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Chapter 60

chapter 60

Love With My Beast Husband

  अब आगे .......,   सर्वाक्ष का कार......,       हवा को चीरते हुए इस वक्त सर्वाक्ष का कार खाली रास्तों में भाग रहा था l          वही ड्राइविंग सीट पर बैठे हुए सर्वक्ष का इस वक्त गुस्से से जबड़ा ही कस गया था l वह सर्द नजरों से बार-बार अपने बगल में ही बैठी हुई रात्रि को देखते हुए अपने दांत टटोर रहा था |    वहीं रात्रि रोते हुए फोन पर रुक्मणी और भावेश से बात कर रही थी l या यह कहे कि उनसे बस सर्वाक्ष का ही शिकायतें कर रही थी l    " दादू.....,सर्वाक्ष दिन-ब-दिन मेरे साथ बेरहमी से बरताव करने लगे है , आपको पता है यह आज गुस्से में आ कर मेरे गाल भी दबा रहे थे ...,अक्ष पूरी तरह बदल गए है दादू,इनसे मुझसे प्यार ही नही रहा ,वह अब मैं मां बनने वाली हु ना ? मेरा फिगर खराब हो रहा है , मैं दिन ब दिन अब मोटी होने वाली हु ,तो इनका प्यार मुझ पर कम हो गया है दादू ?मैं क्या करूं? "   रात्रि रोते हुए टिश्यू ले कर बार बार अपना नाक भी पोछ रही थी l और वह सर्वाक्ष को भी देख रही थी जो उसे ही बेहद गुस्से से घूरे जा रहा था l     रात्रि अपना रोना और तेज़ करते हुए  बोली,""_ दादू यह इस वक्त मुझे कैसे घूर रहे है पता है ? बहुत ही शैतान है यह ,मुझे आपसे खुल कर बात करने भी डर लग रहा है दादू | "    रात्रि की एक-एक बात भी सर्वाक्ष के गुस्से में घी डालने के काम कर रहे थे l दिन ब दिन उसका प्यार रात्रि के लिए कम नही बढ़ता जा रहा था l उसके लिए वह कितना केयरिंग और posessed होते जा रहा था यह रात्रि नोटिस ही नही कर रही थी l अब वह बाप बनने वाला था l जिसका खुशी वह अपने शब्दों में बयां तक नही कर सकता था और यह बात उसकी बेवकूफ बीवी को समझ ही नही आ रहा था l     वही रात्रि बिना रुके रुक्मणि और भावेश से सर्वाक्ष का शिकायत करते ही जा रही थी l तभी उसकी नजर रोड पर गई |     सर्वाक्ष का कार इस वक्त ना खुराना मेंशन के तरफ जा रहा था और नाही ऑफिस के तरफ l वह ना समझी में सर्वाक्ष को देखते हुए पूछी,""_ आप मुझे कहा ले जा रहे अक्ष ? "     सर्वाक्ष ने रात्रि को जवाब में कुछ नहीं कहा l लेकिन बदले में उसने कार का स्पीड बढ़ा दिया l     वही रात्रि बार बार आस पास के सड़को को देख रही थी l उन सड़को को देख उसे अब अजीब सी बेचैनी होने लगा था ,वह सर्वाक्ष का बाजू पकड़ कर बेचैनी से पूछी,""_ बताइएना अक्ष,आप इस रास्ते पर क्यों जा रहे है ? और कहा ले जा रहे है मुझे ? "   सर्वाक्ष ने अभी भी उसे कोई जवाब नहीं दिया l वह गुस्से से उसे एक नजर देखने को हुआ की तभी उसकी नजर रात्रि की चेहरे पर टिक गई जो धीरे धीरे घबराहट से पीला पड़ते जा रहा था l     वहीं रात्रि घबराते हुए आस पास सड़कों को देखने लगी थी l उस रास्ते से गुजर कर वह आज पहली बार जा रही थी लेकिन उसे वह रास्ता बिल्कुल नया सा नहीं लग रहा था l     रात्रि को इस वक्त अजीब सा बेचैनी और गरबाहट ने घेर लिया था l धीरे-धीरे उसके माथे से पसीना भी छूटने लगा था l वह सर्वाक्ष का बाजू कसके पकड़ कर आस पास अपने नजरे दौड़ाने लगी तो उसकी आंखों के सामने कुछ धुंधला धुंधला सा घूमने लगा l रात्रि ने कसके अपने आंखे बंद कर ली |    रात्रि ने जैसे ही अपने आंखे बंद की उसे अपने आंखो के सामने खुद का ही अक्स दिखने लगा l सर्वाक्ष जिस रास्ते में अपना कार दौड़ा रहा था,उसी सुनसान रास्ते पर रात्रि को अपना ही अक्स जख्मी हालत में भागते हुए नजर आने लगी थी l      उसके शरीर में इस वक्त बहुत सी जगह चोट लगी हुई थी l वह हाफते हुए  बार-बार पीछे की तरफ मुड़ते हुए  आगे भाग रही थी l उसे देख ऐसा लग रहा था की जैसे वह वहां से किसी से बचकर भाग रही हो ? और उसके आंखों से लगातार आंसू बहते जा रहे थे l        रात्रि ऐसे भाग ही रही थी कि तभी सामने से एक ब्लैक कार हाई स्पीड में आ कर रात्रि को बुरी तरह टोक दिया |      "  अह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह.....| "     कार का इस तरह टोकने से रात्रि दूर तक जा गीर पड़ी | और देखते ही देखते उसका शरीर खून से सन गया l     वह अपने अंधकुली आंखों से सामने की ओर देखने लगी | सामने इस वक्त वही ब्लैक कार आ कर रुक गया था,जिसने उसे टोका था l उस कार के हैडलाइट्स अभी भी बंद नहीं हुए थे, जिस वजह से रात्रि को कार में बैठे हुए लोग दिखाई नही दे रहे थे l    थोड़ी देर में हैडलाइट्स बंद हुए और उसमें से दो लड़के बाहर आ गए l एक के हाथ में इस वक्त हाकी का स्टिक था तो दूसरा सिगरेट का लंबा लंबा कश लेते हुए जा कर बोनट को ठीक कर खड़ा हो गया था |        रात्रि दर्द से करहाते हुए उन दोनो को देखने की कोशिश कर रही थी l लेकिन खून से उसके आंखे भी भीगते जा रहे थे l      वह दोनों लड़के बेहद तिरछी स्माइल करते हुए अब रात्रि को देखने लगे थे l वह दोनो फिर रात्रि के बेहद करीब आने लगे l वह लोग जैसे जैसे करीब आ रहे थे वैसे वैसे रात्रि को उन दोनो दरिंदे के चेहरे दिखने लगा l लेकिन रात्रि का हालत उन्हे देखते ही पूरी तरह खराब हो गया था l ऐसा लग रहा था कि उसमें अब जान ही ना बचा हो l    वह अपने हाथ आगे बढ़ा कर उनसे गिड़गिड़ा कर कहना चाहती थी कि उसे मत मारे ? लेकिन तभी वह लड़का आगे आ कर रात्रि के उस हाथ पर अपना पैर रखा फिर बुरी तरह मसलने लगा l     रात्रि दर्द से चटपटाने लगी l वह दर्द से चिल्लाना भी चाहती थी लेकिन उसकी आवाज ही मर गया था l     वही वह हॉकी का स्टिक पकड़े हुए  लड़का बेहद नफरत से रात्रि को देख रहा था l वह फिर बेरहमी से रात्रि के सर पर वार करते हुए कहा,""_ You Bi****....,मैंने तुम्हारे इस खूबसूरत बदन को 150 करोड़ पर बेचा था लेकिन तुम्हारे वहां से भाग कर निकलने से मुझे इसके दुगनी दाम उस डीलर्स को देना पड़ा,अब तुम अपनी जान दे कर मेरे पैसों का कीमत चुकाओगी | "     उसे लड़के ने जैसे ही रात्रि के सर पर स्टिक से वार किया, रात्रि एक दम से बेसूद हो गई l वही वह लड़का गुस्से से रात्रि पर फिर से वार करता तभी उसका फोन रिंग होने लगा l वह रुक कर अपना फोन चेक किया फिर अपने बगल में खड़े लड़के को कुछ इशारा कर कार के पास चला गया l  वही वह दूसरा लड़का रात्रि के हाथ पर पैर रख कर बुरी तरह मसल रहा था l वह गुस्से से रात्रि के पेट पर लात मार कर वहा से चला गया l        उसका इस तरह बेरहमी से लात मारने से रात्रि लुढ़कते हुए अपने जगह से थोड़ी दूर आ कर गिरी l    रात्रि पूरी तरह अपने ही खून से बिछाए हुए अब बिस्तर पर गिर पड़ी थी l     थोड़ी देर में वहां बादल गरज़ते हुए बारिश बरसने लगा जैसे रात्रि के मौत पर भी वह बादल रोना चाहता हो ?उसके दर्द बांटना चाहता हो ?    रात्रि के बदन में बारिश के मोटे-मोटे बूंदें गिरने लगे , जिससे रात्रि अपने आंखें फड़फड़ाते हुए खोलने लगी l लेकिन वह अब अपने मौत के बेहद नजदीक आ कर खड़ी थी l उस दर्दनाक हालत पर इस वक्त रात्रि को सिर्फ एक इंसान याद आ रहा था ,वह था उसका पति सर्वाक्ष l          तभी उसके कान में उसी का आवाज सुनाई दिया l    " रात्रि.....? "     जोर से ब्रेक लगा कर कार को रोकते हुए सर्वाक्ष ने रात्रि का नाम चिल्लाया l      रात्रि अब अपने दोनों हाथों से कान पकड़कर जोर-जोर से चिल्लाए जा रही थी l उसका पूरा शरीर देखते ही-देखते पसीने से तरबतर हो गया था l    उसके आंखे कसके भींच गए थे और उसका पूरा चेहरा लाल पीला पढ़ते जा रहा था l अपने ही मौत का मंजर याद कर इस वक्त उस लड़की का रूह रूह तक कांप उठा था l    उसका पूरा शरीर एक दम से ही सुन्न हो गया था l उसे इस वक्त ऐसा लग रहा था कि उसका पूरा शरीर पसीने से नहीं खून से सना हुआ है l और वह इस वक्त अभी भी उसी सुनसान रास्ते पर गिर पड़ी है ,वह अभी भी अपने पिछले जन्म में ही है |   "  अअह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह्ह सर्वाक्ष...... अअह्ह्ह् सर्वाक्ष .....| "     रात्रि पूरी ताकत से बस चिल्लाए जा रही थी l   वही उसके बगल में ही बैठे सर्वाक्ष का मानो सांस ही अटक गए हो ? वह जल्दी से रात्रि को अपने करीब खींच कर उसके गाल को थपथपाते हुए बोला,""_ रात्रि....., रात्रि क्या हुआ बच्चा ....? रात्रि ,देखो मैं यही हू रात्रि l "    रात्रि को इस वक्त होश ही नहीं था l वह बार-बार अपने ही मौत का नजारा याद कर चिल्लाए जा रही थी l       रात्रि को इस वक्त ऐसा लग रहा था कि वह इस वक्त अपने आखिरी सांसे गिन रही है l     वही रात्रि को इस तरह पैनिक करता देख सर्वाक्ष का हालत बैठे बैठे ही खराब हो गया था l रात्रि को ऐसे देख उसका डर और घबराहट बढ़ते जा रहा था l वह रात्रि को होश में लाने की भी कोशिश कर रहा था, लेकिन रात्रि बस अपने ही धुन में चिल्लाए जा रही थी l        सर्वाक्ष जल्दी से उसके दोनों बाजू कसके पकड़ कर उसे झगझोरते हुए  चिल्लाया ,""_ Ratri.......| "    रात्रि ने झट से आपने आंखे खोल लिया तो सर्वाक्ष उसे ही बेचैनी से देखने लगा l      रात्रि अब खुद को ही ध्यान से देखने लगी l वह बिल्कुल ठीक थी लेकिन पूरी तरह पसीने से भीगी हुई थी l तभी सर्वाक्ष ने बेहद धीमी मगर अपने मरी हुई आवाज में बोला ,""_ किसी दिन मेरी जान ले कर ही मानोगी ना तुम ? बार-बार तुम्हारा इस तरह पैनिक हो कर चिल्लाना मुझे बैठे-बैठे ही मौत का दर्शन कर देती है बीवी, पता है मैं तुम्हे चिल्लाता देख मरते मरते बच जाता हू l "  रात्रि इस वक्त गहरी गहरी सांस लेते हुए अभी भी खुद को ही देख रही थी l वह इस वक्त अपने आप को यह यकीन दिलाना चाह रही थी कि जो कुछ भी उसने अभी अभी देखा वह सब उसका पिछला जन्म का है l वह वक्त गुजर चुका है और वह आज में है l लेकिन उसकी हालत ज्यादा ही खराब था l वह कुछ भी समझने की हालत में नही थी l      रात्रि रोते हुए अब आस पास का सड़को को देखने लगी l सर्वाक्ष का कार इस वक्त उसी सुनसान रास्ते में खड़ा था,जहा रात्रि का पिछले जन्म में  मौत हुआ था l उसी रास्ते में ही तो वह दोनो दरिंदे उसे कार से टोक कर मौत के मुंह में धकेला था l रात्रि के सांसे भारी भारी होते जा रहे थे l वह पूरी तरह कांप रही थी l    वही सर्वाक्ष बेहद बेचैनी से उसे ही देख रहा था l रात्रि जिस तरह उस सुनसान रास्ते को देख रही थी, उससे सर्वाक्ष को लग रहा था, कि उसकी बीवी उस जगह को देख कर ही डर रही है l    सर्वाक्ष आस पास देखते हुए रात्रि का चेहरा अपने सीने में दबा कर कार को स्टार्ट करा l  रात्रि उसके बाहों में थी जरूर लेकिन वह अभी भी अपने सेंस में ही नही आई थी l वह डर कर बुरी तरह कांप रही थी l वही सर्वाक्ष उसके कमकपाहट को अच्छे से मेहसूस कर रहा था l उसकी हालत देख कर वह भी अंदर ही अंदर इस वक्त ज्यादा ही डर गया था l लेकिन उसे रात्रि को पहले शांत करना था l      वह रात्रि का पीठ सहलाते हुए कार को तेजी से ड्राइव करने लगा l लेकिन थोड़ी ही देर में सर्वाक्ष को मेहसूस हुआ की रात्रि पूरी तरह उसके बाहों में बेसुद हो कर झूलने लगी है l वह जल्दी से कार को रोक कर रात्रि को खुद से अलग कर देखा l   रात्रि उसके बाहों में ही बेहोश हो गई थी | वही सर्वाक्ष उसे देखते हुए एक दर्द भरा आह भरते हुए कहा ,""_तुम्हारे साथ बार बार क्या हो जाता है, मुझे समझ नही आता और तुम मुझे समझाती भी नही ,क्यों.? क्या हो जाता है तुम्हे ? क्या छुपा रही हो मुझसे ? "    बोलते हुए सर्वाक्ष के आंखो से आंसू लुड़क कर बह गए l वह रात्रि को अपने बाहों में भर कर उसके माथे पर बेहद बेचैनी से चूमा फिर कार स्टार्ट करा l    दूसरी तरफ़......   खुराना एंटरप्राइजेज.....,     रूही का इस तरह थप्पड़ मार कर रोते हुए भाग कर जाने से रवीश को अब रियलाइज हुआ की उसने रूही के साथ क्या गलत किया है ? उसके मर्जी के बिना उसे चूम कर उसने सच में गलती कर दिया था l     रवीश उठ कर सीधे रूही के केबिन में चला गया l     रूही इस वक्त इधर उधर टहल रही थी l वह गुस्से से बडबडा भी रही थी l   " How dare he..? बिना मेरे मर्जी के यह मुझे कैसे चूम सकता है ? इन्हे पहले अपने प्यार का इजहार करना चाहिए था लेकिन नही ,सीधे मेरे होंठो पर टूट पड़ना था ? "   What you mean...? " तभी रूही को रवीश की कन्फ्यूज भरा आवाज सुनाई दिया तो वह मुड़ कर सामने देखी ,रवीश उसे ही ना समझी में देख रहा था l रवीश ने रूही की सारी बाते सुन लिया था l लेकिन रूही का कहने का क्या मतलब था ? यह उसे जरा भी समझ नही आया था l          रवीश को देख रूही का चेहरा गुस्से से भर गया l वह बोली,""_ आप यहां क्यों आए ? "   रवीश उसके बेहद करीब आ कर उससे कहा ,""_ तुमने अभी भी जो कुछ भी कहा उसका क्या मतलब है ? "   रूही बिना कुछ कहे रवीश को देखने लगी l रवीश उसे बहुत ही बेचैनी से देख रहा था l वही रूही का दिल पागलों की तरह धड़कते जा रहा था l रवीश जिस तरह कन्फ्यूजन में उसे देख रहा था उससे रूही को वह बहुत क्यूट लग रहा था l उसका तो मन कर रहा था की अभी रवीश के गालों को पिंच कर दे l    रवीश आगे आ कर उसे अपने आपसे चिपकाते हुए सख्ती से कहा ,""_ मैं कुछ पूछ रहा हु रूही ,तुम कुछ बता क्यों नहीं रही ? "    रूही उससे छुटने के लिए छटपटाते हुए बोली,""_ मैं क्यों बताऊं ? आपको खुद समझना चाहिए, हुह l "   बोलते हुए रूही वहा से जाने लगी लेकिन वह रुक कर जल्दी से रवीश के गाल पर किस की,फिर कैबिन से बाहर भाग गई l   वही रवीश की आंखे चौड़ी हो गई थी l वह हैरानी से डोर के तरफ देखने लगा जहा से अभी अभी रूही भाग कर गई थी l     रवीश को रूही का बरताव कुछ समझ ही नही आया l अगर इस लड़की को वह पसंद है ? तो उस पर हाथ क्यों उठाई ? रवीश के दांत भींच गए l वह गुस्से से फिर कैबिन से बाहर चला गया l    ध्रुव का हॉस्पिटल.....    सर्वाक्ष इस वक्त रात्रि को देख रहा था l जो बेड पर बेजान सी लेटी हुई थी l ध्रुव इस वक्त उसका ही चेक अप कर रहा था l       क्या होगा आगे इस कहानी में ? रात्रि अपने बदला कैसे लेगी ? जानने के लिए पढ़ते रहिए                       Â

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