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Chapter 45

chapter 45

Love With My Beast Husband

अब आगे .....,     खुराना एंटरप्राइजेज......,      रात्रि बेचैनी से सर्वाक्ष को देखते हुए उसके जवाब का ही इंतजार कर रही थी l वही सर्वाक्ष उसे बिना भाव के देखे जा रहा था l लेकिन उसके बेजान सी आंखो में अभी भी नमी थी l      सर्वाक्ष, रात्रि को बिना कोई जवाब दिए उसके सामने अपने घुटनो के बल बैठ कर उसके कमर पर अपने दोनो हाथ रखा,फिर उसके टमी पर अपने होंठ रखते हुए अपने आंखे कसके बंद कर लिया l     रात्रि की प्रेगनेंसी की खबर सुन कर  भले ही वह अपने जगह में जम सा गया था ,खामोश खड़ा था लेकिन इसका मतलब यह बिलकुल नही था की वह खुश नही है ,बच्चा नही चाहता है l दरसल सर्वाक्ष को इतनी बड़ी खुशी को बयां कैसे करते है समझ नही आया था l     ध्रुव के मुंह से जैसे ही सर्वाक्ष ने यह सुना था कि वह अब चाचू बन रहा है ,तब उसके दिल किस तरह झूम उठा था वह शब्दो में बता ही नही सकता था l सर्वक्ष उस वक्त बहुत खुश था लेकिन उससे कुछ भी जाहिर किया नही जा रहा था, लेकिन रात्रि उसे पूरी तरह गलत समझ गई थी l   वह लड़की उसके साथ कितने दिनों से रह रही थी ? उसके रूह रूह में बस गई थी, लेकिन फिर भी वह अपने अक्ष को ही गलत समझ बैठी थी l    रात्रि के कही हुई एक एक लफ्ज़ भी आज सर्वाक्ष को इतना तकलीफ़ दे गए थे की,जिसे सहना तक सर्वाक्ष के लिए बहुत ही दर्दनाक लगा था l आज उस बेरहम इंसान का दिल रात्रि के लगाए हुए झूठी इल्जाम पर रो पड़ा था l      सर्वाक्ष अपने नम पलको को बंद कर अभी भी रात्रि के टमी पर अपने होंठो को टीका कर बैठा था l तभी रात्रि अपने घुटनों के बल बैठ कर सर्वाक्ष को देखी ,सर्वाक्ष उसके तरफ देख भी नहीं रहा था l वही रात्रि अपने हाथ बढ़ा कर  सर्वाक्ष के गाल पर रखती उससे पहले ही सर्वाक्ष उठ कर बाहर चला गया l   वही रात्रि का चेहरा एक दम से उदास हो गया था l वह उदास भरी आवाज में बोली,""_ मैने अक्ष को आज ज्यादा ही हर्ट कर दिया ....,बिना सोचे समझे उन्हे कुछ भी सुना कर रुला दिया l "      रात्रि को अब सर्वेक्ष के लिए बुरा लग रहा था l सर्वाक्ष के चेहरे के हाव भाव उसे उस वक्त बिलकुल समझ नही आया था l और वह अपने मन में ऐसे ही उटपटांग राय बनाते हुए सर्वाक्ष को गलत समझ लिया था l     रात्रि थोड़ी देर बाद उठ कर उस सीक्रेट रूम से बाहर चली गई l     दूसरी तरफ......     रश्या के एक आलीशान महल में बैठे हुए एक मिडल एज का आदमी अफसोस भरी नजरो से एक टक कॉफ़ी टेबल पर पड़ी हुई तस्वीरों को देख रहा था l    उसके सामने पड़ी उन तस्वीरों में एक लड़की की सिर्फ 5 साल तक के ही तस्वीरे थे l वह आदमी कभी एक एक कर उन तस्वीरों को देख रहा था l उसके चेहरे पर इस वक्त अजीब सा तड़प और बेचैनी नजर आ रहा था l उसे देख ऐसा लग रहा था की वह जिस बच्ची की तस्वीरे देख रहा है वह उससे कही खो सी गई है  ? उस आलीशान महल में बैठे उस राज बेबस नजर आ रहा था l     तभी वहा एक 25 साल का लड़का जिसका नाम एकांश था l वह उस आदमी से बोला ,""_ क्रियाँश जादव इंडिया में है l "     एकांश की बात सुन वह आदमी उसे एक नजर देखा ,फिर अपने बच्ची की तस्वीर उठा कर उससे पूछा ,""_ उसका कुछ पता चला ? कहा है ? कैसी है ? किसके पास है ? सही सलामत है ? कुछ पता चला ? "    उस आदमी की आवाज बेहद कर्कश था लेकिन उतना ही बेचैनी और तड़प से भरा था l वही एकांश ने कहा ,""_ नही....,लेकिन इतना पता चला की उसके बारे में उस क्रियाँश जादव को पता चला गया है,वह कहा है ?कैसी है ? किसके पास है ? सब कुछ उसने पता लगा लिया है l "   एकांश की बात सुनते ही वह आदमी डर और घबराहट से अपने बेटी की तस्वीर को देखने लगा l उसका डर और घबराहट क्रियांक्ष जादव के खौफ के वजह नही ,अपने नजरो से दूर रही बेटी को खोने का था l      वह आदमी अपने जगह से उठते हुए एकांश से बोला ,""_ जेट रेडी करो अंश....,मुझे अब उसे किसी भी हालत में अपने कैद में करना ही होगा l "       वह आदमी अपनी बेटी के सारे तस्वीरे उठा कर वहा से अपने रूम के तरफ चला गया l वही एकांश के चेहरे के हाव भाव बदल गए थे l वह जाते हुए उस आदमी को देख अपने मन में बोला ,""_ क्रियांश का तो सामना कर लेंगे अंकल ,लेकिन उस बेरहम इंसान के दुनिया में कैसे कदम रखोगे ? खून का प्यासा वह आदमी रिश्तों का मायने नही रखता होगा ,कैसे सामना करेंगे आप उसका ? "   एकांश थोड़ी देर अपने ही जगह में खड़ा कुछ सोचता रहा फिर बाहर चला गया l     इंडिया में ....   खुराना एंटरप्राइजेज....,          सर्वाक्ष अपने चेहरे पर एक दम ब्लैंक एक्सप्रेशन लिए दूर तक अपने नज़रे गड़ाए एक दम खामोश खड़ा था l और उसके आस पास इस वक्त सिगरेट का धुंआ उड़ रहा था l वह सिगरेट का कश लेते हुए अपने आपको शांत करने की कोशिश कर रहा था l    तभी उसे मेहसूस हुआ की उसकी बीवी की कदम उसके तरफ बढ़ रहे है l  सर्वाक्ष कसके अपने आंखे भींच कर सिगरेट को नीचे फेंका ,फिर अपने शू के नीचे दबा कर उसे बुझा दिया l     रात्रि अपने दोनो हाथो को आपस में ही उलझा कर अजीब तरह से रब करते हुए उसके करीब आ गई थी l उसे समझ नही आ रहा था की सर्वाक्ष अब मनाए तो कैसे मनाए ?          क्या होगा आगे इस कहानी में ? कोन था वह आदमी ? क्या होगा आगे ? सर्वाक्ष और क्रियांश का कब आमना सामना होगा ? जानने के लिए पढ़ते रहिए।"

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