Back
/ 81
Chapter 44

chapter 44

Love With My Beast Husband

  अब आगे .....,  खुराना एंटरप्राइजेज....,     प्रेगनेंसी की खबर सुन कर सर्वक्ष के चेहरे पर इस वक्त ना खुशी के भाव नजर आ रहे थे zऔर नाही कोई दुख के ..|     सर्वाक्ष अपने चेहरे पर ब्लैंक एक्सप्रेशन लिए, एक टक रात्रि को देखते हुए ,अपने जगह में ही जम सा गया था  |     वहीं रात्रि के चेहरे पर बिखरी हुई वह मुस्कान सर्वाक्ष के चेहरे के हाव-भाव देख कर गायब भी हो गया था |    देखते ही देखते रात्रि की खूबसूरत आंखों में  मोटे-मोटे आंसू भर गए थे | वह खुद को रोने से रोक ही नहीं पाई | और वह रोने लग गई |     रात्रि को अचानक से ऐसे रोता देख सर्वक्ष हड़बड़ाते में उसके करीब जाने को हुआ की तभी रात्रि पीछे के ओर सरकते हुए उससे बोली,""_ मेरे करीब मत आइए अक्ष | "     उसकी बात सुन सर्वाक्ष की आइब्रोज आपस में ही जुड़ गए l वह ना समझी मैं रात्रि को देखने लगा जो इस वक्त अपने आंखों से मोटे-मोटे आंसुओं को बहाते जा रही थी l      तभी सर्वक्ष की नजर रात्रि के पेट पर गई ,रात्रि अपने दोनों हाथों को अपने पेट पर रख कर रोए जा रही थी |  वही सर्वक्ष को ऐसा लगा रहा था कि रात्रि शायद पेट दर्द से रो रही है l वह जल्दी से रात्रि के करीब जा कर ,उसका पेट पकडने को हुआ कि तभी रात्रि उसे गुस्से से खुद से दूर धकेलते हुए बोली,""_ कहा ना मेरे करीब मत आइए ..| "   सर्वक्ष को समझ नहीं आ रहा था कि रात्रि अचानक से रोते हुए उसे खुद से दूर रहने क्यों कह रही है?    वह रात्रि का बाजू पकड़ कर उसे अपने करीब खींचा, फिर उसके पेट पर हाथ रखने को हुआ ,यह जानने के लिए की कई रात्रि को पेट दर्द तो नहीं हो रहा ? लेकिन तभी रात्रि गुस्से से  उसके हाथ पर मरते हुए बोली,""_आप मेरे बच्चे को कुछ नही करेंगे अक्ष.., मैं जान दे दूंगी अपनी लेकिन मेरे बच्चे को कुछ होने नही दूंगी ,सुना आपने ? "   रात्रि को लग रहा था की सर्वाक्ष उसका मां बनने से खुश नही है और वह उसे अभी यही कहेगा की अबॉर्शन करा ले l   वही सर्वाक्ष अभी भी ना समझी में रात्रि को देख रहा था | रात्रि उसे ऐसे क्यों कह रही है, उसे समझ ही नहीं आ रहा था ? वह रात्रि की गल को छूते हुए कुछ बोलने को हुआ कि तभी रात्रि उसे खुद से दूर कर बेड से नीचे उतारते हुए बोली,""_ मुझे नही लगा था की आप मेरे मां बनने पर इतना ना खुश होंगे और मेरे बच्चे को मारने के बारे में सोचेंगे...,आप बहुत बुरे है अक्ष लेकिन आप भी सुन लीजिए मैं अपने बच्चे को आपको दूंगी नही और नाही उसके साथ कुछ करने दूंगी l "    सर्वक्ष ने जैसे ही रात्रि की यह बातें सुना उसका औरा हद से ज्यादा डार्क हो गया | वह बेहद सर्द नजरों से अब रात्रि को देखने लगा था जो रोते हुए अब बाहर की ओर जा रही थी |      सर्वक्ष गुस्से से उठ कर रात्रि के करीब गया, फिर उसके बाजू को कस के पकड़ कर अपनी तरफ बेरहमी से खींचा | रात्रि उसके सीने से जा लगी थी ,वह कुछ समझ पाती उससे पहले ही सर्वाक्ष उसके चेहरे को कसके पकड़ कर दबाते हुए बेहद सर्द में पूछा ,""_ अभी अभी तुमने क्या कहा रात्रि ? "    रात्रि उसका डार्क औरा देख पूरी तरह सेहम गई थी | पल भर में ही उस लड़की का चेहरा डर से पीला पड़ गया था | और ऊपर से सर्वक्ष का पकड़  रात्रि के चेहरे में कसते ही जा रहा था, जिससे रात्रि को दर्द हो रहा था |     रात्रि रोते हुए करहाने लगी थी ,चटपटाने लगी थी, लेकिन सर्वाक्ष बेहद गुस्से से उसे देख रहा था, वह इतना गुस्से में आ गया था कि उसे रात्रि का अब दर्द दिखई ही नहीं दे रहा था l        सर्वक्ष जितना बाहर गुस्से में नजर आ रहा था ,उतना ही अंदर ही अंदर उसका दिल बिना धड़के ही तड़पते हुए धड़कने के लिए तरस रहा था |      रात्रि की कहीं हुए एक एक बात भी सर्वाक्ष को अंदर तक हिला कर रख दिया था |   उसने ऐसा कब कहा कि वह बच्चे नहीं चाहता है ? कब कहा उसने की रात्रि का मां बनने से वह ना खुश है ? रात्रि को ऐसा क्यों लगा की वह अपने ही बच्चे को मारने के बारे में सोच रहा है ? वह बुरा जरूर है लेकिन इतना भी नही की वह अपने ही औलाद को मारने के बारे में सोचेगा ?     रात्रि लगातार सर्वक्ष के पकड़ से छूटने के लिए छटपटाते हुए रो रही थी l      तभी सर्वक्ष ने गुस्से से बेहद सर्द आवाज में चिल्लाया,""_ मैं कुछ पूछ रहा हूं रात्रि ? तुमने अभी-अभी मुझसे क्या कहा जरा फिर से कहना ? "  रात्रि की आंखों से आंसू बिना रुके बहते ही जा रहे थे | वह छटपटाते हुए ही बोली,""_ आ....आप मेरे मां बनने पर खुश नही है और मेरे बच्चे को मारने का...? "   रात्रि अपनी बात पुरा भी करती उससे पहले ही सर्वक्ष गुस्से से उसका चेहरा झटकाते हुए चिल्लाया,""_ ऐसा मैने कब कहा रात्रि ? कब ..? "  सर्वक्ष का इस तरह गुस्से से चेहरा झटकाने से रात्रि की गर्दन में तेज दर्द महसूस हुआ l वह रोते हुए अपना गर्दन पकड़ कर सर्वक्ष को देखी, उस बेरहम इंसान के गुस्सैल लाल आंखे,इस वक्त नम हो गए थे l लेकिन उसका गुस्सा अभी भी कम नही हुआ था l वह तो गुस्से से अब कांप रहा था l    वह फिर से रात्रि का बाजू पकड़ कर उसे अपने करीब खींचते हुए गुस्से से एक एक बात को भी चबाते हुए कहा ,""_ मैने पूछा मैने यह सब तुमसे कब कहा रात्रि ? "   रात्रि डरते हुए एक टक सर्वाक्ष को देख रही थी | सर्वाक्ष का गुसैल औरा देख उसके मुंह से एक शब्द तक नही निकल रहा था l      तभी सर्वाक्ष उस पर चिल्लाते हुए कहा ,""_ जवाब दे रही हो या फिर मुझे अपनी हैवानगी दिखाना पड़ेगा ? हा ? "     सर्वाक्ष गुस्से से चिल्लाए जा रहा था l  लेकिन अनजाने में ही उसकी आंखों से आंसू बहने लगे थे l रात्रि की बातें सच में उसे हद से ज्यादा हर्ट कर गए थे, उसे अंदर ही अंदर इतना दर्द हो रहा था कि उसे समझ ही नहीं आ रहा था  कि वह अपने दर्द को बयां कैसे करें ?   वही रात्रि रोते हुए उससे दूर खड़ी थी l लेकिन सर्वक्ष के आंखों में नमी देख वह लड़की उसके बेहद करीब जा कर उसके आंसू भरे गाल को छूते हुए पूछी,""_ आप रो क्यों रहे ? "    सर्वाक्ष रात्रि को बेहद तड़प भरी नजर से देखा ,रात्रि उसके बारे में इतना घटिया सोची भी तो कैसे सोची ? क्या वह उसे इतना ही समझती है ? या वह उसे कभी अच्छे से समझने की कोशिश ही नही की ?   सर्वाक्ष बेरहमी से रात्रि के हाथ को झटकाते हुए कहा ,""_ दूर रहो मुझसे..| "      रात्रि की आंखों से अभी भी आंसू बह जा रहे थे |  लेकिन सर्वाक्ष की बात सुन वह अपने कदम पीछे लेते हुए बोली,""_ अब मैं आपको नही चाहिए न अक्ष..? क्यों की अब तो मेरे पेट में बच्चा पल रहा है ? मैं मां बन रही हू ना तो अब आपको मुझसे प्यार नही रहा ? "    सर्वाक्ष का जबड़ा कस गया l वह गुस्से से रात्रि के दोनो बाजू कसके पकड़ कर चिल्लाते हुए कहा ,""_ तुम्हारे पेट में जो बच्चा पल रहा है ,मैं उसका बाप हू,वह मेरा अंश है रात्रि | "    रात्रि रोते हुए अपना सर ऊपर नीचे कर अपना पेट पकड़ कर बोली,""_ हा अक्ष..!!! आप मेरे बच्चे का बाप है,यह आपका ही अंश है, लेकिन आपको यह अंश नही चाहिए | "    चटाक.....!! "   रात्रि ने जैसे ही अपनी बात पूरा की ,सर्वाक्ष ने गुस्से से रात्रि के गाल पर जोरदार थप्पड़ जाड़ दिया l  रात्रि की हिम्मत भी कैसे हुई यह सोचने की वह अपना अंश नही चाहता ?   वही रात्रि का चेहरा एक तरफ झुक गया था l वह रोते हुए सर्वाक्ष को देखने लगी l तभी सर्वाक्ष उसके चेहरे को कसके पकड़ते हुए कहा ,""_ किसने कहा की तुम्हे , मैं अपने अंश को इस दुनिया में आते हुए देखना नही चाहता ?तुमने सोचा भी कैसे रात्रि की मैं अपने ही औलाद को मारना चाहता हु ? Hmm? "     सर्वाक्ष की बात सुन रात्रि हैरानी से सर्वाक्ष को देखने लगी l सर्वाक्ष अभी भी उसे गुस्से से घूर रहा था l तभी रात्रि अपने पेट पर हाथ रख कर,हकलाते हुए उससे पूछी,""_ आ आप..? आप इस बच्चे को अबॉर्शन कराना नही चाहते ? "    तुम.....? " सर्वाक्ष रात्रि के तरफ प्वाइंट करते हुए गुस्से से इतना ही कह पाया l रात्रि ऐसे केस सोच सकती है की वह अपने बच्चे को अबॉर्शन कराना चाहता है ?    सर्वाक्ष कसके अपने आंखे बंद कर खड़ा रहा ,वही रात्रि को अब बेचैनी होने लगा था l वह जल्दी से सर्वाक्ष के गाल पर हाथ रखते हुए बड़े ही बैचेनी से पूछी ,""_ आ आप....,सच में बच्चा चाहते है ? आप मेरे मां बनने पर खुश है अक्ष..? बोलिए ना ? "  सर्वाक्ष अपने आंखे खोले उसे देखने लगा l रात्रि बेचैनी से उसे ही देखते हुए उसके जवाब का इंतजार कर रही थी l     To be continued........,      Â

Share This Chapter