मत में कुछ और लिखा था, तो उसकी मौत उसके हाथों में नहीं उसके बाप की हाथो से हुई थी l       रात्रि की दिमाग में सिर्फ क्रियांश नहीं बल्कि उन दोनों लड़के भी घूम रहे थे जिन्होंने उसे पिछले जन्म में मौत का घाट उतारा था l      क्या रिजुल ने उन दोनों को भी मारा ? जिन्होंने उसे दो दिन पहले किडनैप करने की हिम्मत की थी? रात्रि को समझ नहीं आ रहा था कि वो रिजुल से उन दोनों के बारे में कैसे पूछे ?, क्योंकि रात्रि को सिर्फ उन दोनों का चेहरा याद थी, उनका नाम, उनका अता-पता वो कुछ नहीं जानती थी।     वो बस इतना जानती थी कि उन दोनो ने ही उसे उसके पिछले जन्म में मार डाला था l पिछले जन्म में भी रात्रि का उनसे कोई बातचीत नहीं हुई थी l क्रियांश और युवान की वजह से रात्रि को वह उन दोनों के पास पहुँच गई थी l और वह दोनो किसी और को बेच दिए थे लेकिन रात्रि वहाँ से बचकर निकली थी l      जिस वजह से उन दोनों को भारी भरकम भुगताना चुकाना पड़ा था lजिस कारण उन दोनों ने रात्रि को मारकर उस सुनसान रास्ते में फेंक कर गए थे l जिस वजह से रात्रि को उनका नाम या फिर अता-पता कुछ नहीं पता था l लेकिन वो इतना जानती थी कि उनका कनेक्शन क्रियांश जादव से है l       रात्रि ने ऋजुल से कुछ नहीं कहा। रिजुल रात्रि के चेहरे के हाव भाव को ही नोटिस कर रहा था l      वो फिर बात बदलते हुए रात्रि से कहा, ""_ चलो साथ में मिलकर लंच करते हैं बच्चा l "    रात्रि ने बस हा में सर हीलाया फिर उसके साथ डाइनिंग एरिया की तरफ चली गई l      To be continued.....

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