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Chapter 81

chapter 81

Love With My Beast Husband

अब आगे ....   रात के ग्यारह बजे के आस पास तक पार्टी चलता रहा और धीरे-धीरे मेहमान घर जाते रहे।      अब वहाँ रिजुल, एकांश, रात्रि, सर्वाक्ष, ध्रुव और रविश ही बचे थे। लेकिन ध्रुव की नजर उस हॉल में टंगाए हुए एकांश के बाप की तस्वीर पड़ गयी थी।      वो हैरानी से उस तस्वीर को देखता रहा और उसके आँखों में अजीब सा दर्द उमड़ रहा था। उसे समझ नहीं आ रहा था कि रिजुल ठाकुर के विला में उस इंसान की तस्वीर क्यों है ? वह यही सोचते उस तस्वीर को देखता रहा l     तभी रविश का ध्यान ध्रुव पर गया। रविश कल से उस तस्वीर को देखते हुए यही सोच रहा था कि उसने कहीं उस तस्वीर को देखा है, लेकिन कब देखा है ?  और कहाँ देखा है ? और वो इंसान कौन है ? उसे याद नहीं आया था। लेकिन रिजुल ठाकुर ने उसे बताया था कि वो एकांश का बाप है।    रविश ध्रुव के पास जाकर कहा, "तुम्हें भी लगता है ना इस इंसान को तुमने कहीं देखा है? मुझे भी कल से यही लग रहा है और रिजुल ठाकुर ने कल बताया था कि ये एकांश का बाप है।"     रविश ने जैसे ही ये सुना, ध्रुव हैरानी से रविश को देखने लगा। वो फिर एकांश को देखने लगा, जो रिजुल से बात करते हुए ड्रिंक कर रहा था। उसे यकीन नहीं हो रहा था कि एकांश उस इंसान का बेटा है।    रविश एक टक ध्रुव को देख रहा था। ध्रुव के चेहरे के हावभाव बहुत ही नरमी पड़ गए थे। उसके आँखों में अजीब सा दर्द उमड़ रहा था। रविश ने पूछा, "क्या हुआ ध्रुव ? तुम्हें याद आ गया कि ये इंसान कौन है ?"    ध्रुव ने उसे धीमी मगर मरी हुई आवाज में कहा, ""_ एकांश...? क्या वो मेरा भाई है ? "रविश ने जैसे ही ये सुना, वो भी हैरानी से एकांश को देखने लगा। वो फिर ध्रुव से पूछा, "क्या कहा तुमने? एकांश तुम्हारा भाई? मतलब ये इंसान तुम्हारा dad है?"      एक्साइटमेंट में रविश ने ये थोड़ा तेज आवाज में कहा था, जिसे सुन सारे लोग ध्रुव को देखने लगे थे। वही एकांश भी हैरानी से ध्रुव को देख रहा था।     रविश ने अभी अभी क्या कहा ?, उसे समझ नहीं आया था या ये यूँ कहे कि उसने ठीक से सुना नहीं था। वो उठकर रविश के पास जाते हुए पूछा, "क्या क्या कहा तुमने? ये.... मेरे dad है?"    एकांश ने कहा, उसकी आवाज लटकड़ा रही थी, लेकिन वो बार बार ध्रुव को देख रहा था।     ध्रुव एकांश को देख रहा था, उसके आँखों में जो दर्द झलक रही थी, वह एकांश के अनादर बहुत ही अजीब सा बेचैनी पैदा कर रहा था। वो   तभी सर्वाक्ष ध्रुव के कंधे पर हाथ रखते हुए कहा, "_ध्रुव...? !"    सर्वाक्ष की तरफ देखते हुए ध्रुव ने कहा, ""_अक्ष, ये मेरा भाई है।"    उसे यकीन नहीं हो रहा था कि सामने खड़े एकांश उसका भाई है, क्योंकि जिस तस्वीर को रविश देखकर सोच रहा था कि उसने कहीं वो फोटो देखा है, वह ध्रुव का बाप अव्यक्त था। उसने ध्रुव के बैग में एक दो बार इस तस्वीर को देखा था, जिसे बहुत ही संभालकर ध्रुव ने रखा था।  तभी एकांश ने उससे कहा, ""_आप ये क्या कह रहे हैं? "   वो फिर रिजुल के पास आकर पूछा, "अंकल, अंकल, ये क्या कह रहा है?"   रिजुल भी इस वक्त एक टक ध्रुव को देख रहा था। वो जानता था एकांश का एक बड़ा भाई भी था, लेकिन एक बड़े से अंडरवर्ल्ड के पार्टी में एकांश के बाप अव्यक्त ने अपने बेटे को खो दिया था, जिसे ढूंढने की वो हर हाल में मेहनत कर रहा था, लेकिन कभी उसे अपना बेटा मिला ही नहीं था।     तब एकांश बहुत ही छोटा था, वो कुछ मंथ का ही था, जिस वजह से एकांश को नहीं पता था कि उसका कोई भाई भी है।     लेकिन रिजुल सब कुछ जानता था, वो जानता था उसके दोस्त के कितने बच्चे हैं और वो कितनी तड़पते हुए अपने बेटे को ढूंढ रहा था, लेकिन उसे अपने खोए हुए बेटे को फिर से ढूंढने का मौका नहीं मिला था, क्योंकि उसका मौत हो गया था l रिजुल ध्रुव के पास जाकर उससे पूछा, ""_तुम्हारे डैड का नाम  ?"ध्रुव ने उससे कहा, "अव्यक्त आर्यन।"     रिजुल ने उससे फिर पूछा, ""_ तुम  इतने सालों तक उसके पास,उसे देखने नहीं आए ?    ध्रुव ने कहा, ""_जब मैं डैड से जुदा हुआ था, तब मैं सिर्फ और सिर्फ छह साल का था, मैं डैड तक पहुँचता भी कैसे? और जिसने मुझे अपने साथ ले गया था वह आदमी बहुत ही क्रूर था और उससे छूट कर निकलने सालों लगे थे ,लेकिन जब मैं डैड के बारे में पता किया तब बहुत देर हो चुका था l तब तक उनकी मौत हो चुकी थी, मुझे उनकी और मेरे भाई की मौत की खबर मिल चुकी थी l        ध्रुव बोलते हुए एकांश को देख रहा था, क्योंकि एकांश के चेहरे के हावभाव बिलकुल अव्यक्त आर्यन की तरह था। अगर एकांश थोड़ा भी उम्रदराज आदमी बनता, तो उसमें और अव्यक्त आर्यन में कोई फरक नहीं दिखते। वो दोनों एक ही जैसे दिखते । ध्रुव के चेहरे के पिचर भी वैसे ही थे, लेकिन वो थोड़ा सा अलग था, शायद वो अपनी माँ पर गया था।   एकांश अपने जगह में ही जम गया था लेकिन रिजुल की बात सुन वह रिजुल के पास जा कर कहा, ""_आप सच कह रहे हैं? ये मेरा भाई है?"    रिजुल को अच्छे से याद था कि उसका एक भाई है, क्योंकि जब वो अव्यक्त आर्यन से जुदा हो रहा था, तब एकांश छह महीने का था जिस वजह से उसे कुछ नहीं पता था l      लेकिन रिजुल को सब पता था कि उसका एक भाई है। लेकिन जब अपने बाप का इंफॉर्मेशन निकाला, तो उसे यही मिला था कि अव्यक्त के साथ-साथ उसका बेटा भी मर चुका है। लेकिन रिजुल की बदौलत उसने एकांश को बचा लिया था।    लेकिन कुछ वक्त रिजुल ने यही अफवाएं फैलाए कि, अव्यक्त के साथ-साथ एकांश की भी मौत हुई है l कुछ वक्त के लिए ये न्यूज़ वैसा ही रहा था, क्योंकि रिजुल उसे हटने नहीं दिया था। लेकिन धीरे-धीरे रिज़ुल चीज़े रिवील किया लेकिन ध्रुव ने तब कुछ भी जानने की कोशिश बंद की थी l       ध्रुव के चेहरे पर मुस्कान आ गई। वो उठकर एकांश के पास गया, एकांश तो अपनी जगह में ही जम गया था। उसे यकीन नहीं हो रहा था कि उसका कोई भाई भी है, क्योंकि अव्यक्त ने उसे कभी बताया नहीं था। रिजुल ने भी इस बात का कभी जिक्र नहीं किया था, जिस वजह से एकांश अपने भाई को ढूंढने में या फिर उसे अंदाजा भी नहीं था कि उसका कोई भाई भी है।    ध्रुव सीधे जा कर एकांश के चेहरे को छूते हुए उसका नाम लिया, ""_एकांश, मेरा भाई!"   तभी एकांश ने कहा, ""_I am sorry भाई, मुझे नहीं पता था कि मेरा कोई भाई भी है वरना मैं जी जान लगा। कर आपको ढूंढने लगता।"    ध्रुव ने उसकी इस बात पर कुछ नहीं कहा, वो सीधे गले लग गया।   सर्वाक्ष, रात्रि, और रविश एक टक उन दोनों को देख रहे थे। रात्रि को इन सबके बारे में नहीं पता था, वो चुपचाप वहाँ खड़ी थी। लेकिन ध्रुव रोते हुए एकांश के गले लगा हुआ था। ध्रुव को रोता देखकर एकांश के आँखों से आंसू भी बह गए थे।    लेकिन थोड़ी देर बाद सबको शांत हो गया। जरूर वो भी चढ़ गए थे, लेकिन अब वो दोनों मिल चुके थे।     रिजुल चाहता था कि सर्वाक्ष रात्रि को ले कर आज भी वही रुके, लेकिन सर्वाक्ष वहाँ रुकना नहीं चाहता था, जिस वजह से देर रात होने के बाद भी वो रात्रि को लेकर ठाकुर मंशन से निकल गया।उनकी कार अब खुराना मंशन की तरफ जा रही थी l वही रात्रि पैसेंजर सीट पर बैठी हुई थी l और वो चुपचाप बाहर की ओर देख रही थी lउसके दिमाग में इस वक्त उन्हीं दो लड़के ही घूम रहे थे।   वो कैसे उन तक पहुँचे, कैसे उनके बारे में इंफॉर्मेशन निकाले, उसे समझ नहीं आ रहा था। वो अपने ही ख्यालों में गुम थी l की तभी उसे महसूस हुआ कि सर्वाक्ष उसके हथेली को प्रेस करते हुए उसे ही देख रहा है।     वो अपना सर घुमाकर सर्वाक्ष के ओर देखने लगे। सर्वाक्ष ने उससे कहा, "क्या हुआ बीवी ? तुम कहाँ खो गयी?"   रात्रि ने अपना सर ना में हिलाते हुए कहा, ""_नहीं, मैं थोड़ा थक गयी हूँ।"      सर्वाक्ष ने उसे अपने करीब खींचा फिर उसके सर को अपने कंधे में रखकर फास्ट ड्राइव करने लगा l वो नहीं चाहता था कि उसकी बीवी और थक जाए। वही रात्रि अभी भी खाली सड़कों को देख रही थी, जो पीछे छूटते जा रहा था।     लेकिन तभी उसकी नजर दो लोगों पर पड़ी, वो दोनों इस वक्त जख्मी हालत में रोड पर चलते जा रहे थे। ऐसा लग रहा था कि वो बहुत ही बेबस हो गए, और उसके हाथ पैरों पर बहुत ही चोट लगी थी, जिसपे बैंडेज लगाया गया था और सर पर फट्टी भी बाँधा गया था। वो दोनों चलते चलते एक दूसरे का हाथ पकड़कर जा रहे थे।     रात्रि के आंखे अचानक से चौड़ी हो गयी। वो जल्दी से विंडो के बाहर अपना सर कर उन दोनों को देखने लगी।   वह फिर अपने मन में बोली, """_ यह दोनो जिंदा है ?   इस वक्त वहाँ वही दो लड़के जा रहे थे, जिनके बारे में रात्रि सोच रही थी।"      रात्रि ने जल्दी से सर्वाक्ष से कहा, ""_सर्वाक्ष, कार रोकिए l"     सर्वाक्ष को समझ नहीं आया कि रात्रि उसे क्यों रोकने कह रही है। उसने पूछा, "क्यों?"    लेकिन तभी रात्रि गुस्से से बोली, ""_ I said stop the car l      सर्वाक्ष को कुछ समझ नहीं आया। उसने कार को रोक दिया। वो फिर रात्रि को कुछ कहता, उससे पहले ही रात्रि ने ग्लो बॉक्स में रखे हुए सर्वाक्ष के गन उठाया, फिर बिना कुछ कहे कार का डोर ओपन कर कार से बाहर आ गयी।   यह देख सर्वाक्ष की आँखें चौड़ी हो गयीं। अचानक से रात्रि ने कैसा कदम उठाया था ?       वो जल्दी से रात्रि को रोकने कार से बाहर गया और रात्रि को आवाज लगाया, लेकिन तभी रात्रि ने गोली चला दी, लेकिन रात्रि ने किन पर गोली चला दी? वो हैरानी से सामने देखने लगा।     उन दोनों लड़कों में से एक लड़का अब नीचे गिर चुका था। सर्वाक्ष रात्रि को कुछ कहता, रात्रि फिर से एक और गोली चला दी, जो दूसरे लड़के पर गया था। वो दोनों अब गिर चुके थे।    सर्वाक्ष रात्रि को बाजू पकड़कर कुछ कहता, उससे पहले ही रात्रि उसे खुद से दूर धकेल कर उन दोनों के पास गयी।     सर्वाक्ष को समझ नहीं आ रहा था उसकी बीवी को अचानक से हुआ क्या था ?  वो उसके पीछे भागते गया, कि कही वो दोनों उठकर रात्रि पर हमला ना करें ? लेकिन रात्रि के निशान सीधे उन दोनों लड़कों के सीने पर गए थे।     वो दोनों इस वक्त अपने आखिरी दम तोड़ने लगे थे। रात्रि गुस्से से उनके पास जाकर जोर-जोर से उन्हें लात मारने लगी।    पहले ही वो बहुत ही जख्मी हालत में थे l और इस तरह गोली लगने की वजह से उनका पूरा शरीर खून से लथपथ हो गया था।     रात्रि बिना रुके फिर से उन पर गोली गन से वार करने लगी। उन दोनों के शरीर में अब फिर से दो-तीन गोली घूम गए।   वही सर्वाक्ष जल्दी से आ कर रात्रि का बाजू पकड़ते हुए कहा, ""_तुम ये क्या कर रही हो ? ये लोग कौन हैं? तुम इस तरह इन्हें मार क्यों रही हो?"     अचानक से रात्रि को ख्याल आया? की वो इस वक्त अकेली नहीं है, उसके साथ सर्वाक्ष भी है और उसके हर एक हरकत को सर्वाक्ष ने नोटिस किया है।    वो जल्दी से अपने होश में आकर मासूम नजरों से सर्वाक्ष को देखने लगी। सर्वाक्ष उसे सवालिया निगाहों से देख रहा था, क्योंकि रात्रि का इस तरह का कदम वो देखकर पूरी तरह डर गया था। अगर क्या होता उन दोनों के पास गन होता? अगर क्या होता वो दोनों पलटकर रात्रि पर गोली चलाते? उसे बहुत गुस्सा आ रहा था।तभी रात्रि ने रोते हुए कहा, ""_ये दोनों..?  ये दोनों वही हैं सर्वाक्ष, जिन्होंने मेरा किडनैप करने की कोशिश की थी,इन दोनों ही मुझे उस स्कार्पियो कार में मुझे ले जा रहे थे,यह लोग ले जा कर मेरे साथ मजे कर मुझे बेचने वाले थे और इन लोगो ने बेरहमी से मुझे मारा l "     रात्रि की बात सुन सर्वाक्ष का खून खौलने लगा। वो कब से उन दोनों को ही ढूंढ रहा था। वो उन्हें मारना चाहता था, लेकिन रिजुल ने उससे कहा था कि वो दोनों भाग गए l  और वो उन लोगों को ढूंढने पर अपने गार्ड्स को भी लगा दिया था, लेकिन रात्रि ने उन्हें अब मार दिया था l       सर्वाक्ष रात्रि को अपने गले से लगाते हुए उसके पीठ सहलाने लगा, ताकि रात्रि थोड़ा शांत हो जाए। लेकिन रात्रि को अब सुकून मिल रहा था। उसके होठों पर सुकून भरा और एक बदले की जीत की मुस्कान खिल गया था।     उन दोनों की मारने के साथ-साथ उसने अपने बदला पूरा किया था, लेकिन बस एक वही इंसान रह गया था, जिसे देखने का उसका बहुत मन था और वो था ,वह अनजान आदमी जो मास्क पहने हुए उसके पिछले जन्म में आया था।       थोड़ी देर बाद सब कुछ शांत होने के बाद सर्वाक्ष ने अपने गार्ड्स को कहकर उन दोनों लाशों को वहाँ से हटाया। फिर रात्रि को लेकर खुराना मेंशन चला गया l      तीन साल बाद......,    रात्रि ,इस वक्त ड्रेसिंग टेबल पर खड़े 2 साल के बच्चे का टाई बंद रही थी लेकिन वह बहुत ही चिड़ी हुई लग रही थी l    वह लड़का अपने आंखे टिमटिमाते हुए रात्रि के पीछे खड़ा सर्वक्ष को देख रहा था l जो रात्रि को पीछे से हग कर उसके गर्दन ,चेहरा चूमते हुए हल्के हल्के से काट रहा था l   रात्रि बोली,""_ अक्ष, त्रियाक्ष के सामने ही आप यह सब....? "    रात्रि अपनी बात पूरा करती तभी सर्वाक्ष अपने बेटे त्रियाक्ष को अपने गोद में उठा कर सख्ती से कहा ,""_ तुम्हे मैने समझाया था न ,जब में अपनी बीवी के साथ कुछ कुछ कर रहा होता तो तुम्हे अपने आंखे बंद करना चाहिए l "     त्रियाक्ष मासूम नजरों से रात्रि को एक नजर देखा फिर अपने छोटे छोटे हाथो से अपने आंखे बंद कर लिया l    वही रात्रि सर्वक्ष को घूर रही थी l कोई अपने बच्चे से ऐसे कहते है ? वह सर्वक्ष के बाजू में मारते हुए पहले त्रियक्ष को अपने गोद में ली,फिर सर्वक्ष से बोली,""_ आप कितना बेशर्म है सर्वक्ष,वह बच्चा है और उससे आप कैसी बाते कर रहे है ? "     रात्रि फिर त्रियाक्ष को ले कर वहा से जाने को हुई की तभी सर्वाक्ष उसे कमर से पकड़ कर अपने करीब खिंचा फिर झुक कर उसके गाल पर किस करते हुए कहा ,""_ बीवी ,तुम्हे देख कर मुझे कभी भी प्यार आ जाता है ,बताओ इसमें मेरी क्या गलती है ? "   यह सब करते वक्त सर्वक्ष त्रियाक्ष को ही देख रहा था l जो अपने छोटे छोटे हाथो से अपने आंखे ढका हुआ था l     रात्रि घूरते हुए सर्वक्ष को देख रही थी l वह फिर त्रियाक्ष के हाथों को नीचे करते हुए बोला,""_ I love you bachcha.., तुम्हे डैड की ऐसी बाते मानने की जरूरत नहीं है l "    त्रियाक्ष मुस्कराते हुए रात्रि के गाल पर किस करा फिर सर्वाक्ष को देखा l सर्वाक्ष उसे बिना भाव के देख रहा था l     त्रियाक्ष जल्दी से अपने दोनो हाथ उसके तरफ फैलाया जैसे कह रहा हो कि वह उसके गोद में आता हो ? सर्वाक्ष ने उसे अपने गोद में उठाया फिर रात्रि के गाल पर किस करते हुए कहा ,""_ तुम्हे नहीं लगता आज कल त्रियाक्ष अकेला हो गया है ? हमे इसके लिए भाई या बहन को इस दुनिया में लाना होगा ,क्या कहती हो बीवी ? "    रात्रि पहले उसे घूर कर देखी फिर हल्के से मुस्कुराते हुए उन दोनो से चिपक कर बोली,""_ अक्ष,हम दोनो घर बैठे बैठे बोर हो गए है,हमे कही बाहर जाना है l "    सर्वक्ष त्रियाक्ष के छोटे छोटे बालों को सहला रहा था l वह रात्रि की बात पर सोचते हुए बोला ,""_mmm,ठीक है ,आज शाम हम घूमने जायेंगे l "   रात्रि अपना सर हिलाई फिर प्यार से सर्वाक्ष और त्रियाक्ष को देखने लगी l वह दोनो बाप बेटे आपस में अब खेलने लगे थे l    The end........ 🔚    रात्री: स्टोरी को ढेर सारा प्यार देने के लिए शुक्रिया रीडर्स....,अक्ष 🤨 ,आइए पहले रीडर्स को थैंक यू बोलिए   अक्ष : 🤨     रात्रि : 🫠 अक्ष please na, say thank you...!!   सर्वाक्ष: ok fine, thank you guy's  🥶  रात्रि: 😑😑 ( मुस्कुरा कर बोल देते ? )    त्रियाक्ष : 🥹मेरे दुनिया में आते ही ऑथर ने स्टोरी बंद कर दी ....!! ✊👊🏃    Author : 🤣🤣 well guy's,       kahani kaa safar aaj yahi khatam hua,vaise me ise  खत्म करना नहीं चाहती थी लेकिन पॉकेट ने स्टोरी को बंद करवा कर बंद करने पर मजबूर किया था , जिस वजह से मैं इसे आगे नहीं लिख पाई थी ,लेकिन ऐसे मैं आगे और कहानियां ले आऊंगी पढ़ते रहिए और ढेर सारा प्यार दीजिए      क्यों कि आप लोगो की सपोर्ट की ज्यादा मायने रखती है l Love you guys.....    Â

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