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Chapter 74

chapter 74

Love With My Beast Husband

अब आगे....…,     ठाकुर मेंशन.....,        रात का वक्त .......,    रात्रि को सुला कर ,रूम से बाहर निकले सर्वाक्ष सीधे हॉल में बैठे ऋजुल ठाकुर के सामने जा कर बैठ गया था l    ऋजुल अपने लाल आँखों से इस वक्त सर्वाक्ष के बेजान सी आँखों में देख रहा था l या यू कहे कि वो सर्वाक्ष से  अपने सवाल का जवाब चाह रहा हो ? वैसे ऋजुल जानता था कि रात्रि को किडनैप करने के पीछे किसका हाथ है ? लेकिन क्या सर्वाक्ष ने भी अब तक कुछ पता किया है ? वो जानना चाहता था l     वही सर्वाक्ष बेहद सर्द नज़रों से ऋजुल को घूर रहा था। उसने ऋजुल के सवाल का जवाब नही दिया बल्कि वह उससे अपना ही सवाल पूछते हुए कहा,""_ क्रियांश जादव के वो दोनों आदमीया इस वक्त कहाँ है, मिस्टर  ऋजुल ठाकुर ?"    ऋजुल ड्रिंक का एक घूँट पिया, फिर ग्लास को कॉफी टेबल पर रखते हुए कहा, ""_तो तुम्हें लगता है कि रात्रि के साथ आज जो कुछ भी हुआ, उसके पीछे क्रियांश और उसके आदमी का ही हाथ है ?"      सर्वाक्ष की आँखों में एक ठंडी चमक दिखाई दी , जैसे कि वो ऋजुल को बताना चाह रहा हो की वह एक मिस्टीरियस आदमी है l      सर्वाक्ष अपने जेब से एक सिगरेट निकाल कर उसे अपने होठों के बीच दबाया, फिर लाइटर से जला कर उसका कश भरने लगा l    ऋजुल इस वक्त उसके चेहरे के हाव भाव को पड़ने की कोशिश कर रहा था l लेकिन सर्वाक्ष खुराना अपने में ही एक राज जैसा था, उसे समझना इतना आसान नहीं था या यूँ कहे कि यह हर किसी के बस में नहीं था l    ऋजुल ने एक गहरी सांस लेते हुए कहा, ""_वो दोनों यहां से भाग गए l "   ऋजुल की ये बात जैसे ही सर्वाक्ष के कान में गूँजी, उसका चेहरा सर्द पड़ गया l वो अपने दांत टटोरते हुए कहा, "" _ what ...? "     सर्वाक्ष की आँखें खतरनाक तरीके से लाल रंगत में बदलने लगीं, जैसे कि वो गुस्से से ऋजुल को ही नहीं, इस वक्त पूरी दुनिया को ही जला देना चाहता हो l क्यों की रात्रि की गाल पर जिसकी हाथ की निशान बने थे, वह हाथ सर्वाक्ष को किसी भी हालत में चाहिए था l      ऋजुल ने कहा ,""_ एकांश और हमारे आदमियों ने उन्हें पकड़ा तो था लेकिन....? "   ऋजुल ठाकुर अपनी बात पूरा कर ही रहा था की उससे पहले ही सर्वाक्ष ने उसकी बात काटते हुए कहा ,""_कही ऐसा तो नहीं की आपने उन्हें खुद जाने दिया और अभी बहाने बना रहे है ?      सर्वाक्ष ऋजुल को अब शक भरी नजरों से देख रहा था l उसकी आँखें गुस्से से लाल हो गई थीं और आवाज में एक खतरनाक गहराई आ गई थी,जाहिर सी बात थी सर्वाक्ष को ऋजुल पर रक्ती भर का भरोसा नही था l    वही ऋजुल ठाकुर के बाहें तन गए थे l जब उसने रात्रि को बेहोशी के हालत में एकांश के बाहों में झूलते हुए देखा था, तब उसका दिल कितना तकलीफ से रो उठा था ? यह सिर्फ वही जानता था l और रात्रि के गाल पर झाड़े हुए वो हाथों के निशान ? गुस्से से उसके अंदर खून खौलने पर मजबूर किया था l    जो भी उसकी बेटी पर हमला किया था या करवाया था,वह उन्हें आसानी से छोड़ने वाला नहीं था l लेकिन सर्वाक्ष को ये बात कहाँ समझ आ रही थी?      वो ऋजुल को सिर्फ एक निर्दई माफिया डॉन की तरह देख रहा था l सर्वाक्ष ये समझ ही नही रहा था कि ऋजुल ठाकुर एक माफिया डॉन होने के साथ साथ एक बाप भी है l उसके अंदर एक बाप का दिल था, और वो दिल अपनी बेटी के लिए सालों से धड़कते आया था l          ऋजुल ठाकुर ने गुस्से से सर्वाक्ष से कहा, "" तुम कहना क्या चाहते हो सर्वाक्ष ? और मैं उन्हें जाने क्यों दूँगा ? "      तभी सर्वाक्ष बेहद तंज भरी हंसी हँसते हुए कहा, ""_ मुझे अच्छे से पता है आपका और क्रियांश जादव के बीच कैसा कनेक्शन है ? आप अपने फायदे के लिए मेरी बीवी की जान खतरे में नहीं डाल सकते मिस्टर ऋजुल ठाकुर,भूलिए मत आप माफिया के साथ साथ एक बाप भी है ,अगर आपकी वजह से मेरी बीवी पर एक कारोच भी आया ? तो मैं ना आपको छोडूंगा और नाही उस क्रियांश जादव को....| "     सर्वाक्ष की धमकी सुन ऋजुल ठाकुर का चेहरा गुस्से से भर गया,लेकिन उसे अच्छा भी लग रहा था की सर्वाक्ष रात्रि के लिए ज्यादा ही सीरियस और possesive है l      सर्वाक्ष बेहद खतरनाक वार्न भरा लुक देते हुए ऋजुल को घूरा फिर उठ कर सीधे रूम के तरफ चला गया l वही ऋजुल फिर से ड्रिंक का सिप लेने लगा था l       वही उनके थोड़ी ही दूरी पर एकांश खड़ा था l उसने अब तक ऋजुल और सर्वाक्ष के सारे बात सुन भी लिया था l वह एक नजर जाता हुआ सर्वाक्ष को देखा फिर जा कर ऋजुल के सामने बैठते हुए कहा,""_ सर्वाक्ष खुराना को आपने इतना सब कुछ कहने क्यू दिया अंकल ? आपने उसे समझाया क्यों नही  की आप रात्रि की बाप है और आपको उससे ज्यादा रात्रि का फिकर है l "  ऋजुल हल्के से हंसा फिर उससे जवाब में कहा ,""_ उसे इस वक्त कुछ भी समझाना बेकार है अंश,उसे हम पर भरोसा नहीं है और उसे लगता है की हम उस क्रियाँश जादव से जुड़े हुए है , कैर अपनी गलतफहमी को वह खुद दूर करेगा,तुम उस क्रियाँश जादव के साथ मीटिंग अरेंज करो ,मुझे उसका खबर लेना है | "   ऋजुल के बात सुन एकांश थोड़ी देर चुप रहा, फिर उसे हा में जवाब दे कर, उठ कर जाने को हुआ कि तभी ऋजुल भी उठते हुए उससे कहा, ""_मुझे माफ कर दो, अंश...| "   एकांश मुड़ कर ना समझी ऋजुल की ओर देखने लगा l     एकांश जब से पैदा हुआ था ,तब से वह अपने बाप से ज्यादा ऋजुल के साथ वक्त बिताता था l ऋजुल ने ही तो उसे पाला था लेकिन यह पहली बार था ,जो इस तरह ऋजुल उससे माफी मांग रहा था l लेकिन किस चीज के लिए वो उससे माफी मांग रहा था ? यह एकांश को समझ नहीं आ रहा था l     वह पूछा ,""_ किस लिए अंकल ?"     तभी ऋजुल उसके कंधे पर हाथ रखते हुए बेहद भारी सा आवाज में कहा, ""_मैंने हमेशा तुम्हे सिर्फ अपना बेटा ही नहीं ,अपने दामाद भी माना था,लेकिन रात्रि किसी और को चाहती है, वो अब किसी और की हो चुकी है,तो  मैं चाह कर भी तुम्हें दिए हुए अपने वादा पूरा नहीं कर पाऊंगा अंश l "      एकांश ने हल्के से मुस्कुराया, फिर ऋजुल के गले लगते हुए कहा, ""_ क्या हुआ वो मेरी नहीं हुई ? लेकिन आपको तो मिल गई ,मेरे लिए यही काफी है l "         एकांश की इस बात पर ऋजुल को समझ नही आया की वह उसे क्या जवाब दे ? लेकिन ऋजुल अच्छे से जानता था कि एकांश के दिल में रात्रि के लिए फीलिंग्स है l या यूँ कहे कि उसके दिल में फीलिंग्स उसने ही जगाया था l      ऋजुल को अब एकांश के लिए बुरा लग रहा था l क्यों कि एकांश उसके लिए उतना ही मायने रखता था जितना उसके रात्रि मायने रखती थी l      थोड़ी देर बाद वो दोनों अपने अपने रूम के तरफ चले गए l      ध्रुव का हॉस्पिटल....,     नर्स की बात सुन मीरा को यकीन हो गया था की उसे कोई फ़साना चाह रहा है ? और मीरा के दिमाग में इस वक्त दो लोग घूम रहे थे ,जिन पर उसे शक हो रहा था l           मीरा सीधे हॉस्पिटल से बाहर आ कर बिना किसी के नजरों में आए ही उस स्कॉर्पियो कार को देखने लगी,जहा नर्स के भेष में कुछ आदमिया खड़े थे l           वहाँ वह आदमियां कुछ चीजों को जल्दी जल्दी में उस स्कार्पियो में रखे जा रहे थे ,लेकिन उसमे क्या है ? यह मीरा को बिलकुल समझ नही आया ? लेकिन वह लोग जिस तरह हड़बड़ी में चीजों को रख रहे थे वह देख मीरा को लगा कि जरूर कोई इल्लीगल चीज़ होगी l और वैसे भी वह स्कॉर्पियो कार इस वक्त हॉस्पिटल के मेन गेट की तरफ नहीं था l उसे गार्डन एरिया के थोड़ा साइड में खड़ा किया था, आसानी से किसी की भी नजर इतनी अंधेरे में जा ही नहीं सकता था l    मीरा खड़े खड़े ही वह सब कुछ नज़र देख रही थी l तभी मीरा की नजर एक आदमी पर गयी, जो फोन पर किसी से बात करते हुए हॉस्पिटल के ओर देखते हुए कुछ इशारा कर रहा था l    मीरा ने जल्दी से उसकी नजरों को फॉलो करते हुए देखा, तो उसकी आंखे हैरानी से बड़ी हो गई , वहा इस वक्त उसके सीनियर डॉक्टर अविनाश खड़ा था l वही उस आदमी को कुछ इशारा करते हुए फोन पर बात कर रहा था l मीरा को समझ ही नही आ रहा था की आखिर यहा क्या हो रहा है ? कही डॉक्टर अविनाश उसे फसाने की कोशिश तो नही कर रहा ? लेकिन वह ऐसे उसके साथ क्यों करेगा ? मीरा कुछ सोचते हुए अंदर चली गई |    सुबह का वक्त......    रात भर सर्वाक्ष के बाहों में सुकून भरा नींद लिए रात्रि कसमसाते हुए अपने आँखें मल रही थी l उसकी आँखों में अभी भी नींद की झपकी थी,लेकिन खिड़की से आ रही सुरज की वह किरणे रात्रि की नींद में कलल डाल रही थी l     रात्रि ने धीरे से अपने आँखें खोला तो उसकी नजर सर्वाक्ष के बेहद गहरी और बेजान नजरों से जा मिली l    सर्वाक्ष इस वक्त उसके बेहद करीब बैठा हुआ था, वो कॉफी सिप लेते हुए उसे ना जाने कब से निहारे जा रहा था l            रात्रि उसे बेहद मासूमियत से देख रही थी l लेकिन उसका वह मासूम नजर अपने सामने बैठे अपने हैंडसम पति को देख मदहोशी में बदलते जा रहे थे l         क्यों की सर्वाक्ष इस वक्त सिर्फ एक लोअर पहना हुआ था और उसका चेहरा  और शरीर दोनो गिला ही था l ऐसा लग रहा था कि वो अभी अभी नहा कर वहा आ कर बैठा हो l उसके बाल गीले थे और बिखर कर उसके माथे पर गिरे हुए थे l     रात्रि अपने नजरे कभी उसके गीले बदन पर टिकाती तो कभी उसकी सर्वाक्ष के होंठो पर जाती जो कॉफी का सिप ले रहा था ,लेकिन रात्रि को ऐसा लग रहा था की वह किसी रस को पी रहा है l सर्वाक्ष को देखते देखते रात्रि अपना थूक निगल रही थी l उसे अजीब सा प्यास मेहसूस हो रहा था l      वही सर्वाक्ष की नजरों में एक अजीब सी गहराई थी, जो रात्रि को अपने ओर खींच रही थी l वह बिना कुछ हरकत किए ही रात्रि को पूरी तरह बहका रहा था l     रात्रि उठ कर उसके बेहद करीब झुकी फिर उसके गीले गाल को अपने गाल से सहलाते हुए उसके होंठो के किनारे चूमी की तभी सर्वाक्ष के गाल पर टेहरी कुछ बूंद रात्रि के होंठो से हो कर बह गई |    सर्वाक्ष की आंखे कसके बंद हो गए l यह एहसास बेहद मदहोश भरा था l वही रात्रि बेचैनी से सर्वाक्ष के चेहरे को देखते हुए उसके गीले बालों को और बिगड़ने लगी जिससे उसके बालो में से बूंद बूंद पानी उसके चेहरे पर ही गिरने लगे l        सर्वाक्ष अपने आंखे खोल कर एक तक रात्रि का खिलखिलाता चेहरा देखने लगा था l लेकिन तभी उसकी नज़र रात्रि की होंठो पर टिक गई,जहा पानी की कुछ कुछ छींटे किसी चमकती मोती की तरह टेहरे हुए थे l     अचानक से सर्वाक्ष को ऐसा लगने लगा की उसे अजीब सा प्यास लग रही है ? वह रात्रि की होंठो के करीब झुकने लगा ,रात्रि का पूरा ध्यान सर्वाक्ष पर ही था l     सर्वाक्ष को इस तरह अपने होंठो को बेहद इंटेंशनलि देखते हुए झुकता देख रात्रि ने अपने होंठो पर जीव फेरते हुए जल्दी से उन पानी की छींटे को खुद ही पी गई l      सर्वाक्ष रात्रि की होंठो के करीब जैसे जैसे बढ़ रहा था, वैसे वैसे उसके होंठ हल्के से खुल रहे थे ,वह अभी मुंह खोल कर रात्रि की होंठो को अपने गिरफ्त में ले कर उन्हे चूसने ही वाला था की तभी रात्रि ने उन बूंदों को पी गई l      सर्वाक्ष का मुंह खुला का खुला रह गया,वह फिर बेहद नाराज़गी से रात्रि को देखने लगा l      वही रात्रि की चेहरे पर बेहद शरारती मुस्कान खिल उठी थी,वह जानबूझ कर ही ऐसा की थी l वह फिर सर्वाक्ष के गीले सीने पर अपने हाथ रखते हुए उसके होंठो पर चूमने को हुई की तभी सर्वाक्ष ने नाराजगी से पहले उसके चेहरे को दूसरी तरफ फेरा ,फिर उठ कर  कॉफी के कप को टेबल पर फटक के क्लोसेट रूम के ओर चला गया l     वही रात्रि का मुंह बन गया था l वह सर्वाक्ष को जानबूझ कर सता तो रही थी लेकिन उसका इस तरह नाराज हो कर जाना उसे अच्छा भी नही लगा था l वह उठ कर क्लोसेट रूम के ओर चली गई l      सर्वाक्ष इस वक्त अपने शर्ट के बटंस लगा रहा था l वह फिर ब्लौसर उठा कर,रात्रि को बिना देखे ही वहा से बाहर जाने को हुआ की तभी रात्रि ने उसके हाथ पकड़ कर उसे रोक लिया l सर्वाक्ष रुक तो गया था लेकिन वह उसके ओर मुड़ा नही l        वही रात्रि उसके बेहद करीब जा कर अपने मुंह फुलाए देखने लगी l सर्वाक्ष उसे ही घूर रहा था l वह बोला,""_ कुछ कहना है तुम्हे ? "    रात्रि ने अपना सर ना में हिलाया,फिर सर्वाक्ष के पैरो पर खड़ी होते हुए बोली,""_ मुझे कुछ करना है l "   अअह्ह्ह् बीवी.....!! " अचानक से सर्वाक्ष कराहा उठा ,क्यों की उसकी बीवी ने उसके गर्दन में बेहद प्यार से चूम कर जोर से दांत गड़ा दिया था l    सर्वाक्ष रात्रि को घूरते हुए कहा ,""_ तुम आज कल ज्यादा ही जंगली बिल्ली बनती फिर रही हो ? "    रात्रि ने सर्वाक्ष के बात को पूरी तरह इग्नोर किया,फिर सर्वाक्ष के होंठो को टैप करते हुए बोली,""_ mmm I love it....| "   बोलते हुए रात्रि ने उसके होंठो को हल्के से अपने दांतो के बीच दबा लिया l सर्वाक्ष के आंखे कसके बंद हो गए l उसके हाथ में से ब्लौसर गिर गया था और वह रात्रि के कमर को कसके पकड़ा हुआ था l वही रात्रि उसके होंठो को बेहद मदहोशी से चूमते हुए काट रही थी l    क्या होगा आगे इस कहानी में ? सर्वाक्ष उन दोनो दरिंदों के साथ क्या करेगा ? मीरा शालिनी के जाल में से कैसे बचेगी ? क्या होगा आगे ? जानने के लिए पढ़ते रहिए             Precap......     एकांश के साथ किसी ग्रैंड पार्टी वेन्यू में खड़ी रात्रि की खूबसूरत आंखे गुस्से से लाल रंगत में बदल रहे थे l वही बगल में ही खड़े एकांश ड्रिंक का सिप लेते हुए कभी रात्रि को देख रहा था तो कभी उनके थोड़ी दूरी पर खड़े सर्वाक्ष को जो इस वक्त किसी लड़की से बात कर रहा था और अब तक उस लड़की ने सर्वाक्ष से दो बार गले भी लगी हुई थी l      एकांश ने धीरे से रात्रि की कान में कहा,""_ तुमने कहा था की तुम्हारा अक्ष,किसी इंपोर्टेंट काम पर बाहर गया है ? क्या वह काम ? "    एकांश बोलते बोलते रुक गया क्यों की रात्रि गुस्से से दांत टटोर रही थी l   क्या होगा आगे ? किसके करीब खड़ा है सर्वाक्ष ? एकांश रात्रि और सर्वाक्ष के बीच आने का कोशिश कर रहा है ? जानने के लिए पढ़ते रहिए ...       Â

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