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Chapter 80

chapter 80

Love With My Beast Husband

वहीं सर्वाक्ष इस वक्त अपने केबिन में बैठे एक टक उन बुके और फ्लावर्स को घूर रहा था जो दो बार रात्रि के पास पहुंच गए थे l उन पर दोनों बार अलग अलग लड़के का नाम था l एक युवान का था तो दूसरा एक अंजान लड़के का था l     सर्वाक्ष अभी उस लेटर को घूर ही रहा था कि तभी उसके केबिन का डोर ओपन हुआ l और उसके असिस्टेंट आ कर कहा ,""_ बॉस,वह लड़का रात्रि ma'am के कॉलेज का ही है,उसने युवान के कहने पर यह सब उन्हें भेजना स्टार्ट किया था, लेकिन युवान के मरते ही  वह युवान के जगह अपने नाम एड कर ma'am को भेजने लगा ,वह Ma'am को पसंद करता है l "   लास्ट लाइन थोड़ा धीमी आवाज में कहते हुए सर्वाक्ष के असिस्टेंट चुप हो गया l तभी सर्वाक्ष ने उससे कहा ,""_ अब इस लड़के के साथ क्या करना है तुम्हे तो पता ही है ? "   तभी असिस्टेंट ने कहा ,""_ जी बॉस ....,और काम हो भी गया है l "      Good....!! " बोलते हुए सर्वाक्ष ने उन सब चीजों को डस्टबिन में फेंका फिर असिस्टेंट के साथ मीटिंग रूम के तरफ चला गया l   शाम का वक्त...   ठाकुर मेंशन.....    रात्रि ड्रेसिंग टेबल के सामने खड़े पार्टी के लिए रेडी हो रही थी l तभी उसके फोन में एक नोटिफिकेशन का साउंड बजा तो उसने फोन चेक किया l    वह मैसेज रूही का था l और उसने विभा राठौड़ की असिस्टेंट मनु की डिटेल्स भेजी थी l      जब सर्वाक्ष बिजनेस ट्रिप के लिए बाहर गया हुआ था, तब रात्रि ने रूही से ये कहा था कि वो मनु कुछ इनफॉर्मेशन  निकाल कर उसे बताए l     वैसे, वो मनु का डिटेल्स इसलिए चाहती थी कि वो जानना चाहती थी कि मनु किसके साथ रहती है ? उसका फैमिली कैसा है ? उसके जिंदगी में की चल रहा है ? क्योंकि जिस तरह मनु अपने पिछले जन्म में क्रियांश के आदमियों के जाल में फँसी थी, उससे रात्रि को लग रहा था कि कहीं मनु इस जन्म में भी वही गलती ना करे जो उसने पिछले जन्म में किया था।     वैसे, रात्रि नहीं जानती थी कि मनु के जिंदगी में क्या हुआ था और वो क्यों वहाँ पहुँची थी, लेकिन रात्रि को उन आदमियों से बचने के लिए उसने मदद किया था, तो उस नाते रात्रि उसके लिए भी कुछ करना चाहती थी।     वो बस जानना चाहती थी कि मनु जिन लोगों के बीच रहती है, वो उसके लिए सही है या नहीं ?      वैसे, ये जानना बहुत ही मुश्किल था, क्यों कि रात्रि उन सब लोगों को नहीं जानती थी जो मानु के साथ रहते थे। लेकिन रुहि ने इनफॉर्मेशन में भेजा था कि मनु एक अनाथ लड़की है और उसका ज्यादातर उठना-बैठना सिर्फ और सिर्फ विभा और उसके परिवार के साथ ही है l     और विभा राठौड़ कैसी है ? यह रात्रि को अब तक सर्वाक्ष ने समझा दिया था l अगर विभा और उसकी परिवार अच्छा नहीं होता तो सर्वाक्ष कभी भी उसका विभाग के साथ कोई डील करवाता ही नहीं।     ये सोचकर रात्रि को थोड़ा अच्छा लगा कि मानु कोई मुसीबत में नहीं है और वो जिनके साथ है, वो लॉयल है। अगर वो गलत इंसान के संगत में होती तो उसे भी वहाँ पहुँचना पड़ता जहाँ पिछले जन्म में रात्रि के साथ पहुँची थी।      मनु की सारी डिटेल्स देखने के बाद रात्रि ने यह सोचा कि फिलहाल मनु के साथ कुछ भी गलत नहीं होने वाला है l क्यों कि जिन लोगों के साथ वह है, उसके लिए बहुत ही अच्छे है l अगर फ्यूचर में मनु को उसकी कोई जरूरत पड़ी तो वह उसके पूछे बगैर ही मनु की पूरी मदद करेगी l      रात्रि एक राहत भरी साँस ली। फिर पार्टी के लिए रेडी होने लगी।      शाम के सात बजे के आसपास सारे मेहमान ठाकुर मेंशन में आने लगे।     वैसे, रिजुल रात्रि को सबसे इंट्रोड्यूस करना चाहता था l लेकिन उसकी सेफ्टी की वजह से उसने किसी से भी इंट्रोड्यूस नहीं कराया l लेकिन वो रात्रि के आसपास बहुत सी गार्ड्स को और खुद एकांश को रात्रि के आस पास रहने को कह दिया था l ताकि पार्टी में आए कोई इंसान रात्रि पर कोई नजर ना डाले ।     वैसे भी पार्टी में सर्वाक्ष खुराना नहीं आने वाला था। तो इस वजह से रात्रि को वो इधर-उधर जाने नहीं दे सकता था और वो जानता था कि सर्वाक्ष के बिना रात्रि बहुत ही लापरवाह होती है, क्यों कि ये बात खुद सर्वाक्ष ने उससे कहा था। सर्वाक्ष ने कॉल कर बताया था कि अपनी बीवी का ख्याल रखे वरना वह उसे नहीं छोड़ेगा l      पहले रिजुल को सर्वाक्ष पसंद नहीं था, लेकिन जिस तरह की दीवानगी वो रात्रि के लिए सर्वाक्ष के आंखो में देखने लगा था, उससे उसे यकीन हो गया था कि सर्वाक्ष रात्रि के लिए बिलकुल सही है।       रात्रि इस वक्त सॉफ्ट ड्रिंक करते हुए पार्टी में आए हुए हर एक मेहमान को देख रही थी। वैसे, रात्रि भी अब बिजनेस वर्ल्ड में कदम रख चुकी थी, उसने कुछ कुछ लोग से मिला था l  लेकिन रात्रि इस वक्त पार्टी में कोई इंटरेस्टेड नहीं लग रही थी।     बात ये था कि उसके दिमाग में सिर्फ और सिर्फ वो दोनों लड़के घूम रहे थे l जिसने पिछले जन्म में उसकी मौत के कारण बने थे। वो मन ही मन ये उम्मीद कर रही थी कि वो दोनों लड़के जिंदा रहे, क्योंकि उन्हें उस मौत का घाट वो खुद उतार सके।     वैसे, उसके लिए यह बहुत ही मुश्किल भरा काम था, क्योंकि सर्वाक्ष के रहते हुए वो कोई भी कदम अपने आप नहीं बढ़ा सकती थी। लेकिन वो अपनी मकसद से पीछे तो नहीं हट सकती थी, उसे अपनी मकसद पूरा करना था, जिस वजह से उसकी तीन दुश्मन अब मौत के मुँह में जा चुके थे। अब बचे वही दोनों थे l     वैसे रात्रि के दिमाग में एक और इंसान घूम रहा था, जो उसके सामने उस वक्त मास्क पहने आया था l जब वो क्रियांश के आदमियों के बीच फंसी थी। तब वहाँ से भागने के लिए मनु ने उसे जरूर मदद किया था, लेकिन सिर्फ मनु की मदद से वो बाहर नहीं निकली थी।      उसके पास एक अनजान आदमी आया था, जिसके चेहरे पर मास्क था। वो वहां हीरो की तरह आकर उसे बचा तो लिया था, लेकिन उसे मरने से नहीं बचा पाया था। वो उस वक्त उसके पास पहुँचा भी नहीं पाया था।    और रात्रि उस इंसान के बारे में इस जन्म में भी जानना चाहती थी, लेकिन वो आदमी अभी तक उसके सामने नहीं आया था, या फिर ऐसी हालत खड़ी ही नहीं हुई थी जो उस इंसान को आना पड़ा था l या यूँ कहे कि वो आदमी उसके साथ ही था, जिसका पहचानना रात्रि के लिए मुश्किल था।    पिछले जन्म में रात्रि की जिंदगी में वही एक इंसान था जो हर पल उसे बचाना चाहता था, और वो सिर्फ और सिर्फ सर्वाक्ष था। लेकिन उस वक्त सर्वाक्ष अपने चेहरे मास्क पहने क्यों आया, ये रात्रि को नहीं पता था। रात्रि को ये भी नहीं पता था कि वो मास्क वाला सर्वाक्ष ही है।   कुछ राज राज ही होते हैं, कुछ खुल जाते तो कुछ दफन हो जाते हैं।      रात्रि चुपचाप ड्रिंक कर रही थी l  वही एकांश भी इस वक्त उसके बगल में ही खड़ा था l लेकिन वो रात्रि से ज्यादा बात नहीं कर रहा था, क्योंकि उसे अभी भी रात्रि से अपनी नाराजगी दिखाना था lक्योंकि रात्रि ने उस पर हाथ जो उठाया था, जो पूरी दुनिया में किसी ने भी उस पर हाथ उठाने की हिम्मत नहीं की थी।    इधर उधर देखने के बाद एकांश ने रात्रि से कुछ बात करने का सोचा लेकिन जैसे ही उसने रात्रि को देखा उसकी आंखे छोटी हो गई l वह लड़की गुस्से में थी l      रात्रि की खूबसूरत आंखे गुस्से से लाल रंगत में बदल रहे थे l रात्रि की नजरो को फॉलो करते हुए उसने एक इंसान को देखा तो उसे समझ आ गया कि रात्रि क्यों गुस्से में है l    एकांश के चेहरे पर टेढ़ी स्माइल आ गई l वह ड्रिंक का सिप लेते हुए कभी रात्रि को देखने लगा तो कभी उनके थोड़ी दूरी पर खड़े सर्वाक्ष को जो इस वक्त किसी लड़की से बात कर रहा था और अब तक उस लड़की ने सर्वाक्ष से दो बार गले भी लगी हुई थी l      एकांश ने फिर धीरे से रात्रि की कान में कहा,""_ तुमने कहा था की तुम्हारा अक्ष,किसी इंपोर्टेंट काम पर बाहर गया है ? क्या वह काम ? "    एकांश बोलते बोलते रुक गया क्यों की रात्रि गुस्से से दांत टटोर रही थी l  सर्वाक्ष इस वक्त अपने एक बिजनेस क्लाइंट के साथ बात कर रहा था, लेकिन वो क्लाइंट थोड़ा ज्यादा ही फ्रेंडली हो कर सर्वाक्ष से बात कर रही थी। वो बार-बार सर्वाक्ष के हाथ पकड़ रही थी, तो कभी उसके गले लग रही थी और वो बहुत ही खुश लग रही थी। और सर्वाक्ष भी काफी ज्यादा फ्रेंडली होकर ही उसकी बात सुन रहा था l लेकिन उसका पूरा ध्यान अपनी बीवी पर ही था।     उसे पता था कि उसकी बीवी इस पार्टी में है और वो ये भी जानता था कि उसकी बीवी इस वक्त गुस्से से अंगारे बरसते हुए उसे ही घूर रही है, लेकिन सर्वाक्ष अपना सर घुमाकर उसकी ओर देखने की हिम्मत नहीं की।     वहीं खड़े-खड़े रात्रि की गुस्से से हालत खराब हो रही थी l उसे यकीन नहीं हो रहा था कि उसका पति इस तरह किसी लड़की के साथ बात कैसे कर सकता है ?  रात्रि से जब बर्दाश्त नहीं हुआ तो वो ड्रिंक के ग्लास को वहीं पटक कर सीधे सर्वाक्ष के पास गयी। सर्वाक्ष को अंदर ही अंदर बहुत ही हँसी आ रही थी, उसे पता था उसकी बीवी उसके लिए कितना पोजेसिव है।     जब रात्रि अपने पास आई तो सर्वाक्ष अपना सर घुमाकर एक नजर रात्रि को देखा, फिर वो उससे कुछ कहता, उससे पहले ही रात्रि ने गुस्से से अपने दांत टटोरते हुए बोली, ""_आपकी हिम्मत कैसे हुई इस तरह किसी भी लड़की के साथ बात करने की? कौन है ये? और यह आपको इतना चिपक क्यों रही है ? और आप उसे इतना करीब आने क्यों दे रहे है ? "      रात्रि ने बेझिझक बिना सोचे-समझे उस लड़की के सामने ही गुस्से से सर्वाक्ष से सवाल करती रही l      सर्वाक्ष को इसका बिलकुल उम्मीद नहीं था कि रात्रि आ कर उस पर ऐसे पार्टी में चिल्लाएगी, लेकिन फिर भी वो इसके लिए गुस्सा नहीं हुआ, उसने रात्रि को कुछ नहीं कहा, वो बस उसे देखता रहा। लेकिन सर्वाक्ष के साथ जो लड़की खड़ी थी, वो रात्रि को अजीब नजरों से देख रही थी l   यह लड़की सर्वाक्ष के साथ इतना रुडली बात कैसे कर सकती है ?    उस लड़की को नहीं पता था कि वो लड़की रात्रि है, लेकिन वो ये जानती थी कि सर्वाक्ष की शादी हो चुकी है l सर्वाक्ष को रात्रि पर गुस्सा नहीं करता देख उस लड़की को थोड़ा अंदाजा हुआ कि कहीं ये उसकी बीवी तो नहीं ?   वो लड़की सर्वाक्ष से बोली, ""_भाई, क्या ये आपकी बीवी है?"     रात्रि ने जैसे ही उस लड़की के मुँह से "भाई" शब्द सुना, वो हैरानी से उस लड़की को देखने लगी, उसे यकीन नहीं हो रहा था कि सर्वाक्ष की कोई बहन भी है।     वो फिर हैरानी से सर्वाक्ष को देखने लगी, तभी सर्वाक्ष उसके कमर पर हाथ रख कर उसे अपने आप से चिपकाया, फिर उस लड़की का इंट्रोड्यूस देते हुए कहा, """_ बीवी इससे मिलो, ये किंजल है ,मेरी बहन।"      रात्रि हैरानी से सर्वाक्ष को देखने लगी, उसे नहीं पता था कि सर्वाक्ष की कोई बहन भी होगी ।     तभी वो लड़की जिसका नाम किंजल था, उसने कहा, ""_ मैं भाई की सगी बहन नहीं हूँ, लेकिन मैं आपको ऐसे समझा सकती हूँ कि आपने भावेश दादू को जानते ही होंगे, मैं उनकी भाई की पोती हूँ, भावेश खुराना मेरे बड़े दादू है l"     रात्रि को समझ आया कि किंजल आखिर कौन है? वो बोली, ""_ I am sorry , मैं थोड़ा रूडली पेश आ गयी।"    तभी किंजल ने मुस्कराते हुए कहा, ""_ कोई बात नहीं, मुझे अच्छा लगा यह देख कर कि आप मेरे भाई से आप कितना प्यार करते हैं और कितना पागल है।"    किंजल उसे हँसते हुए बोल रही थी, जैसे सुन रात्रि का मुँह बन गया था l     वो एक नजर सर्वाक्ष को देखी, फिर चुप हो गयी। लेकिन किंजल उसे अच्छी लगी, क्योंकि उसके नाम और उसकी माँ का नाम सेम था l और जो सर्वाक्ष की बहन जैसे है उससे रात्रि को कोई प्रॉब्लम नहीं थी, प्रॉब्लम तो तब होती थी कि जब कोई लड़की सर्वाक्ष को गंदी नजर से देखती थी l उसे उनसे सख्त नफरत था, लेकिन किंजल तो सर्वाक्ष को भाई बुला रही थी, तो रात्रि को इससे कोई फर्क नहीं पड़ा।     सर्वाक्ष एक तक रात्रि को देख रहा था l रात्रि का इतना जलस फील होना उसे अच्छा लगता था और जब वो चिड़ी होती है तब वो बहुत ही क्यूट लगती थी।   सर्वाक्ष ने धीरे से कहा, ""_अब तुम्हारा गुस्सा?"   तभी रात्रि बढ़बढ़ाते हुए बोली, ""_आप, बहुत बुरे हैं सर्वाक्ष, आपने मुझे पहले क्यों नहीं बताया कि आप किसी के साथ  यहां आ रहे हैं? अगर आपने बताया होता तो मैं ऐसे ...?"   रात्रि रुक गयी, लेकिन वो नाराजगी से सर्वाक्ष को देखने लगी। तभी सर्वाक्ष ने उसके हाथ हथेली को पकड़कर हलके से दबाते हुए कहा, ""_मुझे लगा था मेरा आज का दिन बहुत ही हेक्टिक होगा, लेकिन शाम से पहले ही मेरे सारे काम खत्म हो गए तो मैं यहाँ आ गया और वैसे भी तुम्हें लेने के लिए मुझे यहां आना ही था।"    बोलते हुए सर्वाक्ष हलके से मुस्कुराया, रात्रि ने उसे कुछ नहीं कहा, लेकिन उसे अब वह प्यार से देखने लगी थी l उसका पति बहुत ही प्यारा था, और बहुत ही हैंडसम था, उसे कभी कभी डर लगता था कि कोई उससे छीन ना ले, लेकिन सर्वाक्ष उसका था, उसे इतना डर लगने की जरूरत भी नहीं थी l     To be continued.....It's second last chapter guy's.

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